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Thursday,21-August-2025
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दूसरी लहर में दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की मांग को 4 गुना अधिक बताया, पैनल की रिपोर्ट में दावा

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 दिल्ली के ऑक्सीजन ऑडिट के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कोविड की दूसरी लहर के चरम के दौरान 700 मीट्रिक टन (एमटी) मेडिकल ऑक्सीजन के दावों में कई खामियां पाई हैं।

पैनल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन की अपनी मांग को जरूरत से चार गुना ज्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और अगर इसे जारी रखा जाता तो यह दूसरे राज्यों के लिए संकट पैदा कर सकता था।

ऑक्सीजन ऑडिट के लिए गठित उप समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा दावा की गई वास्तविक ऑक्सीजन खपत 1,140 एमटी बेड क्षमता के आधार पर बनाए गए फामूर्ले के आधार पर तय खपत के फामूर्ले की तुलना में चार गुना अधिक थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के चार अस्पतालों सिंघल, अरुणा आसफ अली अस्पताल, मॉडल अस्पताल और लिफेरे अस्पताल ने बहुत कम बिस्तरों के लिए बहुत अधिक मेडिकल ऑक्सीज की खपत का दावा किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दावा स्पष्ट रूप से गलत प्रतीत होता है।

रिपोर्ट के अनुसार, पुनर्गणना के बाद पैनल ने कहा कि दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार 183 अस्पतालों की वास्तविक खपत 1140 मीट्रिक टन थी। हालांकि चार अस्पतालों द्वारा दी गई गलत जानकारी को ठीक करने के बाद यह आंकड़ा 209 मीट्रिक टन पाया गया।

पैनल की अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने दावा किया कि ऑक्सीजन की मांग के लिए उसका फॉमूर्ला आईसीएमआर दिशानिदेशरें पर आधारित था, लेकिन उसके सामने ऐसा कोई दिशानिर्देश नहीं रखा गया था।

पेट्रोलियम और ऑक्सीजन सुरक्षा संगठन (पेसो या पीईएसओ) ने उप-समूह को बताया कि दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों और रिफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) उपलब्ध है और चूंकि दिल्ली में अतिरिक्त ऑक्सीजन है, जो एलएमओ आपूर्ति को प्रभावित कर रही है। इसने कहा कि अगर ऐसी ही स्थिति कुछ समय और जारी रहती तो इससे अन्य राज्यों पर काफी नकारात्मक असर पड़ता, जिन्हें असल में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत थी।

रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य तौर पर दिल्ली में 284 से लेकर 372 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन ज्यादा सप्लाई की डिमांड करने के कारण दूसरे राज्यों पर इसका असर पड़ा।

पैनल ने जोर देकर कहा कि दिल्ली सरकार ने गलत फॉमूर्ले का इस्तेमाल किया और मेडिकल ऑक्सीजन के लिए अतिरंजित दावे किए, और यह स्पष्ट नहीं था कि किस आधार पर दिल्ली ने शीर्ष अदालत में 700 मीट्रिक टन की मांग की। इसके अलावा ऑडिट के लिए उसके द्वारा एकत्र किए गए डेटा में घोर त्रुटियां पाई गई।

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की अध्यक्षता वाले इस पैनल में जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध यादव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) भूपिंदर एस. भल्ला, मैक्स अस्पताल, दिल्ली के संदीप भूधिराजा और पेसो के संजय कुमार सिंह शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने छह मई को पैनल का गठन किया था।

रिपोर्ट में कहा गया है, यह स्पष्ट नहीं है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय में दिल्ली सरकार द्वारा किस आधार पर 700 एमटी का आवंटन मांगा गया था, जबकि एकत्रित डेटा में इतनी बड़ी त्रुटियां पाई गई हैं और इसे इंगित करने के लिए ऑक्सीजन ऑडिट किया गया था।

दिल्ली के ऑक्सीजन ऑडिट के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक पैनल ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने 30 अप्रैल को गलत फॉमूर्ले का इस्तेमाल किया और कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चरम के दौरान ऑक्सीजन के लिए अतिरंजित दावे किए। कुछ अस्पताल किलोलीटर और मीट्रिक टन के बीच अंतर नहीं कर सके और साथ ही 700 मीट्रिक टन का अनुमान लगाते समय इसकी जांच नहीं की गई थी।

दिल्ली सरकार के मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के दावों के बाद, पांच मई को न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र को दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने का निर्देश दिया था। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जोरदार दलील देते हुए कहा था कि यह मांग अतिरंजित है और आवश्यकता लगभग 415 मीट्रिक टन है।

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सीबीआई, मुंबई पुलिस ने बड़े ड्रग मामले में इंटरपोल के जरिए कुब्बावाला मुस्तफा को यूएई से वापस लाया

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मुंबई: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल के माध्यम से कुब्बावाला मुस्तफा की यूएई से वापसी में सफलतापूर्वक समन्वय किया है। कुब्बावाला मुस्तफा मुंबई पुलिस का वांछित अपराधी है।

सीबीआई की अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) ने एनसीबी-अबू धाबी के सहयोग से रेड नोटिस के तहत वांछित कुब्बावाला मुस्तफा को 11.07.2025 को सफलतापूर्वक भारत वापस लाया। मुंबई पुलिस की चार सदस्यीय टीम कुब्बावाला मुस्तफा को वापस लाने के लिए 07.07.2025 को दुबई, संयुक्त अरब अमीरात गई। यह टीम 11.07.2025 को संयुक्त अरब अमीरात से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई पहुँची। सीबीआई द्वारा इंटरपोल के माध्यम से एनसीबी-अबू धाबी के साथ गहन अनुवर्तन के माध्यम से पहले ही संयुक्त अरब अमीरात में मुस्तफा की भौगोलिक स्थिति का पता लगा लिया गया था।

मुंबई पुलिस को कुर्ला पुलिस स्टेशन, मुंबई में दर्ज एफआईआर संख्या 67/2024 के तहत कुब्बावाला मुस्तफा की तलाश है। उस पर विदेश से सांगली में एक सिंथेटिक ड्रग निर्माण फैक्ट्री चलाने का आरोप है। कुब्बावाला मुस्तफा और अन्य से जुड़ी उक्त फैक्ट्री से 2.522 मिलियन रुपये मूल्य की कुल 126.141 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स बरामद और जब्त की गई। कुब्बावाला मुस्तफा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है और माननीय न्यायालय ने उसके खिलाफ खुली तारीख का गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

मुंबई पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने इस मामले में 25.11.2024 को इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस प्रकाशित करवाया। एनसीबी-अबू धाबी ने 19.06.2025 को सूचित किया कि उनके अधिकारियों ने इस व्यक्ति को भारत वापस लाने के लिए यूएई में एक सुरक्षा मिशन भेजने का अनुरोध किया है। इसके बाद, यूएई से इस व्यक्ति को वापस लाने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम का गठन किया गया।

इंटरपोल द्वारा प्रकाशित रेड नोटिस वांछित अपराधियों पर नज़र रखने के लिए विश्व भर की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजे जाते हैं।

भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई, इंटरपोल चैनलों के माध्यम से सहायता के लिए भारतपोल के माध्यम से भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करती है। पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से समन्वय करके 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।

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झारखंड हाईकोर्ट ने डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सरकार की नियमावली पर किया जवाब तलब

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रांची, 16 जून। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति के मामले में भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और यूपीएससी सहित सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने का एक और मौका दिया है। मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है।

चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इसके पहले इस याचिका पर 24 मार्च को सुनवाई की थी और सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए 16 जून तक जवाब देने को कहा था। मरांडी ने अपनी याचिका में कहा है कि डीजीपी के पद पर गुप्ता की नियुक्ति में यूपीएससी की गाइडलाइन्स और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई है।

याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, डीजीपी चयन समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा, समिति के सदस्य पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने बिना किसी गंभीर आरोप के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह को कार्यकाल पूरा किए बगैर डीजीपी के पद से हटाकर इस पद पर अनुराग गुप्ता को नियुक्त कर दिया, जबकि उनका कार्यकाल 14 फरवरी 2025 तक था।

मरांडी की ओर से दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले आईपीएस अधिकारियों के पैनल से यूपीएससी तीन बेहतर छवि और कार्यकाल वाले नामों का चयन करता है और इसके बाद राज्य की सरकार इनमें से किसी एक को कम से कम दो वर्ष के लिए डीजीपी पद पर नियुक्त करती है।

इसी नियम के तहत राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2023 को अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था, लेकिन उन्हें बिना किसी आरोप के कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पद से हटा दिया गया। याचिका में प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पारित आदेश को दरकिनार करने और कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया गया है। यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए जो चयन समिति बनाई है, उसमें एक संघ लोक सेवा आयोग और एक झारखंड लोक सेवा आयोग का नामित सदस्य रखना अनिवार्य है, लेकिन सरकार ने अपने ही इस नियम का अनुपालन नहीं किया। जिस चयन समिति ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अनुराग गुप्ता के नाम की अनुशंसा की, उसकी बैठक में यूपीएससी और जेपीएससी का कोई सदस्य नहीं था।

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तमिलनाडु: पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार बारिश से बांधों का जलस्तर बढ़ा

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तिरुनेलवेली, 16 जून। दक्षिण-पश्चिम मानसून के तेज होने से तमिलनाडु के कई इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। खासकर पश्चिमी घाट क्षेत्र में बारिश ने परेशानी बढ़ा दी है। इसके कारण तिरुनेलवेली जिले के बांधों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। पश्चिमी घाट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण इन बांधों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है।

जानकारी के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में पापनासम डैम का जलस्तर 6 फीट बढ़कर 130.20 फीट पर पहुंच गया है। बांध में प्रति सेकंड 5222 क्यूबिक फीट पानी आ रहा है और सिंचाई के लिए प्रति सेकंड 1400 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है।

पिछले तीन दिनों में सर्वलार डैम का जलस्तर 10 फीट बढ़कर 142.12 फीट पर पहुंच गया। मणिमुथर डैम का जलस्तर 94 फीट पर है, जिसमें 619 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का इनफ्लो और सिंचाई के लिए 75 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड का आउटफ्लो है।

इसके पहले बारिश के चलते तमिलनाडु के कोयंबटूर में आयोजित होने वाला लोकप्रिय इकोटूरिज्म कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। ये कार्यक्रम हर शनिवार, रविवार और त्यौहारी छुट्टियों पर आयोजित होता है, जिसके लिए पर्यटकों को पहले से बुकिंग करानी पड़ती है।

कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम में भवनिया नदी पर स्थित पिल्लूर डैम के जलाशय क्षेत्र परालीकाड में 2007 से लगातार इकोटूरिज्म कार्यक्रम रखा जाता है, जो 14 जून को रद्द कर दिया गया। मौसम विभाग ने कोयंबटूर और नीलगिरी जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी। मौसम का ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद वन विभाग ने कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया।

इकोटूरिज्म का मुख्य आकर्षण डैम के जलाशय में स्थानीय नावों से की जाने वाली यात्रा है, जो जंगल के बीच झील जैसा दृश्य पेश करती है। पर्वतीय चोटियों और घने जंगलों के बीच बसे इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को खूब लुभाती है। हालांकि, भारी बारिश की संभावना के चलते एहतियातन 14 और 15 जून को इकोटूरिज्म कार्यक्रम को रद्द करने की घोषणा की गई।

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