अंतरराष्ट्रीय
भारतीय परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करना अहम : टेलर

भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज 25 नवंबर से शुरू होने वाली है। इस सीरीज को लेकर न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रॉस टेलर ने रविवार को कहा है कि भारतीय परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उनके बल्लेबाजी क्रम के लिए जल्दी से लेंथ को समझना और डिफेंस करना महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि नई गेंद कुछ मुश्किल पैदा करेगी, लेकिन, रन बनाना इतना मुश्किल नहीं होगा। टेलर कानपुर और मुंबई में भारत के साथ होने वाले दो टेस्ट मैचों के लिए न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा हैं।
यह सीरीज दूसरे विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का भी हिस्सा है।
टेलर के अनुसार, “जब आप भारत में खेलते हो तो जाहिर तौर पर यहां स्पिनरों की भूमिका अहम हो जाती हैं। नई गेंद कुछ मुश्किल पैदा कर सकती है, लेकिन स्कोर करने में मुश्किल नहीं होगी। वहीं, भारत के पास विश्व स्तरीय स्पिनर हैं और जानते हैं कि इन परिस्थितियों में बल्लेबाजों को कैसे आउट करना है, हमारे लिए जितनी जल्दी हो सके लेंथ को समझने और डिफेंस पर भरोसा करना होगा।”
टेलर ने रविवार को आईएएनएस से बातचीत में बताया, “टेस्ट मैच के शुरू में आपको रन बनाने में थोड़ी समस्याएं आती है क्योंकि ज्यादातर क्षेत्ररक्षक आपके आस-पास ही होते है। इसलिए हम नेट्स में ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कर रहे हैं। पारी की पहले 10-20 गेंदों को खेलना महत्वपूर्ण होगा। इसके बाद बल्लेबाजी थोड़ी आसान हो जाती है। लेकिन फिर भी यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती होगी।”
टेलर ने ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की चुनौती का मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीति के बारे में ज्यादा बातचीत करने से इनकार कर दिया।
2016 में न्यूजीलैंड को भारत से 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था। उस सीरीज में अश्विन ने 27 विकेट लिए थे। कुल मिलाकर अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में टेलर को पांच बार आउट किया है।
टेलर के मुताबिक, वह अश्विन को कैसे खेलेंगे इस बारे में नहीं बताना चाहते, लेकिन उन्होंने कहा कि यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत किस तरह के लाइनअप के साथ जाता है। अक्षर पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ बड़ी भूमिका निभाई और भारत कम से कम दो स्पिनरों के साथ जा रहा है। जिसमें निश्चित तौर पर अश्विन शामिल होंगे, क्योंकि वे सभी परिस्थितियों में बहुत अच्छे गेंदबाज हैं। हम उन्हें कैसे खेलते हैं यह एक देखने वाली बात होगी।”
टेलर ने स्वीकार किया कि वह घरेलू परिस्थितियों में स्पिनरों के खिलाफ अच्छा खेलने के प्रयास में भारतीय तेज गेंदबाजों के आक्रमण को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
टेलर ने कहा, “नई गेंद और रिवर्स स्विंग के साथ तेज गेंदबाज भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन स्पिनर्स यहां कभी-कभी बड़ी भूमिका नहीं निभा पाते हैं। हम यह सोचने की गलती नहीं कर सकते हैं कि स्पिनर्स ही यहां एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। हमें यहां गुणवत्तापूर्ण तेज गेंदबाजों का भी सामना करना होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “भारतीय तेज गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग करने में महारत हासिल है। मुझे लगता है कि हमें इसके बारे में चिंतित होना चाहिए लेकिन स्पिन गेंदबाज एक बड़ा रोल अदा करने जा रहा है।”
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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