महाराष्ट्र
गृह मंत्रालय ने अगर इंटेलिजेंस इनपुट्स पर ध्यान दिया होता तो दिल्ली में ऐसा कभी नहीं होता: शरद पवार

पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी के सर्वेसर्वा शरद पवार ने दिल्ली के किसानों के ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसक झड़प के बाद गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस एजेंसियों ने संभावित खतरे की जानकारी दी थी। लेकिन गृह मंत्रालय ने उस पर ध्यान नहीं दिया। जिसका परिणाम अब सबको नजर आ रहा है।
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए उन्होंने अमित शाह पर यह गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसानों के ट्रैक्टर रैली की जानकारी सरकार को पहले से ही थी। इस रैली में 25 हजार ट्रैक्टर शामिल होने वाले हैं यह भी पता था। इसलिए यह ट्रैक्टर मोर्चा कितना बड़ा होने वाला है। इसकी जानकारी पहले से ही सभी को थी। ऐसे में इस ट्रैक्टर रैली में इतने बड़े पैमाने पर अराजक तत्व भी आ सकते हैं। इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को ध्यान देना चाहिए था।
पवार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को सब कुछ पता होते हुए भी कुछ नहीं किया गया। अगर गुप्तचर विभाग की सूचना पर ध्यान दिया जाता तो आज यह घटना नहीं घटती। अब विपक्ष के इस आरोप पर गृहमंत्री अमित शाह क्या जवाब देते हैं। इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
संजय राउत ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद गिरी थी। तब भी इंटेलिजेंस फेलियर था और आज भी जो कुछ हुआ है वह इसी की वजह से हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस दिन हमें संविधान मिला उसी दिन उसकी धज्जियां उड़ाई गईं। इससे ज्यादा पीड़ादायक बात और कुछ नहीं हो सकती है। जिन बातों के लिए किसान नेताओं ने सरकार को आश्वस्त किया था। उसके बाद भी वही हुआ इसकी जिम्मेदारी दोनों तरफ की है। किसानों की भावनाएं समझ कर अगर सरकार तीनों कृषि कानून रद्द कर देती तो आज यह काला दिन नहीं होता।
राउत ने कहा कि अब तक किसान आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था 2 महीने से चल रही शांति का की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही थी। लेकिन आज किसानों के सब्र का बांध टूट गया। स्वर्गीय बालासाहेब कहते थे कि व्यक्ति के लिए कानून बनाया जाता है। अगर वह उस कानून से खुश नहीं तो उसका कोई फायदा नहीं। लाल किले पर जो भी हुआ है उसकी शिवसेना निंदा करती है। राउत ने कहा कि ऐसे समय में हम सरकार का साथ देंगे और उनसे अपील करेंगे कि वे जल्द से जल्द हालात को नियंत्रण में लाएं।
महाराष्ट्र
दादर कबूतरखाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद मंगल प्रभात लोढ़ा ने की शांति की अपील

मुंबई: दादर कबूतरखाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने जैन समुदाय से शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कबूतरखाने के संबंध में निर्णय लिया था और कल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, लेकिन इसके बावजूद यह विरोध प्रदर्शन खेदजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कबूतरखाने के संबंध में एक बैठक में निर्णय लिया था। इससे होने वाली बीमारी पर भी चर्चा हुई थी और मुख्यमंत्री ने इसके समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। कबूतरों को दाना खिलाने संबंधी सावधानियों और शर्तों पर भी विचार किया गया था और मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कोई भी कार्रवाई न करने का आदेश भी दिया था, लेकिन इसके बावजूद आज अचानक हुआ यह विरोध प्रदर्शन उचित नहीं था। मंगल प्रभात लोढ़ा ने जैन समुदाय से इस संबंध में शांति और व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के बाद स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन तनाव बना हुआ है। पुलिस ने अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
महाराष्ट्र
मुंबई कबूतरखाना विवाद सुलझा, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा फैसला

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में कबूतरखानों को बंद करने के विवाद को सुलझा लिया है। उन्होंने कहा है कि कबूतरखानों को अचानक बंद करना ठीक नहीं है। नियंत्रित खाद्य आपूर्ति और सफाई के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है।
मुंबई में कबूतरखानों के मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। अब आखिरकार यह विवाद सुलझ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हस्तक्षेप से कबूतरखाना विवाद सुलझ गया है। कबूतरखानों के अचानक बंद होने से उत्पन्न समस्या का समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बैठक की। इस बैठक में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कबूतरखानों को अचानक बंद करना ठीक नहीं है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विधायक गणेश नाइक, मंत्री गिरीश महाजन और विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा जैसे प्रमुख नेता मौजूद थे।
इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कबूतरखानों को लेकर अपना पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने कबूतरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “कबूतरों के बाड़ों को अचानक बंद करना उचित नहीं है। हालाँकि ऐसे आरोप हैं कि कबूतरों के बाड़ों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ होती हैं, लेकिन इस पर वैज्ञानिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कबूतरों को दाना खिलाने का एक निश्चित समय निर्धारित करने का नियम भी बनाया जा सकता है।” इसके साथ ही, देवेंद्र फडणवीस ने कबूतरों की बीट से उत्पन्न होने वाली स्वच्छता की समस्या के समाधान के लिए विशेष तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव दिया।
राज्य सरकार की भूमिका स्पष्ट
इस मामले में उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई में, मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य सरकार और मुंबई नगर निगम कबूतरों के पक्ष में अपना पक्ष मजबूती से रखें। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जब तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती, नगर निगम ‘नियंत्रण आहार’ शुरू कर दे। मुख्यमंत्री ने आवश्यकता पड़ने पर इस निर्णय के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की इच्छा भी व्यक्त की है।
किसी को भी परेशान नहीं किया जाएगा।
इस बैठक के बाद, मंगलवार सुबह लोढ़ा ने मीडिया से बात की। उस समय उन्होंने कहा कि अब सरकार उच्च न्यायालय में सरकार का पक्ष रखेगी ताकि कबूतरखाने अचानक बंद न हों। जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा। जिन कबूतरखानों को बंद किया गया था, अब उन पर लगे तिरपाल हटा दिए जाएँगे। मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि कबूतरों की बीट साफ़ करने के लिए ‘टाटा’ द्वारा निर्मित नई मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि किसी को परेशानी न हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कबूतरखाने पर प्रतिबंध और तिरपाल खोलने के बाद, कबूतरों को निर्धारित समय पर दाना दिया जाएगा ताकि नागरिकों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री के सकारात्मक रुख से कबूतर प्रेमियों को बड़ी राहत मिली है और कहा जा रहा है कि जल्द ही कोई संतोषजनक समाधान निकल आएगा।
महाराष्ट्र
मुंबई: मदनपुरा में पोस्ट ऑफिस की इमारत ढही, कोई हताहत नहीं

मुंबई के मदनपुरा में एक पुरानी इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई। इमारत पुरानी अवस्था में थी। इमारत खाली थी, जिसके कारण किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। यह इमारत भायखला पश्चिम स्थित मदनपुरा पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग में स्थित थी और इसमें ग्राउंड फ्लोर समेत तीन मंजिलें थीं। इमारत के गिरते ही यहां अफरा-तफरी मच गई। फायर ब्रिगेड, बीएमसी और संबंधित कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और अब मलबा हटाने का काम भी चल रहा है। इमारत के गिरते ही एक जोरदार धमाका हुआ और हवा में धुआं फैल गया। इमारत गिरने के बाद यहां लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिसके कारण यातायात व्यवस्था बाधित हो गई और ट्रैफिक जाम हो गया। जब हादसा हुआ, तब इमारत के आसपास कोई नहीं था। इमारत गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। प्रशासन ने हादसे के बाद सड़क से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो गया, जिसमें पूरी इमारत कुछ ही पलों में ताश के पत्तों की तरह ढह गई।
मुंबई पुलिस ने मौके पर पहुँचकर लोगों को यहाँ से निकाला, साथ ही सड़क यातायात को सुचारू करने का प्रयास भी किया। मदनपुरा स्थित इमारत का मलबा हटाने का काम फिलहाल युद्धस्तर पर चल रहा है और गनीमत रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। बीएमसी ने इमारत को सी-1 श्रेणी में रखा था और इसे असुरक्षित घोषित किया था। पुलिस ने दुर्घटनास्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी है।
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