राजनीति
गृहमंत्री अमित शाह ने उठाए 10 बड़े कदम, जिससे दिल्ली में आसान हुई कोरोना की लड़ाई

दिल्ली में जब कोरोना के कहर से हालात बेकाबू हो चले थे, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह को मोर्चे पर लगाया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें दिल्ली सरकार और निगमों के साथ कोआर्डिनेशन बनाने की जिम्मेदारी दी। पीएम मोदी के निर्देश के अगले ही दिन से गृहमंत्री अमित शाह एक्शन मोड में आ गए। वह दिल्ली के मैदान में उतर पड़े। 14 जून से लेकर अब तक उन्होंने ऐसे दस प्रमुख कदम उठाए, जिससे दिल्ली में कोरोना का खतरा कम करने में मदद मिल रही है। वहीं इन फैसलों से आम जनता को भी सुकून मिला है। अमित शाह सिर्फ बैठक ही नहीं किए बल्कि फील्ड में भी उतरे। अस्पताल का दौरा कर उन्होंने व्यवस्थाएं भी जांची।
गृहमंत्री अमित शाह ने बीते 14 जून से दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई की कमान संभाली। 14 जून को पहले दिन उन्होंने दो बड़ी बैठकें कीं थीं। एक बैठक उप राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ तो दूसरी बैठक निगमों के मेयर के साथ की थी। अगले ही दिन अमित शाह ने सभी दलों के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक कर सभी के सुझावों के आधार पर कई अहम फैसले लिए।
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता का मानना है कि केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद ही दिल्ली में टेस्टिंग की संख्या बढ़ी है। वहीं दिल्ली भाजपा के मीडिया रिलेशन हेड नीलकांत बख्शी ने आईएएनएस से कहा, “गृहमंत्री अमित शाह के कमान संभालने के बाद दिल्ली की जनता को सुकून मिला है। जनता को लग रहा है कि अब वह सुरक्षित हाथों में है।”
अब तक अमित शाह ने दिल्ली को कोरोना से बचाने के लिए ये दस प्रमुख कदम उठाए हैं।
1000 बेड का कोविड अस्पताल- गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए 250 आईसीयू बेड के साथ एक हजार बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। कुछ ही दिनों में इसका संचालन शुरू होगा। खास बात है कि सशस्त्र बलों के डॉक्टर इस हास्पिटल का संचालन करेंगे।
10 हजार बेड का क्वारंटीन सेंटर- गृहमंत्री अमित शाह की पहल पर छतरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग परिसर में दस हजार बेड क्षमता का कोविड केयर सेंटर बनकर लगभग तैयार है। आईटीबीपी इसका संचालन करेगी। जिससे बेड की दिक्कत कम होगी।
इलाज और टेस्टिंग का खर्च घटा- गृहमंत्री के निर्देश पर बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस का इलाज तीन गुना सस्ता हुआ है। अब आइसोलेशन बेड्स के लिए 8 से 10 हजार, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड 13 से 15 हजार और वेंटिलेटर बेड के साथ 15000-18000 रुपये की दरें लागू हुईं हैं।
घर-घर सर्वे- गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में घर-घर सर्वे शुरू कराया। 30 जून तक दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में शत प्रतिशत स्वास्थ्य सर्वेक्षण और छह जुलाई तक बाकी दिल्ली का भी स्वास्थ्य सर्वेक्षण होगा। जिससे हर कोरोना संक्रमित के बारे में छानबीन हो सकेगी।
रैपिड टेस्टिंग- गृहमंत्री अमित शाह को पता चला कि टेस्टिंग कम हो रही है और रिजल्ट भी देरी से आता है। उनकी पहल पर दिल्ली में कुल 169 रैपिड एंटीजन डिटेक्शन टेस्टिंग सेंटर शुरू हुए हैं। ये सेंटर आधे घंटे में नतीजे देते हैं। अब दिल्ली में तीन गुना टेस्टिंग शुरू हुई है।
होम आइसोलेशन की रिपोर्ट- गृहमंत्री ने निर्देश दिया गया कि दिल्ली का प्रशासन हर मृतक के संबंध में पता करे कि वह कितने दिन पहले अस्पताल पहुंचा और उसको कहां से लाया गया। यदि वह होम क्वारंटीन में था तो क्या उसे सही समय पर लाया गया था। प्रत्येक मृत्यु की जानकारी भारत सरकार को मिलनी चाहिए।
रेलवे कोच बेड- दिल्ली में इलाज के लिए बेडों की दिक्कत न हो, इसके लिए गृहमंत्रालय की पहल पर रेलवे भी आगे आया। आठ हजार रेलवे कोच कोरोना बेड्स दिल्ली सरकार को सौंपे गए हैं।
अस्पतालों की कनेक्टिविटी- दिल्ली के प्रत्येक जिले को एक बड़े अस्पताल के साथ लिंक करने की पहल शुरू हुई है। इससे इलाज में आसानी होगी।
कोआर्डिनेशन- अब नियमित तौर पर गृहमंत्रालय और दिल्ली सरकार तथा दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के बीच बैठकें हो रहीं हैं। जिससे दिल्ली में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कोआर्डिनेशन बनाने में मदद मिल रही है।
सीसीटीवी कैमरे और काउंसिलिंग- गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली सभी अस्पतालों के कोविड-19 वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के साथ संक्रमित मरीजों की सुविधा के लिए वैकल्पिक कैंटीन बनवाने का निर्देश दिया। वहीं उन्होंने डॉक्टरों और नर्सों की काउंसिलिंग कराने का भी सुझाव दिया।
राजनीति
हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी

पटना, 7 अप्रैल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि हिंदुस्तान की सच्चाई की रक्षक संविधान है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर ऐसे कई महापुरुष हैं, जिन्हें हिंदुस्तान मानता है। भीमराव अंबेडकर ने दलितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें दलितों ने ही सिखाया। उन्होंने उनके दर्द को समझा और उसके बाद उनकी लड़ाई लड़ी।
राहुल गांधी ने पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि जो गरीब लोग हैं, जो कमजोर लोग हैं, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित इन सबको जोड़कर, इज्जत देकर आगे बढ़े। कांग्रेस पार्टी को जिस गति और जिस मजबूती से बिहार में काम करना चाहिए था, वो नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हम अपनी गलती से समझे हैं और अब हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित को लेकर हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने तेलंगाना के जातीय गणना को पारदर्शी बताते हुए कहा कि वहां जाति का पूरा का पूरा डेटा हमारे हाथ में है। बहुत सारे लोग बहुत तरह की बात करते हैं कि जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम लोग चाहते हैं कि देशभर में जातीय जनगणना हो।
उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि आज तेलंगाना में देखेंगे तो वहां बड़ी कंपनियों के मालिक, उसके सीईओ, प्रबंधन में ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित के लोग नहीं मिलेंगे, लेकिन मजदूर वर्ग की सूची में यही लोग मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं 50 फीसदी आरक्षण की इस दीवार को तोड़कर फेंक दूंगा। इस देश को दस-पंद्रह लोग चला रहे हैं। जातीय जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है, इससे देश की सच्चाई पता चलेगी।
उन्होंने एक आईआईटी प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही आप डॉक्टर, प्रोफेसर या कोई बड़े आदमी बन जाएं, मगर सिस्टम आपको आपका काम सही से नहीं करने देगा। अगर आप डॉक्टर हैं, दलित वर्ग से आते हैं और कोई अस्पताल खोलना चाहते हैं, तो आपको लोन नहीं मिलेगा। बैंक से लोन मिल भी जाएगा तो ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देंगे। उन्होंने इस सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो बिहार में हुआ है और जो आज बिहार में हो रहा है, जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है, उससे हम लड़ रहे हैं और उसे हम हराने जा रहे हैं।
राजनीति
पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।
पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।
एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”
वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”
पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।
पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।
तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस आधुनिक प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकी से लैस है: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने खुद को आधुनिक तकनीक से लैस कर लिया है। तदनुसार, मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों एक फोरेंसिक लैब, एक विशेष वैन, एक इंटरसेप्ट वैन और अन्य आधुनिक उपकरणों सहित तीन साइबर लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को आधुनिक बनाया गया है और पुलिस साइबर धोखाधड़ी से लेकर अन्य अपराधों को सुलझाने के लिए इन आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेगी।
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से आज लोगों को ऑनलाइन बेवकूफ बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी जैसी घटनाएं हो रही हैं, उसी तरह पुलिस ने इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जांच के तरीकों से लेकर अन्य चीजों में महत्वपूर्ण क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस थानों में विशेष सहायता कक्ष भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एक विशेष वैन भी तैयार की गई है ताकि उन्हें तुरंत मदद मिल सके। इस कार्यक्रम में मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर, विशेष पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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