राजनीति
गुजरात के मंत्री की धन आवंटन पर टिप्पणी, कांग्रेस ने राज्यपाल से की शिकायत

गुजरात में कांग्रेस ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को एक भाजपा मंत्री की शिकायत करते हुए पत्र लिखा है। गुजरात के वन और आदिवासी विकास राज्य मंत्री ने एक चुनावी रैली में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौजूदगी में कहा था कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने कांग्रेस विधायकों को कम पैसा दिया था। ये दोनों नेता, उम्मीदवार जीतू चौधरी के लिए प्रचार कर रहे थे, जिन्होंने कांग्रेस से पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया था। कांग्रेस ने राज्यपाल के पास एक औपचारिक शिकायत दर्ज की है, और भाजपा सरकार और मंत्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
पाटकर ने अपने संबोधन में जनता से कहा था, “जीतूभाई ने कांग्रेस के साथ रहकर बहुत मुश्किलें झेलीं। हम (भाजपा सरकार) उन्हें आपके क्षेत्र के लिए कम धन आवंटित करते थे, क्योंकि हमें शेष राशि संगठन (संगठनात्मक संरचना) को देनी थी। लिहाजा जीतूभाई ने आपके क्षेत्र में जो वादे किए वो पूरे नहीं हो पाए। लेकिन अब जबकि वे भाजपा में हैं, तो उन्हें अधिक धनराशि मिलेगी और वे आपके काम करा पाएंगे।”
कांग्रेस ने राज्यपाल से शिकायत की है कि मंत्री का ऐसा बयान “संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत ली गई शपथ के विपरीत पूरी तरह से असंवैधानिक और विपरीत है”। पार्टी ने यह भी लिखा है कि गुजरात सरकार ने भी इसका उल्लंघन किया है क्योंकि मुख्यमंत्री भी वहां मौजूद थे और उन्होंने पाटकर के बयान का खंडन नहीं किया।
विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा, “मंत्री के संबोधन से मतलब है कि निर्वाचित विधायक यदि वह विपक्षी दल से हैं तो उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जाएंगे और उनके निर्वाचन क्षेत्रों को उनके लाभों से वंचित किया जाएगा .. और फिर ऐसे विधायकों को लालच दिया जाएगा।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
‘नफरत और कट्टरता की अमेरिका में कोई जगह नहीं’, इजरायली कर्मियों की हत्या पर बोले डोनाल्ड ट्रंप

वाशिंगटन, 22 मई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात (अमेरिकी समयानुसार) वाशिंगटन में कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या किए जाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे यहूदी विरोधी कृत्य बताया है।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, पीड़ित इजरायली दूतावास के एक पुरुष और एक महिला कर्मचारी हैं, जिनको अज्ञात हमलावर ने म्यूजियम से बाहर निकलते समय गोली मार दी।
अधिकारियों ने हत्या की पुष्टि की और इसे यहूदी-विरोधी भावना से प्रेरित अपराध मानकर एक बहु-एजेंसी जांच शुरू की।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “डीसी में ये भयानक हत्याएं, जो स्पष्ट रूप से यहूदी-विरोधी हैं, इन्हें अब खत्म होना चाहिए। नफरत और कट्टरता का अमेरिका में कोई स्थान नहीं है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना। बहुत दुख की बात है कि ऐसी चीजें भी हो सकती हैं, भगवान आप सभी का भला करे।”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी हत्याओं की निंदा की और कहा, “यह कायराना, यहूदी-विरोधी हिंसा का एक निंदनीय कृत्य था। कोई गलती न करें, हम जिम्मेदार लोगों का पता लगाएंगे और उन्हें न्याय के कटघरे में लाएंगे।”
इजरायल में अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने भी घटना पर गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने इसे “आतंक का भयानक कृत्य” बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी शूटिंग के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंची थीं।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत डैनी डैनन ने इस घातक हमले को “यहूदी-विरोधी आतंकवाद का जघन्य कृत्य” करार दिया और कहा कि यहूदी समुदाय को नुकसान पहुंचाना खतरे के लाल निशान को पार करना है। उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा जताया और इजरायल की अपने नागरिकों व प्रतिनिधियों की वैश्विक स्तर पर रक्षा करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
वाशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता ताल नैम कोहेन ने हत्याओं की निंदा की और कहा, “हमें स्थानीय और संघीय स्तर पर कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पूरा भरोसा है कि वे शूटर को पकड़ लेंगे और अमेरिका में इजरायल के प्रतिनिधियों और यहूदी समुदायों की रक्षा करेंगे।”
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है और वे मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हम पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करते हैं।”
उन्होंने कहा, “मेरी टीम और मुझे आज रात कैपिटल यहूदी संग्रहालय के बाहर और हमारे वाशिंगटन फील्ड ऑफिस के पास हुई शूटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। हम एमपीडी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। अभी के लिए, कृपया पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करें। हम जनता को अपडेट करते रहेंगे।”
अंतरराष्ट्रीय
नेतन्याहू ने दोहराया गाजा पर पूर्ण कब्जे का इरादा, ट्रंप से मतभेद की खबरों को बताया बेबुनियाद

यरूशलम, 22 मई। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार को गाजा पर पूरी तरह से कब्जा करने के अपने इरादे को दोहराया और युद्ध समाप्ति के लिए किसी भी प्रकार के समझौते की संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा कि “गाजा में 20 बंधक अब भी जीवित हैं, जबकि 38 अन्य के मारे जाने की आशंका है।”
पश्चिम यरूशलम स्थित अपने कार्यालय में बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेतन्याहू ने अपनी मंशा जाहिर की।
फिलिस्तीनी संगठन हमास ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि वह युद्ध समाप्ति, गाजा से इजरायली सेना की वापसी और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में इजरायली बंदियों को एकमुश्त रिहा करने के लिए तैयार है।
नेतन्याहू ने इन शर्तों को खारिज कर दिया है। इसके बजाय उन्होंने फिलिस्तीनी प्रतिरोध समूहों के निरस्त्रीकरण की मांग की है और गाजा पर पूरी तरह से फिर से कब्जा करने पर जोर दिया है।
नेतन्याहू ने दावा किया कि एक बार ये लक्ष्य हासिल हो जाने के बाद, इजरायल तथाकथित ट्रंप योजना को लागू करने के लिए आगे बढ़ेगा -जिसे व्यापक रूप से गाजा से फिलिस्तीनियों के पुनर्वास की रूपरेखा के रूप में देखा जाता है।
नेतन्याहू ने ट्रंप की खाड़ी यात्रा के बाद अमेरिकी प्रशासन के साथ मतभेद की अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिसमें इजरायल को शामिल नहीं किया गया था।
ट्रंप की सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा ने कई बड़े व्यापारिक सौदे किए। इसे लेकर मीडिया में कई तरह की बातें उठीं। खासकर वाशिंगटन के सबसे करीबी सहयोगी इजरायल को शामिल न किए जाने को लेकर तमाम सवाल खड़े किए गए।
यह यात्रा ट्रंप के यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिकी बमबारी अभियान को समाप्त करने के निर्णय के बाद हुई।
नेतन्याहू, जिन्होंने पहले इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की थी, ने एक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि: ” मैं इजरायल के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं।'”
इजरायल पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच, ट्रंप ने गाजा में युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने और मानवीय सहायता सामग्री की राह बाधित न करने का आग्रह किया था।
कुछ दिनों पहले एक अलग बातचीत में, नेतन्याहू ने कहा था कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने उनसे कहा था: “हमारे बीच पड़ रही दरार को लेकर उठ रही सभी फर्जी खबरों पर ध्यान न दें’।
राजनीति
दुनिया को बताएंगे आतंकियों की फैक्ट्री बनाने वाला देश है पाकिस्तान: राजीव राय

नई दिल्ली, 22 मई। ऑपरेशन सिंदूर की जरूरत और सच्चाई से रूबरू कराने के लिए बनी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय भी हैं। उन्होंने दावा किया कि उनका लक्ष्य दुनिया को पाकिस्तान की असलियत बताना है। वो बताएंगे कि भारत और पाकिस्तान एक ही तराजू में तोला नहीं जा सकता है।
गुरुवार को मिडिया से बातचीत के दौरान सपा सांसद राजीव राय ने कहा कि हम सभी विपक्षी दलों के सांसद 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए विदेश जा रहे हैं। हम दुनिया को बताएंगे कि एक देश है भारत, जो सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और दूसरा आतंकवादियों को पैदा करने वाला देश। इसीलिए दोनों देशों को एक तराजू में तोलना बेईमानी है। क्योंकि, भारत शांति और अहिंसा में विश्वास रखने वाला देश है और पाकिस्तान का इतिहास ही रहा है कि उसे शांति और अहिंसा पसंद नहीं है। पाकिस्तान को पसंद है तो बस खून और आतंकवाद। पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देने वाला देश है। इस देश में आतंकियों को बनाने की फैक्ट्री चलाई जाती है। अगर आतंकवाद पैदा करने वाले देश का कोई दूसरा देश समर्थन करता है, तो वह आतंकवादियों को समर्थन करने वाला देश है। ऐसे देश को अलग करने की जरूरत है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अब वह जिम्मेदारी ले रहा हूं जिसके लिए मुझे मेरे पार्टी अध्यक्ष ने नामित किया है और सरकार ने मंजूरी दी है। इसलिए इस समय, जबकि अन्य लोग स्थानीय मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं, मैं मुझे सौंपी गई जिम्मेदारी से विचलित नहीं होऊंगा। मैं कोई अन्य टिप्पणी नहीं करना चाहता जो मुझे सौंपी गई भूमिका से विचलित करे। मैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करता हूं कि मुझे प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है।
सपा सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “देश के 140 करोड़ देशवासियों की तरफ़ से आतंकी देश पाकिस्तान को दुनिया के मंचों पर बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पांच देशों की यात्रा पर रवाना।”
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