राष्ट्रीय समाचार
यूपी कैबिनेट में 29 प्रस्तावों को हरी झंडी, किसानों को बड़ा तोहफा, हाइड्रोजन नीति को मिली मंजूरी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 29 फैसले हुए हैं। किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने निजी नलकूप पर मुफ्त बिजली कनेक्शन देने के फैसले को मंजूरी दे दी है।
इससे प्रदेश के 1.50 करोड़ किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन का लाभ मिलेगा। यह योजना एक अप्रैल 2023 से लागू होगी, जिसके बाद से बकाया निजी नलकूप का बिल नहीं जमा करना होगा।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि कैबिनेट में 30 प्रस्ताव में 29 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दिए जाने का फैसला किया गया है। ग्रामीण 14.73 लाख, शहरी क्षेत्रों के 5,188 नलकूप को मुफ्त बिजली मिलेगी। इससे 1.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। एक अप्रैल 2023 से कोई बिल नहीं देना होगा। पहले के बकाए के लिए ओटीएस आयेगी। अनपरा में 800 मेगावाट की दो यूनिट एनटीपीसी के सहयोग से स्थापित की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि इस निर्णय से हम प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहे हैं। एनटीपीसी के अनपरा में 800 मेगावाट के दो पावर प्लांट लगाए जायेंगे। यह 8,624 करोड़ का प्रोजेक्ट है, 50 महीने में पहली यूनिट, 6 महीने बाद दूसरी यूनिट शुरू होगी। जवाहर में 600 मेगावाट, मेजा में 300 मेगावाट की तीन यूनिट लगेगी। घाटमपुर की 660 मेगावाट की तीन यूनिट के लिए 181 करोड़ की स्टांप ड्यूटी माफी को मंजूरी दी गई है।
मंत्री ने बताया कि मातृ भूमि अर्पण योजना को मंजूरी दी गई है। इससे विदेश में रहने वाले लोग विकास कार्य करवा सकेंगे। इसके तहत 40 फीसदी सरकार देगी, 60 प्रतिशत बाहर रहने वाला निवेशक देगा। इससे नगरीय विकास को मिलेगी मदद। इसकी गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन सीएम होंगे। प्रदेश कैबिनेट ने हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से प्रदेश के विभिन्न शहरों में ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, हाइड्रोजन बस सहित अन्य वाहन चलाने की योजना साकार हो सकेगी। प्रदेश में यूपीनेडा की ओर से ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी बनाई गई है। अब, इसे लागू करने की तैयारी है।
मालूम हो कि केंद्र सरकार की ओर से नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू किया गया है। अब इसे राज्यों को लागू करना है।
फैसला लिया गया कि बोडाकी मल्टीमॉडल परियोजना का विस्तार होगा। इंटरनेशनल फिल्म सिटी के लिए लेटर ऑफ कंफर्ट को मंजूरी मिली है। फिल्म सिटी में स्कूल, कॉलेज और दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होंगे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि कृषि के तीन प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। मक्का की खेती बढ़ाने के लिए त्वरित मक्का संवर्धन योजना सभी जिलों में चलाई जाएगी। इसमें 4 साल में 146 करोड़ का खर्च होगा। 11 लाख मीट्रिक टन मक्का उत्पादन बढ़ाया जाएगा। किसानों को बीज और यंत्र भी दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय बनाया जायेगा। रिसर्च की भी सुविधा मिलेगी। एग्रीकल्चर गैप को कम किया जाएगा। दिसंबर 2026 तक विश्वविद्यालय तैयार होगा। चार कृषि विश्वविद्यालय और एक ट्रेनिंग सेंटर के अंदर इक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा।
वहीं, राज्य राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए अध्यादेश मंजूर किया गया है। इस परियोजना में लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, हरदोई और रायबरेली शामिल हैं।
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार, लखनऊ में मेट्रो के विस्तार को मंजूरी दी गई है, 11 किलोमीटर नया मेट्रो रेल मार्ग बनाया जाएगा। चारबाग से बसंत कुंज तक का विस्तार होगा। यह लाइन 11.865 किलोमीटर लंबी होगी। इसे 30 जून 2027 तक पूरा किया जाएगा। इसके तहत 12 स्टेशन होंगे। उन्होंने बताया कि पीलीभीत में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के लिए जमीन निशुल्क आवंटन का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। प्रयागराज ने अति विशिष्ट अतिथि गृह बनेगा। लखनऊ में आउटर रिंग रोड के लिए 439 करोड़ रुपए का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। केजीएमयू में जनरल सर्जरी की नई बिल्डिंग बनेगी।
उन्होंने बताया की नजूल भूमि किसी निजी व्यक्ति या संस्था को आवटित नहीं होगी। जिनका पैसा जमा है, उन्हें इंटरेस्ट के साथ पैसा वापस होगा। इसके अध्यादेश को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा आयुष डीजी पद को मंजूरी मिली है। इसमें सचिव स्तर के आईएएस अफसर को तैनाती मिलेगी।
राष्ट्रीय समाचार
एलआईसी-अदाणी रिपोर्ट के समय पर विशेषज्ञों ने उठाए सवाल, कहा- बिहार चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: अदाणी ग्रुप में एलआईसी के निवेश को लेकर हाल ही में आई ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट पर विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विवाद पैदा करने की कोशिश है।
जानकारों ने आगे कहा कि यह रिपोर्ट राजनीतिक रूप से प्रेरित लगती है,क्योंकि यह ऐसे समय पर आई है, जब भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है और बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए, इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने मिडिया को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी द्वारा निवेश निर्णयों का राजनीतिकरण निवेशकों या व्यापक अर्थव्यवस्था के हितों में नहीं है।
उन्होंने पूछा, “जब विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और मुनाफा कमा सकते हैं, तो एलआईसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती?”
अमेरिकी मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने एलआईसी पर अदाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर निवेश करने का दबाव बनाया, जिसमें मई 2025 में किया गया 568 मिलियन डॉलर (5,000 करोड़ रुपए) का भी निवेश शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशक भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से लगातार लाभ कमा रहे हैं, इसलिए एलआईसी के निवेश पर सवाल उठाना तर्कसंगत नहीं लगता है और इसका उद्देश्य संभवतः घरेलू संस्थानों को कमजोर करना है।
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के विदेशी नैरेटिव की आलोचना की। उन्होंने आगे कहा कि कुछ समय पहले इस तरह के हमले शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की ओर से किए गए थे, जो बाद में आधारहीन साबित हुए।
उन्होंने मिडिया से बातचीत करते हुए कहा, “भारतीय कंपनियों को हिट एंड रन करने की विदेशी नीति, देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती है।”
पूनावाला ने कहा कि एलआईसी 57 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्तियों को मैनेज करता है, जिसमें से 14.5 लाख करोड़ रुपए इक्विटी में लगे हुए हैं।
वहीं, अदाणी ग्रुप में एलआईसी का एक्सपोजर करीब 56,000 करोड़ रुपए का है, जो कि उसके कुल पोर्टफोलियो का 1 प्रतिशत से भी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप के निवेश से एलआईसी को अब तक केवल फायदा हुआ है।
एलआईसी ने पहले ही वाशिंगटन पोस्ट के लेख का आधिकारिक खंडन जारी कर दिया है और स्पष्ट रूप से इसे “झूठा, निराधार और सच्चाई से कोसों दूर” बताया है।
राजनीति
चुनाव आयोग ने एसआईआर के दूसरे फेज की घोषणा की, पश्चिम बंगाल समेत इन 12 राज्यों के नाम

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: चुनाव आयोग ने सोमवार को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की है। दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा।
दूसरे चरण के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित है।
इन 12 राज्यों में एसआईआर होने की घोषणा भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने यह भी साफ किया कि सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा।
उन्होंने एसआईआर कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि पिछली बार 2000 से 2004 के बीच एसआईआर हुई थी, ऐसे में करीब दो दशक बाद मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर करने के लिए विशेष इंटेसिंव रिवीजन जरूरी है।
उन्होंने कहा, ”हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ने बिहार में हुई एसआईआर की तारीफ की। उन्होंने साफ किया कि इस दौरान राजनीतिक दलों ने शून्य आपत्तियां दर्ज कराई, जो दिखाता है कि बिहार की मतदाता सूची अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “एसआईआर का फेज वन समाप्त हुआ, जिसकी सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि बिहार के सभी 7.5 करोड़ मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान जीरो अपील आई, जिसका मतलब है कि बिहार मतदाता सूची बेहद उचित मानी जाएगी। अब फेज 2 की तैयारी चल रही है।“
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस ने चारा घोटाला जांच को प्र भावित करने की कोशिश की थी : शाहनवाज हुसैन

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सोमवार को पूर्व सीबीआई अधिकारी यूएन विश्वास के उस बयान को सही ठहराया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया था कि कांग्रेस की तरफ से चारा घोटाला जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी।
भाजपा प्रवक्ता ने मिडिया से बातचीत में कहा कि सीबीआई के पूर्व अधिकारी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। निसंदेह कांग्रेस ने चारा घोटाले से संबंधित जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी। यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस घोटाले में संलिप्त आरोपियों को बचाने के लिए कांग्रेस की तरफ से भरसक प्रयास किए गए थे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए दुर्भाग्य की बात यह रही कि इस मामले में कई सबूत थे। इस वजह से कांग्रेस का एक भी पैंतरा सफल नहीं हो पाया, हालांकि उस वक्त यूएन विश्वास पर शीर्ष स्तर की तरफ से कई तरह के दबाव बनाए गए थे, लेकिन कोई भी दबाव सफल नहीं हो पाया।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने मतदाता पुनरीक्षण का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर का पिछले लंबे समय से समर्थन करते हुए आ रहे हैं। हम लगातार इस बात पर जोर देते हुए आ रहे हैं कि एसआईआर होना चाहिए। इसे जमीन पर उतारा जाना चाहिए ताकि मौजूदा वस्तुस्थिति की पूरी जानकारी साफ हो सके।
उन्होंने कहा, “वोट का वेरिफिकेशन होना चाहिए। साथ ही मैं कहना चाहूंगा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह बहुत ही जरूरी प्रक्रिया बन गई थी, जिसे संपन्न करना चुनाव आयोग के लिए जरूरी हो चुका था।”
उन्होंने कहा कि हम लोग वैसे भी शुरू से ही बिहार में एसआईआर की पैरवी करते हुए आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे प्रदेश में फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सकेगा, जो कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
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