व्यापार
भारत के सबसे अमीर शख्स बनने के करीब पहुंचे गौतम अदाणी, दो दिन में 13 अरब डॉलर बढ़ी संपत्ति

नई दिल्ली, 23 सितंबर। देश के दिग्गज उद्योगपति और अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी की संपत्ति में बीते दो कारोबारी सत्रों में 13 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। उनकी संपत्ति में बढ़ोतरी शेयरों की कीमत में तेजी आने के कारण हुई है।
ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक, अदाणी की संपत्ति बढ़कर 95.7 अरब डॉलर हो गई है। वहीं, देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की संपत्ति 98.6 अरब डॉलर रह गई है।
गौतम अदाणी की संपत्ति में इस साल 17.1 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है, जबकि मुकेश अंबानी की संपत्ति में 8.02 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
अदाणी ग्रुप के शेयरों में बढ़ोतरी की वजह सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की ओर से शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग मामले में क्लीन चिट देना है।
शॉर्ट-सेलर द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित दावों के झूठे होने की पुष्टि करने वाले अपने अंतिम आदेश में, सेबी ने निष्कर्ष निकाला कि अदाणी समूह ने दो निजी फर्मों के माध्यम से धन का प्रवाह करके किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया, जिससे छिपे हुए संबंधित पक्ष लेनदेन और धोखाधड़ी के दावों को प्रभावी ढंग से खारिज कर दिया गया।
बीते तीन कारोबारी सत्रों में अदाणी पावर का शेयर करीब 30 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस का शेयर भी करीब 18 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर करीब 15 प्रतिशत, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर का दाम 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है।
इस दौरान अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 11 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दे चुका है, जबकि अदाणी पोर्ट्स के शेयर ने करीब 3 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
दुनिया के अरबपतियों की सूची में 452 अरब डॉलर के साथ एलन मस्क शीर्ष पर हैं। इसके बाद 388 अरब डॉलर के साथ लैरी एलिसन दूसरे, 269 अरब डॉलर के साथ मार्क जुकरबर्ग तीसरे, 250 अरब डॉलर के साथ जेफ बेजोस चौथे और 221 अरब डॉलर के साथ लैरी पेज पांचवे स्थान पर होंगे।
मौजूदा में समय में अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी 98.6 अरब डॉलर के साथ 18 वें स्थान पर, गौतम अदाणी 95.7 अरब डॉलर के साथ 19 वें स्थान पर हैं।
व्यापार
एच-1बी वीजा फीस में बढ़ोतरी का भारतीय आईटी कंपनियों पर बहुत कम होगा असर : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 23 सितंबर। पिछले 10 वर्षों में बढ़ते लोकलाइजेशन और ऑफशोरिंग के कारण भारतीय आईटी सर्विस कंपनियों की एच-1बी वीजा पर घटती निर्भरता को देखते हुए वीजा फीस बढ़ाने से कंपनियों पर इसका प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन की रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर मध्यम अवधि में इसका असर देखने को मिल सकता है। अमेरिका में डिलीवरी की बढ़ी हुई लागत से कंपनियों को अपने ऑपरेटिंग मॉडल की दोबारा समीक्षा करने और बचाव की रणनीति अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
यह प्रभाव कंपनी का अमेरिका में विस्तार, ऑनसाइट वर्कफोर्स मिक्स और नॉन-लोकल टैलेंट पर निर्भरता को देखते हुए अलग-अलग हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “क्योंकि एच-1बी लॉटरी और याचिकाएं आमतौर पर Q4-Q1 में होती हैं, इसलिए वित्त वर्ष 27 पिटीशन साइकल में इसका असर दिखने की संभावना है। इसके जवाब में, सेवा प्रदाताओं के ऑफशोरिंग को तेज करने, कनाडा और मैक्सिको में नियरशोर ऑपरेशन का विस्तार करने, भौगोलिक विविधता के लिए यूरोप और एपीएसी में अधिग्रहण करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए ऑटोमेशन और एआई में निवेश करने की उम्मीद है।”
ये बदलाव भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर को प्रतिभा के लिए आकर्षक बना सकते हैं, खासकर जब ऑनसाइट अवसर कम हो रहे हों और ग्राहक बेहतर दर और दक्षता की मांग कर रहे हों।
भारत के इक्विटी मार्केट में निकट अवधि में कुछ अस्थिरता हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर मूल्यांकन ऐतिहासिक औसत की तुलना में अभी भी अधिक है।
वीक डिमांड आउटलुक के कारण पिछले 6-12 महीनों में आईटी सेक्टर का मूल्यांकन कम हुआ है।
घरेलू खपत में सुधार और निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी से भारतीय बाजार में कुल कॉर्पोरेट आय का आउटलुक बेहतर हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ निर्यात पर निर्भर क्षेत्रों के लिए अल्पकालिक चुनौतियां पैदा करते हैं बावजूद इसके भारत के मैक्रोइकॉनमिक आधार मजबूत बने हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की दूसरी छमाही में अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते, मजबूत घरेलू मांग और कमाई में सुधार से मार्केट में आने वाली महीनों में सकारात्मक माहौल बन सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
जुलाई में ईपीएफओ के शुद्ध सदस्यों की संख्या 5.5 प्रतिशत बढ़कर 21.04 लाख हुई

नई दिल्ली, 23 सितंबर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों की संख्या में इस साल जुलाई में 21.04 लाख का इजाफा दर्ज किया गया है, जो पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 5.55 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी सरकार की ओर से मंगलवार को जारी की गई।
ईपीएफओ ने इस साल जुलाई में लगभग 9.79 लाख नए सदस्य जोड़े। आंकड़ों का एक सकारात्मक पहलू यह है कि इसमें 18-25 आयु वर्ग के युवाओं का दबदबा है, जिनमें से ज्यादातर अपनी पहली नौकरी में हैं। ईपीएफओ ने 18-25 आयु वर्ग में 5.98 लाख नए सदस्य जोड़े, जो महीने के दौरान जुड़े कुल नए सदस्यों का 61.06 प्रतिशत है।
इसके अलावा, जुलाई में 18-25 आयु वर्ग के लिए शुद्ध पेरोल वृद्धि लगभग 9.13 लाख है, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 4.09 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
बयान में बताया गया है कि यह पहले के रुझान के अनुरूप है, जो दर्शाता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, जिसमें मुख्यतः पहली बार नौकरी करने वाले हैं।
लगभग 16.43 लाख सदस्य, जो पहले ईपीएफओ से बाहर हो गए थे, इस वर्ष जुलाई में फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए। यह आंकड़ा जुलाई 2024 की तुलना में सालाना आधार पर 12.12 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपनी संचित राशि को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय कल्याण की रक्षा हुई और उनकी सामाजिक सुरक्षा का विस्तार हुआ।
जुलाई में लगभग 2.80 लाख नई महिला सदस्य ईपीएफओ में शामिल हुईं। इसके अलावा, महीने के दौरान शुद्ध महिला पेरोल में लगभग 4.42 लाख की वृद्धि हुई, जो सालाना आधार पर 0.17 प्रतिशत की वृद्धि है।
बयान में कहा गया है कि महिला सदस्यों की संख्या में यह वृद्धि अधिक समावेशी और विविध कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत है।
आंकड़ों के राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि शीर्ष पांच राज्यों ने शुद्ध पेरोल वृद्धि में 60.85 प्रतिशत का योगदान दिया।
व्यापार
जीएसटी के नए रेट लागू होने से देश में इलेक्ट्रॉनिक्स बिक्री में शानदार उछाल

GST
नई दिल्ली, 23 सितंबर। विशेषज्ञों ने मंगलवार को कहा कि जीएसटी सुधार अब लागू हो चुके हैं और फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग ऑनलाइन सेल के साथ देश की घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है।
इंडस्ट्री के जानकारों ने एयर कंडीशनर, टेलीविजन और डिशवॉशर जैसे आइटम्स पर जीएसटी रेट कट का स्वागत किया है, जो कि 28 प्रतिशत से कम होकर अब 18 प्रतिशत रह गया है।
आईसीईए के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा कि यह उद्योगों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी। नए जीएसटी सुधार के साथ उपकरण सस्ते होंगे, घरेलू मांग बढ़ेगी, उपभोग को बढ़ावा मिलेगा, जो कि कुल मिलाकर भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि हम मानते हैं कि जीएसटी सुधार आगे चलकर स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए भी पेश किए जाएंगे, जिसके साथ इन आइटम्स पर जीएसटी रेट को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाएगा। इस कदम के साथ स्मार्टफोन और लैपटॉप की कीमत कम होगी और डिजिटल इंक्लूशन को भी बढ़ावा मिलेगा।
जीएसटी की नई दरें लागू होने के साथ ही देश भर में कंज्यूमर ड्यूरेबल स्टोर में ग्राहकों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक ने मिडिया को बताया, “सेल के पहले दिन हमें शानदार प्रतिक्रिया देखने को मिली है। सभी चैनलों पर सकारात्मक माहौल है। इलेक्ट्रॉनिक्स में हमने देखा कि खरीद की पूछताछ कई तरह के प्रोडक्ट कैटेगरी को लेकर की जा रही है। यह कुछ खास प्रोडक्ट तक ही सीमित नहीं है, जो ग्राहकों की मजबूत रुचि को दर्शाता है। हम इस वर्ष एक बहुत अच्छा त्योहारों का मौसम होने की उम्मीद कर रहे हैं।”
सरल जीएसटी स्ट्रक्चर और फेस्टिव सीजन के प्रमोशन आकर्षक डिस्काउंट्स के साथ मिलकर स्मार्टफोन की बिक्री को बढ़ा सकते हैं।
सीएमआर में इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप (आईआरजी) के वाइस प्रेसिडेंट प्रभु राम ने मिडिया से कहा, “कर की कम दरों के साथ डिवाइस सस्ते हो जाते हैं, जिससे लोग पुराने डिवाइस को अपग्रेड या बदल सकते हैं। अतिरिक्त डिस्पोजेबल इनकम के साथ ग्राहक नई खरीदारी को प्राथमिकता देंगे। ये सभी कारक प्रीमियम और किफायती स्मार्टफोन की बिक्री को बढ़ा सकते हैं।”
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार7 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा