व्यापार
भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई होल्डिंग नवंबर में 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची
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मुंबई, 20 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की होल्डिंग नवंबर के पहले पखवाड़े में 14 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
एनएसडीएल के डेटा के मुताबिक, नवंबर के पहले 15 दिन में एफपीआई की एसेट अंडर कस्टडी की वैल्यू बढ़कर 81.53 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई है, जो कि सितंबर 2024 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है।
इसमें से इक्विटी होल्डिंग की वैल्यू 74.28 लाख करोड़ रुपए है, जबकि डेटा और हाइब्रिड होल्डिंग की वैल्यू करीब 7 लाख करोड़ रुपए है।
एफपीआई होल्डिंग की वैल्यू में इजाफे की वजह भारतीय शेयर बाजार में तेजी बने रहना है।
सेंसेक्स और निफ्टी नवंबर के पहले पखवाड़े में करीब 1.5 प्रतिशत का रिटर्न दे चुके हैं, जबकि अक्टूबर में दोनों बेंचमार्क ने करीब 4.5 प्रतिशत का रिटर्न दिया था।
इस दौरान बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप ने 4.7 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत का रिटर्न दिया था।
बाजार की ओर से बेहतर रिटर्न दिए जाने के बाद भी विदेशी निवेशक सतर्क बने हुए हैं और उन्होंने करीब 3,166 करोड़ रुपए की इक्विटी में बिकवाली की है। हालांकि, उन्होंने 2,693 करोड़ रुपए का डेट में निवेश किया है।
इससे पहले अक्टूबर में विदेशी निवेशक शुद्ध खरीदार थे और इस दौरान उन्होंने इक्विटी में 10,285 करोड़ रुपए और डेट में 16,124 करोड़ रुपए का निवेश किया।
एनालिस्ट का कहना है कि भारत-यूएस ट्रेड टेंशन कम होने, कॉर्पोरेट अर्निंग्स के मजबूत होने और मैक्रोइकोनॉमिक कंडीशन स्टेबल होने की उम्मीदों से इंडियन इक्विटीज को नया सपोर्ट मिल रहा है।
उनका मानना है कि विदेशी निवेशकों से सेलिंग प्रेशर और कम हो सकता है क्योंकि पॉलिसी के कदम ग्रोथ को सपोर्ट करते रहेंगे। जीएसटी रेट में कटौती, जून में रेपो रेट में बड़ी कटौती और एसएंडपी द्वारा भारत की सॉवरेन रेटिंग में अपग्रेड जैसे हालिया कदमों से कॉन्फिडेंस बढ़ाने में मदद मिली है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये फैक्टर्स आने वाले महीनों में इंडियन मार्केट में और ज्यादा फॉरेन इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा दे सकते हैं।
व्यापार
कमजोर वैश्विक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला

मुंबई, 21 नवंबर: कमजोर वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में खुला। सुबह 9:20 पर सेंसेक्स 153.59 अंक या 0.18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,479 और निफ्टी 47.55 अंक या 0.18 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 26,144.20 पर था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 177.95 अकं या 0.29 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 60,785.60 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 65.10 अंक या 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,002.15 पर था।
शुरुआती सत्र में ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। बड़ी गिरावट रियल्टी, कमोडिटीज, डिफेंस, एफएमसीजी और पीएसयू बैंक में थी। ऑटो और आईटी ही हरे निशान में थे।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, टीसीएस, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, एलएंडटी, सन फार्मा, मारुति सुजुकी, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, इन्फोसिस, टाटा मोटर पैसेंजर व्हीकल और इन्फोसिस गेनर्स थे। टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, इटरनल (जोमैटो), पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, बीईएल, एसबीआई, ट्रेंट, एचसीएल टेक, आईटीसी और भारती एयरटेल लूजर्स थे।
वैश्विक बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक, जकार्ता और सोल लाल निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार भी गुरुवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुए थे।
बाजार के जानकारों ने कहा कि एआई स्टॉक्स के वैल्यूएशन की चिंताओं के कारण वैश्विक बाजारों में गिरावट देखी जा रही है। इससे बाजारों में उठापटक में भी काफी इजाफा हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत बाजार में निवेशकों में हाल में लिस्ट हुई कंपनियों के वैल्यूएशन को लेकर सतर्क रहना चाहिए और ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहिए, जो सही वैल्यूशन पर हो।
कच्चा तेल लाल निशान में बना हुआ है। डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58.11 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 1.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 62.52 डॉलर प्रति बैरल पर था।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 20 नवंबर को लगातार दूसरे सत्र में अपनी खरीदारी जारी रखी और 283 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 824 करोड़ रुपए का निवेश किया।
व्यापार
भारत में सीजीडी क्षेत्र की कंपनियों का मुनाफा चालू वित्त वर्ष में 8-12 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान

नई दिल्ली, 20 नवंबर: भारत में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) क्षेत्र की कंपनियों का ऑपरेटिंग मुनाफा चालू वित्त वर्ष में 7.2 से लेकर 7.5 प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (एससीएम) हो सकता है , जो कि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के मुनाफे के मुकाबले 8-12 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में दी गई।
पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सीएनजी सेगमेंट में एपीएम के तहत गैस आवंटन में बदलाव होने से मार्जिन में बड़ी गिरावट देखी गई थी।
इस दैर सीजीडी कंपनियों को आपूर्ति के लिए स्पॉट गैस मार्केट का सहारा लेना पड़ा, जिससे लागत पर दबाव बढ़ा। इसके बाद, कंपनियों ने कॉन्ट्रैक्टेड सप्लाई शुरू कर दी है, जिससे मार्जिन बढ़ने की उम्मीद है।
क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “कंपनियों के प्रस्तावित पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) के बावजूद अच्छी कमाई से लेवरेज कंट्रोल में रहेगा। पिछले वित्त वर्ष में कुल बिक्री मात्रा में 70 परसेंट हिस्सेदारी वाली सात सीजीडी कंपनियों का हमारा विश्लेषण इसी ओर संकेत करता है।”
सीजीडी कंपनियां एपीएम के तहत पुराने गैस फील्ड से कम कीमतों पर प्राथमिकता पर गैस लेती हैं जिससे घरेलू सीएनजी और पाइप्ड नेचुरल गैस-डोमेस्टिक (पीएनजी-जी) सेगमेंट को कम कीमतों पर सर्विस दे सकें।
एपीएम के अलावा, कंपनियां कॉन्ट्रैक्टेड और स्पॉट परचेज मैकेनिज्म के तहत हाई-प्रेशर, हाई-टेम्परेचर (एचपीएचटी) गैस और इम्पोर्टेड रीगैसिफाइड लिक्विफाइड नेचुरल गैस (आर-एलएनजी) खरीदती हैं।
इससे गैस खरीदने की लागत में काफी बढ़ोतरी होती है। एपीएम से कम आवंटन के चलते पिछले साल कंपनियों ने आपूर्ति में रुकावट से बचने के लिए स्पॉट पर खरीदारी की थी, जिसकी कीमत एपीएम से 80-100 प्रतिशत अधिक थी।
इसके चलते, वॉल्यूम के हिसाब से स्पॉट खरीदारी कुल आपूर्ति के 15 प्रतिशत से अधिक हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 5 प्रतिशत थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि इस वित्त वर्ष में गैस खरीदने की लागत में कमी के कुछ फायदे दूसरे ऑपरेटिंग खर्चों में बढ़ोतरी से कम हो जाएंगे, क्योंकि कंपनियां वॉल्यूम ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए मौजूदा और नए ज्योग्राफिकल एरिया में गैस इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए पूंजीगत व्यय करना जारी रखेंगी।
पर्यावरण
भारत स्वच्छ ऊर्जा की तरफ तेजी से बढ़ रहा, सोलर पावर के उत्पादन में दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंचा : भूपेंद्र यादव

नई दिल्ली, 20 नवंबर: केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के लिए तेजी से कम उठा रहा है। देश दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा सोलर पावर उत्पादक बन गया है।
केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान ब्राजील के बेलेम में यूएनएफसीसीसी सीओपी30 के साइडलाइन में हुए इंटरनेशनल सोलर अलायंस- स्मॉल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (आईएसए-एसआईडीएस) प्लेटफॉर्म के हाई-लेवल मिनिस्टीरियल लीडरशिप सेशन में दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में स्थापित ऊर्जा क्षमता 500 गीगावाट के आंकड़े को पार कर चुकी है। इसमें से 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रिन्यूएबल सोर्स से आता है, जो कि एनडीसी के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले है।
सेशन में यादव ने केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर रूफटॉप सोलर प्रोगाम के बारे में बताया, जिसे 20 लाख से ज्यादा परिवार अपना चुके हैं।
आगे, मंत्री ने कहा, “खेती के लिए सोलर हमारे किसान समुदाय के लिए एक नई किरण है।”
सोलर पंप और सोलराइज्ड फीडर खेती को अधिक भरोसेमंद बना रहे हैं और ये खेती की सभी जरूरतों के लिए दिन में सोलर से चलने वाली साफ एनर्जी देते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने पीएम जनमन स्कीम के जरिए दूर-दराज और जंगली इलाकों को रोशन करने की कोशिशों और एनर्जी स्टोरेज में भारत के बड़े कदम का भी जिक्र किया।
यादव ने कहा, “भारत दुनिया के कुछ सबसे बड़े ‘सोलर और बैटरी’ प्रोजेक्ट बना रहा है, जिसमें लद्दाख का एक प्रोजेक्ट भी शामिल है जो पूरे शहर को रोशन करने के लिए क्लीन एनर्जी स्टोर करेगा।”
उन्होंने कहा कि ऐसे मॉडल एसआईडीएस के लिए डीजल इंपोर्ट कम करने, एनर्जी की लागत कम करने और क्लाइमेट रेजिलिएंस को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
यह इवेंट ‘यूनाइटिंग आइलैंड्स, इंस्पायरिंग एक्शन – लीडरशिप फॉर एनर्जी सिक्योरिटी’ थीम के तहत ऑर्गनाइज किया गया था।
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