राष्ट्रीय
बजट में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में किये गये प्रयास सराहनीय

बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए घोषित प्रावधानों को लेकर देश के शिक्षाविदों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ शिक्षाविद् शिक्षा के डिजिटलीकरण की दिशा में किये गये प्रयासों को सराहनीय बता रहे हैं तो कुछ शिक्षाविदों का मानना है कि सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता के स्तर में सुधार के लिए और कदम उठाने चाहिए थे।
देश के कुछ नामी शिक्षाविद् एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किये बजट में शिक्षा को दिये गये महत्व की प्रशंसा कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री ई विद्या योजना के तहत घोषित ‘एक क्लास एक टीवी चैनल’ कार्यक्रम जैसे डिजिटल टूल से मानव संपदा को बढ़ावा मिलेगा।
बजट को शिक्षा क्षेत्र के लिए सकारात्मक बताने वाले शिक्षाविदों के मुताबिक सरकार ने डिजिटल विश्वविद्यालय शुरू करने, विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय को बढ़ाने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने और कई कौशल विकास कार्यक्रमों को शुरू कराने की घोषणा करके देश की आबादी का लाभ उठाने की योजना बनायी है, जो प्रगतिवादी दृष्टिकोण है।
केंद्रीय बजट 2022-2023 में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के लिए 63,449.37 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जो चालू वित्त वर्ष के लिए आवंटित की गयी 9,000 करोड़ रुपये की राशि से करीब 6.6 प्रतिशत अधिक है। यह कौशल को बढ़ाने, दोबारा कुशल बनाने और नयी पीढ़ी के कौशल से दक्ष बनाने जैसे कई कदम उठाकर देश के युवाओं की रोजगार योग्यता बढ़ाने की दिशा में किये गये प्रयास हैं।
इंडियन स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी के संस्थापक एवं सीईओ दिलीप पुरी ने बजट की सराहना करते हुए कहा, हम इस बार बजट में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए घोषित नयी पहलों का स्वागत करते हैं। सरकार ने उन क्षेत्रों की पहचान की है कि जिन्हें वित्तीय सहायता और मदद की जरूरत है और साथ ही शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। डिजिटल विश्वविद्यालय की घोषणा एक प्रगतिशील कदम है, जिसका उद्देश्य देश के सुदूूरवर्ती हिस्सों के प्रत्येक छात्र तक पहुंच बनाना है। विश्वस्तरीय संस्थानों और शिक्षकों से समन्वय स्थापित करके शिक्षा तक उन छात्रों की पहुंच बनायी जायेगी। हमें आशा है कि इसे आसानी से लागू किया जायेगा और इससे एडुटेक का विकास तीव्र होगा। कौशल क्षेत्र में उठाये गये कदमों से हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में भी रोजगारपरकता बढ़ेगी।
फिक्की एराइज के अध्यक्ष एवं सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने कहा, बजट में घोषित प्रावधान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विजन को पूरा करने की दिशा में उठाये गये कदम हैं। प्रधानमंत्री ई विद्या योजना को 200 टीवी चैनल तक विस्तारित करने और उच्च गुणवत्ता वाले ई कंटेंट को सभी भाषाओं में विकसित करने से कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों को लाभ होगा, जिन्हें कोरोना संकट के कारण स्कूलों के बंद होने से पढ़ाई में परेशानी आयी है।
उन्होंने कहा, डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना से देश के दूर दराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों को विभिन्न भारतीय भाषाओं में विश्व स्तर की शिक्षा प्राप्त हो सकेगी। शिक्षकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित करने और गुणवत्तापूर्ण ई कंटेट विकसित करने के लिए उन्हें सशक्त बनाने से बेहतर परिणाम सामने आयेगा। मैं विज्ञान और गणित के 750 ई लैब स्थापित करने और 75 कौशल ई लैब स्थापित करने की घोषणा का स्वागत करता हूं।
जयपुरिया ने कहा,सरकार ने शहरी प्लानिंग और डिजाइन के पाठ्यक्रम को मुहैया कराने वाले पांच संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मान्यता देने का निर्णय लेकर सही कदम उठाया है। इससे भारत के लिए अनुकूल शहरी विकास के विजन को पूरा करने में मदद मिलेगी। बजट में ई लर्निग को बढ़ाने, शिक्षा की पहुंच बढ़ाने और शिक्षा को समेकित करने की दिशा में कई प्रयास किये गये हैं।
एचएसएनसी यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट निरंजन हीरानंदानी ने भी बजट में शिक्षा तक सबकी बराबर पहुंच बढ़ाने और पृष्ठभूमि से इतर छात्रों की मानसिकता में विकास के लिए उठाये गये कदमों की प्रशंसा की।
हीरानंदानी ने कहा, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े उद्योग बजट में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए डिजिटल आधारभूत ढांचे के निर्माण और उनके उन्नयन पर ध्यान देकर डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र पर जोर दिये जाने की सराहना करते हैं। हइ और स्पोक मॉडल का अनुसरण करके डिजिटल विश्वविद्यालयों की स्थापना से ग्रामीण इलाकों के छात्रों के लिए शिक्षा की उपलब्धता बढ़ेगी। क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा तक आसान पहुंच से प्रत्येक छात्र को खुद को सशक्त करने और जानकारी से सुसज्जित करने का अवसर प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बेहतर ई शिक्षण परिणाम हेतु शिक्षकों को प्रभावी तरीके से शिक्षित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण ई कंटेंट तैयार करने का कदम आशाजनक है। इसके साथ ही व्यक्तिगत शिक्षा के विकल्प में भी बढ़त हुई है, खासकर डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में। बजट में कौशल पर भी विशेष जोर दिया गया है, जो किसी व्यक्ति को रोजगार के योग्य और रोजगार क्षेत्र में टिकाऊ बनाती है। कौशल आधारित पाठ्यक्रमों से न सिर्फ शिक्षा हासिल करने वालों को तार्किक सोच और रचनात्मकता का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि इससे वे उद्योग जगत के लिए भी तैयार होंगे और यह बेहतर भविष्य के लिए देश के युवाओं को समुचित रूप से तैयार करने का सबूत है।
कौशल आधारित शिक्षा की आवश्यकता को समझते हुए सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सीएफओ विक्रम अग्रवाल ने भी बजट में घोषित प्रावधानों की सराहना की।
अग्रवाल ने कहा, इस बार पेश बजट में सबसे महत्वपूर्ण है , डिजिटल शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाने के लिए उठाये गये कदम। डिजिटल यूनिवर्सिटी का गठन और सभी भारतीसय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण ई कंटेंट को बनाने की पहल से शिक्षा सभी के लिए समावेशी बनेगी। इनके अलावा देश स्टैक ई पोर्टल लांच करने का निर्णय कौशल विकसित करने और कौशल को बेहतर बनाने में मददगार होगा।
उन्होंने कहा, इसके साथ ही सरकार का लक्ष्य आधुनिक कृषि की व्यवहारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम को संशोधित और बेहतर करके कृषि विश्वविद्यालयों की शिक्षा को बेहतर बनाना है। मैं मिलिट्री प्लेटफार्म और सैन्य उपकरणों की बेहतर डिजाइनिंग और विकास के लिए रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास में अकादमी क्षेत्र को शामिल करने के फैसले की भी सराहना करता हूं। इस बजट का दायरा काफी व्यापक है। यह शिक्षा क्षेत्र के कई पहलुओं को छूता है, जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिए।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े उपरोक्त व्यक्तियों ने जहां सरकार द्वारा बजट में घोषित प्रावधानों की प्रशंसा की है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सरकार को इस दिशा में और प्रयास करने चाहिए थे। बजट की ओलाचना करने वालों का मानना है कि गत साल की तुलना में इस साल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कम निवेश किया गया है और पहल भी अपेक्षाकृत कम हैं।
आईआईएम अहमदाबाद में अर्थशास्त्र किे एसोसिएट प्रोफेसर तरूण जैन ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने गत दो साल की शिक्षा हानि के लिए अतिरिक्त टीवी चैनलों के जरिये पूरक शिक्षण का उल्लेख किया है। यह प्रयास उस हानि को कम करने की दिशा में बहुत ही छोटा है, जो हमारे बच्चों को दो साल के दौरान शिक्षण में हुई है। स्कूल की गुणवत्ता में सुधार के लिए उल्लेखनीय निवेश से ही पूरी आबादी को उसका लाभ मिलेगा। हमें इस वास्तविकता को ध्यान में रखना होगा कि मात्र आठ प्रतिशत ग्रामीण छात्रों और 23 प्रतिशत शहरी छात्रों की पहुंच इंटरनेट तक है।
उन्होंने कहा कि यहां जब छात्रों की पहुंच इंटरनेट तक है, तब भी ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। उन्होंने कहा, हमें देश के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप बजट प्रतिबद्धता को करना होगा। उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा युवाओं की आशाओं का महत्वपूर्ण घटक है और इसमें निवेश से अर्थव्यवस्था में सर्वाधिक रिटर्न भी प्राप्त होता है। इसीलिए सरकार को सार्वजनिक शिक्षा में निवेश को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए।
कुल मिलाकर केंद्र सरकार को डिजिटलीकरण द्वारा संचालित कौशल आधारित शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए अनुकूल प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। कौशल को बेहतर बनाने, दोबारा कुशल बनाने, अप्रेंटिसशिप जैसे शॉर्ट टर्म कार्यक्रम और आजीवन शिक्षण के लिए हजारों कौशल केंद्रों और विशेष प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना करके प्रशिक्षण के व्यापक अवसर प्रदान किये गये हैं। यह बजट सुनिश्चित करता है कि युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण पर सरकार का ध्यान बना रहेगा, जिससे देश के विकास और अर्थव्यवस्था में योगदान मिलेगा।
राष्ट्रीय
दिल्ली : अगले दो दिन तक भारी बारिश और आंधी की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

नई दिल्ली, 29 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिनों के लिए कई इलाकों में मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, 29 मई और 30 मई को तेज बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।
इन दोनों दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। ह्यूमिडिटी का स्तर 70 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच रहेगा। इसी प्रकार, 30 मई को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा, तापमान वही रहेगा और हवाएं 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
इन दोनों दिनों के लिए चेतावनी दी गई है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की तलाश करें। 31 मई को मौसम विभाग ने ‘मध्यम वर्षा’ की संभावना जताई है, लेकिन आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी अब भी बनी हुई है।
हालांकि, इसके बाद मौसम सामान्य होने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। 1 जून को “थंडरस्टॉर्म विथ रेन” की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 2 जून से मौसम में काफी सुधार देखने को मिलेगा, जहां आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
3 जून को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, लेकिन कोई विशेष चेतावनी नहीं है। 4 जून को मौसम पूरी तरह से सामान्य रहेगा, केवल आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अगले दो दिनों तक सतर्कता बरतें, विशेषकर बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के दौरान। खेतों में काम कर रहे किसान, खुले में यात्रा कर रहे लोग और निर्माण स्थलों पर कार्यरत कर्मचारी विशेष सावधानी बरतें।
राजनीति
10 साल बाद सरकार वीर सावरकर की डिग्री वापस ला रही, हम उसका स्वागत करते हैं : संजय राउत

मुंबई, 28 मई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री मंगाए जाने पर कहा कि हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन यह तो बस कागज का टुकड़ा है। हमारा सीधा सा सवाल है कि आखिर उन्हें भारत रत्न कब दिया जाएगा? दुर्भाग्य की बात है कि इसका जवाब न तो प्रधानमंत्री के पास है, न ही मुख्यमंत्री के पास और न ही गृह मंत्री के पास।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निश्चित तौर पर सरकार ने वीर सावरकर की डिग्री मंगाकर अच्छा कदम उठाया है, लेकिन यहां पर मेरा एक सवाल है कि कल (27 मई) सरकार ने कई लोगों को भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मश्री और पद्मविभूषण दिया। ऐसे में सरकार ने सावरकर को भारत रत्न देना गवारा क्यों नहीं समझा?
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री ब्रिटेन से मंगाए जाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा “स्वातंत्र्यवीर सावरकर की डिग्री वो स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश गवर्नर ने जब्त की थी। फिर भी हम उन्हें बैरिस्टर सावरकर कहते है। 10 साल बाद अगर महाराष्ट्र की सरकार बैरिस्टर सावरकर की पदवी, डिग्री ला रहे है तो ये अच्छी बात है। हम इस फैसले का स्वागत करते है। लेकिन हमारी एक मांग है। अगर सरकार सही मायने में वीर सावरकर को सम्मान देना चाहती है, तो इसके लिए उन्हें भारत रत्न देना चाहिए, मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया।”
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा की तरफ से देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहने पर तंज कसा। कहा कि जिस देश में 85 करोड़ लोग सरकार की तरफ से मिलने मुफ्त के राशन पर आश्रित हो, जिस देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हो, उसके बारे में यह कहना कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ठीक नहीं रहेगा। पता नहीं लोग कैसे कह दे रहे हैं कि हम जापान से आगे निकल गए हैं, तो चीन से आगे निकल गए, अब कल ये लोग बोलेंगे कि हम ट्रंप से आगे निकल गए। ट्रंप ने तो आपका मुंह बंद कर दिया।
शिवसेना नेता संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर महिला की तरफ से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए जाने पर संजय राउत ने कहा कि यह उनका निजी मामला है। मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करना चाहूंगा। इस विषय पर बात करने के लिए राजनीतिक दलों में महिला नेता हैं, जो इस पर अपनी बात रखेंगे। महिला आयोग भी है, जो इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, लेकिन मेरा अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है।
मंत्री संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर एक महिला ने अपने वकील के जरिए नोटिस भेजकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया और 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
इसके अलावा, संजय राउत ने संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर घोटाला का आरोप लगाया। कहा कि मंत्री के बेटे ने ऑक्शन में 70 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है। ऐसे में उनसे यह सवाल किया जाना चाहिए कि उनके पास इतने पैसे कहां से आए? इनके पिता के पास सामाजिक न्याय जैसा विभाग है, जो मूल रूप से गरीबों के हितों का ख्याल रखता है, लेकिन इनके बेटे ने 70 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी। यही नहीं, ऑक्शन की प्रक्रिया भी इस तरह से निर्धारित की जाती है, जिसमें यह सुनिश्चित हो सके कि इसका फायदा उन्हीं को मिले।
राजनीति
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आज, पीएम मोदी करेंगे अध्यक्षता

नई दिल्ली, 28 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपने आधिकारिक आवास पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक सुबह 11 बजे होगी और इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदलते परिदृश्य के बीच नीति और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
इससे पहले, पिछली कैबिनेट बैठक 14 मई को हुई थी, जिसमें भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत उत्तर प्रदेश में छठी सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी। यह नई इकाई एचसीएल और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम के तहत यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास बनाई जाएगी।
यह संयंत्र प्रति माह 20,000 वेफर्स और 36 मिलियन यूनिट्स की उत्पादन क्षमता के साथ मोबाइल फोन, लैपटॉप, पीसी, ऑटोमोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स बनाएगा। सेमीकंडक्टर क्षेत्र सरकार की रणनीतिक प्राथमिकता बना हुआ है, जो मेक इन इंडिया और डिजिटल अर्थव्यवस्था के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है।
भारत में पहले से ही पांच अन्य सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण एडवांस स्टेज में है और नवीनतम मंजूरी से भारत की वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र बनने की महत्वाकांक्षा को और बल मिलेगा।
इसके अलावा, 7 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने संशोधित ‘शक्ति’ नीति के अंतर्गत केंद्रीय क्षेत्र, राज्य क्षेत्र और स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) के ताप विद्युत संयंत्रों को नए कोयला लिंकेज प्रदान करने की मंजूरी दी थी।
इससे पहले, कैबिनेट की बैठक 30 अप्रैल को हुई थी, जो जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को हुए दुखद पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद हुई थी। उस बैठक में आंतरिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर दिया और सरकार के जवाबी तंत्र की गहन समीक्षा की मांग की थी।
बुधवार की बैठक में सुरक्षा चुनौतियों पर दोबारा चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही आर्थिक और विकासात्मक नीतियों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
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