अपराध
मेहुल चोकसी के नेतृत्व वाले पीएनबी धोखाधड़ी मामले में ईडी 2,565.90 करोड़ रुपये की जब्त संपत्तियों को भुनाएगा: विशेष पीएमएलए अदालत का निर्देश
मुंबई: मुंबई में विशेष न्यायालय (पीएमएलए) द्वारा जारी आदेश के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब मेहुल चोकसी के नेतृत्व वाले पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) कथित धोखाधड़ी मामले के संबंध में कुर्क या जब्त की गई 2,565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मुद्रीकरण करेगा, एजेंसी के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा। इस महत्वपूर्ण कदम का उद्देश्य पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक सहित वित्तीय संस्थानों को धन की वसूली और परिसंपत्तियों का उत्पादक उपयोग करने में सहायता करना है।
अदालत का यह फैसला पीड़ित बैंकों, पंजाब नेशनल बैंक और आईसीआईसीआई बैंक की ओर से दायर एक आवेदन के बाद आया है, जिसे ईडी ने भी समर्थन दिया है। इसके परिणामस्वरूप, संपत्तियों का हस्तांतरण शुरू हो गया है, जिसमें 125 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां शामिल हैं, जैसे कि मुंबई में स्थित उच्च-मूल्य वाले फ्लैट और अंधेरी (पूर्व) के सीप्ज़ में स्थित दो कारखाने और गोदाम परिसर, जिन्हें अब चोकसी की गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के परिसमापक को सौंप दिया गया है। ईडी अधिकारियों के अनुसार, अतिरिक्त संपत्तियों की वापसी जारी है।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत जांच से पता चला है कि 2014 से 2017 के बीच मेहुल चोकसी ने अपने सहयोगियों और पीएनबी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट हासिल किए। इस घोटाले के कारण पीएनबी को 6097.63 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ। पीएनबी धोखाधड़ी के अलावा, चोकसी ने आईसीआईसीआई बैंक से लिए गए लोन को भी नहीं चुकाया।
अपनी जांच के तहत ईडी ने भारत भर में 136 से ज़्यादा जगहों पर तलाशी ली, जिसके बाद चोकसी के गीतांजलि ग्रुप से जुड़ी 597.75 करोड़ रुपये की क़ीमत की क़ीमती चीज़ें और आभूषण ज़ब्त किए गए। भारत और विदेश में मौजूद संपत्तियों, वाहनों, बैंक खातों, फ़ैक्ट्रियों, कंपनी के शेयरों और आभूषणों समेत 1968.15 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति भी ज़ब्त की गई।
मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 14,000 करोड़ रुपये की बड़ी धोखाधड़ी में शामिल हैं, जिस पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चोकसी पर भारत, दुबई और अमेरिका में ग्राहकों और उधारदाताओं को धोखा देने के लिए एक संगठित रैकेट चलाने का आरोप लगाते हुए एक आरोप पत्र दायर किया है। सह-आरोपी नीरव मोदी को 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह प्रत्यर्पण की कार्यवाही से गुजर रहा है।
चोकसी ने 2017 में एक निवेश कार्यक्रम के माध्यम से एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता प्राप्त की, जिससे उसे गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण से बचने में मदद मिली। 2018 में, प्रवर्तन निदेशालय ने बड़े पैमाने पर पीएनबी धोखाधड़ी में उनकी भूमिका के लिए अन्य सह-अभियुक्तों के साथ उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
चोकसी ने विशेष अदालत की सुनवाई में दावा किया कि वह अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण भारत वापस नहीं आ सकता। उसने अभियोजन से बचने के लिए भागने से इनकार किया, और कहा कि उसका पासपोर्ट भारतीय अधिकारियों द्वारा रद्द कर दिया गया था, जिससे वह आरोपों का सामना करने के लिए वापस नहीं आ सकता। उसका मामला जटिल है, क्योंकि वह प्रत्यर्पण के संबंध में विभिन्न कानूनी लड़ाइयों में उलझा हुआ है। जबकि एंटीगुआ ने उसे कुछ सुरक्षा प्रदान की है, चोकसी की कानूनी टीम उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ाई जारी रखे हुए है, इस दावे के आधार पर कि उसे भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिलेगी। नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, उसकी स्थिति अभी भी एक भगोड़े की है, जो चल रही कानूनी जांच के तहत एंटीगुआ में रह रहा है।
पीड़ित बैंकों के लिए धन की वसूली की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, ईडी और बैंकों ने सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने संयुक्त रूप से कुर्क की गई संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए माननीय विशेष पीएमएलए कोर्ट में सहमति आवेदन दायर किया। 10 सितंबर, 2024 के अपने आदेश में, अदालत ने ईडी को गीतांजलि समूह की कंपनियों के परिसमापकों के साथ समन्वय में संपत्तियों के मूल्यांकन और नीलामी की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया। इन नीलामियों से प्राप्त आय का उपयोग कुर्क या जब्त की गई संपत्तियों के मूल्यांकन और नीलामी के लिए किया जाएगा। उक्त संपत्तियों की नीलामी के बाद, बिक्री की आय पीएनबी/आईसीआईसीआई बैंक में सावधि जमा के रूप में जमा की जाएगी।
पुनर्स्थापन प्रक्रिया के तहत, मुंबई के सांताक्रूज़ ईस्ट में खेनी टॉवर स्थित फ्लैटों सहित छह संपत्तियों को बहाल किया गया है, जिनकी कुल कीमत लगभग 27 करोड़ रुपये है। इसके अतिरिक्त, SEEPZ में दो महत्वपूर्ण संपत्तियां, जिनमें भूमि और भवन शामिल हैं, जिनका मूल्य 98.03 करोड़ रुपये है, मेसर्स गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के परिसमापक को सौंप दी गई हैं। माननीय विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के आदेश के अनुसार शेष संपत्तियां परिसमापक और बैंकों को हस्तांतरित की जा रही हैं।
अपराध
सुप्रीम कोर्ट से पीएफआई के पूर्व अध्यक्ष अबूबकर को झटका, जमानत देने से किया इनकार
नई दिल्ली, 17 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पूर्व अध्यक्ष ई. अबूबकर को आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में मेडिकल आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया।
अबूबकर के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि इस समय अबू बकर को जमानत नहीं दी जा सकती।
साथ ही खंडपीठ ने अबूबकर के वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें वैकल्पिक तौर पर उन्हें घर पर नजरबंद करने का अनुरोध किया गया था। साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता से कहा कि यदि आगे तबियत खराब होती है तो वह निचली अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अबूबकर को 2022 में संगठन पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था। तभी से वो जेल में बंद हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर दायर उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मुताबिक, पीएफआई, उसके पदाधिकारियों और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने की आपराधिक साजिश रची है और इस उद्देश्य के लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए शिविर आयोजित कर रहे थे।
गौरतलब है कि अबूबकर ने हाईकोर्ट में अपनी दायर याचिका में तर्क दिया था कि यूएपीए के तहत उनके खिलाफ एनआईए के मामले का समर्थन करने के लिए कोई सामग्री नहीं है। इसलिए वह जमानत के हकदार हैं। याचिका में यह भी दावा किया था कि वह 70 वर्ष के हैं, उन्हें पार्किंसंस रोग है और कैंसर के इलाज के लिए उनकी सर्जरी भी हो चुकी है। हालांकि, कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
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हैदराबाद में गोलीबारी करने वाले बीदर डकैती के दो संदिग्धों की तलाश जारी
हैदराबाद, 17 जनवरी। हैदराबाद पुलिस ने अफजलगंज इलाके में एक निजी ट्रैवल एजेंसी के मैनेजर पर गोलीबारी करने वाले बीदर डकैती के दो संदिग्धों की तलाश कर रही है।
पुलिस ने ऑटोरिक्शा में टैंक बंड की ओर भागने वाले संदिग्धों का पता लगाने के लिए आठ विशेष टीमें बनाईं। सीसीटीवी फुटेज खंंगालने के बाद पुलिस ने पाया कि अपराधी तीन पहिया वाहन में टैंक बंड की ओर जा रहे थे। पुलिस टैंक बंड से उनकी गतिविधियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
माना जा रहा है कि संदिग्ध सिकंदराबाद की ओर भाग गए हैं। पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोकने के लिए रेलवे और बस स्टेशनों के आसपास वाहनों की जांच की।
इस बीच, बीदर पुलिस की एक टीम भी जांच के लिए हैदराबाद पहुंची। उन्हें संदेह है कि आरोपी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और छत्तीसगढ़ के रायपुर के रास्ते भागने की कोशिश कर रहे थे।
कर्नाटक के बीदर शहर में 93 लाख रुपये की लूट में शामिल दो संदिग्धों में से एक ने अफजलगंज में एक निजी ट्रैवल एजेंसी के मैनेजर पर तब गोली चला दी।
रोशन ट्रैवल्स के टिकट मैनेजर जहांगीर घायल हो गए और उन्हें पुराने शहर के प्रिंसेस एस्सरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। रोशन ट्रैवल्स के मोअज्जम के अनुसार, दो लोग अमित कुमार के नाम से रायपुर के लिए टिकट बुक करने एजेंसी के कार्यालय आए थे।
वे अन्य यात्रियों के साथ शहर के बाहरी इलाके में जाने वाली एक मिनी बस में सवार हुए, जहां से रायपुर के लिए बस शुरू होनी थी। चूंकि दोनों व्यक्ति संदिग्ध लग रहे थे, इसलिए टिकट मैनेजर ने जोर देकर कहा कि वे बस में चढ़ते समय अपने बैग खोलें। उनमें से एक ने उसे चुप कराने के लिए नोटों का बंडल देने की कोशिश की।
हालांकि, जहांगीर ने पैसे लेने से इनकार कर दिया और उन्हें बैग खोलने को कहा। तभी उनमें से एक ने हथियार निकाला और जहांगीर पर गोली चला दी।
पुलिस उपायुक्त (पूर्वी क्षेत्र) बी. बालास्वामी ने कहा कि लुटेरों का पता लगाने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। पुलिस को संदेह है कि हमलावर गुरुवार सुबह बीदर शहर में हुई सनसनीखेज लूट में शामिल थे।
बाइक सवार हमलावरों ने छह राउंड गोलियां चलाईं, जिसमें एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। इसके बाद वे बीदर के शिवाजी चौक स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एटीएम में लोड किए जाने वाले 93 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए।
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छत्तीसगढ़: नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट में दो जवान घायल
नारायणपुर, 17 जनवरी। छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की फिराक में लगे हुए हैं। पिछले एक महीने में कई नक्सली हमले की घटनाएं सामने आई हैं। अब बस्तर डिवीजन के नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार सुबह बीएसएफ की रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी) गारपा गांव के पास अपने शिविर से सर्च ऑपरेशन पर निकली थी। रोड ओपनिंग पार्टी शिविर और गारपा गांव के बीच थी। जब नक्सलियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट कर दिया। आईईडी की चपेट में आकर दो कोबरा कमांडो घायल हो गए हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तुरंत दोनों जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गए थे। इस मुठभेड़ के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं, जिनमें एसएलआर और अन्य खतरनाक हथियार शामिल हैं।
यह मुठभेड़ बीजापुर के पुजारी कांकेर, मारुरबाका और तेलंगाना सीमा से सटे इलाकों में हुई थी। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार सुबह करीब नौ बजे डीआरजी बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा की संयुक्त टीम, कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ की टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी।
सुरक्षाबलों ने माओवादियों के बड़े कैडरों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद डीआरजी बीजापुर, डीआरजी सुकमा, डीआरजी दंतेवाड़ा, कोबरा 204, 205, 206, 208, 210 और केरिपु 229 बटालियन की संयुक्त टीम के साथ यह ऑपरेशन शुरू किया था।
बीजापुर जिले में गुरुवार को ही नक्सलियों द्वारा लगाए गए एक प्रेशर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) के विस्फोट में सीआरपीएफ की कोबरा इकाई के दो कमांडो घायल हो गए थे।
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