अंतरराष्ट्रीय
वीवो, अन्य फर्मो पर ईडी के छापे का निवेश पर बुरा असर पड़ेगा : चीन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चीनी कंपनियों के परिसरों की तलाशी जारी रखे हुआ है, ऐसे में भारत में चीनी दूतावास के काउंसलर और प्रवक्ता वांग शियाओजियान ने कहा कि भारतीय अधिकारियों द्वारा लगातार जांच की जा रही है। इससे भारत में निवेश करने के लिए चीन सहित अन्य देशों की बाजार संस्थाओं के विश्वास और इच्छा ठंडी पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि चीन-भारत आर्थिक और व्यापार सहयोग का सार पारस्परिक लाभ और जीत के परिणामों पर आधारित है।
झाओ ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा, “चीनी सरकार ने हमेशा चीनी कंपनियों को अपने विदेशी परिचालन में स्थानीय कानूनों और विनियमों का पालन करने के लिए कहा है और चीनी कंपनियों को उनके वैध अधिकारों और हितों को बनाए रखने के लिए मजबूती से समर्थन करेगी।”
उन्होंने कहा, “भारतीय पक्ष को कानूनों और विनियमों के अनुरूप कार्य करना चाहिए और चीनी फर्मो के लिए एक निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करना चाहिए।”
ईडी ने मंगलवार और बुधवार को 22 राज्यों में 44 ठिकानों पर छापेमारी की तो वीवो से जुड़ी कुछ कंपनियों के निदेशक भारत से भाग गए।
सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की एक कंपनी सोलन के दो चीनी निदेशक, जो वीवो से जुड़े थे, संभवत: भारत से भाग गए, क्योंकि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम का मामला दर्ज किया था।
नकली दस्तावेजों के साथ चीनी नागरिकों को भारतीय संस्थाओं में निदेशक बनाया गया था।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन एजेंसी को अब तक छापेमारी के दौरान 10,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग की जानकारी मिली है।
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा, “भारतीय अधिकारियों द्वारा चीनी उद्यमों में लगातार जांच न केवल सामान्य व्यावसायिक गतिविधियों को बाधित करती है और सद्भवना को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि भारत में कारोबारी माहौल के सुधार में भी बाधा डालती है।”
सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है और एक अलग प्राथमिकी दर्ज की है।
वीवो ने पहले कहा था कि वह उन्हें सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में हम कानूनों का पूरी तरह से पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
अप्रैल में ईडी ने कंपनी द्वारा किए गए अवैध जावक प्रेषण के संबंध में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत बैंक खातों में पड़े 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त किए थे।
व्यापार
जीएसटी कटौती से महंगाई में बड़ी गिरावट, खुदरा मुद्रास्फीति दर 8 वर्षों के निचले स्तर पर पहुंची

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में कम होकर 1.54 प्रतिशत हो गई है। यह महंगाई का जून 2017 के बाद सबसे निचला स्तर है। यह जानकारी सरकार की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई।
सितंबर में खुदरा महंगाई दर में अगस्त के मुकाबले 0.53 प्रतिशत की कमी आई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से बताया गया कि खाद्य महंगाई दर सितंबर में -2.28 प्रतिशत रही है। ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर -2.17 प्रतिशत और शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर -2.47 प्रतिशत रही है।
खाद्य महंगाई दर अगस्त में 0.64 प्रतिशत थी।
महंगाई दर में कमी की वजह जीएसटी सुधार को माना जा रहा है, जिससे देश में दैनिक उपभोग से लेकर गाड़ियों तक की कीमतों में कमी देखी गई है।
सरकार की ओर से बताया गया कि सितंबर में आवासीय मुद्रास्फीति 3.98 प्रतिशत रही है, जो कि अगस्त में 3.09 प्रतिशत थी। शिक्षा मुद्रास्फीति की दर सितंबर में 3.44 प्रतिशत रही है, जो कि अगस्त 2025 में 3.60 प्रतिशत थी।
परिवहन और संचार में मुद्रास्फीति दर सितंबर 2025 में कम होकर 1.82 प्रतिशत हो गई है, जो कि अगस्त 2025 में 1.94 प्रतिशत थी। ईंधन और ऊर्जा में खुदरा मुद्रास्फीति दर सितंबर में 1.98 प्रतिशत रही है, जो कि अगस्त में 2.32 प्रतिशत थी।
इस महीने की शुरुआत में आरबीआई एमपीसी के फैसलों का ऐलान करते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वित्त वर्ष 26 के लिए महंगाई दर अनुमान को घटा दिया है।
केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया, जो कि अगस्त एमपीसी में 3.1 प्रतिशत पर था।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के अनुमान को 3.1 प्रतिशत से घटाकर 1.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 4 प्रतिशत कर दिया है।
आरबीआई ने अनुमान में आगे बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 प्रतिशत रह सकती है।
व्यापार
जीएसटी 2.0 का असर! कम एमआरपी और ज्यादा वजन वाले नए पैकेट दिसंबर तक बाजार में आएंगे : पारले

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : जीएसटी सुधार लागू होने के बाद देश की दिग्गज फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनी पारले के उत्पादों के कम एमआरपी और ज्यादा वजन वाले नए पैकेट दिसंबर तक बाजार में आ जाएंगे। यह जानकारी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह ने दी।
एनडीटीवी प्रॉफिट के इग्नाइट कॉन्क्लेव में बोलते हुए शाह ने कहा कि जीएसटी सुधार के बाद एफएमसीजी कंपनियों के लिए कीमतों में बदलाव करना आसान नहीं रहा है। टैक्स कम होने के बाद पैकेट साइज और वजन एवं कीमत को लेकर थोड़ी कन्फ्यूजन की स्थिति है। इस पर विस्तार से चर्चा की गई है और आमतौर पर एफएमसीजी कंपनियों को अपने उत्पादों के पैकेजों में बदलाव करने में लगभग डेढ़ से दो महीने का समय लगता है।
उन्होंने नए पैकेट की टाइमलाइन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि पहले चरण में बड़े और ज्यादा एमआरपी वाले पैकेट्स की एमआरपी को कम किया जाएगा। उसके बाद कम एमआरपी वाले छोटे पैकेट, जिनकी बाजार में हिस्सेदारी करीब 60-70 प्रतिशत है, में बदलाव किया जाएगा। यह ग्राहकों को नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत में धीरे-धीरे दिखने लगेंगे।
कम एमआरपी वाले प्रोडक्ट्स पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि 5 रुपए वाला पैकेट 4.5 रुपए और 10 रुपए वाला पैकेट 9 रुपए का हो सकता है।
नए जीएसटी सुधार 22 सितंबर को लागू हुए थे। इसके तहत, सरकार ने दैनिक उपभोग से लेकर गाड़ियों पर टैक्स में भारी कटौती की थी।
इस महीने की शुरुआत में 15वीं फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन और अर्थशास्त्री एनके सिंह ने कहा था कि जीएसटी सुधार से देश के आम नागरिकों को बढ़ी राहत मिली है। इससे परचेसिंग पावर बढ़ी और साथ ही व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिला है।
सिंह ने कहा, “जीएसटी सुधार का असर दिखने लगा है। इससे परचेसिंग पावर बढ़ी है और आम आदमी को राहत मिली है। इससे बिजनेस और निवेश के माहौल में भी जरूरी सुधार हुआ है और व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिला है।”
उन्होंने आगे कहा, “देश पास एक ऐसा बड़ा बाजार है, जो अभी भी अनछुआ है और यह निजी निवेश और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए बड़ा अवसर पेश करता है।”
अंतरराष्ट्रीय
“सिल्क रोड आर्क” अस्पताल जहाज फ़िजी के लोगों के लिए लाभकारी है: फ़िजी के रक्षा मंत्री

बीजिंग, 6 अक्टूबर : फ़िजी के रक्षा एवं वयोवृद्ध मामलों के मंत्री पियो टिकोदुआदुआ ने हाल ही में कहा कि चीनी नौसेना का “सिल्क रोड आर्क” अस्पताल जहाज फ़िजी के लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हुआ है और यह फ़िजी और चीन के बीच मजबूत मैत्री का एक ज्वलंत उदाहरण है।
“सद्भाव मिशन 2025” के तहत कार्यरत इस अस्पताल जहाज ने 4 अक्टूबर की शाम फ़िजी की राजधानी सुवा में एक डेक रिसेप्शन भी आयोजित किया, जिसमें फ़िजी के उप प्रधानमंत्री प्रसाद, कई कैबिनेट मंत्री, नौसेना कमांडर, विभिन्न देशों के राजदूत, सैन्य अताशे, फ़िजी में चीनी नागरिक और कंपनियों के प्रतिनिधि समेत लगभग 150 लोग शामिल हुए।
पियो टिकोदुआदुआ ने इस अवसर पर “सिल्क रोड आर्क” टीम की व्यावसायिकता और समर्पण की विस्तृत प्रशंसा करते हुए फ़िजी सरकार की ओर से जहाज के समस्त कर्मियों को हार्दिक आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि फ़िजी, जो नए चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला प्रशांत क्षेत्र का पहला द्वीपीय देश था, सदैव दोनों देशों के बीच की इस मेहनत और दोस्ती को संजोता रहा है। वे स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में चीन के साथ व्यावहारिक सहयोग को और अधिक गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
चीन के फ़िजी राजदूत झोउ च्येन ने इस जहाज को सिर्फ स्वास्थ्य की सुरक्षा और आशा का संदेश देने वाला जीवनदायिनी जहाज नहीं बल्कि चीन और फ़िजी के लोगों के बीच दोस्ती का प्रतीक भी बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह जहाज दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने का एक शांति का स्तंभ है।
झोउ च्येन ने जोर देकर कहा कि चीन फ़िजी के साथ मिलकर उनके मूलभूत हितों और अहम चिंताओं का समर्थन जारी रखेगा और अंतर्राष्ट्रीय न्याय व निष्पक्षता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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