अपराध
‘ड्रग्स, दाऊद और मनी लॉन्ड्रिंग’, शिराज़ी की पूछताछ ने खोला भानुमती का पिटारा

मुंबई पुलिस के एंटी एक्सटॉर्शन सेल (एईसी) द्वारा कथित मादक पदार्थों के तस्कर अली असगर शिराज़ी (41) की हालिया गिरफ्तारी ने यूनाइटेड किंगडम के नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले सरगनाओं के बीच महत्वपूर्ण चिंता पैदा कर दी है। इन व्यक्तियों ने कुख्यात वैश्विक आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के साथ व्यापक संबंध स्थापित किए हैं। मुंबई पुलिस के सूत्रों ने बताया कि शिराज़ी की पूछताछ के खुलासे ने इन व्यक्तियों द्वारा रचित आपराधिक गतिविधियों के जटिल जाल को उजागर करते हुए, भानुमती का पिटारा खोल दिया है। इसने कुख्यात आपराधिक संगठन डी कंपनी से जुड़े कई मादक पदार्थों के तस्करों का पर्दाफाश किया है। जांच ने यूनाइटेड किंगडम, भारत और अन्य देशों में उनके निवेश के विवरण का खुलासा किया है, जो उनके व्यापक मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन पर प्रकाश डालते हैं। चल रही जांच के दौरान एक नाम जो सामने आया है वह बॉब खान का है। सुरक्षा सेटअप के सूत्रों के मुताबिक, खान पिछले कुछ सालों से लापता है और माना जाता है कि वह लंदन से संचालन कर रहा है। यह पता चला है कि खान ने पाकिस्तान के जाबिर मोतीवाला के साथ यूनाइटेड किंगडम में दाऊद इब्राहिम के वैश्विक मादक पदार्थों की तस्करी के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पहले, उन्होंने ड्रग लॉर्ड इकबाल मिर्ची के साथ सहयोग किया था, लेकिन अगस्त 2013 में मिर्ची की मृत्यु के बाद, दाऊद ने बॉब खान और जाबिर मोतीवाला की सहायता से अपने संचालन को अपने साम्राज्य में समाहित कर लिया। यह भी ज्ञात है कि खान के दिवंगत जनरल परवेज मुशर्रफ के साथ घनिष्ठ संबंध थे।
यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया, जिसके कारण अगस्त 2018 में अमेरिका में हार्ड ड्रग्स के वितरण में शामिल एक प्रमुख व्यक्ति जाबिर मोती की आशंका हुई, जब जाबिर को यूके पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। एफबीआई ने उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया। हालाँकि, इस अनुरोध को जाबिर के वकीलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से, लंदन में पाकिस्तानी उच्चायोग ने कानूनी कार्यवाही में गहरी दिलचस्पी दिखाई। हैरानी की बात यह है कि एफबीआई ने अचानक प्रत्यर्पण के अपने अनुरोध को वापस ले लिया, भौहें उठाईं। जाबिर कथित तौर पर खराब स्वास्थ्य में है और वर्तमान में कराची में स्थित है, जहां दाऊद इब्राहिम का मुख्यालय है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अपनी बीमारी के बावजूद, जाबिर दाऊद के नशीली दवाओं के कारोबार की देखरेख कर रहा है, जबकि वित्तीय पहलुओं का प्रबंधन बॉब खान द्वारा किया जाता है। इन व्यक्तियों की परस्पर क्रिया उनकी आपराधिक गतिविधियों की जटिल प्रकृति और उनके द्वारा स्थापित नेटवर्क को उजागर करती है। मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के रिकॉर्ड के मुताबिक शिराजी से पूछताछ के दौरान कैलाश राजपूत का नाम भी प्रमुखता से सामने आया था। माना जाता है कि राजपूत आयरलैंड में छिपे हुए हैं।
शिराज़ी द्वारा प्रकट की गई जानकारी के आधार पर, एंटी एक्सटॉर्शन सेल (एईसी) ने गुजरात और राजस्थान में कई दवा-प्रसंस्करण प्रयोगशालाओं के अस्तित्व की खोज की है। ये प्रयोगशालाएँ मेथक्वलोन जैसी दवाओं के उत्पादन और प्रसंस्करण में शामिल थीं, जिन्हें आमतौर पर मैनड्रैक्स के रूप में जाना जाता है। शिराज़ी के संचालन में नियमित कूरियर कंपनियों का उपयोग करके इन दवाओं को दुनिया भर के विभिन्न गंतव्यों में भेजना शामिल था। खुफिया एजेंसियों द्वारा बनाए गए वर्गीकृत डोजियरों ने बॉब खान द्वारा बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन के बारे में व्यापक विवरण प्रकट किया है। इन दस्तावेजों में खान द्वारा अपनी अवैध गतिविधियों में उपयोग की जाने वाली 17 फ्रंट कंपनियों के नामों का खुलासा किया गया है। इसके अतिरिक्त, यह खुलासा हुआ है कि खान ने दाऊद इब्राहिम की ओर से साइप्रस, तुर्की, मोरक्को और स्पेन में बेनामी नामों के तहत महत्वपूर्ण निवेश किया था। जांच ने खान के रिश्तेदारों द्वारा नियंत्रित एक फाउंडेशन को भी प्रकाश में लाया है, जिसे पहले पनामा पेपर्स के रूप में जाने जाने वाले एक अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकारों के ऑपरेशन के दौरान उजागर किया गया था। पनामा पेपर्स की रिपोर्ट ने टैक्स हेवन में अरबों के छायादार धन की जमाखोरी पर प्रकाश डाला, जिसमें कई भारतीय नाम शामिल थे। हालाँकि, कई भारतीय व्यक्तियों के शामिल होने के बावजूद, इस मामले में भारतीय अधिकारियों द्वारा सीमित जाँच की गई है। नार्को टेरर फंडिंग की अपनी जांच के दौरान, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बॉब खान और जाबिर मोती और कैलाश राजपूत के साथ उनके संबंधों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उजागर की।
अपराध
समृद्धि महामार्ग वायरल वीडियो : एमएसआरडीसी ने दी सफाई

मुंबई: (कमर अंसारी) : सोशल मीडिया पर हाल ही में एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियाँ नुकसान पहुँचाने के लिए सड़क पर कीलें लगाई गई हैं। इस वीडियो ने लोगों में चिंता और बहस को जन्म दिया।
महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमएसआरडीसी) ने इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि वायरल वीडियो भ्रामक है और सड़क की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता। एमएसआरडीसी के अनुसार, नियमित निरीक्षण के दौरान इस तरह की कोई घटना दर्ज नहीं हुई है जिसमें जानबूझकर सड़क पर कीलें लगाई गई हों।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि वीडियो को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। साथ ही लोगों से अपील की गई कि बिना पुष्टि के जानकारी साझा न करें, जिससे अनावश्यक डर और भ्रम फैल सकता है। एमएसआरडीसी ने भरोसा दिलाया कि समृद्धि महामार्ग पर निरंतर निगरानी रखी जाती है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर मरम्मत और जाँच की जाती है।
यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो जनमानस पर गहरा असर डाल सकते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि लोग किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सच्चाई अवश्य परखें।
अपराध
दिल्ली: शाहदरा पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई, अवैध शराब जब्त, तीन आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 9 सितंबर। शाहदरा जिला पुलिस की एएसबी सेल ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 5840 क्वार्टर अवैध देसी शराब और एक कार को जब्त करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह पूरी कार्रवाई आगामी त्यौहारी सीजन में कानून व्यवस्था को सुचारू रखने और संगठित अपराधों की रोकथाम के उद्देश्य से की गई।
दरअसल, 6-7 सितंबर की रात शाहदरा एएसबी सेल को सूचना मिली थी कि आनंद विहार इलाके के सूरजमल विहार अथॉरिटी के पास अवैध शराब की खेप लाई जा रही है। सूचना के बाद एसआई अजय तोमर, शाहदरा एएसबी सेल के इंचार्ज के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस कार्रवाई की देखरेख एसीपी ऑपरेशन मोहिंदर सिंह ने की, जबकि शाहदरा डीसीपी ने इसकी निगरानी की। टीम में एएसआई राजकुमार, हेड कांस्टेबल सचिन, नवदीप, कुमार दिव्य वत्स, रोहित, सोनू, मनीष और कांस्टेबल सौरव शामिल थे।
इसी दौरान आबकारी विभाग की टीम भी वाहन को ट्रैक कर रही थी। आबकारी इंस्पेक्टर इंदरपाल, हेड कांस्टेबल अमृत और महिला हेड कांस्टेबल नीलम मौके पर पहुंचे और संयुक्त प्रयासों से पुलिस ने आरोपी कमल (26), निवासी जेलोर वाला बाग, अशोक विहार, दिल्ली को पकड़ लिया। उसके कब्जे से भारी मात्रा में अवैध शराब और वाहन बरामद किया गया। इस संबंध में आनंद विहार थाने में एफआईआर संख्या 407/25 दर्ज की गई है।
पूछताछ में कमल ने कबूल किया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले का रहने वाला है और पेशे से ड्राइवर है। बेरोजगारी के चलते वह करीब 2-3 महीने पहले वजीरपुर में जॉनी और किशन उर्फ सुदामा से मिला था। उन्होंने उसे 20 हजार मासिक वेतन पर अवैध शराब सप्लाई करने का काम दिया। जॉनी हरियाणा से शराब लाता था और कमल व किशन उर्फ सुदामा के जरिए दिल्ली में सप्लाई कराता था।
पुलिस ने आगे की जांच में किशन कुमार उर्फ सुदामा (24), निवासी बुराड़ी और मूल निवासी मुंगेर, बिहार को भी गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों ने बताया कि 6 सितम्बर को जॉनी ने 122 कार्टन शराब कुंडली में भेजी थी, जिसे टाटा ऐस में डालकर दिल्ली लाया गया। इस खेप में से 6 कार्टन राजीव उर्फ़ मोनू को शक्ति नगर की गुड़ मंडी में पहुंचाई गई थी। इसके आधार पर पुलिस ने राजीव उर्फ मोनू (38), निवासी शक्ति नगर, दिल्ली को भी गिरफ्तार किया। उसके पास से 40 क्वार्टर ‘रेस 7 – फॉर सेल इन हरियाणा ओनली’ शराब बरामद हुई।
छापेमारी के दौरान कुल 5,000 क्वार्टर (100 पेटी) देशी शराब ‘संतरा’, 440 क्वार्टर (8 पेटी) ‘रेस-7’, 400 क्वार्टर (8 पेटी) ‘नाइट ब्लू’ और सप्लाई के लिए उपयोग की जाने वाली कार बरामद की गई।
आरोपी कमल 10वीं तक पढ़ा है और लेबर का काम करता था, लेकिन आसान पैसे कमाने के लालच में शराब तस्करी में शामिल हो गया। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वहीं, किशन कुमार उर्फ सुदामा पहले भी दो बार आबकारी अधिनियम के तहत पकड़ा जा चुका है। राजीव उर्फ मोनू के खिलाफ पहले से तीन केस दर्ज हैं।
पुलिस ने बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड जॉनी फिलहाल फरार है। हरियाणा के सोनीपत जिले के असावरपुर स्थित उसके घर पर छापा मारा गया, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उसकी तलाश और बाकी खेप की बरामदगी के प्रयास जारी हैं। शाहदरा पुलिस ने कहा कि त्योहारों से पहले अवैध शराब और संगठित अपराधों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा ताकि कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा बनी रहे।
अपराध
मुंबई में फर्जी विधायक का पर्दाफाश: शासकीय सुविधा लेने का आरोप, केस दर्ज

मुंबई, 9 सितंबर। मुंबई से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति अपनी निजी गाड़ियों पर विधानसभा सदस्य और महाराष्ट्र शासन का स्टिकर लगाकर न केवल नकली विधायक बनकर घूम रहा था, बल्कि टोल छूट समेत कई सरकारी सुविधाओं का अनुचित लाभ भी ले रहा था। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
शिकायत मिलने के बाद वडाला टीटी पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी की पहचान मानव व्यंकटेश मुन्नास्वामी के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में सेवानिवृत्त कर्मचारी और सामाजिक कार्यकर्ता बाबूराव गंगाराम सुलम (59) ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता में बताया कि आरोपी ने अपनी निजी कारों पर हरे रंग का गोल ‘विधानसभा सदस्य’ लोगो लगाया था, जिसके बीच में भारत सरकार का अशोक स्तंभ भी बना हुआ था। इतना ही नहीं, उसने अपनी गाड़ियों पर ‘महाराष्ट्र शासन’ लिखी विशेष नामपट्टी भी लगाई हुई थी, जो केवल अधिकृत सरकारी वाहनों को ही दी जाती है।
शिकायतकर्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि मानव व्यंकटेश किसी भी प्रकार का जनप्रतिनिधि नहीं है, न ही वह किसी शासकीय पद पर है। बावजूद इसके, वह जनता और प्रशासन के बीच खुद को लोकप्रतिनिधि के तौर पर प्रस्तुत करता है। यह कदम न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि शासकीय पदों और अधिकारों का दुरुपयोग कर सरकारी तंत्र को गुमराह करने की साजिश भी है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने इस फर्जीवाड़े का इस्तेमाल टोल छूट और अन्य शासकीय सुविधाएं हासिल करने के लिए किया।
वडाला टीटी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, शासकीय प्रतीक अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटाया जा रहा है और जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।
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