राजनीति
उत्तर प्रदेश की 172 सीटों पर हुई चर्चा , शानदार तरीके से जीतेंगे चुनाव : केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उम्मीदवारों के चयन के लिए दिल्ली में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में 172 सीटों को लेकर चर्चा हुई। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होने कहा कि केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बहुत सार्थक चर्चा हुई।
केशव प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि इस बार भी भाजपा को उत्तर प्रदेश में शानदार जीत मिलने जा रही है। उन्होने कहा कि 2017 में जैसी विजय भाजपा को मिली थी उससे भी कहीं ज्यादा शानदार जीत 2022 में भाजपा को मिलने जा रही है।
गुरुवार को हुई बैठक में जिन 172 सीटों को लेकर चर्चा हुई , उन सीटों पर राज्य में पहले , दूसरे और तीसरे चरण में ही मतदान होना है। बताया जा रहा है कि इन सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लगभग फाइनल कर दिया गया है और शुक्रवार को भाजपा उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। चुनाव आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार , प्रदेश में पहले चरण में 10 फरवरी को 58 सीटों पर, दूसरे चरण में 14 फरवरी को 55 सीटों पर और तीसरे चरण में 20 फरवरी को 59 सीटों पर मतदान होना है। पहले तीनों चरण में कुल मिलाकर 172 सीटों पर चुनाव होना है।
आईएएनएस को मिली जानकारी के मुताबिक , भाजपा की पहली सूची में पहले और दूसरे चरण में चुनाव वाली सीटों के उम्मीदवारों के नाम का ही एलान किया जाएगा। पहले और दूसरे चरण में कुल मिलाकर 113 सीटों पर चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि रणनीति के तहत भाजपा अपनी पहली लिस्ट में लगभग 95 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर सकती है। बची हुई 18 सीटों पर इसके कुछ दिन बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी।
प्रदेश में पहले चरण के तहत 10 फरवरी को 58 सीटों पर मतदान के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 जनवरी और दूसरे चरण के तहत 14 फरवरी को 55 सीटों पर मतदान के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 28 जनवरी है।
भाजपा के इतिहास में पहली बार गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति की हाइब्रिड बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए वहीं पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह, चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा और सुनील बंसल सहित कई नेता बैठक के लिए भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मौजूद रहे।
कोविड पॉजिटिव होने की वजह से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह एवं नितिन गडकरी के अलावा चुनाव समिति के कई अन्य सदस्य वर्चुअली ही बैठक में शामिल हुए।
राजनीति
कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने हिंदू धर्म को बदनाम किया: विधायक रामकदम

मुंबई, 1 अगस्त। भाजपा विधायक रामकदम ने मालेगांव विस्फोट मामले में बरी हुए आरोपियों को लेकर शुक्रवार को तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मिडिया से बातचीत में दावा किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ‘भगवा आतंकवाद’ की परिभाषा गढ़कर हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश की, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, न्यायालय ने इन्हें अपने फैसले से जोरदार तमाचा मारा।
विधायक रामकदम ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में रहते हुए हमेशा सनातन धर्म को धूमिल करने की कोशिश की। इन लोगों ने हमेशा से ही सनातन धर्म की गरिमा पर प्रहार किया। साथ ही, साध्वी प्रज्ञा को प्रताड़ित भी किया गया। साजिश के तहत हमारे कई नेताओं का नाम शामिल किया गया।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, संघ के सरसंघचालक का भी नाम शामिल किया गया है। उन पर कई तरह के आरोप लगाए गए। कांग्रेस सनातन धर्म को उभार देने के मकसद से उठ रही आवाजों को दबाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम कांग्रेस के इस ख्वाब को किसी भी कीमत पर मुकम्मल नहीं होने देंगे। सनातन धर्म हमेशा फलीभूत होता रहेगा।
रामकदम ने मालेगांव ब्लास्ट मामले के संदर्भ में आए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि देर से ही सही, लेकिन आखिर हमें कोर्ट से न्याय मिला और कांग्रेस की उस सोच को भी जोरदार तमाचा लगा है, जिसके तहत उन्होंने सनातन धर्म की गरिमा पर प्रहार करने की कोशिश की थी।
उन्होंने दावा किया कि मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि जिस तरह की जांच अधिकारियों की ओर से इस मामले के संदर्भ में की गई है, उससे उनकी भूमिका संदिग्ध नजर आती है। कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की, मुझे लगता है कि अब ऐसे सभी नेताओं को सामने आना चाहिए। यही नहीं, कांग्रेस को अपने किए को लेकर देश के हिंदू समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।
महाराष्ट्र
‘बायकोवर का जातोय?’: विरार-दहानू मुंबई लोकल ट्रेन में पुरुषों के बीच कुश्ती, मुक्के, थप्पड़-मारपीट

मुंबई: सोमवार, 28 जुलाई को विरार-दहानू लोकल ट्रेन में दो व्यक्तियों के बीच मारपीट की एक परेशान करने वाली घटना सामने आई। यह झगड़ा तब शुरू हुआ जब ट्रेन में चढ़ते समय दोनों व्यक्तियों के बीच हाथापाई हो गई, जो बाद में कुश्ती जैसी स्थिति में बदल गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह विवाद तब शुरू हुआ जब वैतरणा और सफाले स्टेशनों के बीच चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में दोनों पुरुषों ने एक-दूसरे को धक्का-मुक्की की। स्थिति जल्द ही बेकाबू हो गई और दोनों पुरुषों के बीच हाथापाई हो गई। जब एक अन्य यात्री ने बीच-बचाव कर झगड़ा रोकने की कोशिश की, तो उसने आश्चर्यजनक रूप से दोनों पुरुषों को थप्पड़ मारना और पीटना शुरू कर दिया। इस अप्रत्याशित मोड़ ने आग में घी डालने का काम किया और ट्रेन के डिब्बे में और भी अफरा-तफरी मच गई। दूसरे व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति को पीटते हुए देखा जा सकता है, और दावा किया जा रहा है कि उसने उसकी पत्नी का अपमान करके उसके साथ दुर्व्यवहार किया और बार-बार कह रहा था, “बायकोवर का जातोय” (मराठी में जिसका अर्थ है ‘तुम मेरी पत्नी को क्यों घसीट रहे हो?’)।
इस घटना का वीडियो साथी यात्रियों ने बना लिया और यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में दो लोग एक-दूसरे को धक्का देते और मारते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि अन्य यात्री बीच-बचाव करके झगड़ा रोकने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रेन के डिब्बे में सुरक्षाकर्मियों की कमी के कारण स्थिति बिगड़ गई।
अभी तक, इस घटना पर रेलवे अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस प्रतिक्रिया की कमी ने लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
यह घटना लोकल ट्रेनों में, खासकर व्यस्त समय के दौरान, बेहतर भीड़ प्रबंधन और अनुशासन के सख्त पालन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। मुंबई की लोकल ट्रेनों में भीड़भाड़ एक बड़ी समस्या है, और ऐसी घटनाओं के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
इसी साल की शुरुआत में डोंबिवली से सीएसएमटी जा रही एक लोकल ट्रेन के महिला डिब्बे में महिलाओं के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। यह झगड़ा बैठने के विवाद को लेकर शुरू हुआ और जल्द ही मारपीट में बदल गया।
मारपीट के वायरल वीडियो ने इंटरनेट पर लोगों में आक्रोश और चिंता पैदा कर दी है, जिससे लोकल ट्रेनों में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी कदम उठाने चाहिए।
महाराष्ट्र
मालेगांव बम धमाका एक इस्लामी आतंकवादी है और रहेगा… महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का ज़हरीला हमला, भागवत को फंसाने की साज़िश का पर्दाफ़ाश

मुंबई: मुंबई मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को फंसाने और इस मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश का बचाव करते हुए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अदालत ने इस तथ्य पर मुहर लगा दी है कि भगवा आतंकवाद जैसी कोई चीज नहीं है और गैर-हिंदू कार्यकर्ताओं को सत्तारूढ़ यूपीए सरकार के इशारे पर एटीएस द्वारा फंसाया गया था ताकि इस्लामी आतंकवाद की अवधारणा को खत्म किया जा सके और इससे ध्यान हटाकर हिंदू आतंकवादियों और भगवा आतंकवादियों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा कि इस्लामी आतंकवाद है और रहेगा। इस्लामी आतंकवाद बढ़ रहा था और 9/11 के हमलों के बाद, भगवा आतंकवाद का एजेंडा सार्वजनिक किया गया ताकि कांग्रेस अपने पारंपरिक वोट बैंक को बढ़ा सके। उन्होंने कहा कि हिंदू आतंकवाद की साजिश अब उजागर हो गई है और परत दर परत पर्दा उठ रहा है। उन्होंने कहा कि मालेगांव बम विस्फोटों में निर्दोष लोगों को फंसाया गया था और अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है। फडणवीस ने इस मामले में कांग्रेस पर आरोप लगाया। उन्होंने हिंदुओं को माफी मांगने की सलाह दी है।
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