अंतरराष्ट्रीय
दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलने पर देंगे सफाई

दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज और बांग्लादेश के मुस्तफिजुर रहमान ने कहा है कि वह जल्द ही अपने देश के क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों से बात करेंगे और देश के लिए रेड-बॉल क्रिकेट नहीं खेलने के बारे में सफाई देंगे। 26 वर्षीय गेंदबाज ने कहा कि वह आने वाले कई वर्षों तक बांग्लादेश क्रिकेट की सेवा करना चाहते हैं और स्वस्थ और फिट रहने के लिए उन्हें अपने खेल को चुनना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “मेरे लिए स्वस्थ रहना महत्वपूर्ण है। अगर मैं लंबे समय तक बांग्लादेश टीम को अपनी सेवाएं देना चाहता हूं, तो फिट रहना महत्वपूर्ण है और फिट रहने के लिए मुझे लगता है कि तीन प्रारूपों में से एक को चुनना सबसे अच्छा तरीका है।”
मुस्तफिजुर ने हाल के दिनों में कई टेस्ट मैचों से बाहर होने का विकल्प चुना है, जिससे संदेह है कि वह सबसे लंबे प्रारूप को छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
लेकिन बंगाली दैनिक अजकर पत्रिका से बात करते हुए मुस्तफिजुर ने कहा, “मैं बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को टेस्ट क्रिकेट खेलने के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दूंगा अगर वे इसके बारे में जानना चाहते हैं।”
उन्होंने आखिरी बार फरवरी 2021 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में बांग्लादेश के लिए टेस्ट मैच खेला था। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) द्वारा प्रारूप पर अनुबंध शुरू करने का फैसला करने के बाद मुस्तफिजुर ने लाल गेंद के अनुबंध से बाहर हो गए। इसके बाद, वह जिम्बाब्वे के खिलाफ एकतरफा टेस्ट और पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की श्रृंखला से चूक गए और अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह फिर से सबसे लंबा प्रारूप नहीं खेलेंगे।
मुस्तफिजुर ने कहा, “मैं देख रहा हूं कि मेरे सीनियर्स ने बीसीबी अध्यक्ष के साथ बात की थी और मैं बोर्ड अध्यक्ष से भी बात करूंगा। हालांकि वह पूरी स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। बीसीबी ने मुझे कभी इसके लिए मजबूर नहीं किया। मेरे पास टेस्ट क्रिकेट खेलने का अनुबंध नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने अपनी सफलता को ध्यान में रखते हुए अपना प्रारूप चुना और रिकॉर्ड के अनुसार टी20 और एकदिवसीय मैचों में मेरी सफलता अधिक है और यही कारण है कि मैं इन दो प्रारूपों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। दुनिया में, बहुत सारे क्रिकेटर अपने करियर को लंबा करने के लिए प्रारूप चुन रहे हैं। एक विशिष्ट खिलाड़ी के आधार पर एक टीम का गठन नहीं किया जा सकता है।”
मुस्तफिजुर का यह भी मानना है कि उनकी उपलब्धता टेस्ट क्रिकेट में बांग्लादेश की गेंदबाजी इकाई को प्रभावित नहीं करेगी और आईसीसी के अनुसार प्रबंधन को कार्यभार को कम करने के लिए सफेद गेंद और लाल गेंद वाले क्रिकेट के लिए अलग-अलग इकाइयों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए।
मुस्तफिजुर ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में 14 टेस्ट मैच खेले हैं और 30 विकेट लिए हैं। उन्होंने 74 वनडे और 63 टी20 भी खेले हैं, जिसमें क्रमश: 131 और 87 विकेट लिए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
अंतरराष्ट्रीय
वाघा सीमा पहुंचे पर्यटक बोले- ‘ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को जवाब, हमारी सेना ने अच्छा किया’

अमृतसर, 7 मई। भारत-पाकिस्तान सीमा पर प्रतिदिन आयोजित होने वाले रिट्रीट समारोह को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है। बॉर्डर पर अभी भी बड़ी संख्या में उत्सुक लोग जुट रहे हैं। बुधवार का दिन इनके लिए खास था। सभी ने एक सुर में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की।
पर्यटकों ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। वह भारत में हमले करता था, जिसके कारण भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है।
एक पर्यटक ने बताया कि हम रिट्रीट समारोह स्थल देखने आए थे। समारोह रोका गया है और सुरक्षा के लिहाज से हम इस निर्णय को समझते हैं। हमें खुशी है कि भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है।
महिला पर्यटक ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए इस कदम की सराहना करते हैं।
एक अन्य पर्यटक ने बताया कि हमें बताया गया है कि रिट्रीट समारोह नहीं होगा। हमें जो भी निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन किया जाएगा। मैं खुश हूं कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाया है, वह सराहनीय है।
स्थानीय निवासी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले का बदला एयर स्ट्राइक से लिया है। लोगों में इस हमले को लेकर काफी उत्साह है और बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले लोग 1965 और 1971 की जंग से वाकिफ हैं। वे भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। मगर, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आता है।
बता दें कि बीएसएफ ने किसी भी पर्यटक को इंटर-गैपिंग चेक पोस्ट से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। रिट्रीट समारोह को अगली सूचना तक पर्यटकों के लिए बंद किया गया है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। इस कार्रवाई के बीच, गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की है कि भारत ने अगले आदेश तक करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया है।
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