राजनीति
दिल्ली सर्वदलीय बैठक : भाजपा ने लगाए बदइंतजामी के आरोप, कांग्रेस बाजार बंद करने के खिलाफ

दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। सर्वदलीय बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस हुई। कांग्रेस व भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कोरोना इंतजामों में लापरवाही के आरोप लगाए। बैठक में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी शामिल हुए।
इस सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के बाजारों को फिर से बंद किए जाने का विरोध किया। कांग्रेस पार्टी के मुताबिक बाजारों को बंद करना या फिर से लॉकडाउन लगाना सही नहीं है। इससे व्यापारी वर्ग को होने वाले घाटे के अलावा लाखों लोगों के रोजगार पर भी संकट पैदा हो जाएगा।
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, 8 महीने बाद आपको सर्वदलीय बैठक बुलाने की याद आई। इस महामारी के समय में दिल्ली सरकार को जो काम करना चाहिए था, वह नहीं कर पाए। जिस तरह से नंबर ऑफ आईसीयू बेड बढ़ाने की बात थी, टेस्टिंग की बात थी, वह नहीं की गई। कांटेक्ट ट्रेसिंग दिल्ली सरकार का स्वास्थ विभाग बिल्कुल नहीं कर पाया। होम आइसोलेशन में जो लोग रह रहे हैं उन्हें भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिली। आपने 6 महीने में सवा सौ करोड़ रुपए विज्ञापन पर खर्च किए, लेकिन आपने आईसीयू बेड की संख्या नहीं बढ़ाई। आपने दिल्ली में वेंटिलेटर नहीं बढ़ाए। दिल्ली में कोरोना से इतनी मौतें हो रही हैं यदि दिल्ली सरकार समय पर कदम उठाती तो इन्हें रोका जा सकता था।
इसके अलावा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, पूर्वांचल के लोगों के लिए छठ आस्था और विश्वास का महापर्व है। संक्रमण के समय दिल्ली को छठी मैया के आशीर्वाद की जरूरत है। मैं दिल्ली सरकार से आग्रह करता हूं कि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वो उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका डालें और घाटों पर छठ मनाने की अनुमति दें।
इस बीच दिल्ली से भाजपा सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, दिल्ली सरकार कोरोना पर दोगलापन कर रही है। वहीं दिल्ली से आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, दिल्ली में सरकार जो भी कर रही है वह केंद्र सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइन के मुताबिक किया जा रहा है।
बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी राजनीतिक दलों को बताया कि फिलहाल दिल्ली में किसी भी बाजार को बंद किए जाने का प्रस्ताव नहीं है। न ही सरकार दिल्ली में दोबारा से लॉकडाउन लगाने जा रही है। कोई भी कदम उठाने से पहले मार्केट एसोसिएशन से चर्चा की जाएगी और मार्केट के दुकानदारों को भरोसे में लिया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में आईसीयू बेड की कमी है जिसे विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर दूर करने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी विपक्षी दलों से राजनीति न करने की भी अपील की।
इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उपराज्यपाल द्वारा बुलाई गई बैठक में, कोरोना रोगियों के लिए अधिक बेड की व्यवस्था करने, कोरोना टेस्टिंग का दायरा व्यापक बनाने, रोगियों के लिए तुरंत एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने और कोरोना संबंधी जानकारियां सामान्य जनता पहुंचाने जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
अपराध
मुंबई: पवई पुलिस ने अश्लील तस्वीरों का इस्तेमाल कर विदेश में महिला को ब्लैकमेल करने के आरोप में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की

मुंबई: पवई पुलिस ने विदेश में पढ़ाई कर रही 23 वर्षीय युवती को अश्लील तस्वीरों के ज़रिए ब्लैकमेल करने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। आरोपी ने कथित तौर पर युवती की मां के नाम से एक फर्जी स्नैपचैट अकाउंट बनाया और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, हीरानंदानी निवासी पीड़िता वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है। फरवरी में, उसे स्नैपचैट पर अपनी माँ के नाम से बने एक अकाउंट से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। प्रोफाइल में उसकी माँ की तस्वीरें और परिवार की जानकारी थी, इसलिए उसने सोचा कि यह असली है और रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली।
हालाँकि, यह खाता वास्तव में किसी अज्ञात व्यक्ति का था जो फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से निगरानी कर रहा था।
5 फ़रवरी को, उस व्यक्ति ने उसे धमकाना शुरू कर दिया और दावा किया कि उसके पास उसकी अश्लील तस्वीरें हैं और वह उन्हें सार्वजनिक कर देगा। घबराई पीड़िता ने भारत में अपनी माँ से संपर्क किया और पता चला कि वह अकाउंट फ़र्ज़ी है।
राष्ट्रीय समाचार
जापान, भारत में निवेश दोगुना करने की बना रहा योजना, पीएम मोदी की यात्रा पर हो सकती है घोषणा : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 22 अगस्त। जापान सरकार अगले 10 वर्षों में निजी क्षेत्र के जरिए भारत में 10 ट्रिलियन येन (68 अरब डॉलर) का निवेश करने की योजना बना रही है। यह जानकारी टोक्यो की एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई।
जापान के ‘द असाही शिंबुन’ अखबार में सूत्रों के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त को टोक्यो में अपनी बैठक के दौरान इस नए लक्ष्य की पुष्टि कर सकते हैं।
यह योजना जापान के वर्तमान लक्ष्य का विस्तार करेगी, जिसके तहत वह पांच वर्षों में 5 ट्रिलियन येन का निवेश किया जाना है। इसकी घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मार्च 2022 में अपनी भारत यात्रा के दौरान की थी।
प्रधानमंत्री मोदी और उनके जापानी समकक्ष के बीच शिखर वार्ता के बाद जारी किए जाने वाले संयुक्त बयान में इस नए निवेश लक्ष्य को शामिल किए जाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी 29 अगस्त से जापान की तीन दिवसीय यात्रा पर होंगे, जो मई 2023 में हिरोशिमा में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद उनकी पहली यात्रा होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जापानी कारोबारियों ने तब से हर वित्तीय वर्ष में भारत में औसतन लगभग 1 ट्रिलियन येन का निवेश किया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों सरकारें एक आर्थिक सुरक्षा पहल शुरू करने की भी योजना बना रही हैं, जो आर्थिक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक नया द्विपक्षीय सहयोग ढांचा है, जिसमें महत्वपूर्ण सामग्रियों की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करना और मुख्य बुनियादी ढांचे की सुरक्षा की गारंटी देना जैसी चीजें शामिल होंगी।
यह पहल सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिज, दूरसंचार, स्वच्छ ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और एआई जैसे वैज्ञानिक क्षेत्रों सहित प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता देगी।
असाही शिंबुन की रिपोर्ट में कहा गया है कि एआई तकनीक और स्टार्टअप्स में सहयोग को विशेष रूप से आगे बढ़ाने के लिए एक एआई सहयोग पहल की स्थापना की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, डिजिटल पार्टनरशिप 2.0 नामक एक परियोजना विकसित की जाएगी, जिससे मैन्युफैक्चरिंग से परे आर्थिक सहयोग का विस्तार करके सेमीकंडक्टर, एआई और स्टार्टअप्स जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों को शामिल किया जा सके।
राष्ट्रीय समाचार
कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका

suprim court
नई दिल्ली, 22 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बिहार एसआईआर को लेकर अहम सुनवाई है। इससे ठीक पहले एक अहम जनहित याचिका ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी है। याचिकाकर्ता सतीश कुमार अग्रवाल ने चुनाव आयोग के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाली कांग्रेस की मान्यता रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल डाली है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी के आरोप बेहद गंभीर और गैर जिम्मेदाराना हैं। इन दोनों ने एक संवैधानिक संस्था की साख को ठेस पहुंचाने की कोशिश की है और ऐसे में न सिर्फ पार्टी की मान्यता रद्द हो बल्कि इनके दुष्प्रचार की जांच एसआईटी से कराई जाए।
दावा है कि कांग्रेस पार्टी ने संविधान के प्रति वफादारी की शपथ को तोड़ा है। याचिका में कुछ नियमों का हवाला दिया गया है। कहा गया है कि कांग्रेस ने अपनी स्थापना के समय भारत के संविधान के प्रति निष्ठा बनाए रखने की शपथ ली थी। हालांकि, ईसीआई के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान इस शपथ का उल्लंघन करता है और आयोग के कार्यों को गैरकानूनी तरीके से बाधित करने की कोशिश कर रहा है।
नियमों का हवाला देते हुए पीआईएल कहती है- निर्वाचन आयोग को देशभर में मतदाता सूची तैयार करने और संशोधन करने का विशेष अधिकार प्राप्त है, जो प्रतिनिधित्व जनता अधिनियम, 1951 और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में त्वरित सुनवाई की मांग उठाई है।
याचिकाकर्ता ने कांग्रेस के कुछ नेताओं के खिलाफ चलाए जा रहे ‘दुष्प्रचार’ की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराई जाए और उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
शुक्रवार को देश की शीर्ष अदालत चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करेगी। यह इस बात की समीक्षा करेगी कि क्या मतदाता सूची के परीक्षण का काम बिहार में सही तरीके से किया जा रहा है।
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