राजनीति
दिल्ली : 56 फीसदी लोगों ने ‘आप’ सरकार (2.0) के एक साल के प्रदर्शन को सराहा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 56 प्रतिशत लोगों ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के दूसरे कार्यकाल में पहले वर्ष के प्रदर्शन को सराहा है। लेकिन, यह प्रतिशत पिछले साल के मुकाबले 8 प्रतिशत नीचे खिसका है। विगत 12 महीनों में यह प्रतिशत 68 से नीचे लुढ़ककर 56 पर आ पहुंचा है।
‘लोकल सर्किल्स’ के एक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली के 56 फीसदी लोग आप सरकार के एक साल के प्रदर्शन से खुश हैं। इनमें से 12 प्रतिशत लोगों ने सरकार के कामकाज को “उत्कृष्ट” बताया, 12 प्रतिशत ने “बहुत अच्छा”, 16 प्रतिशत ने “अच्छा” और अन्य 16 प्रतिशत ने इसे “औसत” बताया। 14 फीसदी लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने इसे “खराब” कहा, 26 प्रतिशत ने “बहुत खराब” कहा, जबकि 4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि “कुछ कह नहीं सकते”। हालांकि, आप सरकार के लिए यह रेटिंग पिछले साल की तुलना में कम हो गई है।
पिछले 4 वर्षों के सर्वेक्षण परिणामों की तुलना करने पर पता चलता है कि 2018 में दिल्ली के 36 प्रतिशत लोगों ने आप सरकार के प्रदर्शन को सराहा था। यह रेटिंग 2019 में 3 प्रतिशत कम होकर 35 प्रतिशत पर आ गई।
हालांकि 12 महीने पहले दिल्ली के 68 प्रतिशत लोग आप सरकार के समग्र प्रदर्शन से खुश थे, लेकिन बाद में इसमें 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बहरहाल, लोगों ने सरकार की स्वास्थ्य सेवा, स्कूली शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में सुशासन के कार्यों की सराहना की, और सरकार को 2020 के चुनावों में फिर से चुने जाने की इच्छा व्यक्त की।
‘लोकल सर्किल्स’ के सर्वे के मुताबिक, आप सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में वर्ष 2020 के दौरान कोविड महामारी से निपटने के लिए यथोचित प्रदर्शन किया है। उसके इस प्रदर्शन को 56 प्रतिशत लोगों ने सराहा है।
सर्वे में कहा गया है कि अगर आप सरकार दिल्ली को कोविड महामारी के दूसरे लहर का अनुभव नहीं कराना चाहती है तो इसे वैसे ही प्रदर्शन करना होगा जैसे कि केजरीवाल और उनकी सरकार ने स्कूली शिक्षा व हेल्थकेयर के क्षेत्र में किया है। इसके साथ ही उन्हें अपनी सरकार के अन्य सभी विभागों के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है। सर्वे में कहा गया है कि अधिक से अधिक टीकाकरण, दिल्ली की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, और दिल्ली में हर घर के लिए आजीविका सुनिश्चित करने की दिशा में तत्काल पहल करने की दरकार है।
सर्वे के अनुसार, दिल्ली के 52 प्रतिशत लोग कोविड महामारी के दौरान आप सरकार के लॉकडाउन व अनलॉक प्रबंधन, कोविड-19 परीक्षण व रिपोटिर्ंग, और कोविड अस्पतालों में सुविधाओं के प्रबंधन से भी खुश हैं।
47 प्रतिशत लोगों ने बिजली आपूर्ति की स्थिति में कुछ सुधार पाया; 37 प्रतिशत ने जलापूर्ति की स्थिति में कुछ सुधार पाया गया; और 35 प्रतिशत लोगों ने पिछले एक साल में दिल्ली सरकार के वायु गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों को भी सराहा।
कोविड महामारी के दौरान 58 फीसदी लोगों ने दिल्ली सरकार के स्कूलों और शिक्षा के प्रबंधन को सराहा। 43 प्रतिशत लोगों को पिछले 1 साल में दिल्ली सरकार के अधीन विभागों को रिश्वत देनी पड़ी।
दिल्ली सरकार के सत्ता में आने की वर्षगांठ पर हर साल ‘लोकल स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल’ एकमात्र ऐसा मंच होता है जो दिल्ली के नागरिकों के पास जाता है और सरकार के प्रदर्शन को लेकर उनसे सवाल करता है। लोगों की रायशुमारी से यह बात स्पष्ट होती है कि जनता सरकार के प्रदर्शन के बारे में क्या सोचती है और इससे सरकार को भी यह पता चलता है कि कहां-कहां खामियां रह गईं और किन बिंदुओं पर अभी काम करने की जरूरत है।
अरविंद केजरीवाल की आप सरकार को फरवरी, 2020 में फिर से चुना गया। 16 फरवरी, 2021 को उनकी सरकार के (दूसरे कार्यकाल में) 1 साल पूरे हो रहे हैं। बहरहाल, सरकार के प्रदर्शन के बारे में जानने के लिए दिल्ली के सभी 11 जिलों में रहने वाले 54,000 लोगों से प्रतिक्रियाएं ली गइर्ं। दिल्ली के 52 प्रतिशत लोगों ने महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के लॉकडाउन और अनलॉक प्रबंधन को सराहा।
राजनीति
हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी

पटना, 7 अप्रैल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि हिंदुस्तान की सच्चाई की रक्षक संविधान है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर ऐसे कई महापुरुष हैं, जिन्हें हिंदुस्तान मानता है। भीमराव अंबेडकर ने दलितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें दलितों ने ही सिखाया। उन्होंने उनके दर्द को समझा और उसके बाद उनकी लड़ाई लड़ी।
राहुल गांधी ने पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि जो गरीब लोग हैं, जो कमजोर लोग हैं, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित इन सबको जोड़कर, इज्जत देकर आगे बढ़े। कांग्रेस पार्टी को जिस गति और जिस मजबूती से बिहार में काम करना चाहिए था, वो नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हम अपनी गलती से समझे हैं और अब हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित को लेकर हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने तेलंगाना के जातीय गणना को पारदर्शी बताते हुए कहा कि वहां जाति का पूरा का पूरा डेटा हमारे हाथ में है। बहुत सारे लोग बहुत तरह की बात करते हैं कि जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम लोग चाहते हैं कि देशभर में जातीय जनगणना हो।
उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि आज तेलंगाना में देखेंगे तो वहां बड़ी कंपनियों के मालिक, उसके सीईओ, प्रबंधन में ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित के लोग नहीं मिलेंगे, लेकिन मजदूर वर्ग की सूची में यही लोग मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं 50 फीसदी आरक्षण की इस दीवार को तोड़कर फेंक दूंगा। इस देश को दस-पंद्रह लोग चला रहे हैं। जातीय जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है, इससे देश की सच्चाई पता चलेगी।
उन्होंने एक आईआईटी प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही आप डॉक्टर, प्रोफेसर या कोई बड़े आदमी बन जाएं, मगर सिस्टम आपको आपका काम सही से नहीं करने देगा। अगर आप डॉक्टर हैं, दलित वर्ग से आते हैं और कोई अस्पताल खोलना चाहते हैं, तो आपको लोन नहीं मिलेगा। बैंक से लोन मिल भी जाएगा तो ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देंगे। उन्होंने इस सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो बिहार में हुआ है और जो आज बिहार में हो रहा है, जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है, उससे हम लड़ रहे हैं और उसे हम हराने जा रहे हैं।
राजनीति
पीएम मुद्रा योजना में 10 वर्षों में बांटे गए 32 लाख करोड़ रुपए से अधिक के लोन

नई दिल्ली, 7 अप्रैल। पीएम मुद्रा योजना के तहत 10 वर्षों में 32.61 लाख करोड़ रुपए वैल्यू के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई।
पीएम मुद्रा योजना 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च हुई थी और मंगलवार को इस योजना को 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस योजना से छोटे शहरों और गांवों तक कारोबार को बढ़ाने में मदद मिली है। इससे पहली बार कारोबार करने वाले लोगों को प्रोत्साहन मिला है।
एसकेओसीएच की “आउटकम्स ऑफ मोदीनॉमिक्स 2014-24″ रिपोर्ट के अनुसार, ”2014 से हर साल औसतन कम से कम 5.14 करोड़ व्यक्ति-वर्ष रोजगार सृजित हुए हैं, जिसमें अकेले पीएमएमवाई ने 2014 से प्रति वर्ष औसतन 2.52 करोड़ स्थिर और टिकाऊ रोजगार जोड़े हैं। इस परिवर्तन का एक उदाहरण जम्मू-कश्मीर है, इसे मुद्रा योजना के तहत अत्यधिक लाभ हुआ है और 20,72,922 मुद्रा लोन स्वीकृत किए गए हैं।”
वित्त मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, ”इस योजना से महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिली और 70 प्रतिशत से अधिक लोन महिला उद्यमियों द्वारा लिए गए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ी है और लैंगिक समानता में योगदान मिला है।”
पीएम मुद्रा योजना के तहत पिछले नौ वर्षों में प्रति महिला दिए जाने वाले लोन की राशि 13 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़कर 62,679 रुपए हो गई। वहीं, प्रति महिला वृद्धिशील जमा राशि 14 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर 95,269 रुपए हो गई।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की सराहना की है और कहा कि यह योजना, जो महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान देने के साथ जमानत-मुक्त लोन प्रदान करती है, ने महिलाओं के स्वामित्व वाले एमएसएमई की संख्या को बढ़ाने में मदद की है, जो अब 28 लाख से अधिक हो गए हैं।
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में मुद्रा योजना ने 52 करोड़ से अधिक लोन खाते खोलने में मदद की है, जो उद्यमशीलता गतिविधि में भारी उछाल को दर्शाता है।
पीएम मुद्रा योजना के तहत, किशोर लोन (50,000 से 5 लाख रुपए), जो बढ़ते व्यवसायों का समर्थन करते हैं, वित्त वर्ष 2016 में 5.9 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7 प्रतिशत हो गए हैं, जो छोटे उद्योगों की वास्तविक प्रगति को दर्शाता है।
तरुण श्रेणी (5 लाख से 10 लाख रुपए) भी तेजी से आगे बढ़ रही है, जो साबित करती है कि मुद्रा केवल व्यवसाय शुरू करने के बारे में नहीं है, बल्कि उन्हें बढ़ाने में मदद करती है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस आधुनिक प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकी से लैस है: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने खुद को आधुनिक तकनीक से लैस कर लिया है। तदनुसार, मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों एक फोरेंसिक लैब, एक विशेष वैन, एक इंटरसेप्ट वैन और अन्य आधुनिक उपकरणों सहित तीन साइबर लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को आधुनिक बनाया गया है और पुलिस साइबर धोखाधड़ी से लेकर अन्य अपराधों को सुलझाने के लिए इन आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेगी।
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से आज लोगों को ऑनलाइन बेवकूफ बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी जैसी घटनाएं हो रही हैं, उसी तरह पुलिस ने इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जांच के तरीकों से लेकर अन्य चीजों में महत्वपूर्ण क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस थानों में विशेष सहायता कक्ष भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एक विशेष वैन भी तैयार की गई है ताकि उन्हें तुरंत मदद मिल सके। इस कार्यक्रम में मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर, विशेष पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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