राष्ट्रीय समाचार
मुंबई और रत्नागिरी में दाऊद इब्राहिम की संपत्ति जनवरी 2024 में नीलामी के लिए निर्धारित है
भगोड़े नामित वैश्विक आतंकवादी दाऊद इब्राहिम की मुंबई और रत्नागिरी में संपत्तियों की नीलामी 5 जनवरी, 2024 को होने वाली है। रत्नागिरी के खेड़ तालुका में बंगले और आम के बगीचे सहित चार संपत्तियों को तस्कर और विदेशी मुद्रा हेरफेर अधिनियम (SAFEMA) के तहत जब्त कर लिया गया था। .
सरकार ने पहले दाऊद के परिवार की कई संपत्तियों की पहचान की और उनकी नीलामी की
सरकार ने पहले दाऊद इब्राहिम के परिवार से संबंधित कई संपत्तियों की पहचान की है और उनकी नीलामी की है, जिसमें ₹4.53 करोड़ में बेचा गया एक रेस्तरां, ₹3.53 करोड़ में बेचे गए छह फ्लैट और ₹3.52 करोड़ में बेचा गया एक गेस्ट हाउस शामिल है।
दिसंबर 2020 में, रत्नागिरी में दाऊद इब्राहिम की संपत्ति ₹1.10 करोड़ में नीलाम की गई, जिसमें दो प्लॉट और एक बंद पड़ा पेट्रोल पंप शामिल था। खेड़ तालुका के लोटे गांव में ये संपत्तियां दाऊद की दिवंगत बहन हसीना पारकर के नाम पर दर्ज थीं।
नागपाड़ा में 600 वर्ग फुट के एक फ्लैट की नीलामी अप्रैल 2019 में की गई थी
नागपाड़ा में 600 वर्ग फुट का एक फ्लैट अप्रैल 2019 में ₹1.80 करोड़ में नीलाम हुआ था। 2018 में, SAFEMA के अधिकारियों ने पाकमोडिया स्ट्रीट में दाऊद की संपत्ति की नीलामी ₹79.43 लाख की आरक्षित कीमत पर की थी, जिसे सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (SBUT) ने ₹3.51 करोड़ में खरीदा था।
अपराध
मुंबई क्राइम: आरे पुलिस ने 12 घंटे के अंदर 47.65 लाख रुपये की चोरी का मामला सुलझाया; पिता-पुत्र गिरफ्तार

मुंबई: गोरेगांव पूर्व की आरे कॉलोनी स्थित रॉयल पाम्स एस्टेट के एक बंगले में हुई चोरी की वारदात को महज 12 घंटे में सुलझा लिया गया। इस मामले में, आरे पुलिस ने पिता-पुत्र की जोड़ी को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 47.65 लाख रुपये मूल्य के चोरी हुए सोने, चांदी और हीरे के आभूषणों के साथ-साथ पीतल की मूर्तियाँ भी बरामद की हैं।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता, 59 वर्षीय गंगाराजम गंगाराम वुतनुरी ने बंगला नंबर 31, रॉयल पाम्स एस्टेट, आरे कॉलोनी, गोरेगांव पूर्व में चोरी की सूचना दी। पिछले हफ़्ते, अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर बंगले के हॉल की खिड़की का शीशा तोड़ दिया, परिसर में घुस गए और 47.65 लाख रुपये मूल्य के सोने, चांदी और हीरे के गहने, पुराने बर्तन और पीतल की मूर्तियाँ चुरा लीं।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवींद्र पाटिल के मार्गदर्शन में त्वरित जाँच शुरू की गई। अपराध जाँच अधिकारी पीएसआई सचिन पंचाल ने घटनास्थल का दौरा किया और इलाके में लगे 35 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जाँच की। फुटेज में बंगले के पास दो संदिग्ध व्यक्ति घूमते हुए दिखाई दिए।
तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर, संदिग्धों, 38 वर्षीय नियामतुल्लाह अयूब खान उर्फ जूली और उसके 19 वर्षीय बेटे शाहिद नियामतुल्लाह खान का पता लगाकर 12 घंटे के भीतर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से चोरी के सभी गहने और अन्य कीमती सामान बरामद कर लिया गया।
यह अभियान आरे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रवींद्र पाटिल की देखरेख में पुलिस निरीक्षक (अपराध) मंगेश अंधारे की टीम द्वारा चलाया गया।
राष्ट्रीय समाचार
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का नाम कानून मंत्रालय को भेजा है। उन्होंने इस संबंध में औपचारिक चिट्ठी लिखी है। यह कदम उस समय आया, जब पिछले दिनों कानून मंत्रालय ने जस्टिस गवई से उनके उत्तराधिकारी का नाम प्रस्तुत करने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, जो वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और वरिष्ठता क्रम में पहले स्थान पर हैं, न्यायमूर्ति गवई के सेवानिवृत्त होने पर पदभार ग्रहण करेंगे।
जस्टिस बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनके रिटायर होने के अगले दिन यानी 24 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। उनके कार्यकाल की अवधि लगभग 14 महीने होगी और वे 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे।
न्यायमूर्ति गवई ने मई 2025 में भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला।
परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश से उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगता है। इसके बाद वर्तमान चीफ जस्टिस औपचारिक रूप से पद छोड़ने से लगभग 30 दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को ‘पद धारण करने के लिए उपयुक्त’ मानते हुए उनकी सिफारिश करते हैं।
न्यायिक नियुक्तियों के मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी) के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश, जिन्हें इस पद के लिए उपयुक्त माना जाता है, को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है।
सीजेआई गवई की सिफारिश भेजे जाने के बाद सरकार जल्द ही न्यायमूर्ति सूर्यकांत की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने की उम्मीद है।
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री और 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। जस्टिस सूर्यकांत के बारे में सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उन्होंने हिसार जिला न्यायालय से वकालत शुरू की और बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
उन्होंने 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 12 नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेस कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।
राष्ट्रीय समाचार
राजस्थान: पेट्रोल पंपकर्मी को थप्पड़ मारने का मामला, आरएएस छोटूलाल शर्मा निलंबित

SUSPENSION
भीलवाड़ा, 24 अक्टूबर: राजस्थान के अजमेर-भीलवाड़ा हाईवे पर टोल के पास स्थित एक पेट्रोल पंप पर सीएनजी भरवाने को लेकर हुए विवाद में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) अधिकारी छोटूलाल शर्मा को निलंबित कर दिया गया है।
राज्य सरकार ने गुरुवार देर शाम इस संबंध में आदेश जारी किया। निलंबन अवधि के दौरान शर्मा का मुख्यालय जयपुर सचिवालय स्थित कार्मिक विभाग में रहेगा और उन्हें वहीं हाजिरी देनी होगी।
छोटूलाल शर्मा प्रतापगढ़ जिले में लोक सेवाएं, प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत थे। आरोप है कि भीलवाड़ा जिले के रायला थाना क्षेत्र के जसवंतपुरा स्थित पेट्रोल पंप पर शर्मा और पंप कर्मचारियों के बीच सीएनजी भरवाने को लेकर विवाद हो गया था।
बताया जा रहा है कि शर्मा अपनी कार में परिवार सहित मौजूद थे और उनसे पीछे खड़ी दूसरी कार के चालक ने पहले सीएनजी भरने की बात कही, जिस पर पंप कर्मचारी ने उस वाहन को प्राथमिकता दे दी।
इसी बात को लेकर छोटूलाल शर्मा और पंप कर्मचारी के बीच कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि शर्मा ने कथित रूप से पंप कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद कर्मचारियों ने भी प्रतिकार किया और मौके पर हंगामा मच गया।
यह पूरा घटनाक्रम पेट्रोल पंप के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की। कार्मिक विभाग ने निलंबन आदेश जारी कर दिया है।
वहीं, रायला थाना पुलिस ने भी इस घटना की जांच शुरू कर दी है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मामले की पूरी जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। सरकारी सेवा में अनुशासन बनाए रखने और जनता के प्रति शालीन व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
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