राजनीति
तमिलनाडु में दलित भाजपा नेता हुए डीएमके में शामिल

चेन्नई, 7 फरवरी : तमिलनाडु में भाजपा केनेता एक-एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं। अब पार्टी के एससी विंग के राज्य महासचिव, विनयागमूर्ति डीएमके में शामिल हो गए हैं। अनुसूचित जाति अरुनथथियार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दलित नेता ने कहा कि वह इरोड पूर्व उपचुनाव में डीएमके उम्मीदवार की जीत के लिए काम करेंगे।
उपचुनाव 27 फरवरी को होना है।
दलित नेता ने कहा कि इरोड पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में 35,000 से अधिक अरुणथथियुर मतदाता हैं और वह डीएमके उम्मीदवार के प्रचार के लिए निर्वाचन क्षेत्र में यात्रा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह डीएमके उम्मीदवार ईवीकेएस एलंगोवन की जीत को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को समर्पित करेंगे। हालांकि विनायगमूर्ति ने भाजपा छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन पुलिस अधिकारी से नेता बने पार्टी अध्यक्ष अन्नामलाई की कार्यशैली ने तमिलनाडु की भाजपा इकाई में कलह पैदा कर दी है। राज्य भाजपा अध्यक्ष द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं। इससे पहले तिरुचि सूर्या ने भाजपा छोड़ दी थी।
राजनीति
पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

श्रीनगर, 15 मई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज लेने पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है। भारत आज उन देशों की श्रेणी में है, जो आईएमएफ को फंड देते हैं, ताकि आईएमएफ गरीब देशों को कर्ज दे सके।
दरअसल, पाकिस्तान की हालत बीते कई सालों से इतनी बुरी हो चुकी है कि वह पहले से ही विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मेहरबानी पर चल रहा है।
इसी बीच, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शानदार सफलता के बाद पहली बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे। जहां उनके साथ, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बादामी बाग छावनी में जवानों से मुलाकात की और उनसे बातचीत भी की।
रक्षा मंत्री ने जवानों को संबोधित किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना की प्रशंसा की।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, “रही बात पाकिस्तान की, तो उसकी मैं बात ही क्या करूं आपसे। वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन प्रारंभ हो जाती है। अभी आपने सुना ही होगा कि कैसे वह फिर एक बार आईएमएफ के पास कर्ज मांगने गया। जबकि, दूसरी तरफ हमारा देश है। हम आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं, जो आईएमएफ को फंड देते हैं, ताकि आईएमएफ गरीब देशों को कर्ज दे सके।”
उन्होंने कहा कि भारत के बारे में पूरी दुनिया यह बात जानती है कि हमने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है। हम आमतौर पर युद्ध के समर्थक कभी नहीं रहे, लेकिन स्थितियां जब इतनी विकट हो जाएं, जब देश की संप्रभुता पर आक्रमण हो, तो जवाब देना आवश्यक हो जाता है। पूरे देश में हमारी सेनाओं को और हमारे सैनिकों को, एक सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। एक सशक्त राष्ट्र वही होता है, जो अपनी सेनाओं को सम्मान के साथ-साथ आधुनिक हथियार और साजो-सामान भी दे, जिसकी उसे जरूरत है। मुझे गर्व है कि आज सरकार, हमारी सेनाओं के लिए यह सब कर रही है।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को भी यह साफ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज और सुरक्षित न समझें। अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं। दुनिया जानती है, हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और जब वो निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं। आज आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है।
राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा, ”पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर जिम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और बीमार देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को आईएईए यानी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण की निगरानी में लिया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादी ढेर

श्रीनगर, 15 मई। जम्मू -कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के तीन आतंकवादी मारे गए।
अधिकारियों ने बताया कि तीनों आतंकवादियों की पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट के रूप में हुई है। वे सभी जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी हैं।
केंद्र शासित प्रदेश में 48 घंटे के भीतर यह दूसरी मुठभेड़ है।
इससे पहले श्रीनगर मुख्यालय सेना की 15वीं कोर ने एक्स पर कहा, “15 मई, 2025 को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी से विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और श्रीनगर सेक्टर सीआरपीएफ द्वारा नादेर, त्राल, अवंतीपोरा में एक कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इस दौरान संदिग्ध गतिविधि देखी गई।
पुलवामा जिले के अवंतीपोरा सब-डिवीजन के त्राल इलाके में गुरुवार को सुरक्षा बलों और छिपे हुए आतंकवादियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई थी।
पुलिस ने एक्स पर कहा, “अवंतीपोरा के नादेर, त्राल इलाके में मुठभेड़ शुरू हो गई है। मौके पर पुलिस और सुरक्षा बल मौजूद हैं।”
आगे बताया गया कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी के लिए त्राल तहसील के नादेर गांव को घेर लिया।
गुरुवार की मुठभेड़ शोपियां जिले के केल्लर इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा एक अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराने के दो दिन बाद हुई है।
वह पिछले साल मई में शोपियां के हीरपोरा में भाजपा सरपंच की हत्या में भी शामिल था। 2024 में आतंकी समूह में शामिल होने वाला शफी शोपियां जिले के वाची में एक गैर-स्थानीय मजदूर की हत्या में शामिल था।
10 मई को भारत और पाकिस्तान ने युद्ध विराम की घोषणा की थी। लेकिन संघर्ष विराम समझौते के लागू होने के करीब दो घंटे बाद ही आतंकियों ने जम्मू जिले के नगरोटा इलाके में व्हाइट नाइट कोर के मुख्यालय के बाहर संतरी चौकी पर गोलीबारी की।
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश के अंदर किसी भी आतंकी कार्रवाई को “युद्ध कार्रवाई” माना जाएगा। पाकिस्तान द्वारा समर्थित और प्रायोजित आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय सहित 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी।
महाराष्ट्र
दारुल उलूम महबूब-ए-सुभानी, कुर्ला ने एसएससी में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित किया

कुर्ला, 14 मई, 2025: हाल ही में एसएससी परीक्षाओं में उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित करने के लिए आज दारुल उलूम महबूब-ए-सुभानी, कुर्ला में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया।
समारोह में सफल छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया तथा उन्हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को पैगम्बर (स.) के जन्म की 1500वीं वर्षगांठ के अवसर पर “सीरत-ए-मुस्तफा (स.) पुस्तक” तथा स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
ये पुरस्कार प्रमुख शैक्षणिक और सामाजिक हस्तियों हज मुहम्मद सईद नूरी साहब (रज़ा अकादमी के संस्थापक) और सैयद इकराम साहब द्वारा प्रदान किए गए। यह कार्यक्रम पैगंबर मुहम्मद (PBUH) के जन्म के 1500 साल पुराने उत्सव का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को पैगंबर (PBUH) के जीवन से अवगत कराना और उन्हें धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा में सफल होने के लिए प्रोत्साहित करना था।
इस अवसर पर दारुल उलूम के शिक्षक, विद्वान, अभिभावक एवं अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे, जिन्होंने छात्रों का उत्साहवर्धन किया तथा उन्हें भविष्य में भी कड़ी मेहनत एवं लगन से मेहनत करने की सलाह दी।
प्रार्थना और आशीर्वाद के साथ सभा का समापन हुआ। इस मुबारक मौके पर मुफ्ती नफीस साहब, मिस्बाही-उल-जामिया अशरफिया मुबारकपुर, मौलाना मुहम्मद अब्बास रिजवी, मौलाना जफरुद्दीन रिजवी, हाफिज इमरान अशरफी, मौलाना कमाल अशरफ चिश्ती, नाजिम खान आदि मौजूद रहे।
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