राजनीति
विदेशों से आए 35 हजार लोगों से फैला कोरोना : केजरीवाल

दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में कोरोना फैलने का एक बड़ा कारण विदेशों से आए लगभग 35 हजार लोग हैं। इनमें से अधिकांश लोग ऐसे देशों से लौटे थे, जहां कोरोना संक्रमण का प्रभाव था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुताबिक कोरोना संक्रमित देशों से आए केवल कुछ ही लोगों को अन्य लोगों से अलग एकांत में रखा गया। बाकी लोगों से कोरोना का संक्रमण एक दूसरे में फैलता चला गया।
केजरीवाल ने कहा, “कोरोना को रोकने की लड़ाई मार्च महीने में शुरू हुई। जिन देशों में कोरोना फैला था वहां से भारतीय वापस आए। केंद्र ने द्वारा उन्हें भारत वापस लाने का सही फैसला लिया गया। इस दौरान लगभग 35 हजार लोग आए इनमें से केवल कुछ को बुखार था। उन्हें दिल्ली के आरएमएल एवं सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। बाकी सभी लोगों को उनके घर भेज दिया गया।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “विदेश से आए इन लोगों में से केवल कुछ ही लोगों को आइसोलेशन में रखा गया शेष व्यक्ति अपने अपने घर गए। इन 35 हजार लोगो से कोरोना एक से दूसरे व्यक्तियों तक फैला। उस समय न तो यह हमारे पास लैब्स थी न ही टेस्टिंग किट थी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “इसके कुछ दिन बाद ही लॉक डाउन हो गया जिसकी वजह से कोरोना कम फैला। लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के फैलने की आशंका थी लेकिन यह हमारी आशंका से भी अधिक तेजी से फैला।”
दिल्ली सरकार ने यह स्वीकार किया है कि शुरूआती दौर में अस्पतालों में बेड न होने के कारण लोगों की मौत हुई। इस दौरान दिल्ली में लोगों को चिकित्सीय सहायता लेने के लिए यहां-वहां धक्के खाने पड़े। अस्पताल में बेड उपलब्ध न होने के कारण लोगों को सही समय पर सही उपचार नहीं मिल सका।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “लोग बेड के लिए यहां-वहां भाग रहे थे। रात रात भर मेरे पास परेशान लोगों के फोन आते थे और मैंने रात रात भर जाग कर लोगों के लिए अस्पतालों में बेड की व्यवस्था कराई। हालांकि अब दिल्ली में हालात बेहतर हैं अभी दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना रोगियों के लिए 13,500 बेड उपलब्ध हैं इनमें से केवल 6000 बेड अभी तक भरे हैं 7500 बेड अभी भी खाली हैं।”
महाराष्ट्र
मुंबई मौसम अपडेट: शहर में धूप खिली, आज बारिश की कोई चेतावनी नहीं

मुंबई: शुक्रवार तड़के मुंबई में बादल छाए रहे। बादल जल्द ही छंट गए, जिससे आसमान साफ और धूप खिली रही। सितंबर के दौरान कोंकण क्षेत्र में कई दिनों तक लगातार बारिश के बाद, आखिरकार निवासियों को स्थिर मौसम का अनुभव हुआ। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज क्षेत्र के किसी भी जिले के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया है, जिससे नागरिकों को राहत मिली है।
मुंबई में सुबह तक मौसम शुष्क रहा और तापमान 26°C से 31°C के बीच रहने की उम्मीद है। हालाँकि बारिश न होने से जलभराव और यातायात जाम से राहत मिली, लेकिन गर्मी और उच्च आर्द्रता के कारण दिन वास्तविक तापमान से ज़्यादा गर्म महसूस हुआ।
पड़ोसी ठाणे और नवी मुंबई में भी बारिश की तीव्रता में कमी दर्ज की गई। पूरे सितंबर महीने में, इन शहरों के निवासियों को बार-बार भारी बारिश और निचले इलाकों में पानी जमा होने के कारण दैनिक दिनचर्या में व्यवधान का सामना करना पड़ा। हालाँकि, शुक्रवार को आसमान में केवल आंशिक बादल छाए रहे और हल्की हवाएँ चलीं। इन शहरों में मौसम अपेक्षाकृत सुहावना है, तापमान 27°C से 30°C के बीच रहने का अनुमान है। भारी बारिश का कोई खतरा नहीं होने के कारण, नागरिक बिना किसी व्यवधान के बाहर निकल सकते हैं।
पालघर ज़िले में, जहाँ पिछले महीने भारी मानसूनी बारिश हुई थी, अब स्थिति में सुधार हुआ है। ग्रामीण इलाकों में बादलों के बीच रुक-रुक कर बूंदाबांदी होती रही, लेकिन शहरी इलाकों में ज़्यादातर उमस और बढ़ती गर्मी का सामना करना पड़ा। अधिकतम तापमान 30°C तक पहुँच सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 25°C रहने की उम्मीद है।
कोंकण तट के और नीचे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जैसे जिलों में भी भारी बारिश से राहत मिली है। सितंबर में व्यापक बाढ़ के बाद, इस सप्ताह मौसम थोड़ा शांत रहा। रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में हल्की हवाएँ चलीं जिससे राहत मिली, जबकि रायगढ़ में आंशिक रूप से साफ़ आसमान और तटरेखा पर ठंडी हवाएँ चलने से निवासियों के लिए मौसम सुहाना हो गया। इन जिलों में तापमान 26°C से 30°C के बीच रहने की उम्मीद है।
राजनीति
बिहार चुनाव : सुपौल के पिपरा विधानसभा में जदयू-राजद की राह नहीं होगी आसान

पटना, 2 अक्टूबर : बिहार के सुपौल जिले में स्थित पिपरा विधानसभा क्षेत्र राज्य की राजनीति के लिए काफी अहम मानी जाती है। इस सीट की अहमियत इस बात से लगाई जा सकती है कि यहां जदयू की मजबूत स्थिति के बावजूद विपक्ष का भी दबदबा रहा है।
बिहार में 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई। 2010 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा चुनाव हुए और उस दौरान जदयू की सुजाता देवी ने 14,686 वोटों से जीत हासिल की। हालांकि, 2015 के चुनाव में यह सीट जदयू के हाथों से निकल गई और राजद के यदुवंश कुमार यादव ने भाजपा के विश्व मोहन कुमार को 36,369 वोटों से मात दी। 2020 में फिर से यहां परिवर्तन हुआ और जदयू ने जीत दर्ज की।
पिपरा की राजनीति में एक खास बात यह है कि कोई भी पार्टी लगातार तीन चुनावों में एक ही उम्मीदवार को टिकट नहीं दे पाई है। पिछले तीन चुनावों में पार्टी के साथ-साथ जीतने वाला उम्मीदवार भी अलग ही रहा है। 2020 विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव 2024 में यहां जीतने वाली पार्टी का दबदबा रहा है।
पिपरा विधानसभा क्षेत्र कोसी नदी के तट पर स्थित है, जिसके कारण यहां हर साल बाढ़ का खतरा बना रहता है। कोसी नदी इस क्षेत्र के लिए वरदान और अभिशाप दोनों है। यह नदी जहां कृषि के लिए उपजाऊ भूमि प्रदान करती है, वहीं बाढ़ के रूप में तबाही भी लाती है। इसके बावजूद, यहां धान, मक्का और जूट जैसी फसलों की बड़े पैमाने पर खेती होती है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था का आधार है। हालांकि, क्षेत्र की भौगोलिक-आर्थिक स्थिति और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां इसे विकास में पीछे रखती हैं।
सड़क, बिजली और स्वच्छ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी भी यहां के निवासियों के लिए बड़ी समस्या है। कृषि-आधारित उद्योगों की कमी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के सीमित अवसरों के कारण युवाओं का पलायन एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है।
सुपौल जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दक्षिण में स्थित पिपरा के आसपास के प्रमुख क्षेत्रों में मधेपुरा (40 किमी), सहरसा (50 किमी), बनमंखी (60 किमी), और पूर्णिया (70 किमी) शामिल हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 के विधानसभा चुनाव में पिपरा में 2,89,160 रजिस्टर्ड मतदाता थे, जिनमें 16.70 प्रतिशत मुस्लिम और 14.65 प्रतिशत अनुसूचित जाति के मतदाता शामिल थे। इसके अलावा, यादव मतदाता भी क्षेत्र में बड़ी संख्या में हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
पिपरा में जदयू की मजबूत पकड़ के बावजूद आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राजद-नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन से उन्हें कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस कमिश्नर देविन भारती ने दशहरा विजयादशमी पर शस्त्र पूजा की

मुंबई: दशहरे के अवसर पर आज मुंबई पुलिस कमिश्नर देविन भारती द्वारा मुंबई पुलिस में शस्त्र और गोला-बारूद की पूजा की गई। देविन भारती के साथ संयुक्त पुलिस आयुक्त (प्रशासन) जयकुमार, अतिरिक्त आयुक्त वनिता साहू, डीसीपी (जोन एलवी) रागसुधा आर, डीसीपी (एलए-नायगांव) आनंद भूते और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
दशहरे पर मुंबई के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में भी शस्त्र और गोला-बारूद की पूजा की गई। मुंबई शहर में पुलिस ने दशहरे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, इसके साथ ही पुलिस ने दुर्गा देवी के विसर्जन की भी व्यवस्था की थी। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने शस्त्र पूजा के बाद शस्त्र पूजा की तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर शेयर की हैं। नायगांव में शस्त्र पूजन समारोह आयोजित किया गया
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