राजनीति
कांग्रेस ने गलवान घाटी मुद्दे पर नेहरू के जरिए केंद्र पर निशाना साधा

जहां एक ओर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बना हुआ है, वहीं भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच भी टकराव कम नहीं हुआ है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इतिहास की बातों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू चीन द्वारा अपना खुद से एलएसी तय करने के प्रति कठोर थे और दावा किया कि चीन ने उनके समय के दौरान स्वीकार कर लिया था कि गलवान घाटी भारत की है।
कांग्रेस ने शनिवार को कहा, “वास्तविक नियंत्रण रेखा या एलएसी को चीनी प्रधानमंत्री झोउ एनलाई द्वारा 1956 में गढ़ा गया था और फिर 1959 में और 1962 के युद्ध के दौरान और उसके बाद दोहराया गया। चीन के भारत पर आक्रमण के बाद, झोउ एनलाई ने नेहरू को एक पत्र भेजकर उनसे 1959 के चीन के दावे वाली लाइन (रेखा) को स्वीकार करने के लिए कहा और कहा कि चीन इस रेखा से 20 किलोमीटर तक पीछे हटने को तैयार है।”
कांग्रेस ने आगे कहा, “जवाब में, नेहरू द्वारा 4 नंवबर को लिखे पत्र में कहा गया कि चीन का प्रस्ताव हुक्मनामे से कम नहीं है।”
कांग्रेस ने शनिवार को नेहरू की लिखी बातों का जिक्र किया, जिसमें लिखा है, “भारत से चीन की 1959 की रेखा को स्वीकार करने की मांग कुछ ऐसी है, जिसे भारत कभी स्वीकार नहीं करेगा, चाहे परिणाम कुछ भी हो और चाहे कितना ही लंबा और मुश्किल संघर्ष हो।”
केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि जिन चीनियों ने 1959 की रेखा में पूरी गलवान घाटी को भारत का हिस्सा दर्शाया था, उन लोगों ने पहली बार औपचारिक रूप से पूरी गलवान घाटी पर अपना दावा किया है।
कांग्रेस ने यह हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेह दौरे के एक दिन बाद किया है। मोदी ने लेह दौरे के दौरान चीन का नाम लिए बिना चेतावनी देते हुए कहा था कि विस्तारवाद का दौर अब खत्म हो गया है, यह दौर विकास का है और इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या उन्हें पीछे हटना पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध को ‘लगभग तुरंत’ खत्म कर सकते हैं : ट्रंप

TRUMP
वाशिंगटन, 18 अगस्त। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध को लगभग तुरंत खत्म करने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, रूस के कब्जे वाले क्रीमिया को वापस लेना या नाटो में शामिल होना उनके लिए संभव नहीं है।
ट्रंप ने रविवार को अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की यदि चाहें तो रूस के साथ युद्ध को लगभग तुरंत समाप्त कर सकते हैं, या फिर वे लड़ाई जारी रख सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब ओबामा के समय (12 साल पहले) की तरह क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा, और यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा।
जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ बेहद महत्वपूर्ण वार्ता की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए जेलेंस्की को रूस की कुछ शर्तों पर सहमत होना होगा।
इन शर्तों में दो मुख्य बातें हैं: यूक्रेन क्रीमिया रूस को दे दे (जिसे रूस ने 2014 में अपने साथ मिला लिया था) और कभी नाटो में शामिल न हो। ये वही शर्तें हैं जो रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध खत्म करने के लिए रखी हैं।
यूरोपीय नेता, जो सोमवार को जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस जा रहे हैं, वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ट्रंप इस मुलाकात में जेलेंस्की पर दबाव डाल सकते हैं ताकि वे पुतिन की अलास्का शिखर सम्मेलन में रखी शर्तों को मान लें।
वे ट्रंप से यह जानना चाहते हैं कि शांति समझौते में रूस क्या छोड़ सकता है और भविष्य में अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी में क्या भूमिका निभाएगा।
ट्रंप ने जेलेंस्की को भेजे अपने संदेश के बाद लिखा, “कल व्हाइट हाउस में बड़ा दिन है। इतने सारे यूरोपीय नेता एक साथ कभी नहीं आए। उनकी मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है!!!”
यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब और नाटो महासचिव मार्क रुटे सोमवार को जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस की यात्रा में शामिल होंगे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत ने ट्रंप-पुतिन की बैठक का किया स्वागत, कहा- संवाद और कूटनीति से ही शांति की राह संभव

नई दिल्ली, 16 अगस्त। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक पर भारत की पहली प्रतिक्रिया आई। भारत ने कहा कि संवाद और कूटनीति से ही शांति की राह बनेगी।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन का स्वागत करता है। शांति की दिशा में उनका नेतृत्व अत्यंत सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है। आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से ही निकल सकता है। दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है।
अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच करीब तीन घंटे तक बैठक चली। इसके बाद यूएस राष्ट्रपति वाशिंगटन लौट गए। इससे पहले ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि वह नाटो नेताओं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अन्य संबंधित अधिकारियों को बैठक में हुई चर्चाओं के बारे में जानकारी देने की योजना बना रहे हैं।
वहीं, अलास्का के एंकोरेज से मास्को रवाना होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोर्ट रिचर्डसन मेमोरियल कब्रिस्तान का दौरा किया, जहां उन्होंने सोवियत संघ के सैनिकों की कब्रों पर फूल चढ़ाए। ये कब्रें उन सोवियत पायलटों और नाविकों को श्रद्धांजलि हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे।
ट्रंप के साथ हुई बैठक को लेकर पुतिन ने कहा कि हमारी बातचीत रचनात्मक और परस्पर सम्मान के माहौल में हुई। उन्होंने एक पड़ोसी के रूप में ट्रंप का स्वागत किया और उनके साथ बहुत अच्छे सीधे संपर्क स्थापित किए। साथ ही उन्होंने ट्रंप को साथ मिलकर काम करने और बातचीत में एक दोस्ताना और भरोसेमंद माहौल बनाए रखने के लिए धन्यवाद दिया। खास बात यह है कि दोनों पक्ष परिणाम हासिल करने के लिए दृढ़ थे। हमारी बातचीत सकारात्मक रही।
अपराध
बिहार : लखनऊ से पकड़कर लाया गया अपराधी भागने की फिराक में था, पुलिस कार्रवाई में घायल

पटना, 16 अगस्त। बिहार पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। पटना पुलिस ने शुक्रवार की देर रात हत्या के आरोप में लखनऊ से पकड़कर पटना लाए गए एक अपराधी को भागने की कोशिश करने के दौरान पैर में गोली मार दी, जिससे वह घायल हो गया।
बताया गया कि बालू कारोबारी रमाकांत यादव हत्या के मामले में आरोपी अंशु उर्फ दिव्यांशु भागने की फिराक में था। उसने पुलिस की गिरफ्त में ही बड़ी चालाकी से पुलिस टीम पर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी।
पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि 10 अगस्त को रानीतालाब थाना क्षेत्र में अपराधियों ने रमाकांत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड में पुलिस ने पहले ही दो आरोपियों बिट्टू और मंटू कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इनके बयान के आधार पर शेष संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी।
इसी क्रम में 15 अगस्त को पुलिस टीम द्वारा अंशु को लखनऊ से हिरासत में लेकर रानीतालाब थाना लाया गया। उसे साथ लेकर पुलिस टीम रात लगभग 11:05 बजे रानीतालाब क्षेत्र के नहर रोड स्थित शनि मंदिर के पास हथियार बरामदगी के लिए जा रही थी, तभी उसने पुलिस को चकमा देकर भागने का प्रयास किया।
चेतावनी के बावजूद नहीं रुकने पर पुलिस ने नियंत्रित फायरिंग की, जिसमें उसके बाएं पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
पुलिस ने मौके से एक देसी पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस और एक डोंगल बरामद किया है। एसएसपी ने बताया कि रमाकांत यादव की हत्या में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी और हथियार बरामदगी के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
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