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कोरोना के कारण मछली बेचने को मजबूर ‘सर्कस क्वीन’

कोलकाता स्थित सर्कस कंपनी की 45 वर्षीय एक मुख्य कलाकार शारदा सिंह के लिए कोरोनावायरस महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन से पहले सबकुछ सामान्य था। लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने उन्हें परिवार के लिए दो जून की रोटी जुटाने के लिए मछली बेचने पर मजबूर कर दिया।
कोरोना के कारण सर्कस के शो बंद हो गए और अब अपनी टीम के अन्य सदस्यों के साथ उन्हें अनिश्चित भविष्य और गरीबी से जूझना पड़ रहा है।
जहां नेपाली महिला सिलचर में बाजार में सड़क किनारे मछली बेचती हैं, वहीं सर्कस के अन्य कलाकार – जोकर, जगलर, कलाबाजी करने वाले, रिंग मास्टर, तकनीशियन, गायक, मेकअप आर्टिस्ट, गार्ड सहित उनके पति रतन सिंह दिहाड़ी का काम कर रहे हैं और यहां तक कि छोटे-मोटे मामूली काम भी कर रहे हैं।
160 सदस्यीय सर्कस टीम में पश्चिम बंगाल और असम से संबंधित कलाकार और सहायक शामिल हैं। ये प्रसिद्ध ‘रवीन्द्र मेला’ में अपना शो करने के लिए जनवरी में हाईलाकांदी (दक्षिणी असम में) आए थे। हाईलाकांदी से, सर्कस पार्टी जनवरी के अंत में एक और प्रसिद्ध ‘नेताजी मेला’ में शो करने के लिए करिनगंज चली गई और फिर अगले महीने सिलचर में ‘गांधी मेला’ में शो करने के लिए चली गई।
बाजार में अकेली महिला विक्रेता शारदा ने आईएएनएस को बताया, “शुरू में, कोलकाता के हमारे सर्कस मालिक ने हमारी आर्थिक मदद की, लेकिन धीरे-धीरे डीके एंटरप्राइज के मालिक ने अपनी बेबसी जाहिर कर दी, जिससे हमें वैकल्पिक कामों की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन, लॉकडाउन के कारण, हमारे अधिकांश सह-कलाकारों और सहकर्मियों के पास कोई काम नहीं था और कोई पैसा नहीं था। कई दिन हमें भूखे रहना पड़ा। हमारा जीवन तबाह हो गया, हमारे सपने बर्बाद हो गए, खत्म हो गए।”
शारदा के पति रतन सिंह ने कहा कि 160 पुरुषों और महिलाओं के अलावा कुछ दंपतियों के नाबालिग बच्चे हैं। कलाकारों में से एक ने सिलचर के एक स्थानीय सरकारी अस्पताल में इस महीने की शुरुआत में एक बच्चे को जन्म दिया। इसके अलावा, हमारे सर्कस दस्ते के हिस्से के रूप में हमारे पास दो घोड़े हैं।
अधेड़ उम्र के रतन ने उदास होकर कहा कि कई सालों से एक बड़े परिवार के रूप में हम काम कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन, क्लब, एनजीओ और यहां तक कि लोगों ने हमें विभिन्न राहत सामग्री और खाद्य पदार्थ प्रदान किए, लेकिन हमें अपने साथियों के लिए भोजन और धन की बड़ी आपूर्ति की जरूरत है।
एक अन्य युवा कलाकार अकबर अली ने आईएएनएस को बताया, “कछार जिला प्रशासन ने हमें बताया है कि वे पश्चिम बंगाल में हमें हमारे घरों को लौटने में मदद करेंगे। लेकिन हम वहां क्या करेंगे, हम घर लौटने के बाद कैसे गुजर-बसर करेंगे।”
अकबर ने कहा कि हम दक्षिण असम में रहने के लिए खुश होंगे क्योंकि यहां के लोग हमसे प्यार करते हैं और हमारी बहुत मदद कर रहे हैं। हम पूरी तरह से आशान्वित हैं कि हम फिर से सर्कस में अपने विभिन्न प्रदर्शनों के साथ लोगों का मनोरंजन कर पाएंगे और अपनी आजीविका का प्रबंधन कर पाएंगे।
सर्कस का मुख्य रूप से सर्दियों और पतझड़ के मौसम के दौरान आमतौर पर हर दिन एक या दो शो होता है। वे हर 10-15 दिनों या एक महीने के बाद भी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाते हैं। कर्मचारियों को उनके अनुभव, कौशल और उनके द्वारा निर्धारित दिनों की संख्या के आधार पर प्रतिमाह लगभग 10,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक का भुगतान किया जाता है।
व्यापार
सीबीआईसी ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रोसेसिंग के लिए जारी किए संशोधित दिशानिर्देश

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने शुक्रवार को जीएसटी रजिस्ट्रेशन आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए अधिकारियों को संशोधित निर्देश जारी किए हैं, इससे करदाताओं पर अनुपालन का बोझ कम होगा और नियम-आधारित पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के इस कदम को व्यापार में आसानी करने के एक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान आवेदकों को होने वाली परेशानियों को लेकर राजस्व विभाग (सीबीआईसी) को कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
ये शिकायतें मुख्य रूप से जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों की ओर से मांगे जाने वाले अतिरिक्त दस्तावेजों को लेकर थीं।
शिकायतों का निवारण करने और जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सीबीआईसी ने नये दिशानिर्देश जारी किए हैं।।
वित्त मंत्रालय ने कहा, “अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र में दिए गए दस्तावेजों की निर्धारित सूची का सख्ती से पालन करें। नए निर्देशों में विशिष्ट मामलों की स्थिति में रजिस्ट्रेशन आवेदन पत्र के साथ अपलोड किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेजों की भी जानकारी दी गई है।”
मीडिया ने अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे छोटी-मोटी विसंगतियों या ऐसे अतिरिक्त दस्तावेजों के आधार पर नोटिस जारी न करें, जो आवेदनों के प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक नहीं हैं।
इसके अतिरिक्त सरकारी एजेंसी ने कहा है कि विशिष्ट मामलों में संबंधित उप/सहायक आयुक्त से अनुमोदन लेने का भी निर्देश दिया गया है, जहां सूचीबद्ध दस्तावेजों के अलावा अन्य दस्तावेज मांगे जाने की आवश्यकता है।
मीडिया की ओर से मुख्य आयुक्तों को सलाह दी गई है कि वे जहां भी आवश्यक हो, बारीकी से निगरानी रखें और जरूरी ट्रेड नोटिस जारी करने के लिए सिस्टम विकसित करें।
साथ ही, यह भी सलाह दी गई है कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा, “इससे जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने की प्रक्रिया में और सुविधा होगी, अनुपालन बोझ कम होगा और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।”
व्यापार
यूएस रेसिप्रोकल पर टैरिफ 90 दिनों की रोक से हरे निशान में खुला शेयर बाजार

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को हरे निशान में हुई। सुबह 9:38 पर सेंसेक्स 1,349 अंक या 1.83 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75,196 और निफ्टी 444 अंक की तेजी के साथ 22,843 पर था।
बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाना है। वहीं, 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी के कारण बाजार इस खबर पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाया था, जिसके कारण आज बाजार में तेजी देखने को मिल रही है।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी हरे निशान में हैं। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 899 अंक या 1.81 प्रतिशत की तेजी के साथ 50,481 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 311 अंक या 2.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,568 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा के साथ करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में हैं।
सेंसेक्स में टाटा मोटर्स, सन फार्मा, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, बजाज फिनसर्व, अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, इटरनल, एमएंडएम, पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। वहीं, टीसीएस और एशियन पेंट्स ही लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
एशिया के ज्यादातर बाजारों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था। टोक्यो, हांगकांग, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और शंघाई हरे निशान में थे। गुरुवार के कारोबारी सत्र में अमेरिकी शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट हुई। डाओ 2.50 प्रतिशत और नैस्डैक 4.31 प्रतिशत फिसलकर बंद हुआ।
भारतीय रुपया बुधवार के 86.69 के पिछले बंद स्तर के मुकाबले शुक्रवार को 51 पैसे बढ़कर 86.18 प्रति डॉलर पर खुला। वहीं, शुक्रवार को सोना पहली बार 3,200 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर एक नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जिसका कारण कमजोर डॉलर और बढ़ते व्यापार युद्ध था, जिसके कारण निवेशक सुरक्षित संपत्तियों में निवेश कर रहे हैं।
व्यापार
सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक फिसला, आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में बिकवाली

मुंबई, 1 अप्रैल। भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बिकवाली देखने को मिल रही है। आईटी और फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट के चलते सुबह 11:26 पर सेंसेक्स 1,122.60 अंक या 1.45 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 76,292.32 और निफ्टी 285.80 अंक या 1.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,233 पर था।
बाजार में गिरावट की वजह 2 अप्रैल से अमेरिकी द्वारा अपने ट्रेडिंग पार्टनर देशों पर लगाए जाने वाले जवाबी टैरिफ को माना जा रहा है।
सेंसेक्स में इंडसइंड बैंक, जोमैटो, नेस्ले, आईटीसी और भारती एयरटेल टॉप गेनर्स थे। बजाज फिनसर्व, इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक, टीसीएस और सन फार्मा टॉप लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ-साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 359.10 अंक या 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,313.35 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 99.35 अंक या 0.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,997.15 पर था।
कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्ण अप्पाला के अनुसार, वैश्विक चुनौतियों के बीच निवेशक सतर्क बने हुए हैं। बाजार के लिए संभावित टैरिफ घोषणाएं और उनके आर्थिक नतीजों से सेंटीमेंट प्रभावित होना प्रमुख चिंताएं बनी हुई हैं।”
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई।
इसके अलावा निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियलिटी और ऑटो समेत करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में थे।
एशिया के करीब सभी बाजार हरे निशान में बने हुए हैं। शंघाई, टोक्यो, सोल, बैंकॉक और हांगकांग के बाजारों में तेजी है। अमेरिकी बाजार सोमवार को सात महीनों के निचले स्तर से रिकवर करके एक प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए थे।
लगातार छह सत्रों तक खरीदारी करने के बाद शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने इक्विटी में 4,352 करोड़ रुपये की बिकवाली की। दूसरी तरफ, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 7,646 करोड़ रुपये का इक्विटी में निवेश किया।
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