अपराध
महिलाओं के खिलाफ कम नहीं हुए घरेलू हिंसा के मामले – एनसीआरबी की रिपोर्ट

देश में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में पिछले 6 साल से अपराध कम नहीं हुए हैं। निर्भया फंड से बने वन स्टॉप सेंटर, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) के बावजूद, देश के 8 शहरों में कोविड काल में अधिक मामले सामने आ रहे हैं। गौरतलब है कि 9 साल पहले 16 दिसंबर को देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस में 23 साल की एक युवती से हैवानियत के साथ बलात्कार किया गया। जिसको लोगों ने निर्भया कांड का नाम दिया। इस कांड ने देश को झकझोर दिया था। लोग गुस्से में सड़कों पर उतर आए, संसद में इस पर चर्चा हुई। सरकार हरकत में आई और बलात्कार जैसी घटनाओं को लेकर देश में सख्त कानून बनाया गया। वन स्टॉप सेंटर, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया। साथ ही साथ ही समाज में भी बदलाव देखने को मिला।
इस घटना के 9 साल बाद देश में महिलाओं को लेकर कुछ खास बदलाव नहीं आये हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपने प्रकाशन क्राइम इन इंडिया में अपराधों पर जो सूचना जारी की। उस रिपोर्ट के अनुसार घरेलू हिंसा सहित महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े साल 2016 में 437 मामले रहे, 2017 में 616, 2018 में 579, साल 2019 में 553 और 2020 में 446। जिसके मुताबिक यह साफ है कि पिछले 6 साल में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले कम नहीं हुए हैं।
वहीं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस संबंध में कहा कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध की जांच और अभियोजन सहित कानून और व्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकारों की होती है। राज्य सरकारें कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत ऐसे अपराधों से निपटने के लिए सक्षम हैं।
मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इस संबंध में विभिन्न विधायी और योजनाबद्ध हस्तक्षेप किए गए हैं। इनमें ‘आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018’, ‘आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013’, ‘कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013’, जैसे कानून शामिल हैं।
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2006′, ‘दहेज निषेध अधिनियम, 1961’, आदि। योजनाओं/परियोजनाओं में वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) शामिल हैं। महिला हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल), आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) का सार्वभौमिकरण जो आपात स्थिति के लिए एक अखिल भारतीय एकल नंबर (112) मोबाइल ऐप आधारित प्रणाली है।
इसके साथ ही देश के 8 शहरों (अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई) में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए, अश्लील सामग्री की रिपोर्ट करने के लिए साइबर अपराध रिपोटिर्ंग पोर्टल बनाने गए।
सुरक्षित शहर परियोजना के तहत जांच अधिकारियों, अभियोजन अधिकारियों और चिकित्सा के लिए जागरूकता कार्यक्रमों, प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से समुदाय में बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी अपनाने और क्षमता निर्माण शामिल हैं।
केंद्र सरकार के अनुसार सीएफएसएल, चंडीगढ़ में अत्याधुनिक डीएनए प्रयोगशाला की स्थापना; फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं को मजबूत करने के लिए 24 राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता; पोक्सो अधिनियम के तहत बलात्कार के मामलों और मामलों के त्वरित निपटान के लिए 1023 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीएससी) की स्थापना की गई है। देश के सभी जिलों में मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) की स्थापना व सु²ढ़ीकरण के लिए पुलिस थानों आदि में महिला सहायता डेस्क (डब्ल्यूएचडी) की स्थापना की गई है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल, 2015 को वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) योजना को लागू किया था। ताकि हिंसा से प्रभावित महिलाओं और निजी और सार्वजनिक दोनों जगहों पर पुलिस सुविधा सहित कई सेवाओं के माध्यम से महिलाओं को एकीकृत सहायता और सहायता प्रदान की जा सके। एक छत के नीचे एकीकृत तरीके से चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता और परामर्श, मनोवैज्ञानिक सहायता और अस्थायी आश्रय। जिसकी स्थापना निर्भया कांड के बाद की गई थी। अब तक, 733 ओएससी को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 704 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों (पश्चिम बंगाल राज्य को छोड़कर) में संचालित हो चुके हैं, जिन्होंने सितंबर, 2021 तक देश में 4.50 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता की है।
वन स्टॉप सेंटर योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा निर्भया फंड से सीधे जिला अधिकारियों को 100 फीसदी फंडिंग मुहैया कराई जाती है।
अपराध
मीरा-भायंदर समाचार: काशीगांव पुलिस ने सीरियल मोबाइल चोर को पकड़ा; ₹1.16 लाख मूल्य के चोरी हुए 20 फोन बरामद

पालघर, महाराष्ट्र: काशीगांव पुलिस की अपराध जांच इकाई ने मीरा रोड और आसपास के इलाकों में मोबाइल चोरी की कई घटनाओं में शामिल एक आदतन अपराधी को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया है। अब्दुल रहमान ताहिर बडू (28) नामक आरोपी को विस्तृत पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने उसके कब्जे से लगभग ₹1.16 लाख मूल्य के 20 चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
काशीगांव निवासी किराना दुकानदार हफीजुल रहमान आरिफ शेख (20) की शिकायत के बाद यह सफलता मिली। 9 अक्टूबर, 2025 को एक अज्ञात व्यक्ति रात में खिड़की के रास्ते उनके घर में घुस गया और ₹30,000 मूल्य के मोबाइल फोन और नकदी चुरा ले गया। शिकायत के आधार पर, काशीगांव पुलिस स्टेशन ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 305 और 321(4) के तहत मामला दर्ज किया।
काशीगांव पुलिस की अपराध जांच शाखा की एक समर्पित टीम ने गहन जाँच शुरू की। टीम ने नालासोपारा पूर्व निवासी संदिग्ध अब्दुल बदू को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान, आरोपी ने चोरी की बात कबूल की और बताया कि उसने मीरा रोड, नवघर और आसपास के इलाकों में भी इसी तरह की चोरियाँ की हैं।
उनके बयान के आधार पर पुलिस ने सैमसंग, ओप्पो, वीवो और आईफोन सहित विभिन्न ब्रांडों के 20 मोबाइल फोन जब्त किए, जिनकी कुल कीमत 1.16 लाख रुपये है।
सत्यापन के बाद, पुलिस को पता चला कि बदू के खिलाफ काशीगांव, पेल्हार, मांडवी और मीरा रोड सहित विभिन्न पुलिस थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके पिछले अपराधों में भारतीय दंड संहिता और नई भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत चोरी और डकैती के मामले शामिल हैं।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा आगे की जांच की जा रही है।
अपराध
मुंबई : नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

मुंबई, 11 अक्टूबर: मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया। पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 36 नौकरी के इच्छुक युवाओं से कुल 2.88 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।
आरोपी की पहचान सोलापुर जिले के बार्शी निवासी 35 वर्षीय नीलेश राठौड़ के रूप में हुई है। वह खुद को स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) में उप सचिव बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया है कि उसने आयकर विभाग में इंस्पेक्टर और सहायक जैसे पदों के लिए फर्जी भर्तियों का झांसा देकर लाखों रुपए वसूले।
सहार पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 319, 336, 338 और 340 के तहत केस दर्ज किया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब नवी मुंबई निवासी संतोष खरपुड़े ने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनसे और अन्य कई उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली। सहायक पद के लिए 4 लाख और निरीक्षक पद के लिए 6 लाख रुपए की मांग की गई थी।
नीलेश राठौड़ ने मई 2023 में अंधेरी ईस्ट के एक होटल में इंटरव्यू का नाटक रचा और हर उम्मीदवार से करीब 10 लाख रुपए वसूल लिए। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए, सरकारी अस्पतालों में फर्जी मेडिकल जांच कराई और पुलिस वेरिफिकेशन के जाली दस्तावेज भी उपलब्ध कराए ताकि पूरी प्रक्रिया असली लगे।
कुछ महीनों तक जब पीड़ितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो उन्होंने खुद आयकर विभाग से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया चल ही नहीं रही है।
जब पीड़ितों ने राठौड़ से जवाब मांगा, तो उसने शुरुआत में पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद सहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।
जांच में यह भी सामने आया है कि राठौड़ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यह तक दावा किया कि वह दिल्ली में अपने संपर्कों के जरिए भारतीय सेना में भी नौकरी दिलवा सकता है।
मुंबई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ और लोग भी इस ठगी में शामिल थे।
अपराध
मुंबई अपराध: कुर्ला में एचडीआईएल कंपाउंड स्थित एसआरए बिल्डिंग में 32 वर्षीय बीएमसी कर्मचारी मृत मिला; पुलिस ने जांच शुरू की

मुंबई: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का एक 32 वर्षीय कर्मचारी गुरुवार दोपहर कुर्ला (पश्चिम) स्थित एचडीआईएल कंपाउंड स्थित स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) परियोजना की बिल्डिंग नंबर 9 में मृत पाया गया। घटना की सूचना वीबी नगर पुलिस स्टेशन को शाम करीब 4:30 बजे मिली।
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान घाटकोपर क्षेत्र निवासी राजेश परमार के रूप में हुई है, जो बीएमसी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) विभाग, एफ नॉर्थ वार्ड में काम करता था।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजावाड़ी अस्पताल भेज दिया गया है। मौत का सही कारण अभी अज्ञात है और आगे की जाँच जारी है।
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