राजनीति
कांग्रेस नेता बरैया के जातिवादी वाले बयान पर भाजपा हमलावर
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही वार-पलटवार का दौर चल पड़ा है। ग्वालियर-चंबल इलाके में बीते चुनाव में कांग्रेस की सफलता का कारण जातिवाद बताने वाले कांग्रेस नेता फूलसिंह बरैया के बयान ने सियासी गर्माहट ला दी है। इस पर भाजपा के प्रवक्ता डा हितेष वाजपेयी ने भी बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस नेता बरैया का एक बयान वायरल हो रहा है, जिसमें वे कथित तौर पर कह रहे हैं कि ग्वालियर-चंबल इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कोई प्रभाव नहीं है। देश में अगर जातिवाद है तो सिंधिया जीरो हैं। भाजपा अगर जातिवाद मिटा देती है तो सिंधिया का महत्व बढ़ जाएगा। जातिवाद है तो सिंधिया का एक ही वोट है।
इस वीडियो में बरैया ग्वालियर-चंबल इलाके में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए आगे कह रहे हैं, दो अप्रैल का कांड न हुआ होता तो क्या 34 में से 26 सीट कांग्रेस जीत पाती। वास्तव में वह दो अप्रैल का मामला था, सिंधिया का मामला नहीं था।
ज्ञात हेा कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के समय सिंधिया कांग्रेस के साथ थे और कांग्रेस ने इस इलाके में बड़ी जीत हासिल की थी। बरैया उसी जीत पर अपनी बात कह रहे थे।
बरैया के इस बयान वाले वीडियो को ट्वीट करते हुए भाजपा प्रवक्ता डा हितेष वाजपेयी ने लिखा है, आज जिस बेशर्मी से फूलसिंह बरैया ने स्वीकार किया कि पिछले चुनाव में जिस प्रकार कांग्रेस ने दो अप्रैल को जातिवादी दंगा फैलाया उसी आधार पर कांग्रेस बहुतायत सीटें जीतीं?
उन्होंने आगे कहा, फूलसिंह बेशर्मी से कह रहें हैं कि यदि जातिवादी हिंसा रहेगी तभी हम सिंधिया को हरा पायेंगे! क्या चुनाव आयोग जो कि धर्म और जाति के आधार पर चुनाव न लड़ने को कहता है इस नेता को संज्ञान में लेगा और इस सवर्ण विरोधी, जहरीले नेता को समुदायों के बीच हिंसा फैलाने की चेष्टा के आरोप में प्रतिबंधित करेगा?
डा वाजपेयी ने कमल नाथ से सवाल किया है कि आपको बताना होगा कि इस ब्राम्हण विरोधी-सवर्ण विरोधी हिंसक व्यक्ति के साथ कांग्रेस सहमत है?
राजनीति
जुलाई 2027 तक तैयार होगा 16 फ्लोर वाला आधुनिक अहमदाबाद स्टेशन, शहर से मिलेगी आसान कनेक्टिविटी

अहमदाबाद, 26 नवंबर: गुजरात का अहमदाबाद रेलवे स्टेशन एक ऐतिहासिक बदलाव की दिशा में बढ़ रहा है। इसे देश के सबसे ऊंचे और सबसे आधुनिक 16 मंजिला मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह परियोजना न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए अत्याधुनिक परिवहन ढांचे का नया मानक साबित होने वाली है। रेलवे के अनुसार, इस भव्य परियोजना का काम तेजी से चल रहा है और इसे जुलाई 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
नया स्टेशन अपनी ऊंचाई, डिजाइन और सुविधाओं के कारण पूरी तरह अलग और आधुनिक स्वरूप में दिखाई देगा। यह केवल एक रेलवे स्टेशन नहीं होगा, बल्कि यात्रियों, पर्यटकों और शहरवासियों के लिए एक बहुउद्देश्यीय संरचना होगी। इस 16-फ्लोर हब में विशाल पार्किंग स्पेस, ऑफिस परिसर, वाणिज्यिक क्षेत्र और यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी।
खास बात यह है कि स्टेशन को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि सभी तरह के परिवहन साधनों (रेलवे, मेट्रो, बस सेवा और बुलेट ट्रेन) को एक ही स्थान पर जोड़ दिया जाए। यात्रियों को एक मंच पर सभी कनेक्टिविटी मिल जाएगी, जिससे यात्रा बेहद सुविधाजनक बन जाएगी।
स्टेशन के डिजाइन में शहर की पुरातन विरासत का स्पर्श भी जोड़ा गया है। बाहरी संरचना और आंतरिक वास्तुकला में हेरिटेज का खूबसूरत मेल होगा ताकि आधुनिकता के साथ अहमदाबाद की ऐतिहासिक पहचान भी बनी रहे।
वेस्टर्न रेलवे के डीआरएम वेद प्रकाश ने परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “यह 16 मंजिलों का स्टेशन प्रधानमंत्री मोदी के विजन का हिस्सा है। हमारा प्रयास है कि पूरा स्टेशन शहर के हर हिस्से से बेहतरीन तरीके से जुड़ा रहे ताकि किसी भी यात्री को यहां पहुंचने में परेशानी न हो।”
उन्होंने यह भी बताया कि स्टेशन पुनर्विकास को इस रूप में तैयार किया जा रहा है कि आने वाले वर्षों में बढ़ते हुए यात्री दबाव को आसानी से संभाला जा सके। शहर के विभिन्न परिवहन नेटवर्क के साथ सीधी और सुगम कनेक्टिविटी इस परियोजना का सबसे बड़ा आकर्षण है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन के आसपास का क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा। बेहतर सड़कें बस कनेक्शन, मेट्रो लिंक और भविष्य की बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के साथ यह पूरा क्षेत्र अहमदाबाद का नया ट्रांसपोर्ट हब बनकर उभरेगा। यह परियोजना शहर के आर्थिक विकास व्यापार और पर्यटन को भी नई गति देने वाली है।
स्थानीय लोगों में भी इस परियोजना को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। कई वर्षों बाद अहमदाबाद को ऐसा आधुनिक स्टेशन मिलने जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस होगा।
राजनीति
पीएम मोदी ने संविधान दिवस पर नागरिकों को लिखी चिट्ठी, वोट करके लोकतंत्र को मजबूत करने की अपील

नई दिल्ली, 26 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर, संविधान दिवस के मौके पर भारत के नागरिकों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने 1949 में संविधान को ऐतिहासिक रूप से अपनाने को याद किया और देश की तरक्की में इसकी अहम भूमिका को बताया। उन्होंने बताया कि 2015 में सरकार ने इस पवित्र दस्तावेज का सम्मान करने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस घोषित किया था।
पीएम मोदी ने बताया कि कैसे संविधान ने आम लोगों को सबसे ऊंचे लेवल पर देश की सेवा करने के लिए मजबूत बनाया है, और संसद और संविधान के प्रति अपने सम्मान के अनुभव शेयर किए। उन्होंने 2014 में संसद की सीढ़ियों पर झुकने और 2019 में सम्मान के तौर पर संविधान को अपने माथे पर लगाने को याद किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान ने अनगिनत नागरिकों को सपने देखने और उन सपनों को पूरा करने की ताकत दी है।
संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए, प्रधानमंत्री ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और कई जानी-मानी महिला सदस्यों को याद किया, जिनके विजन ने संविधान को बेहतर बनाया। उन्होंने संविधान की 60वीं सालगिरह के दौरान गुजरात में संविधान गौरव यात्रा और इसकी 75वीं सालगिरह के उपलक्ष्य में संसद के स्पेशल सेशन और देश भर में हुए प्रोग्राम जैसे मील के पत्थरों पर बात की, जिनमें रिकॉर्ड पब्लिक पार्टिसिपेशन देखा गया।
इस साल के संविधान दिवस पर जोर देते हुए कहा कि यह खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, वंदे मातरम की 150वीं सालगिरह और श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत की सालगिरह के साथ मेल खाता है। पीएम मोदी ने कहा कि ये शख्सियतें और मील के पत्थर हमें हमारे कर्तव्यों की अहमियत की याद दिलाते हैं, जैसा कि संविधान के आर्टिकल 51 ‘ए’ में बताया गया है। उन्होंने महात्मा गांधी के इस विश्वास को याद किया कि अधिकार, कर्तव्यों को निभाने से मिलते हैं, और इस बात पर जोर दिया कि कर्तव्यों को पूरा करना ही सामाजिक और आर्थिक तरक्की की नींव है।
भविष्य को देखते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इस सदी की शुरुआत के 25 साल बीत चुके हैं, और सिर्फ दो दशकों में भारत गुलामी से आजादी के 100 साल पूरे कर लेगा। 2049 में, संविधान को अपनाए हुए एक सदी हो जाएगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज ली गई नीतियां और फैसले आने वाली पीढ़ियों की जिंदगी को आकार देंगे, और नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने कर्तव्यों को सबसे पहले अपने दिमाग में रखें क्योंकि भारत एक ‘विकसित भारत’ के विजन की ओर बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने वोट के अधिकार का इस्तेमाल करके लोकतंत्र को मजबूत करने की जिम्मेदारी पर जोर दिया, और सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेज 18 साल के होने पर पहली बार वोट देने वालों का सम्मान करके संविधान दिवस मनाएं। उन्होंने विश्वास जताया कि युवाओं को जिम्मेदारी और गर्व से प्रेरित करने से लोकतांत्रिक मूल्य और देश का भविष्य मजबूत होगा। अपने पत्र के आखिर में, प्रधानमंत्री ने नागरिकों से कहा कि वे इस महान देश के नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का वादा फिर से करें, और इस तरह एक विकसित और मजबूत भारत बनाने में अहम योगदान दें।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करके संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, “संविधान दिवस पर, हम अपने संविधान बनाने वालों को श्रद्धांजलि देते हैं। उनका विजन और दूर की सोच हमें एक विकसित भारत बनाने की हमारी कोशिश में मोटिवेट करती रहती है। हमारा संविधान मानवीय गरिमा, बराबरी और आजादी को सबसे ज्यादा अहमियत देता है। यह हमें अधिकार तो देता है, साथ ही हमें नागरिक के तौर पर हमारी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है, जिन्हें हमें हमेशा पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए। ये जिम्मेदारियां एक मजबूत लोकतंत्र की नींव हैं। आइए हम अपने कामों से संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने का अपना वादा दोहराएं।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
इथियोपिया के ज्वालामुखी विस्फोट ने बढ़ाई टेंशन, भारत से चीन की ओर निकला राख का गुबार

नई दिल्ली, 26 नवंबर: इथियोपिया का हेली गुब्बी ज्वालामुखी करीब 10-12 हजार साल बाद फिर से फटा है। ज्वालामुखी से निकली राख भारत होते हुए अब चीन की ओर बढ़ चुकी है। ज्वालामुखी की राख भारत की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली तक देखने को मिली। इसका असर भारतीय एयरलाइंस सर्विस पर भी दिखा। वहीं अब ये ज्वालामुखी की राख चीन की टेंशन बढ़ाने वाली है।
भारतीय मौसम विभाग की ओर से साझा जानकारी के अनुसार ज्वालामुखी से निकली राख का बादल इथियोपिया के लाल सागर से होते हुए यमन, ओमान, अरब सागर के ऊपर से पश्चिमी भारत से फिर उत्तर भारत तक पहुंचा।
ताजा जानकारी के अनुसार अब ये राख का बादल भारत से निकलकर चीन की ओर बढ़ गया है। बता दें, यह ज्वालामुखी करीब 12 हजार सालों तक शांत रहने के बाद फटा है। ज्वालामुखी की राख आसमान में लगभग 14 किलोमीटर ऊपर तक उठी।
हालांकि, भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि इस राख के बादल से कोई खतरा नहीं है। हालांकि, राख के बादल के भारत में दस्तक देने के बाद देश में कई उड़ानों का रूट डायवर्ट कर दिया गया। कुछ उड़ानें रद्द भी की गईं।
इससे पहले आईएमडी ने बताया था कि मंगलवार को राख का गुबार गुजरात, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के ऊपर चला गया। हालांकि यह बादल ज्यादातर वायुमंडल के बीच के स्तर पर बना रहा, लेकिन इसकी वजह से कुछ समय के लिए विमानों के संचालन में रुकावट आई और अधिकारियों को एविएशन के लिए सेफ्टी एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है।
‘इंडियामेटस्काई वेदर’ के अनुसार, इस गुबार में ज्यादातर सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2) है और ज्वालामुखी की राख कम से मीडियम कंसंट्रेशन में है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि इसका एक्यूआई पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन नेपाल की पहाड़ियों पर हो सकता है।
इंडियामेटस्काई वेदर ने कहा, “ऐश प्लम में ज्यादातर सल्फर डाइऑक्साइड है और ज्वालामुखी की राख कम से मीडियम मात्रा में है। यह अब ओमान-अरब सागर क्षेत्र से उत्तर और मध्य भारत के मैदानी इलाकों तक फैल रहा है। यह एक्यूआई लेवल पर असर नहीं डालेगा, लेकिन यह नेपाल की पहाड़ियों, हिमालय और उत्तर प्रदेश के आस-पास के तराई इलाके में एसओ2 लेवल पर असर डालेगा, क्योंकि कुछ मटीरियल पहाड़ियों से टकराएगा और बाद में चीन चला जाएगा।”
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि मैदानी इलाकों में राख गिरने की संभावना कम है, लेकिन यह प्लम धीरे-धीरे दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के ऊपर से गुजरता रहेगा, लेकिन सतह की हवा की क्वालिटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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