बॉलीवुड
आयुष्मान : लड़कियों के प्रति भेदभाव के कारण हम विकसित समाज होने के बावजूद काफी पीछे है

इंटरनेशनल डे फॉर द गर्ल चाइल्ड के अवसर पर, अभिनेता आयुष्मान खुराना ने कहा कि लड़कियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा अस्वीकार्य है और यह सोच समाज को विकसित होने बावजूद भी काफी पीछे धकेल देती है। एक बेटी के पिता आयुष्मान ने कहा कि बच्चों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने की दिशा में यूनिसेफ के सेलिब्रिटी एडवोकेट के रूप में, मेरा ²ढ़ विश्वास है कि लड़कियों के खिलाफ भेदभाव और हिंसा अस्वीकार्य है।
“कोविड -19 ने लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। मोबाइल या इंटरनेट तक सीमित पहुंच के साथ, लड़कियों को दूरस्थ शिक्षा तक पहुंचने और अपने परिवार में लड़कों के समान स्वास्थ्य, पोषण और सामाजिक जरूरतों का इलाज करने में प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।”
“लॉकडाउन में लिंग आधारित हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी के दौरान बाल विवाह में 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।”
आयुष्मान ने कहा कि लड़कियों को कई चुनौतियों और भेदभाव का सामना करना पड़ता है, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “लड़कियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उनके मानवाधिकारों को सुनिश्चित करना है। हमें लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देने, उनके अधिकारों को लड़कों के समान मानने, उन्हें कौशल और आजीविका के अवसर प्रदान करने और पितृसत्तात्मक मानसिकता को दूर करने के लिए लड़कों और पुरुषों के साथ जुड़ने की आवश्यकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि क्या हम उन छोटे-छोटे तरीकों से अवगत हो सकते हैं जिनमें लड़कियों के साथ घर में भेदभाव किया जाता है, जैसे कि अपने भाइयों के बाद खाना खाना, बाहर खेलने की अनुमति नहीं देना, फोन और इंटरनेट तक पहुंच से वंचित / प्रतिबंधित, लड़कियों के लिए अलग-अलग समय प्रतिबंध लगाना। इन प्रथाओं को समाप्त करने से, एक समय में एक परिवार बदल जाएगा कि हम लड़कियों को कैसे महत्व देते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा, “दूसरा, अब स्कूलों को सुरक्षित रूप से फिर से खोलना शुरू हो गया है, यह महत्वपूर्ण है कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को वापस स्कूल भेजें, जिसमें लड़कियां भी शामिल हैं। स्कूल खत्म करने वाली लड़कियों की कम उम्र में शादी करने की संभावना कम होती है।”
उन्होंने कहा, “भले ही भारत ने बाल विवाह की घटनाओं को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण लाभ कमाया है, लेकिन तीन में से एक बालिका वधू अभी भी भारत में रहती है।”
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण, माता-पिता, दोस्तों, साथियों के रूप में हमें सकारात्मक लिंग प्रथाओं और मानदंडों को बढ़ावा देने और हिंसा की संस्कृति को समाप्त करने के लिए लड़कों और पुरुषों के साथ जुड़ना चाहिए।
बॉलीवुड
हेमा मालिनी ने छेड़ी ‘सीवीआई’ के खिलाफ जंग, मथुरा में शुरू होंगे कार्यक्रम, जाने क्या है ये बीमारी?

मुंबई, 17 मई। बॉलीवुड एक्ट्रेस और बीजेपी सांसद हेमा मालिनी इन दिनों अमेरिका यात्रा पर हैं। वह बोस्टन शहर में आयोजित प्रेरणादायक कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों के जीवन को बेहतर बनाना था। यह कार्यक्रम ‘कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट’ (सीवीआई) यानी मस्तिष्क से जुड़ी दृष्टि संबंधी समस्या को लेकर था, जो आज के समय में बचपन में अंधेपन की सबसे बड़ी वजह बन चुकी है।
इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें हेमा मालिनी ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर कीं और कैप्शन में लिखा, ”मैं इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हूं। यह सुंदर कार्यक्रम बोस्टन में हुआ और यह एक नेक उद्देश्य के लिए था। ‘कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट’ (सीवीआई) बचपन में अंधेपन का प्रमुख कारण है। हालांकि, सही इलाज से इसमें काफी सुधार किया जा सकता है। इस फंड रेजिंग कार्यक्रम का आयोजन अनुराधा जूजू, जूजूगाना और प्रशांत पलकुर्थी ने किया था, और यह विजन-एड नाम की संस्था के समर्थन में था। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मथुरा में जल्द ही ऐसे खास कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिनका मकसद सीवीआई से प्रभावित बच्चों की मदद करना है।”
बता दें कि ‘कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट’ यानी सीवीआई एक ऐसी समस्या है, जिसमें आंखें देख तो सकती हैं, लेकिन मस्तिष्क को समझने में दिक्कत होती है। इससे लोगों को चीजें धुंधली दिख सकती हैं, चेहरों को पहचानना मुश्किल हो सकता है, या दूरी और आकार समझने में परेशानी हो सकती है। यह मस्तिष्क में चोट, ऑक्सीजन की कमी, स्ट्रोक या जन्मजात कारणों से हो सकता है। इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। यह बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकता है, लेकिन यह बच्चों को अपनी चपेट में जल्दी लेता है।
जब कोई बच्चा ठीक से देख नहीं पाता, तो उसकी दुनिया अधूरी सी हो जाती है। लेकिन आशा की किरण तब जगती है, जब हम जान पाते हैं कि सही इलाज और थैरेपी से ऐसे बच्चों की नजर में सुधार लाया जा सकता है। यही संदेश इस कार्यक्रम के ज़रिए लोगों तक पहुंचाया गया। यह कदम मेडिकल क्षेत्र की दिशा में शानदार योगदान है।
बॉलीवुड
एआई और डीपफेक मामले पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

suprim court
नई दिल्ली,16 मई। एआई और डीपफेक मामले को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। एआई और डीपफेक के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाने की मांग के साथ याचिका दाखिल की गई है।
मांग की गई है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एआई जेनरेटेड या डीपफेक कंटेंट की पहचान करने और उसे हटाने के लिए नियम बनाए जाएं। इसमें केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को पक्षकार बनाया गया है।
बता दें, डीपफेक की समस्या वैश्विक और गंभीर बनती जा रही है। तकनीक के जरिए किसी तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति की जगह अन्य व्यक्ति की तस्वीर लगा दी जाती है। इससे किसी को भी गुमराह किया जा सकता है और गलत सूचना फैलाई जा सकती है। डीपफेक वीडियो एक बार पोस्ट हो जाए तो शिकायत की जा सकती है। इस पर 72 घंटे में कार्रवाई भी होती है, लेकिन नुकसान यह है कि तब तक वीडियो सोशल मीडिया पर कई बार शेयर हो चुका होता है।
देश की तमाम हस्तियां डीपफेक का शिकार हो चुकी हैं। अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे लेकर एक शख्स की गिरफ्तारी भी हुई थी। इसके बाद मंदाना का एक और डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वह लाल रंग की बिकनी पहने किसी झरने के नीचे खड़ी दिखी थीं।
डीपफेक का शिकार होने वाली हस्तियों की लिस्ट में रश्मिका मंदाना अकेले नहीं हैं। अभिनेत्री आलिया भट्ट, प्रियंका चोपड़ा, नोरा फतेही, भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन दिवंगत रतन टाटा, इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति का भी फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
अभिनेत्री और भाजपा से मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने हाल ही में डीपफेक पर चिंता जाहिर करते हुए इसका मुद्दा लोकसभा में उठाया था। उन्होंने कहा था, “एक्टर्स ने वर्षों की मेहनत से अपनी पहचान बनाई, लेकिन डीपफेक के जरिए फर्जी वीडियो बनाकर उनकी छवि को धूमिल किया जा रहा है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते हैं और पीड़ितों के मन पर गहरा असर डालते हैं।
बॉलीवुड
विजय देवरकोंडा स्टारर ‘किंगडम’ की रिलीज़ डेट हुई पोस्टपोंड! 4 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में देगी दस्तक!

विजय देवरकोंडा स्टारर फिल्म ‘किंगडम’ को मिली नई रिलीज़ डेट, 4 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में होगा धमाल
विजय देवरकोंडा की मच-अवेटेड फिल्म किंगडम (सम्राज्य) का टीज़र आ गया है, और इसमें उनका ऐसा जबरदस्त अवतार देखने को मिला है जो फैंस को अपने साथ एकदम से बांध लेता है। टीज़र में उनका इंटेंस और फियरलेस अंदाज़ देखकर फैंस का जोश बढ़ गया है। फिल्म की टीम भी माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। एक के बाद एक नए अपडेट्स के साथ एक्साइटमेंट को बढ़ाए रख रही है, ताकि फैंस की बेसब्री और बढ़ती जाए।
लेकिन अब एक चौंकाने वाला अपडेट आया है – भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव की वजह से किंगडम की रिलीज़ डेट टाल दी गई है। पहले यह फिल्म 30 मई को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन अब इसे 4 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में लाया जाएगा।
हमारे प्यारे दर्शकों के लिए, हम आपको बताना चाहते हैं कि हमारी फिल्म ‘किंगडम’, जो पहले 30 मई को रिलीज़ होने वाली थी, अब 4 जुलाई को सिनेमाघरों में आएगी। हमने पहले वाली तारीख पर फिल्म लाने की पूरी कोशिश की, लेकिन देश में हालात को देखते हुए फिलहाल प्रमोशन और जश्न मुमकिन नहीं है।
हमें यकीन है कि इस फैसले से हम ‘किंगडम’ को पूरी मेहनत और जुनून के साथ पेश कर पाएंगे। हमें आपके प्यार और साथ की बहुत कदर है, उम्मीद है कि 4 जुलाई को आपसे सिनेमाघरों में मुलाकात होगी।
दिल से शुक्रिया दिल राजू गरु और नितिन गरु का, जिन्होंने इस बदलाव में हमारा साथ दिया।
किंगडम के टीज़र ने जबरदस्त रिस्पॉन्स पाई है। दर्शकों को विजय देवरकोंडा का लुक खूब पसंद आया और सोशल मीडिया पर इसे लेकर तारीफों की बाढ़ आ गई। सिर्फ 24 घंटों में टीज़र ने 10 मिलियन व्यूज़ का रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो इस बात का सबूत है कि फिल्म को लेकर फैंस में जबरदस्त क्रेज़ है।
फिल्म की बस अनाउंसमेंट ने ही ऐसा धमाका किया था, तो सोचो रिलीज पर क्या होने वाला है! विजय देवरकोंडा, गौतम तिन्ननुरी और अनिरुद्ध 4 जुलाई 2025 को किंगडम के साथ पूरा माहौल गरमाने वाले हैं।
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