अपराध
ड्रग्स केस में आर्यन खान की जमानत पर फैसला सुरक्षित, 20 अक्टूबर को होगा फैसला
क्रूज ड्रग्स मामले में आर्यन खान व अन्य आरोपियों को सेशन्स कोर्ट से राहत नहीं मिली है… मुंबई के सेशन्स कोर्ट में गुरूवार को देरी से सुनवाई शुरू हुई और शाम तक सुनवाई होती रही और आखिरकार कोर्ट ने आर्यन खान की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है…अब इस मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी…दोनों पक्षों की जिरह में समय निकल गया..इसलिए इस मामले की सुनवाई दशहरे की छुट्टी के बाद 20 अक्टूबर बुधवार को फैसला सुनाया जाएगा…
वहीं एनसीबी ने अदालत में आर्यन को ‘नशेड़ी’ करार दिया और कहा कि वह नियमित रूप से ड्रग्स के सेवन का आदी है।
अदालत की ओर से मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और अन्य सह-आरोपी अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को अगले कई दिनों तक सार्वजनिक छुट्टियों के कारण अगले पांच दिनों के लिए आर्थर रोड सेंट्रल जेल और भायखला महिला जेल में न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और बचाव पक्ष के वकीलों की ओर से तीखी दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश वी. वी. पाटिल ने आर्यन खान, मर्चेंट और धमेचा की जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला बरकरार रखा, जिन्हें 2 अक्टूबर की सनसनीखेज रेव पार्टी छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।
एनसीबी ने आरोप लगाया कि आर्यन खान प्रथम ²ष्टया अवैध मादक पदार्थों की तस्करी, मादक पदार्थों की खरीद और वितरण में शामिल था और कुछ अंतरराष्ट्रीय व्यक्तियों के साथ भी उसके संबंध हैं। एनसीबी ने कहा कि वह नियमित तौर पर ड्रग्स लेता है और नियमित तौर पर इसका उपभोक्ता रहा है।
एजेंसी ने कहा कि हालांकि उसके पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुआ है, मगर आर्यन खान प्रतिबंधित पदार्थ के ‘सचेत कब्जे’ में रहा, यानी वह ऐसे माहौल में रहा, जो ड्रग्स लेने वालों का है, क्योंकि वह मर्चेंट तथा आचित कुमार से जुड़ा हुआ था, जिसके पास से 6 ग्राम चरस और आचित कुमार से 2.6 ग्राम गांजा बरामद किया गया था।
एनसीबी का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि आर्यन खान के व्हाट्सएप चैट में, थोक मात्रा का एक विशिष्ट संदर्भ है और आर्यन खान पहली बार खरीदारी करने वाला उपभोक्ता नहीं है और रिकॉर्ड पर रखे सबूत से पता चलता है कि वह पिछले कुछ वर्षो से ड्रग्स ले रहा है।
विशेष न्यायाधीश पाटिल ने यह भी संकेत दिया कि वह कथित रूप से आपत्तिजनक चैट की जांच करेंगे।
हालांकि, मर्चेंट के वकील तारक सईद ने तर्क दिया कि एनसीबी व्हाट्सएप चैट की जांच नहीं कर सकी है, क्योंकि मोबाइल फोन एक ‘पंचनामे’ के तहत जब्त नहीं किए गए थे, जिसे सिंह ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके पास स्वैच्छिक आत्मसमर्पण और आरोपी का बयान है।
आर्यन खान के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने आरोपों को निराधार बताया और तर्क दिया कि उनके पास से कोई ड्रग्स की रिकवरी नहीं हुई है और न ही उनके पास कोई नकदी थी, इसलिए उनकी ड्रग्स खरीदने की कोई योजना नहीं थी, न ही वह उन्हें बेचने या उपभोग करने जा रहे थे।
जमानत के लिए पुरजोर गुहार लगाते हुए, तीनों आरोपियों के वकीलों ने कहा कि वे पार्टी में आमंत्रित थे और उन्होंने एनसीबी द्वारा दावा किए गए कथित अवैध ड्रग व्यापार में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया और यह भी कहा कि मर्चेंट और धमेचा से कथित रिकवरी एक ‘छोटी मात्रा’ है और यह वाणिज्यिक मात्रा नहीं है।
देसाई ने आग्रह किया कि खान को जमानत दी जा सकती है, क्योंकि वह एनसीबी की चल रही जांच को प्रभावित नहीं करेगा और कहा कि एजेंसी कुछ कथित चैट (‘लेट्स हैव ए ब्लास्ट’) को सत्यापित किए बिना भरोसा कर रही है, क्योंकि यह सुझाव देने के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है कि उनका वर्तमान मामले के साथ कोई संबंध है।
जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध करते हुए एएसजी ने कहा कि एनसीबी इस बात की जांच करेगी कि वे सभी एक-दूसरे से कैसे जुड़े हैं और किस प्रकार से एक साजिश को अंजाम दिया गया है और इसके बाद ही जमानत पर उचित स्तर पर विचार किया जा सकता है।
एनसीबी के विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना ने उन उदाहरणों का हवाला देते हुए अपनी बात रखी, जहां आरोपियों से बरामद ड्रग्स की बहुत कम मात्रा के लिए जमानत खारिज कर दी गई थी। उन्होंने दलील दी कि एजेंसी ने कुमार से 2.6 ग्राम गांजा बरामद किया, जिसे खान के बयानों के बाद पकड़ा गया था, जो एक साजिश की ओर इशारा करता है। जबकि मिसालों का हवाला देते हुए जहां आरोपी से बरामद दवाओं की बहुत कम मात्रा के लिए जमानत खारिज कर दी गई थी।
अपराध
दिल्ली : ज्योति नगर इलाके में चाकूबाजी की घटना में एक नाबालिग की मौत, जांच में जुटी पुलिस

CRIME
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस क्षेत्र में शुक्रवार रात चाकूबाजी की घटना हुई है। इसमें एक नाबालिग की मौत हो गई। पुलिस टीम पूरे मामले की जांच कर रही है।
पूरी घटना शुक्रवार रात की है। ज्योति नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत चाकूबाजी की घटना हुई। हमले का शिकार हुए नाबालिग को पहले जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान कर्दमपुरी इलाके के रहने वाले 15 साल के लड़के के रूप में हुई।
पूछताछ में पता चला कि आरोपियों और लड़के के बीच झगड़ा हुआ था, जिस दौरान आरोपियों ने मृतक को चाकू मार दिया। इस जुर्म में एक नाबालिग समेत दो संदिग्धों के शामिल होने के सुराग और सबूत मिले हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने यह जुर्म किया है।
मामले को लेकर ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए हैं। आगे की जांच जारी है।
घटना के बाद इलाके के लोग स्तब्ध हैं। एक स्थानीय नागरिक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “16 वर्षीय अल्फाज की हत्या हुई है। वो रात को खाना खाने के लिए बैठा था। इस दौरान उसका एक दोस्त आया, जो उसे लेकर बाहर गया। उन्होंने घर से जाते वक्त दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया था। यह घटना रात करीब 11 बजे की है। पुलिस घटना के काफी देर बाद आई है।”
उन्होंने इलाके में हो रही आपराधिक घटनाओं पर चिंता जताई और पुलिस से निवेदन किया कि आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाए और लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखे। उन्होंने बताया कि कुछ लड़के गली में खड़े होते हैं, जो किसी महिला के जाने पर छेड़ते हैं। इस पर भी रोक लगे।
अपराध
सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी दिल्ली पुलिस, 15 दिसंबर को होगी सुनवाई

RAKHA GUPTA
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को होने वाली सुनवाई 15 दिसंबर तक के लिए टल गई है। इस मामले में दिल्ली पुलिस आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले मामले को लेकर पिछली सुनवाई में निचली अदालत ने राजेश भाई खीमजी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को सेशन कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में आरोपियों राजेश भाई खीमजी और सैयद तसहीन रजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
दरअसल, यह मामला 20 अगस्त का है, जब सीएम रेखा गुप्ता अपने आधिकारिक निवास पर जनसुनवाई कर रही थीं। इसी दौरान गुजरात निवासी राजेश खीमजी ने अचानक उन पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया।
हमले की घटना के बाद सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई। प्रारंभिक पूछताछ में राजेश खीमजी ने बताया था कि वह आवारा कुत्तों के मुद्दे को लेकर नाराज था और इसी वजह से उसने हमला किया।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस हमले में राजेश खीमजी का साथी सैयद तसहीन रजा शामिल था। पुलिस के मुताबिक, सैयद ने हमले की साजिश में राजेश की मदद की थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सभी जरूरी सबूत जुटा लिए हैं और मामले की पूरी जांच लगभग पूरी कर ली गई है। अब आगे की कानूनी प्रक्रिया सेशन कोर्ट में पूरी की जाएगी, जहां दोनों आरोपियों को पेश किया जाएगा।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चार्जशीट को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। चार्जशीट में आरोपियों पर हमला करने, सुरक्षाबलों के सामने कार्रवाई में बाधा डालने और साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
अपराध
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने आईएसआई से जुड़े हथियार गिरोह का किया भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह पाकिस्तान के रास्ते तुर्की और चीन में बने हाई एंड पिस्टल भारत में सप्लाई कर रहा था। इन हथियारों का इस्तेमाल देश में सक्रिय गैंगस्टरों और अपराधी नेटवर्क द्वारा किया जा रहा था।
पुलिस की मानें तो जांच में खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क पाकिस्तान से बड़े पैमाने पर आधुनिक हथियार भारत भेज रहा था। ये हथियार पहले पाकिस्तान में पहुंचाए जाते, फिर वहां से ड्रोन के जरिए पंजाब में ड्रॉप किए जाते थे। इसके बाद दिल्ली और आसपास के राज्यों में इन हथियारों की सप्लाई की जाती थी, जहां इन्हें अपराधियों और गैंगस्टरों तक पहुंचाया जाता था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे से 10 विदेशी महंगी पिस्टल और 92 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में से दो आरोपी पंजाब के रहने वाले हैं और पंजाब में तस्करी नेटवर्क से जुड़े लॉजिस्टिक सपोर्ट का काम देखते थे।
अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा नेटवर्क पाकिस्तान आईएसआई के निर्देश और संरक्षण में काम कर रहा था। साथ ही, भारत की सीमा में अवैध हथियारों की तस्करी एक योजनाबद्ध रणनीति के तहत की जा रही थी। पुलिस की मानें तो यह नेटवर्क काफी समय से सक्रिय था और हथियारों की मांग बढ़ने के कारण गैंगस्टरों और अपराधियों को यह सप्लाई लगातार जारी थी।
क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि अब तक इस गिरोह ने भारत में कितने हथियार सप्लाई किए हैं और वे किन-किन आपराधिक गिरोहों या व्यक्तियों तक पहुंचे। इसके लिए पुलिस मोबाइल फोन रिकॉर्ड, बैंक लेनदेन, डिजिटल पेमेंट, सोशल मीडिया संपर्क और सीमाई इलाकों के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है। इसके अलावा गिरोह के अन्य सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय लिंक की पहचान के लिए भी पूछताछ जारी है।
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