अपराध
आर्यन खान ड्रग्स मामला: ‘ज्ञानेश्वर सिंह ने मुझसे पूछा कि मैं अच्छे कपड़े कैसे खरीद सकता हूं?’, समीर वानखेड़े का एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी पर जातिगत भेदभाव का आरोप

मुंबई: पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने एनसीबी के तत्कालीन उप निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह पर एक जांच के दौरान अपमानित करने और परेशान करने का आरोप लगाया है क्योंकि वानखेड़े एक पिछड़े समुदाय से संबंधित हैं। बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन से जुड़े सनसनीखेज ड्रग बस्ट मामले के सिलसिले में चार अन्य लोगों के साथ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में वानखेड़े का नाम लिया गया है। प्राथमिकी एनसीबी के तत्कालीन उप निदेशक ज्ञानेश्वर सिंह की जांच रिपोर्ट पर आधारित है, जिन्होंने एक विशेष जांच दल (सेट) का नेतृत्व किया था। वानखेड़े ने अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग को अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि अगस्त 2022 में मुंबई में गोरेगांव पुलिस स्टेशन से एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बावजूद सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। .
वानखेड़े ने सीवीओ ज्ञानेश्वर सिंह की अध्यक्षता वाले विशेष जांच दल द्वारा पूछे गए सवालों का जिक्र किया। उन्होंने सवालों को “बेहद अपमानजनक, अपमानजनक और बिना किसी दिमाग के आवेदन के” कहा। वानखेड़े ने कहा, “सीवीओ की अपमानजनक और अपमानजनक मानसिकता प्रदर्शित करने वाले कुछ प्रश्न थे कि मैं अच्छे कपड़े कैसे पहन सकता हूं और ‘मैं उन्हें कैसे वहन कर सकता हूं?” वानखेड़े ने बताया कि यह सीवीओ की “मानसिकता” को स्थापित करता है कि अनुसूचित जाति के लोग अच्छे कपड़े नहीं पहन सकते हैं, एक सभ्य जीवन जीते हैं और परिवार के लिए एक सभ्य जीवन प्रदान करते हैं, गरीबी और जाति व्यवस्था के अंतर्निहित मुद्दे से ऊपर उठते हैं और दूसरों के साथ खड़े हों। “मैंने इस तरह के सवालों का जवाब दिया कि मैंने माननीय भारत राम डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर के किरायेदारों का अनुसरण किया, जिस पर सीवीओ अपने अन्य अधिकारियों के सामने बेकाबू होकर हंसने लगे और कहा ये सब यहां नहीं चलेगा जो कि और भी अपमानजनक था।” वानखेड़े ने कहा।
इसके अलावा, वानखेस ने आरोप लगाया कि सिंह ने यह दावा करते हुए उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी थी कि उसका जाति प्रमाण पत्र फर्जी था। “जबकि मेरे खिलाफ इस तरह के व्यक्तिगत प्रतिशोध का कारण स्पष्ट नहीं है, सीवीओ ने पहले भी मुझे यह दावा करके चुनौती दी थी कि चूंकि मेरा जाति प्रमाण पत्र जाली था, इसलिए मेरी जाति का दर्जा साफ नहीं होगा और उन्होंने एक को धमकी भी दी कि वह यह सुनिश्चित करेंगे मैं अपनी नौकरी खो देता हूं। वानखेड़े का मानना है कि ज्ञानेश्वर सिंह ने लूप में रखे जाने के बावजूद, आर्यन खान को ड्रग मामले से बाहर निकालने के लिए आर्यन खान की मदद करने के लिए सीबीआई को उनके खिलाफ जाने का फायदा उठाया। इस बीच, समीर वानखेड़े ने शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की अवकाश पीठ का रुख किया और 25 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के मामले में उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करने की मांग की। वानखेड़े ने अपनी अपील में कहा कि उनके खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई बदले की कार्रवाई है और मामले को दोपहर ढाई बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
अपराध
जेएनपीए में 800 करोड़ रुपये की कथित भ्रष्टाचार: सीबीआई ने पूर्व चीफ मैनेजर, निजी कंपनियों पर केस दर्ज किया

सीबीआई ने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान के आरोप में जेएनपीटी के तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), मुंबई और चेन्नई स्थित निजी कंपनियों व अन्य के खिलाफ 18 जून 2025 को एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि जेएनपीए अधिकारियों और निजी कंपनियों के बीच आपराधिक साजिश रची गई, जिससे ठेकों में भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
यह मामला जेएनपीए के नेविगेशनल चैनल की गहराई बढ़ाने के लिए हुए पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें मुंबई की एक निजी कंपनी और चेन्नई की एक अन्य कंपनी को ठेका दिया गया था। टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) इस प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर शामिल थी।
आरोप है कि प्रोजेक्ट के पहले फेज में चैनल की मेंटेनेंस के दौरान ठेकेदारों को 365.90 करोड़ रुपये की अतिरिक्त भुगतान की गई। वहीं, दूसरे फेज में, जो पहले फेज की मेंटेनेंस अवधि से ओवरलैप करता था, ठेकेदार को 438 करोड़ रुपये की और अतिरिक्त राशि दी गई, जबकि दावा किया गया कि पहले फेज में कोई ओवर ड्रेजिंग नहीं हुई थी।
सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई में जेएनपीए अधिकारियों, कंसल्टिंग कंपनी और आरोपी निजी कंपनियों के पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान प्रोजेक्ट से जुड़े कई दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज और सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा किए गए निवेश के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और मामले की जांच जारी है।
एफआईआर में नामजद आरोपी:
श्री सुनील कुमार मदाभावी, तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), जेएनपीटी
श्री देवदत्त बोस, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स
टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, मुंबई
बोस्कालिस स्मिट इंडिया एलएलपी, मुंबई
जान डी नुल ड्रेजिंग इंडिया प्रा. लि., चेन्नई
अन्य अज्ञात सरकारी और निजी व्यक्ति
सीबीआई मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने एमडी ड्रग्स के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी

मुंबई, 20 जून। मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की घाटकोपर यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई में तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 1.18 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (एमडी) ड्रग्स बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.03 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। यह कार्रवाई मुंबई के अंधेरी और घाटकोपर इलाकों में की गई।
एएनसी की घाटकोपर यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर घाटकोपर बस स्टॉप के पास नियमित गश्त के दौरान दो संदिग्धों को देखा। संदिग्धों की तलाशी लेने पर पुलिस ने 40 वर्षीय कांदिवली निवासी से 257 ग्राम एमडी और 29 वर्षीय अंधेरी (पश्चिम) निवासी से 156 ग्राम एमडी बरामद किया।
दोनों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अंधेरी इलाके में तीसरे संदिग्ध को पकड़ा, जिसके पास से 605 ग्राम एमडी जब्त की गई। कुल मिलाकर 1.18 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई, जो नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर एक बड़ा प्रहार है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सभी आरोपी वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी मुंबई के घाटकोपर और अंधेरी इलाकों में सक्रिय एक बड़े ड्रग तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।
जांचकर्ताओं का मानना है कि यह गिरफ्तारी ड्रग तस्करी के एक संगठित रैकेट को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस अब आरोपियों के कनेक्शन, उनके आपराधिक इतिहास और संभावित बड़े सिंडिकेट की जांच कर रही है। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डेटा और वित्तीय लेनदेन की गहन पड़ताल की जा रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके संचालन के तरीकों का पता लगाया जा सके।
मुंबई पुलिस की ड्रग तस्करी के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।
अपराध
बिहार में युवक ने चार साल का प्यार भुलाकर प्रेमिका को उतारा मौत के घाट, गिरफ्तार

बिहारशरीफ, 18 जून। बिहार के नालंदा जिले में एक लड़की को प्यार करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पुलिस ने बुधवार को एक लड़की का शव नगर थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला के सड़क किनारे एक नाले से बरामद किया।
आरोप है कि उसके प्रेमी ने ही उसकी हत्या कर शव को यहां फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक लड़की की पहचान नालंदा जिले के सारे थाना क्षेत्र के ओंदा गांव निवासी पूजा कुमारी (19) के रूप में हुई है। वह भागन बिगहा की रहने वाली थी और बीते कई महीनों से बिहारशरीफ में किराए के मकान में रह रही थी।
बिहारशरीफ सदर के पुलिस उपाधीक्षक नुरुल हक ने बताया कि पुलिस को मंगलवार की रात सूचना मिली कि एक युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर शव को कहीं छिपा दिया है। पुलिस ने रात को शव को काफी खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक अमित कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह पिछले चार वर्षों से पूजा को जानता था। दोनों की मुलाकात बरबीघा स्थित मिशन स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई थी।
उन्होंने बताया कि आरोपी युवक फिलहाल बिहार थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला में विजय कुमार कुशवाहा के मकान में किराए पर रह रहा था।
बताया गया कि लड़की मंगलवार को यहां आई थी और किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और आरोपी ने यहीं युवती की हत्या धारदार हथियार से कर दी। हत्या में प्रयुक्त हथियार को भी कमरे से बरामद किया गया है।
पुलिस का दावा है कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने शव को एक बड़े सूटकेस में रखकर ई-रिक्शा के जरिए कुछ दूरी पर जाकर नाले में फेंक दिया। पुलिस को घटनास्थल से खून के निशान भी मिले हैं, लेकिन सूटकेस अब तक बरामद नहीं हो सका है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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