व्यापार
अदाणी ग्रुप ने ‘विल्मर’ में 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 4,850 करोड़ रुपये जुटाए

अहमदाबाद, 11 जनवरी। अदाणी ग्रुप ने ‘विल्मर’ में अपनी 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर करीब 4,850 करोड़ रुपये जुटाए। ग्रुप ने पिछले महीने विल्मर से बाहर निकलने की घोषणा करने के साथ ही अपनी अधिकांश हिस्सेदारी एक जॉइंट वेंचर पार्टनर को बेच दी थी।
एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी गई थी कि कंपनी में 17.54 करोड़ शेयर (13.50 प्रतिशत इक्विटी) गैर-खुदरा निवेशकों को बेचा जा रहा है। इसके अलावा, कंपनी 13 जनवरी को कंपनी खुदरा निवेशकों को 275 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बेचेगी।
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सहायक कंपनी अदाणी कमोडिटीज एलएलपी ने शुक्रवार को विल्मर में 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए गैर-खुदरा निवेशकों को बिक्री का प्रस्ताव (ओएफएस) पूरा किया।
बिक्री के लिए प्रस्ताव (ओएफएस) में 8.44 करोड़ शेयर या 6.50 प्रतिशत इक्विटी तक एडिशनल सेल का विकल्प शामिल था।
अदाणी कमोडिटीज एलएलपी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “हम स्टॉक एक्सचेंजों को 1,96,29,910 इक्विटी शेयरों (कंपनी के कुल जारी और पेड-अप इक्विटी शेयर पूंजी का 1.51 प्रतिशत) की सीमा तक ऑफर में ओवरसब्सक्रिप्शन ऑप्शन का इस्तेमाल करने के अपने इरादे से अवगत करवाना चाहते हैं।
इसके अलावा 17,54,56,612 इक्विटी शेयर (कंपनी के कुल जारी और पेड-अप इक्विटी शेयर पूंजी का 13.50 प्रतिशत ) बेस ऑफर साइज का हिस्सा हैं।”
“इसके अनुसार, ऑफर शेयरों की कुल संख्या 19,50,86,522 इक्विटी शेयर (कंपनी के कुल जारी और पेड-अप इक्विटी शेयर पूंजी का 15.01 प्रतिशत) तक होगी, जिसमें से 1,95,08,653 इक्विटी शेयर (कंपनी के कुल जारी और पेड-अप इक्विटी शेयर पूंजी का 1.50 प्रतिशत) टी प्लस वन डे पर ऑफर के हिस्से के रूप में उपलब्ध होगा।”
यह लेन-देन अदाणी ग्रुप की क्षमता को दर्शाता है कि ग्रुप बाजार की परिस्थितियों से स्वतंत्र रूप से सफलतापूर्वक पूंजी (ऋण और इक्विटी) जुटाना जारी रख सकता है।
इस लेन-देन के साथ, अदाणी ग्रुप ने इस वित्त वर्ष में कुल 3.15 बिलियन डॉलर की इक्विटी पूंजी जुटाई है।
विल्मर ने अब न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों के अनुपालन के लिए अपना कार्यक्रम पूरा कर लिया है, जिसमें प्रमोटरों की हिस्सेदारी 74.37 प्रतिशत है, और शेष 25.63 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है।
30 दिसंबर को, ग्रुप ने घोषणा की कि वह 2 बिलियन डॉलर से अधिक फंड जुटाने के लिए ज्वाइंट वेंचर में अपनी पूरी 44 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर विल्मर से बाहर निकल जाएगा।
इसके अलावा, विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड ने खाद्य तेल निर्माता में अदाणी फ्लैगशिप की 31 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने पर सहमति व्यक्त की है।
27 दिसंबर तक विल्मर का बाजार पूंजीकरण 42,785 करोड़ रुपये (5 बिलियन डॉलर) था।
अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग एनर्जी और यूटिलिटी, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक और प्राइमरी इंडस्ट्री में दूसरे संबंधित क्षेत्रों में कोर इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म में अपने निवेश को तेज करने के लिए करेगा।
विल्मर के पास 100 प्रतिशत शहरी कवरेज है और भारत में 30,600 से अधिक ग्रामीण कस्बों में उपस्थिति है। इसके अलावा, यह यह वैश्विक स्तर पर 30 से अधिक देशों को निर्यात करता है।
राष्ट्रीय समाचार
नया इनकम टैक्स बिल अगले हफ्ते संसद में पेश होगा, नियमों के सरलीकरण पर रहेगा जोर

नई दिल्ली, 8 फरवरी। आम आदमी के हाथ में अधिक पैसा छोड़ने और नियमों के सरलीकरण के लिए सरकार अगले हफ्ते नए इनकम टैक्स बिल को संसद में पेश कर सकती है।
नए इनकम टैक्स बिल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रीमंडल से शुक्रवार को मंजूरी मिल गई थी। अब इसे फाइनेंस पर संसद की स्थायी समिति के पास भेजे जाने से पहले अगले हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, नए इनकम टैक्स बिल में सरकार ने नियमों के सरलीकरण पर जोर दिया है, जिससे लोग आसानी से इनकम टैक्स से जुड़े नियमों को समझ सकें।
कैबिनेट द्वारा नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दिए जाने से पहले इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा था कि केंद्रीय बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा 12 लाख रुपये तक बढ़ाए जाने के बाद टैक्स आधार में कमी को देखते हुए, नया कानून संभवतः टैक्स दायरे को बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।
सूत्रों का कहना है कि मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 में लागू हुआ था। नया इनकम टैक्स बिल 21वीं सदी के मुताबिक होगा और मौजूदा कानून को रिप्लेस करेगा।
सूत्रों की मानें तो नए इनकम टैक्स बिल में सरकार ने भाषा को सरल बनाने पर काम किया है। दरअसल अभी जो इनकम टैक्स एक्ट है उसमें एक कोट में किसी चीज की व्याख्या अलग होती है, दूसरे में अलग। यानी यह कानून पूरी तरह से खिचड़ी की तरह बन गया है।
इस बिल के सरलीकरण को ऐसे समझा जा सकता है कि पुराने आयकर कानून में लगभग 6 लाख के करीब शब्द हैं जो इस नए बिल में 3 लाख के करीब रह जाएंगे और यह करदाताओं को समझने के लिए भी आसान होगा।
सूत्रों के अनुसार, सरकारी योजनाओं पर सरकार लोगों की निवेश को लेकर निर्भरता भी कम करने का प्रयास कर रही है जिससे लोग अन्य जगहों पर ज्यादा निवेश करें और इससे सामान्य व्यक्ति को ज्यादा फायदा मिल सके।
व्यापार
भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष में छू सकता है 800 अरब डॉलर का आंकड़ा

नई दिल्ली, 8 फरवरी। भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) में 800 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है। इसकी वजह देश के सभी सेक्टरों में मजबूत आर्थिक गतिविधि होना है। यह जानकारी सरकार द्वारा दी गई।
यूनियन कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर, पीयूष गोयल ने कहा कि निर्यात तेजी से बढ़ रहा है और पिछले चार सालों में इसमें काफी वृद्धि हुई है।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा,”हम पहली बार 800 अरब डॉलर से अधिक निर्यात के साथ वित्तीय वर्ष समाप्त करेंगे।”
हालांकि, घरेलू स्तर पर उपलब्धता की कमी और उच्च मांग के कारण पेट्रोलियम उत्पाद, कोकिंग कोयला, दालें और खाद्य तेल जैसे कुछ उत्पादों का आयात करना जरूरी हैं। घरेलू खपत बढ़ने के साथ आयात में वृद्धि अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।
मंत्री के मुताबिक, उन क्षेत्रों में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने और स्थापित करने में कुछ वर्ष लगेंगे।
वैश्विक बाजार में विभिन्न श्रेणियों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ने के कारण, देश का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 778 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह 466 बिलियन डॉलर था, जो कि 67 प्रतिशत की भारी वृद्धि है।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, विश्व व्यापारिक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी भी 1.66 प्रतिशत से बढ़कर 1.81 प्रतिशत हो गई, जिससे देश रैंकिंग में 20वें से 17वें स्थान पर पहुंच गया। यह उपलब्धि तब हासिल हुई जब सरकार ने निर्यात वृद्धि को बनाए रखने और तेज करने के लिए कई पहल लागू की हैं।
देश ने शीर्ष 10 वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं में अपनी रैंक बनाए रखने या सुधारने के साथ कई प्रमुख उत्पाद श्रेणियों के निर्यात में तेज वृद्धि दर्ज की है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पर देश के रणनीतिक फोकस के प्रभावशाली परिणाम मिले हैं।
राष्ट्रीय समाचार
कोयला आयात कम करना, घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर मुख्य फोकस : मंत्री

नई दिल्ली, 8 फरवरी। भारत सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि कोयले के आयात को कम करना और घरेलू उत्पादन बढ़ाना उसकी प्राथमिकता है। कोयला क्षेत्र भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार है और देश के औद्योगिक व आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
भारत के पास दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार है और यह कोयले का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश की कुल ऊर्जा जरूरतों का 55 प्रतिशत कोयले से पूरा होता है।
देश में लगभग 74 प्रतिशत बिजली उत्पादन ताप विद्युत संयंत्रों (थर्मल पावर प्लांट) पर निर्भर है। इसलिए एक मजबूत और टिकाऊ कोयला क्षेत्र की जरूरत बनी रहती है, यह बात कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कही। उन्होंने यह भी बताया कि कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सरकार के प्रयासों से आयातित कोयले पर निर्भरता कम हुई है। अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच कोयला आयात में 5.35 प्रतिशत की कमी आई, जिससे लगभग 3.91 अरब डॉलर (30,007.26 करोड़ रुपये) की बचत हुई। खासकर, घरेलू बिजली संयंत्रों में उपयोग होने वाले कोयले का आयात 23.56 प्रतिशत घटा है।
मंत्रालय की ‘मिशन कोकिंग कोल’ योजना का लक्ष्य 2029-30 तक देश में कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाकर 140 मिलियन टन (एमटी) करना है, जिससे इस्पात क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम हो सके।
भारत का कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में 997.82 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2014-15 में 609.18 मिलियन टन था। पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वृद्धि दर 5.64 प्रतिशत रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 11.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जनवरी 2025 तक कोयला मंत्रालय ने 184 खदानों का आवंटन किया, जिनमें से 65 को खनन शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। इन खदानों से कुल 136.59 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34.20 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 में उत्पादन 170 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है।
आठ कोर उद्योगों में कोयला क्षेत्र ने सबसे तेज वृद्धि दर्ज की है, दिसंबर 2024 में इसमें 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली कुल आय का लगभग 50 प्रतिशत कोयला परिवहन से आता है। साथ ही, कोयला क्षेत्र में लगभग 4.78 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है।
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