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औसत से अधिक मानसून से भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर की ग्रामीण मांग बढ़ी : एचएसबीसी
नई दिल्ली, 3 जून। औसत से अधिक मानसून के कारण भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में ग्रामीण मांग बढ़ रही है और रबी की अच्छी फसल के कारण ट्रैक्टर की मांग में भी तेजी बनी हुई है। यह जानकारी मंगलवार को जारी की गई रिपोर्ट में दी गई।
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि हमारी चैनल पार्टनर की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि विवाह के लिए दिनों की संख्या में वृद्धि और रबी की अच्छी फसल ने मई में दोपहिया वाहनों की वृद्धि को गति दी है।
रिपोर्ट में बताया गया कि मई में इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर का मार्केट शेयर कुल बिक्री में बढ़कर 3.4 प्रतिशत हो गया है। इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर में टाटा की बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत, एमजी की 31 प्रतिशत और एमएंडएम की 20 प्रतिशत रही। हुंडई की ‘ई क्रेटा’ मॉडल की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत रही।
उन्होंने अपने नोट में कहा, “इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का मार्केट शेयर कुल बिक्री में बढ़कर 6.1 प्रतिशत और रिटेल सेल्स 1,00,000 तक पहुंच गई है। टीवीएस ने मई में कुल 25,000 यूनिट्स वाहन बेचे। वहीं, बजाज 22,000 यूनिट्स के साथ दूसरे और ओला तीसरे स्थान पर था।”
रिपोर्ट में बताया गया कि यात्री वाहनों की मांग में रिकवरी का कोई संकेत नहीं है और मांग स्थिर बनी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, “हमारा मानना है कि कमजोर मांग के कारण यात्री वाहनों में डिस्काउंट उच्च स्तरों पर बना रहेगा।”
चार पहिया वाहनों में मारुति की बिक्री मई में सालाना आधार पर 3 प्रतिशत बढ़ी है। इस दौरान घरेलू बिक्री में 6 प्रतिशत की गिरावट की भरपाई निर्यात में 80 प्रतिशत की वृद्धि से हुई।
रिपोर्ट में बताया गया, “एमएंडएम की मई में एसयूवी की थोक बिक्री 52.4 हजार यूनिट रही, जो पिछले साल की समान अवधि से 21 प्रतिशत अधिक है। टाटा की पीवी बिक्री पिछले साल की समान अवधि से 11 प्रतिशत कम रही, जबकि ईवी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हुंडई की घरेलू बिक्री में 11 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण नियमित प्लांट बंद होना है।”
दोपहिया सेगमेंट में बजाज की घरेलू दोपहिया बिक्री में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि निर्यात में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। टीवीएस की दोपहिया बिक्री में पिछले साल की समान अवधि से 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि घरेलू बिक्री में 14 प्रतिशत और निर्यात में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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सिल्वर ने बनाया एक और नया रिकॉर्ड, छुआ 2.54 लाख रुपए का उच्चतम स्तर

gold
मुंबई, 29 दिसंबर: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को घरेलू स्तर पर मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर मार्च डिलीवरी वाली चांदी ने एक और रिकॉर्ड बना लिया है। चांदी के दाम 4 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल के साथ 2,54,174 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए, जो अब तक का सबसे उच्चतम स्तर है। वहीं सोने की कीमतों में मामूली गिरावट देखने को मिली।
खबर लिखे जाने तक (सुबह 10:47 बजे) मार्च डिलीवरी वाली चांदी 3.72 प्रतिशत यानी 8,931 रुपए की तेजी के साथ 2,48,718 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। तो वहीं फरवरी डिलीवरी वाला सोना 24 रुपए यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 1,39,849 रुपए प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था।
हालांकि वैश्विक बाजार में चांदी की कीमतों में तेज गिरावट देखी गई। इससे पहले चांदी ने स्पॉट मार्केट में 84 डॉलर प्रति औंस से ऊपर का नया रिकॉर्ड बनाया था।
रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने मुनाफा कमाने के लिए बिकवाली की, जिससे चांदी अपने ऊंचे स्तर से करीब 8 प्रतिशत तक गिर गई। इस गिरावट के चलते चांदी में लगातार सातवें दिन बढ़त दर्ज करने का सिलसिला टूट गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी के फ्यूचर्स रेट शुरुआती कारोबार में 82.67 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचे, जो एक दिन में 7 प्रतिशत की तेजी थी। इससे पहले शुक्रवार को इसमें 11 प्रतिशत की बड़ी तेजी आई थी, जो 2008 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त थी।
इन ऊंची कीमतों पर चांदी की तेजी अक्टूबर में आई सप्लाई की कमी से भी ज्यादा तेज मानी जा रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि छुट्टियों के कारण बाजार में कम खरीद-बिक्री हुई, जिससे कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाजार में चांदी की उपलब्धता कम है और पैसा जल्दी बाहर निकल सकता है, जिससे कीमतों में तेजी बनी हुई है।
एक्सपर्ट्स ने यह भी बताया कि सोने की तरह चांदी के पास कोई बड़ा भंडार नहीं है। लंदन गोल्ड मार्केट में करीब 700 अरब डॉलर का सोना मौजूद है, जिसे जरूरत पड़ने पर बाजार में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन चांदी के साथ ऐसा नहीं है।
2025 में अब तक चांदी की कीमतों में करीब 180 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस साल के अभी तीन कारोबारी दिन बाकी हैं और अगर यही रफ्तार रही, तो यह 1979 के बाद चांदी का सबसे अच्छा साल साबित हो सकता है, जब कीमतें 200 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी थीं।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि डॉलर इंडेक्स में कमजोरी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और दुनिया में बढ़ते तनाव से चांदी की कीमतों को सहारा मिला है। डॉलर इंडेक्स लगातार पांचवें हफ्ते गिरा है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच नए तनाव से निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में कीमती धातुओं (सोने और चांदी) की ओर रुख कर रहे हैं।
चीन द्वारा जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर रोक लगाने के प्रस्ताव से भी कीमतों में तेजी आई है। दुनिया में अनिश्चितता के कारण लोग कीमती धातुओं में निवेश कर रहे हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार, चांदी को 2,38,810 से 2,37,170 रुपए के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है, जबकि ऊपर की ओर 2,41,810 से 2,43,470 रुपए का स्तर रेजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है।
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भारतीय शेयर बाजार हल्की तेजी के साथ सपाट खुला, मेटल और आईटी शेयरों में दिखी बढ़त

मुंबई, 29 दिसंबर: घरेलू और वैश्विक संकेतों में नरमी के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन, सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक हल्की बढ़त के साथ सपाट खुले। वहीं मेटल और आईटी शेयरों ने बढ़त का नेतृत्व किया।
शुरुआती सत्र में खबर लिखे जाने तक (करीब 9.22 बजे) 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 20 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली उछाल के साथ 85,056 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। जबकि एनएसई निफ्टी 13.30 अंकों यानी 0.05 प्रतिशत की उछाल के साथ 26,058 पर ट्रेड करता नजर आया।
आज सेंसेक्स के टॉप गेनर्स में टाटा स्टील, टीएमपीवी, बीईएल, इटरनल, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस और एनटीपीसी शामिल रहे, जिनमें 1.12 प्रतिशत तक की तेजी देखी गई। वहीं, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और एचसीएल टेक के शेयरों में गिरावट रही।
व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा 1.1 प्रतिशत चढ़ा। इसके बाद आईटी और पीएसयू बैंक सेक्टर में भी बढ़त रही। दूसरी ओर, निफ्टी मीडिया, एफएमसीजी और रियल्टी सेक्टर के शेयरों में कमजोरी देखने को मिली।
आज से इस साल 2025 के शेष बचे आखिरी तीन ट्रेडिंग सेशन शुरू हो रहे हैं। वहीं घरेलू मोर्चे पर आज सरकार नवंबर महीने के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े जारी करेगी, जिस पर निवेशकों की नजर रहेगी।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा कि साल 2025 की सबसे खास बात यह रही है कि भारतीय शेयर बाजार ज्यादातर विकसित और उभरते हुए देशों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन करता दिखा, लेकिन 2026 में इसमें बदलाव आने की उम्मीद है, क्योंकि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है। देश की अर्थव्यवस्था अच्छी रफ्तार से बढ़ रही है और वित्तीय ढांचा भी स्थिर है।
उन्होंने कहा कि शेयर बाजार के लिए सबसे अहम चीज कंपनियों की कमाई (अर्निंग्स) में भी सुधार की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2026 के तीसरी तिमाही से दिखाई दे सकता है।
हालांकि ये सभी बातें सकारात्मक हैं, फिर भी इतनी जल्दी बाजार में तेजी आने के लिए ये काफी नहीं हैं। बाजार में मजबूत उछाल के लिए किसी बड़े ट्रिगर की जरूरत होगी, जैसे अमेरिका और भारत के बीच कोई फायदेमंद ट्रेड डील।
उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल इस पर तस्वीर साफ नहीं है कि ऐसा कब होगा। इसलिए निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ स्थिरता (कंसोलिडेशन) बनी रह सकती है। निवेशक इस समय का इस्तेमाल धीरे-धीरे अच्छी और मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदने में कर सकते हैं, खासतौर पर बड़ी कंपनियों (लार्जकैप) पर ध्यान देना बेहतर रहेगा।
व्यापार
पीएनबी ने श्रेय फर्म के लोन खातों को फ्रॉड घोषित किया; 2,400 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी

PANJAB NATIONAL BANK
नई दिल्ली, 27 दिसंबर: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस और श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस के पूर्व प्रमोटर द्वारा कथित तौर पर 2,434 करोड़ रुपए की लोन धोखाधड़ी की घोषणा की है। यह जानकारी सरकारी बैंक की ओर से एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई।
एक्सचेंज फाइलिंग में पीएनबी ने बताया कि 2,434 करोड़ रुपए की लोन धोखाधड़ी में से 1,240.94 करोड़ रुपए श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस और बाकी के 1,193.06 करोड़ रुपए श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस से जुड़े हुए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने कहा कि उसने इन लोन के लिए 100 प्रतिशत का प्रावधान किया है। इन दो खातों को फ्रॉड फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर घोषित किया गया है, जिसमें संबंधित पक्षों को लोन देने और लोन के संभावित पुनर्जीवन जैसी अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है।
हालांकि, श्रेय ग्रुप ने धोखाधड़ी के वर्गीकरण के आधार के रूप में फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट को यह कहते हुए चुनौती दी है कि मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे अन्य बैंकों ने पहले ही श्रेय कंपनियों से जुड़े लोन खातों को फ्रॉड घोषित कर दिया है।
श्रेय ग्रुप 2021 से दिवालियापन समाधान प्रक्रिया से गुजर रहा है, और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 2023 में राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दे दी है।
अक्टूबर 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक ने श्रेय ग्रुप को एनसीएलटी के समक्ष भेजा था, क्योंकि उसे शासन संबंधी समस्याएं और चूक मिली थीं। साथ ही, नियामक ने श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस के बोर्डों को भंग कर दिया था।
फरवरी 2023 में एनआरसीएल, एसआईएफएल और एसईएफएल के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभर कर सामने आया, जिन पर ऋणदाताओं का कुल 32,750 करोड़ रुपए का बकाया था।
एनआरसीएल ने फरवरी 2023 में बोली जीती, अगस्त 2023 में एनसीएलटी से मंजूरी प्राप्त की और जनवरी 2024 तक अधिग्रहण को अंतिम रूप दे दिया।
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