व्यापार
भारत में जॉब पोस्टिंग कोरोना-पूर्व लेवल से ऊपर बनी हुई
नई दिल्ली, 27 नवंबर: फॉर्मल नौकरियों का सृजन अक्टूबर में कम हुआ, बावजूद इसके जॉब पोस्टिंग कोरोना-पूर्व लेवल से ऊपर बनी हुई है। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
लीडिंग हायरिंग प्लेटफॉर्म इनडीड ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, “धीमी गति के बीच भारत में जॉब पोस्टिंग कोरोना-पूर्व स्तर से 60 प्रतिशत अधिक बनी हुई है लेकिन 2023 जनवरी के अपने पीक से 25 प्रतिशत नीचे गिर गई है।”
बीते तीन महीनों में लगभग 75 प्रतिशत ऑक्यूपेशन में जॉब पोस्टिंग में कमी देखी गई है। एक स्थिर जॉब मार्केट में फिर भी कुछ मजबूत परफॉर्मर्स बने हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते तीन महीनों में जॉब पोस्टिंग क्लीनिंग और सैनिटेशन में 20 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक बढ़ी है। इसके बाद, 17.4 प्रतिशत के साथ कम्युनिटी एंड सोशल सर्विस, 13.1 प्रतिशत के साथ डेंटल, 11.2 प्रतिशत के साथ नर्सिंग और 10.3 प्रतिशत के साथ फूड प्रिपरेशन एंड सर्विस का स्थान है। इसके अलावा, ह्युमन रिसोर्स में भी 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, इसके विपरीत बैंकिंग एंड फाइनेंस में ने 25.6 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक गिरावट दर्ज करवाई है। इसके अलावा, लीगल में 22.4 प्रतिशत, रिटेल में 16.7 प्रतिशत, लोडिंग एंड स्टॉकिंग में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
इनडीड के एशिया प्रशांत क्षेत्र के सीनियर इकोनॉमिस्ट कैलम पिकरिंग ने कहा, “हर महीने भारतीय वर्कफोर्स धीरे-धीरे पहले से अधिक फॉर्मल वर्क अरेंजमेंट्स की बढ़ रहे हैं। देश में महत्वपूर्ण बदलाव के साथ फॉर्मल सेक्टर में जॉब क्रिएशन ओवरऑल रोजगार से आगे निकलने का अनुमान है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव इसलिए भी देखा जा रहा है क्योंकि भारत किसी दूसरे इंडीड मार्केट से अधिक मजबूत बना हुआ है।
इस बीच, इस महीने भारत की 9.1 प्रतिशत जॉब पोस्टिंग में जॉब डिस्क्रिप्शन में वर्क फ्रॉम होम, वर्क रिमोटली का जिक्र किया गया था, जो कि बीते वर्ष की तुलना में 7.6 प्रतिशत अधिक है।
इस वर्ष अक्टूबर तिमाही में रिमोट सुविधाएं आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑपरेशन और सपोर्ट में 18.2 प्रतिशत पोस्टिंग के साथ सबसे अधिक कॉमन थीं।
राष्ट्रीय
भारत और अमेरिका के बीच इस साल के अंत तक हो सकती है ट्रेड डील : वाणिज्य सचिव

नई दिल्ली, 28 नवंबर : वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) का पहला चरण इस साल के अंत तक पूरा हो सकता है, क्योंकि दोनों देशों आपस के ज्यादातर मुद्दों को सुलझा लिया है।
अग्रवाल के मुताबिक, भारत इस कैलेंडर ईयर में अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते को लेकर देश आशावादी है। हालांकि, अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर भारत कोई समझौता नहीं कर सकता है।
राष्ट्रीय राजधानी में फिक्की की 98वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में वाणिज्य सचिव ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि उनकी प्रतिबद्धता है कि 2025 तक भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते का पहला चरण पूरा हो जाए और अब चीजें काफी आगे बढ़ चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय बीटीए के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है और रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर भी लंबी बातचीत हुई है।
भारत अमेरिका के साथ दो फ्रंट पर बातचीत कर रहा है। पहला -द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए और दूसरा- रेसिप्रोकल टैरिफ हटाने को लेकर।
अग्रवाल ने कहा कि जब अमेरिका की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ हटा दिए जाएंगे, तो यह व्यापार समझौता भारतीय निर्यात के लिए लाभदायक होगा।
अग्रवाल ने गुरुवार को संसदीय स्थायी समिति को बताया कि अमेरिका को भारत का निर्यात बढ़ा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश बीटीए पर नियमित रूप से वर्चुअल वार्ता कर रहे हैं और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता का पहला चरण तेजी से आगे बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने के सकारात्मक संकेत दे चुके हैं, जिससे यह उम्मीद जगी है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच जल्द ही एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
ट्रंप ने कहा कि वह भारत पर लगाए गए “टैरिफ” को “कम” करने की योजना बना रहे हैं, जिससे संकेत मिलता है कि व्यापार वार्ता में जल्द ही कोई सफलता मिल सकती है।
व्यापार
भारतीय अर्थव्यवस्था की तूफानी रफ्तार, वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही

GDP
नई दिल्ली, 28 नवंबर : भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर हासिल की है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की विकास दर 5.6 प्रतिशत से काफी अधिक है। यह जानकारी सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को दी गई।
इससे वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में विकास दर 8 प्रतिशत की हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 6.1 प्रतिशत थी।
मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में देश की नॉमिनल जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की दर से इजाफा हुआ है।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रियल जीडीपी वृद्धि दर के आठ प्रतिशत से ऊपर निकलने की वजह द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन था।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही है।
द्वितीयक क्षेत्र में शामिल मैन्युफैक्चरिंग की वृद्धि दर 9.1 प्रतिशत और कंस्ट्रक्शन की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रही है।
तृतीयक क्षेत्र में फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज में 10.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कृषि और उससे जुड़े हुए सेक्टर की विकास दर 3.5 प्रतिशत रही है। वहीं, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई और अन्य यूटिलिटी सर्विसेज सेक्टर की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही है।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) में 7.9 प्रतिशत की बढ़त हुई है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में सरकारी अंतिम उपभोग व्यय (जीएफसीई) में 2.7 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 4.3 प्रतिशत बढ़ा था।
सरकार की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में निर्यात 5.6 प्रतिशत बढ़ा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3 प्रतिशत बढ़ा था।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में आयात में 12.8 प्रतिशत की बढ़त हुई है,जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में एक प्रतिशत की दर से बढ़ा था।
व्यापार
जीडीपी डेटा से पहले भारतीय शेयर बाजार सपाट बंद, ऑटो और फार्मा शेयरों में हुई खरीदारी

मुंबई, 28 नवंबर : भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में सपाट बंद हुआ। बाजार के ज्यादातर सूचकांकों में मिला जुला कारोबार हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 13.71 अंक की मामूली कमजोरी के साथ 85,706.67 और निफ्टी 12.60 की गिरावट के साथ 26,202.95 पर बंद हुआ।
सत्र के दौरान बाजार को संभालने के काम ऑटो और फार्मा सेक्टर ने किया। निफ्टी ऑटो 0.62 प्रतिशत, निफ्टी फार्मा 0.59 प्रतिशत, निफ्टी मीडिया 0.55 प्रतिशत और निफ्टी कंजप्शन 0.18 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी आईटी 0.11 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.20 प्रतिशत, निफ्टी एनर्जी 0.58 प्रतिशत और निफ्टी इन्फ्रा 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।
मि़डकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 69.90 अंक या 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,043.25 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 47.55 अंक या 0.27 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,829.25 पर था।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, सन फार्मा, कोटक महिंद्रा बैंक, एसबीआई, एचयूएल, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टीसीएस, टाटा स्टील और आईटीसी गेनर्स थे। पावर ग्रिड, इटरनल (जोमैटो), भारती एयरटेल, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, बीईएल, बजाज फिनसर्व, ट्रेंट, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक और अल्ट्राटेक सीमेंट लूजर्स थे।
आज शाम को सरकार की ओर से दूसरी तिमाही का जीडीपी डेटा जारी किया जाएगा और सितंबर तिमाही में देशी की विकास दर 7 प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है।
जानकारों ने कहा कि दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े और आईआईपी डेटा आने से पहले बाजार में हल्की मुनाफावसूली देखी गई है। हालांकि, बाजार का आउटलुक बुलिश बना हुआ है। अमेरिका फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना से वैश्विक स्तर पर सेंटीमेंट सकारात्मक बना हुआ है।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सपाट हुई थी। सुबह 9 बजकर 31 मिनट पर सेंसेक्स 68.78 अंक या 0.08 प्रतिशत की मामूली बढ़त के बाद 85,789.16 स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 12.85 अंक या 0.05 प्रतिशत की बढ़त के बाद 26,228.40 स्तर पर था।
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