व्यापार
भारत का पूर्णतः स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक लगभग 1 लाख बीएसएनएल टावरों पर स्थापित, वैश्विक निर्यात के लिए तैयार
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत का पूर्णतः स्वदेशी 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक लगभग 1 लाख बीएसएनएल टावरों पर स्थापित किया गया है और यह वैश्विक निर्यात के लिए तैयार साबित हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह तकनीक विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकती है और भारत के तकनीकी निर्यात पोर्टफोलियो को बढ़ा सकती है।
भारत का 4जी टेक्नोलॉजी स्टैक तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट स्पीड, निर्बाध कनेक्टिविटी और बेहतर नेटवर्क का वादा करता है।
यह उपलब्धि देश को संपूर्ण दूरसंचार स्टैक क्षमता वाले पांच देशों की लिस्ट में शामिल करती है और विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम कर डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करती है। साथ ही, साइबर सुरक्षा जोखिमों को कम करती है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह सिस्टम सी-डॉट की कोर नेटवर्क टेक्नोलॉजी, तेजस नेटवर्क्स के रेडियो इक्विप्मेंट और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा प्राप्त सिस्टम इंटीग्रेशन का इस्तेमाल करती है। इसे 5जी में अपग्रेड किया जा सकता है, जिससे भविष्य में दूरसंचार क्षेत्र में होने वाली प्रगति के लिए भारत की तैयारी बेहतर होगी और साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बल मिलेगा।
4जी स्टैक के परिचालन से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर हुई है, जिससे ब्रॉडबैंड कवरेज और समावेशन बढ़ा है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर एक पूर्ण 4जी स्टैक विकसित करना एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि है क्योंकि टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पारंपरिक रूप से विदेशी टेक्नोलॉजी सप्लायर्स, आमतौर पर अमेरिका, चीन, यूरोप और दक्षिण कोरिया पर बहुत अधिक निर्भर करता है।
इस कॉम्प्लेक्स टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कर देश एक महत्वपूर्ण निर्भरता अंतराल को पाटता है और टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करता है जो इसके अधिकांश डिजिटल इकोसिस्टम का आधार है।
इस सिस्टम की 5जी में अपग्रेड करने की क्षमता और 6जी की योजनाएं टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में भारत के निरंतर नेतृत्व के लिए एक रोडमैप प्रदान करती हैं।
सरकार और उद्योग जगत को उम्मीद है कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन जैसी योजनाओं द्वारा समर्थित दूरसंचार उपकरण निर्माण क्षेत्र अधिक निवेश आकर्षित करेगा, उच्च-कौशल वाली नौकरियों को प्रोत्साहित करेगा और एक उच्च-मूल्य वाले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा।
व्यापार
कमजोर वैश्विक संकेतों से शेयर बाजार लाल निशान में खुला

share market
मुंबई, 15 दिसंबर: कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में खुला। सुबह 9:17 पर सेंसेक्स 233 अंक या 0.27 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,034 और निफ्टी 84 अंक या 0.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 29,960 पर था।
शुरुआती सत्र में बाजार पर दबाव बनाने का दाम रियल्टी और ऑटो शेयर कर रहे थे। खबर लिखे जाने तक निफ्टी ऑटो 0.85 प्रतिशत और निफ्टी रियल्टी 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ का कारोबार कर रहे थे। इसके अलावा, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल, मेटल, एनर्जी, कमोडिटी और सर्विसेज लाल निशान में थे।
मिडकैप और स्मॉलकैप में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 214.85 अंक या 0.36 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 60,067 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 12 अंक की मामूली कमजोरी के साथ 17,381 पर था।
सेंसेक्स पैक में एशियन पेंट्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, बीईएल, एचयूएल और एलएंडटी गेनर्स थे। एमएंडएम, ट्रेंट, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, मारुति सुजुकी, इटरनल (जोमैटो), बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक, टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएलटेक, सनफार्मा, बजाज फाइनेंस और टाइटन लूजर्स थे।
व्यापाक बाजार का रुझान नकारात्मक बना हुआ है और बढ़ने वाले शेयरों की अपेक्षा गिरने वालों की संख्या अधिक हैं।
वैश्विक बाजारों में कमजोरी का रुझान देखा जा रहा है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और सोल लाल निशान में थे, जबकि जकार्ता और बैंकॉक लाल निशान में थे। अमेरिकी शेयर बाजार भी शुक्रवार को लाल निशान में बंद हुए थे।
इसके अतिरिक्त, कमोडिटी सेगमेंट में कारोबार मजबूत बना हुआ है। ब्रेंट क्रूड 0.58 प्रतिशत की तेजी के साथ 57.57 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.56 प्रतिशत की मजबूती के साथ 61.46 डॉलर प्रति बैरल पर था। इसके अलावा सोना 0.72 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,359 डॉलर प्रति औंस और चांदी 1.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 62.86 डॉलर प्रति औंस पर थी।
व्यापार
चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, इन पांच कारण से तेजी को मिल रही हवा

मुंबई, 13 दिसंबर: कमोडिटी बाजार में चांदी ने इतिहास रच दिया है। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर चांदी पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई। यह चांदी का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
एमसीएक्स पर शुक्रवार के कारोबारी सत्र के दौरान सिल्वर में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली और इसका भाव 2,01,615 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया। हालांकि, ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली के कारण बाजार बंद होते समय यह 1,92,615 रुपए प्रति किलो पर आ गई।
एक्सिस डारेक्ट के मुताबिक, 2024 में 20 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न देने के बाद 2025 में भी चांदी की तेजी जारी है। कीमतों में सालाना बढ़त 1979 के बाद सबसे ज्यादा रही है। लंबे समय तक स्थिर रहने के बाद अब चांदी एक मजबूत तेजी के दौर में प्रवेश कर चुकी है।
चांदी की कीमतों उच्च स्तर पर रहने के पांच बड़े कारण हैं।
1.इंडस्ट्रियल डिमांड में जबरदस्त बढ़ोतरी: एक्सिस म्यूचुअल फंड के अनुसार, 2025 में सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और 5जी टेक्नोलॉजी में चांदी की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है। मांग ज्यादा और सप्लाई कम होने से कीमतें ऊपर चली गईं।
- निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी: निवेशक अब ज्यादा से ज्यादा कमोडिटी मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। सोना और अन्य धातुओं में मजबूती का असर चांदी पर भी पड़ा है।
- ग्लोबल मार्केट में सप्लाई की कमी: अमेरिका के कॉमेक्स एक्सचेंज पर चांदी 65.085 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो कई वर्षों का उच्चतम स्तर है। दुनिया भर में सप्लाई कम होने से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ।
- डॉलर-रुपए में उतार-चढ़ाव: डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी आने से भारत में चांदी और अन्य कीमती धातुएं महंगी हो गईं।
- अमेरिका की ट्रेड पॉलिसी का डर: बाजार में आशंका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चांदी पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगा सकते हैं। अमेरिका अपनी जरूरत की लगभग दो-तिहाई चांदी आयात करता है। इस डर से अमेरिकी कंपनियों ने चांदी जमा करना शुरू कर दिया, जिससे वैश्विक बाजार में कमी पैदा हो गई और कीमतें तेजी से बढ़ गईं।
राजनीति
इंडिगो पर डीजीसीए का बड़ा एक्शन, निरीक्षकों को निकाला और सीईओ को दोबारा समन किया

नई दिल्ली, 12 दिसंबर: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बड़ा एक्शन लिया है और उन चार फ्लाइट निरीक्षकों को निकाल दिया है, जो कि इंडिगो की सुरक्षा और ऑपरेशनल मानकों के लिए जिम्मेदार थे।
डीजीसीए ने यह कदम एयरलाइन की ओर से इस महीने की शुरुआत में हजारों फ्लाइट्स रद्द करने के कारण उठाया है।
इसके अलावा विमानन नियामक ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को दोबारा समन भेजा है और उन्हें शुक्रवार को अधिकारियों के समक्ष फिर से पेश होने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण और निगरानी ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने के बाद डीजीसीए ने निरीक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है।
नियामक ने अब इंडिगो के गुरुग्राम कार्यालय में दो विशेष निगरानी दल तैनात किए हैं ताकि एयरलाइन के संचालन पर कड़ी नजर रखी जा सके।
यह दल प्रतिदिन शाम 6 बजे तक डीजीसीए को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। एक दल इंडिगो के बेड़े की क्षमता, पायलटों की उपलब्धता, चालक दल के उपयोग के घंटे, प्रशिक्षण कार्यक्रम, ड्यूटी विभाजन पैटर्न, अनियोजित अवकाश, स्टैंडबाय क्रू और चालक दल की कमी के कारण प्रभावित उड़ानों की संख्या की निगरानी कर रहा है।
यह एयरलाइन की औसत उड़ान अवधि और नेटवर्क की भी समीक्षा कर रहा है ताकि परिचालन में होने वाली बाधा के पूरे पैमाने को समझा जा सके।
दूसरी टीम यात्रियों पर संकट के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें एयरलाइन और ट्रैवल एजेंट दोनों से रिफंड की स्थिति, नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) के तहत दी जाने वाली क्षतिपूर्ति, समय पर उड़ान भरना, सामान की वापसी और समग्र रद्दीकरण की स्थिति की जांच करना शामिल है।
इंडिगो को अपने परिचालन में 10 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया गया है ताकि उड़ानों का शेड्यूल स्थिर हो सके और आगे की व्यवधानों को नियंत्रित किया जा सके।
एयरलाइन आमतौर पर प्रतिदिन लगभग 2,200 उड़ानें संचालित करती है, जिसका अर्थ है कि अब एयरलाइन प्रतिदिन 200 से अधिक उड़ानें कम भरेगी।
नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो द्वारा क्रू रोस्टर, उड़ान समय और संचार के कुप्रबंधन के कारण यात्रियों को “गंभीर असुविधा” का सामना करना पड़ा है।
इंडिगो के सीईओ एल्बर्स के साथ बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एयरलाइन को किराए की सीमा और प्रभावित यात्रियों की सहायता के उपायों सहित मंत्रालय के सभी निर्देशों का पालन करना होगा।
डीजीसी की जांच जारी है और इंडिगो के सीईओ को आगे स्पष्टीकरण के लिए तलब किया गया है। एयरलाइन ने 3 से 5 दिसंबर के बीच अत्यधिक देरी का सामना करने वाले यात्रियों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
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