पर्यावरण
दिल्ली में जारी है मौसम विभाग का अलर्ट, दो दिन और रहेगी गर्मी से राहत, फिर बढ़ेगा तापमान
नई दिल्ली, 3 जून। मौसम विभाग ने राजधानी समेत उत्तर भारत के कई इलाकों के लिए आज 3 जून को भी अलर्ट जारी किया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि आज गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है, साथ ही 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
मंगलवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जबकि ह्यूमिडिटी का स्तर 70 से 50 प्रतिशत के बीच रहा। मौसम विभाग के अनुसार 4 जून को भी मौसम सुहावना बना रहेगा और गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। तापमान लगभग 35 (अधिकतम) और 23 डिग्री सेल्सियस (न्यूनतम) के आस-पास बना रहेगा, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
हालांकि 5 जून से मौसम में फिर से बदलाव देखने को मिलेगा। इस दिन आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे और तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी। अधिकतम तापमान 38 डिग्री और न्यूनतम 25 डिग्री तक पहुंच सकता है। इसके बाद 6 जून से 8 जून तक तापमान में और इजाफा होगा। इन दिनों अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री तक दर्ज किया जा सकता है। इस अवधि में मौसम सामान्य रहेगा और किसी प्रकार की कोई चेतावनी नहीं दी गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्री-मानसून गतिविधियों के कारण जून की शुरुआत में तापमान में थोड़ी गिरावट देखी गई है, लेकिन यह राहत ज्यादा दिनों तक टिकेगी नहीं। अगले कुछ दिनों में गर्मी दोबारा अपना असर दिखा सकती है। ऐसे में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विभाग के अपडेट पर नजर रखें और आवश्यकता पड़ने पर सावधानी बरतें।
पर्यावरण
मुंबई मौसम अपडेट (19 दिसंबर, 2025): शहर में सुबह के समय धुंध छाई रहेगी, वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होगा; AQI 182 पर खराब श्रेणी में रहेगा।

WETHER
मुंबई: शुक्रवार की सुबह मुंबई में मौसम सुहाना और ताजगी भरा था। आसमान साफ था, हल्की सर्दी की हवा चल रही थी और नमी भी अपेक्षाकृत कम थी, जिससे शहर की सामान्य गर्मी से कुछ राहत मिली। हालांकि, यह सुखद शुरुआत ज्यादा देर तक नहीं टिकी, क्योंकि धीरे-धीरे आसमान में धुंध की एक परत छा गई, जिससे दृश्यता कम हो गई और एक बार फिर शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के संकट की ओर इशारा मिला।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने वित्तीय राजधानी के लिए सुहावने मौसम का पूर्वानुमान लगाया था, जिसमें धूप खिली रहने और तापमान 18°C से 33°C के बीच रहने की संभावना जताई गई थी। हालांकि मौसम अनुकूल बना रहा, लेकिन वायु गुणवत्ता जल्द ही शहर की प्रमुख चिंता का विषय बन गई।
वायु गुणवत्ता निगरानी प्लेटफॉर्म AQI.in के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह के समय 182 था, जो इसे ‘खराब’ श्रेणी में रखता है। हालांकि नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में दर्ज किए गए खतरनाक स्तरों से इसमें मामूली सुधार हुआ है, फिर भी हवा अस्वास्थ्यकर बनी हुई है, खासकर बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और श्वसन या हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों जैसे संवेदनशील समूहों के लिए।
मुंबई में वर्तमान में कई बड़े पैमाने पर अवसंरचना परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें मेट्रो रेल कॉरिडोर, फ्लाईओवर, तटीय सड़क विस्तार और व्यापक सड़क चौड़ीकरण कार्य शामिल हैं। इसके अलावा, निजी रियल एस्टेट के आक्रामक विकास ने धूल उत्सर्जन को और बढ़ा दिया है। व्यस्त यातायात के समय वाहनों से होने वाला प्रदूषण वायु गुणवत्ता को और खराब कर रहा है, विशेष रूप से व्यस्त चौराहों और मुख्य सड़कों पर।
शहर भर में कई स्थान प्रदूषण के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे। वडाला ट्रक टर्मिनल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 362 दर्ज किया गया, जो स्वस्थ व्यक्तियों को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। चारकोप में AQI 260 और कोलाबा में 240 दर्ज किया गया, दोनों ही ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में आते हैं। देवनार में AQI 217 और चेंबूर (एक प्रमुख वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्र) में 213 दर्ज किया गया।
उपनगरीय क्षेत्रों में अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति देखी गई, लेकिन फिर भी वे सुरक्षित श्रेणी से काफी दूर रहे। कांदिवली पूर्व में AQI 75 दर्ज किया गया, जबकि परेल-भोईवाड़ा और अंधेरी पश्चिम में क्रमशः 95 और 97 दर्ज किए गए, जो सभी ‘मध्यम’ श्रेणी में आते हैं। हालांकि, जोगेश्वरी और गोरेगांव जैसे क्षेत्रों में AQI 113 के साथ ‘खराब’ श्रेणी में आ गया।
संदर्भ के लिए, AQI मान 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है, 51-100 मध्यम, 101-150 खराब, 151-200 अस्वस्थ और 200 से ऊपर का स्तर खतरनाक माना जाता है।
पर्यावरण
लोकसभा में वायु प्रदूषण पर उठे सवालों का जवाब देंगे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

LOKSABHA
नई दिल्ली, 18 दिसंबर: दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ते वायु प्रदूषण पर गुरुवार को लोकसभा में विस्तार से चर्चा होगी। संसद में विपक्षी सदस्यों ने बिगड़ती हवा की गुणवत्ता और मौजूदा उपायों के प्रभावों को लेकर लगातार चिंता जताई थी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव शाम 5 बजे लोकसभा में प्रदूषण से जुड़े सवालों, आपत्तियों और सुझावों का जवाब देंगे। वे इस मुद्दे पर सरकार की बढ़ती आलोचनाओं का जवाब देंगे और प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने की सरकार की रणनीति के बारे में भी बताएंगे।
इससे पहले कई सांसद केंद्र सरकार से गंभीर वायु प्रदूषण से निपटने की उसकी तैयारी और दीर्घकालिक नजरिए के बारे में सवाल कर चुके हैं।
डीएमके के राज्यसभा सदस्य डॉ. कनिमोझी एनवीएन सोमू ने जानना चाहा था कि क्या सरकार उन इलाकों में बड़े पैमाने पर एयर प्यूरीफायर लगाने के लिए फंड दे रही है, जहां बहुत ज्यादा प्रदूषण है।
संसद में बहस के दौरान भूपेंद्र यादव ने प्रदूषण की गंभीरता को स्वीकार किया और माना कि वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। उन्होंने जन जागरूकता और नियमों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि नागरिकों को एयर क्वालिटी इंडेक्स रीडिंग और स्वास्थ्य पर उनके असर के बारे में पता होना चाहिए।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार जागरूकता लाने और नियमों को लागू करने पर काम कर रही है। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत देशभर के 130 शहरों में हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पहल चल रही हैं।
भूपेंद्र यादव ने संसद को बताया कि हानिकारक औद्योगिक उत्सर्जन को रोकने और नियमों को लागू करने में कमियों को दूर करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही शहरी स्थानीय निकायों की जमीनी स्तर पर नियमों का पालन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने बताया कि 20,000 वर्ग मीटर से ज्यादा के क्षेत्र वाली परियोजनाओं के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को निर्माण और विध्वंस कचरे के निपटान के लिए तय जोन बनाने की सलाह दी है ताकि बिना रोक-टोक के कचरा फेंकने और धूल प्रदूषण को रोका जा सके।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार के नए उपायों के तहत ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम गुरुवार से लागू होगा। इसके अलावा, गुरुवार से सिर्फ बीएस-सिक्स कंप्लायंट गाड़ियां जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें ही शहर में आने की इजाजत होगी, जबकि कंस्ट्रक्शन मैटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर बैन जारी रहेगा। दिल्ली में ग्रैपनियमों के तहत कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया गया है।
पर्यावरण
दिल्ली में प्रदूषण पर सख्ती: आज से ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम लागू

WETHER
नई दिल्ली, 18 दिसंबर: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार के नए उपायों के तहत गुरुवार से ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ नियम लागू होगा।
इसके अलावा, दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों में सिर्फ बीएस-6 मानक वाली गाड़ियां ही प्रवेश कर सकेंगी। कंस्ट्रक्शन मटीरियल ले जाने वाले ट्रकों पर बैन जारी रहेगा। दरअसल, ग्रैप के नियमों के तहत निर्माण कार्य पर रोक जारी है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
राजधानी में प्रदूषण से हालात काफी खराब हैं, जिसके चलते दिल्ली सरकार ने गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण, धूल, कचरा और ट्रैफिक जाम को टारगेट करते हुए इमरजेंसी और लॉन्ग-टर्म उपायों का एक बड़ा सेट घोषित किया है।
इससे पहले, पर्यावरण मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है, क्योंकि लोग खतरनाक धुंध (स्मॉग) के संपर्क में हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिरसा ने पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) सिस्टम में पूरी तरह बदलाव, थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग की शुरुआत, पूरे शहर के लिए कार-पूलिंग ऐप, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सुधार और मशीनीकृत सड़क-सफाई उपकरणों की बड़े पैमाने पर तैनाती की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट जारी करने के सिस्टम में बदलाव करने पर विचार कर रही है, क्योंकि मौजूदा सेंटर पुराने हो गए हैं और उनमें कई कमियां हैं। एक थर्ड-पार्टी मॉनिटरिंग सिस्टम लाया जाएगा।
सिरसा ने कहा कि वाहन मालिकों के लिए बुधवार का दिन वैलिड पीयूसी सर्टिफिकेट लेने का आखिरी दिन था। गुरुवार से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को फ्यूल नहीं दिया जाएगा। साथ ही, एएनपीआर कैमरे, पेट्रोल पंप पर वॉयस अलर्ट और पुलिस की तैनाती से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
फ्यूल बैन को लागू करने के लिए दिल्ली में 126 चेकपॉइंट बनाए गए हैं, जिसमें बॉर्डर पॉइंट भी शामिल हैं। इसके अलावा, 580 पुलिस कर्मियों और 37 प्रखर वैन को तैनात किया गया है।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की एनफोर्समेंट टीम पेट्रोल पंप और बॉर्डर चेकपॉइंट पर तैनात रहेगी। सिरसा ने नागरिकों से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि दिल्ली वालों से रिक्वेस्ट है कि वे पेट्रोल पंप या बॉर्डर और चेकपॉइंट पर अधिकारियों से बहस न करें। यह कदम आपकी सेहत और आपके बच्चों के भविष्य के लिए है।
इसके अलावा, सरकार ने ट्रैफिक का बोझ कम करने के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम भी अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, दिल्ली सरकार लाइव डेटा का इस्तेमाल करके ट्रैफिक जाम वाले हॉटस्पॉट की पहचान करने के लिए गूगल मैप्स और मैप इंडिया के साथ पार्टनरशिप पर भी विचार कर रही है।
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