व्यापार
1,200 में से 1,100 सरकारी योजनाओं में डीबीटी के जरिए लोगों तक पहुंच रही सरकारी मदद: वित्त मंत्री
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नई दिल्ली, 1 मार्च। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की 1,200 योजनाओं में से 1,100 में डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सिस्टम के जरिए लोगों तक लाभ पहुंच रहा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि डीबीटी से यह सुनिश्चित होता है कि धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित हो, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो और देरी कम हो।
राष्ट्रीय राजधानी में 49वें सिविल लेखा दिवस समारोह में बोलते हुए मंत्री ने कहा, “अब हर चीज के लिए सीधे भुगतान किया जा रहा है और इसमें कोई बिचौलिया नहीं है और किसी अजन्मे बच्चे को भत्ता नहीं मिल रहा है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि धनराशि प्राप्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पास बायोमेट्रिक सत्यापित खाता होता है, जिसमें धनराशि ट्रांसफर की जाती है।
उन्होंने आगे कहा, “सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने डीबीटी को सुव्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि यह प्रणाली सरकार को यह सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती है कि धनराशि बिना किसी अनियमितता के सही लाभार्थियों तक पहुंचे।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि पीएफएमएस वर्तमान में लगभग 60 करोड़ लाभार्थियों को सेवा प्रदान करता है, जिससे यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी वित्तीय प्रबंधन प्रणाली बन गई है। इसके संपूर्ण डिजिटलीकरण फीचर ने वित्तीय प्रशासन को मजबूत किया है और फंड वितरण में जवाबदेही बढ़ाई है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएफएमएस ने 31 राज्य कोषागारों और 40 लाख से अधिक कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ काम करते हुए राज्यों की वित्तीय प्रणालियों को जोड़ा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “अपने व्यापक नेटवर्क के साथ, यह प्रणाली यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि सरकारी धन का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए और उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।”
अपराध
अगर आपने इस कॉम्प्लेक्स में घर ले लिया है, तो सावधान हो जाइए।
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मुंबई: बिल्डर जगत में अवैध रूप से चल रहे कारोबार पर मुंबई प्रेस लगातार नजर बनाए हुए है। मुंबई प्रेस अपनी हर खबर में साधारण लोगों को जागरूक करने और उन्हें धोखेबाज बिल्डरों से बचाने की कोशिश करती रहती है।
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इन दिनों मुंबई में लगभग 5,000 से अधिक फुटपाथ झोपड़वासियों की फाइलों को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में लोड करने का काम चल रहा है, और बिल्डर और उनके करीबी इस फाइल को कौड़ी के भाव बीएमसी अधिकारियों के जरिए खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं।
मझगांव के अल्फा माना रेजिडेंसी मझगांव (ए एम रेजिडेंसी) का मामला भी कुछ इसी तरह का है। बीएमसी के दस्तावेजों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने 20 फुटपाथ झोपड़ा मालिकों को घर दिए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये वास्तव में वहां रहने वाले झोपड़ीवासी थे?
दरअसल, ए एम रेजिडेंसी के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि बिल्डर सलीम मोटरवाला और उनके पार्टनर सुहैल इश्क़ ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। अल्फा माने ग्रुप ने बीएमसी ई वार्ड को एक पत्र लिखकर अपने प्रोजेक्ट में चुने गए 20 झोपड़ा मालिकों को घर देने की इच्छा व्यक्त की, और ई वार्ड के भ्रष्ट अधिकारी परवीन मुलूक और अमजद खान ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करके उन्हें पास करवा लिया। इन 20 झोपड़ीवासियों को घर देने के बदले बिल्डर को भारी एफ.एस.आई. मिली। जानकारी के मुताबिक जिस दिन ए एम रेजिडेंसी में नए झोपड़ा मालिकों के घर के अनुबंध रजिस्टर किए गए, उसी दिन उन सभी 20 झोपड़ी फाइलों के घरों को केवल 14 लाख रुपये में बेचा बताकर बिल्डर और उनके परिवारवालों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, और अब यह सभी 20 घर मार्केट रेट से बेचे जा रहे हैं।
बहुत से बिल्डर मस्जिदों के, मदरसो के ट्रस्टी और जिम्मेदार बनते हैं, मगर अपने ही प्रोजेक्ट में गरीबों को उनके हक का घर देने के मामले में धोखा कर देते हैं।
इस पूरे खेल में ई विभाग के परवीन मुलूक और अमजद खान ने मुख्य भूमिका निभाई।
अब ये कैसे पता चले कि आपने जो घर लिया है, वह सेल का है या झोपड़ा अलॉटमेंट का। आपको यह देखना होगा कि घर खरीदते समय आपका पैसा अल्फा माने ग्रुप को जा रहा है या किसी थर्ड पार्टी के नाम से बिल्डर आपसे चेक ले रहा है। कानून के मुताबिक, झोपड़ा के बदले जिसको घर अलॉट किया गया है, वह बेच नहीं सकता। लेकिन बिल्डर अल्फा माने ग्रुप ने झोपड़ा धारकों के नाम चेक लेकर उन सभी घरों को थर्ड पार्टी को बेच दिया और खरीदारों के साथ धोखा किया। यही नहीं, उन हकदार झोपड़ा धारकों के साथ भी धोखा हुआ, जिन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अच्छे घर की आस में फुटपाथ पर बिताया।
मुंबई प्रेस आपको सूचित करता है कि फ़्रॉड बिल्डरों से घर लेते समय पूरी जांच कर लें कि वे अपना पैसा किसके नाम पर ले रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत का मजबूत प्रदर्शन 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए सुधारों को लागू करने का दे रहा अवसर: आईएमएफ
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संयुक्त राष्ट्र, 1 मार्च। भारत की विवेकपूर्ण नीतियों की सराहना करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने कहा है कि देश का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों को अपनाने में मदद कर सकता है।
आईएमएफ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया, “भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल करने के लिए जरूरी अहम और चुनौतीपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को लागू करने में मदद कर सकता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आजादी के सौ साल पूरे होने की समय सीमा तय की है।
रिपोर्ट में आईएमएफ के कार्यकारी निदेशकों ने भारतीय अधिकारियों की विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियों और सुधारों की सराहना की, जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और एक बार फिर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के वित्तीय क्षेत्र का स्वास्थ्य, मजबूत कॉरपोरेट बैलेंसशीट और अच्छा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर दर्शाता है कि देश की वृद्धि दर मध्यम अवधि में तेज रहेगी। साथ ही जनकल्याण की योजनाएं भी जारी रहेंगी।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि भू-आर्थिक विखंडन और धीमी घरेलू मांग से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए, व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए उचित नीतियां जारी रखना आवश्यक है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में भारत द्वारा हाल ही में घटाए गए टैरिफ का भी स्वागत किया गया है। इससे देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।
पिछले महीने पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटोमोबाइल से लेकर शराब तक कई प्रकार के आयात पर टैरिफ कम कर दिया था।
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने कहा कि संरचनात्मक सुधार देश में उच्च-गुणवत्ता की नौकरियां पैदा करने और निवेश के लिए काफी जरूरी हैं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत को लेबर मार्केट सुधारों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महिला भागीदारी को लेबर फोर्स में बढ़ाना चाहिए।
व्यापार
महिंद्रा की बिक्री फरवरी में 15 प्रतिशत बढ़ी, ट्रैक्टर सेल्स में आया उछाल
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मुंबई, 1 मार्च। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शनिवार बताया कि कंपनी की कुल ऑटो बिक्री फरवरी में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 83,702 यूनिट्स (निर्यात सहित) रही है।
कंपनी ने बताया कि बीते महीने कंपनी ने घरेलू बाजार में 50,240 एसयूवी की बिक्री की है। इसमें 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, निर्यात सहित कुल बिक्री 52,386 यूनिट्स रही है। घरेलू बाजार में कमर्शियल बिक्री 23,826 यूनिट्स पर रही है।
एमएंडएम के ऑटोमोटिव डिविजन के अध्यक्ष विजय नाकरा ने कहा कि फरवरी में एसयूवी की बिक्री 19 प्रतिशत बढ़कर 50,420 यूनिट्स रही है। वहीं, सभी प्रकार के वाहनों की बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 83,702 यूनिट्स रही है। यह मजबूत प्रदर्शन हमारे एसयूवी पोर्टफोलियो के लिए बना सकारात्मक माहौल दिखाता है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के ट्रैक्टर की बिक्री में भी फरवरी में उछाल देखा गया है।
फरवरी 2025 में घरेलू स्तर पर ट्रैक्टर की बिक्री 23,880 यूनिट्स रही है, जो कि फरवरी 2024 में 20,121 यूनिट्स थी।
कंपनी ने फरवरी 2025 में 1,647 ट्रैक्टर का निर्यात किया है, जिसके कारण कुल ट्रैक्टर बिक्री 25,527 यूनिट्स रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 21,672 यूनिट्स थी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर के अध्यक्ष, हेमंत सिक्का ने कहा कि हमने फरवरी 2025 में घरेलू बाजार में 23,880 ट्रैक्टर की बिक्री की है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 19 प्रतिशत अधिक है।
इसकी वजह खरीफ की फसलों का अच्छा होना और रबी की फसलों के लिए आउटलुक सकारात्मक रहना है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा एग्री क्रेडिट लिमिट में बढ़ोतरी किसानों की आय में बढ़ने में सहायक होगी। वहीं, बंपर रबी फसल से ट्रैक्टर की मांग मजबूत रहने की संभावना है। हमने 1,647 ट्रैक्टर का निर्यात किया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक है।
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