राष्ट्रीय समाचार
बजट को लेकर क्या है आम जनता की उम्मीद ?
नई दिल्ली, 1 फरवरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुईं हैं।
इससे पहले उन्होंने लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद 23 जुलाई 2024 को देश का पूर्ण बजट पेश किया था।
बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आठ बार बजट पेश कर चुकी हैं। ऐसे में आज उनके द्वारा पेश किए जाने वाले बजट को लेकर देश के लोगों की खास उम्मीदें हैं।
इसी को लेकर मीडिया ने लोगों से बजट के संदर्भ में बातचीत की और उनसे यह जानने का प्रयास किया कि आखिर उन्हें बजट से क्या कुछ उम्मीदें हैं।
दिल्ली के रहने वाले कृष्णा भगत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आज का बजट विकसित भारत का बजट है। यह विकास का बजट है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बजट के जरिए समाज के विभिन्न लोगों की उम्मीदों को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, मुझे लगता है कि अगर महंगाई को कम करने की दिशा में थोड़े कदम उठाए जाएं, तो इससे गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
एक अन्य शख्स ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में लगातार विकास के कार्य किए जा रहे हैं और अगर कांग्रेस की बात करें, तो उसका पूरी तरह से मिट्टी पलीत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि भारत के गरीब लोगों को इस बजट से उम्मीदें हैं। हमारी आकांक्षाएं इस बजट में जरूर पूरी होंगी। हमें यह विश्वास है। इस बजट से समाज के गरीबों को ताकत मिलेगी। भारत पूरे विश्व में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और यह काम केवल भाजपा के नेतृत्व में ही संभव है। भारत के लोगों की ताकत नरेंद्र मोदी जी को लगातार मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह बजट गरीब और मध्यमवर्गीय को सशक्त करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
राजनीति
कर छूट की सीमा में बड़ी छलांग : मोदी सरकार ने यूपीए की छोटी-छोटी राहतें देने की शैली को किया खत्म
नई दिल्ली, 1 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार ने 2014 में एनडीए सरकार द्वारा शुरू की गई सैलेरी वर्ग के लोगों को आयकर में राहत देने की व्यवस्था को जारी रखते हुए आयकर छूट की सीमा में बड़ी छलांग लगाई है। यह यूपीए की तरफ से करदाताओं को छोटी-छोटी राहत देने की प्रथा से बिल्कुल अलग नजर आ रही है।
दरअसल, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया गया और इसमें आयकर दाताओं को राहत देते हुए घोषणा की गई कि 12 लाख रुपये तक की कुल आय तक कोई आयकर देना नहीं होगा। नई कर व्यवस्था के तहत जो लोग अपने आयकर का भुगतान करते हैं, उनके लिए जो राहत दी गई, उसके अनुसार अब प्रति माह 1 लाख रुपये की औसत आय वाले लोगों को कोई कर नहीं देना पड़ेगा। वहीं, वेतनभोगी वर्ग को इसके अलावा 75 हजार रुपए का और अतिरिक्त लाभ कर सीमा की छूट में मिलेगा, मतलब वह 12.75 लाख तक अब कर नहीं देना होगा, यानी नई कर व्यवस्था के तहत आयकर छूट सीमा 7 लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति वर्ष किया गया है।
यूपीए सरकार के तहत, 2005 में आयकर छूट सीमा 1 लाख रुपये थी और 2012 में इस छूट सीमा को दोगुना करके 2 लाख रुपये करने में मनमोहन सिंह सरकार को सात साल लग गए।
वेतनभोगी, मध्यम वर्ग के करदाताओं की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी की सरकार ने 2014 में आयकर छूट सीमा को 25 प्रतिशत बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था।
मोदी 2.0 की शुरुआत 2019 में मध्यम वर्ग के करदाताओं के लिए एक और मेगा बोनस के साथ हुई, जिसमें आयकर छूट सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई।
वहीं, मोदी सरकार के प्रयास के तहत वित्त वर्ष 2020-21 में करदाताओं को बिना किसी सामान्य कटौती और छूट के कम कर दरों की पेशकश करने के लिए कम जटिल नई कर व्यवस्था की शुरुआत की गई।
इसके बाद इस व्यवस्था के तहत 2023 में, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने छूट की सीमा 2 लाख रुपये बढ़ा दी, जिससे नई व्यवस्था के तहत आयकर छूट सीमा प्रभावी रूप से 7 लाख रुपये हो गई।
अब इसको ऐसे समझते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पेश करते हुए व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया था। इसका मतलब यह था कि जो व्यक्ति 2.5 लाख तक की सालाना आय कमाते थे, उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ेगा। वहीं, इसी बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख रुपए कर दी गई थी।
इसके अलावा, टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए सेक्शन 80सी की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए कर दी गई थी। इसके बाद मोदी सरकार का 2020 का बजट ऐतिहासिक था, क्योंकि इसमें सरकार एक नया आयकर स्लैब लेकर आई, इस स्लैब में करदाताओं को यह विकल्प दिया गया कि वे पुराने स्लैब में छूट और डिडक्शन के साथ रहें या नए स्लैब में कम कर दरों के साथ बिना छूट के रहें।
2023 में सरकार ने एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया, जिसमें नए आयकर स्लैब के तहत 7 लाख रुपये तक के आय वाले करदाताओं के लिए टैक्स रिबेट की सीमा बढ़ा दी। इससे उन करदाताओं को राहत मिली, जिनकी आय 7 लाख रुपये तक थी। इसके साथ ही, नया टैक्स स्लैब लागू किया गया, जिसमें 50,000 रुपए की मानक कटौती भी लागू की गई।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मोदी सरकार ने आयकर व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में सुधार किया गया, जिसमें 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया, जबकि पहले यह सीमा 5 लाख रुपये थी। इसके अलावा, 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत, 12 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये तक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की व्यवस्था की।
इसके बाद निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जो बजट पेश किया, उसमें नई कर व्यवस्था के तहत आयकर छूट सीमा 7 लाख रुपये प्रति वर्ष से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति वर्ष करने का ऐलान कर दिया।
राजनीति
महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित साजिश की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया
मुंबई: शुक्रवार को अचानक हुए घटनाक्रम में, महायुति सरकार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को फंसाने की कथित साजिश की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) नियुक्त करने का फैसला किया, जो महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सत्ता में रहने के दौरान विपक्ष के नेता और शहरी विकास मंत्री थे।
कथित षड्यंत्र के बारे में
कथित साजिश में दोनों के खिलाफ झूठे आपराधिक मामले दर्ज करना शामिल था। राज्य गृह विभाग द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, एसआईटी का नेतृत्व सत्यनारायण चौधरी करेंगे, जो मुंबई पुलिस की कानून-व्यवस्था शाखा की देखरेख करते हैं। जीआर के अनुसार, एसआईटी के गठन का निर्णय दिसंबर 2024 में शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य विधान परिषद में भाजपा एमएलसी प्रवीण दारेककर द्वारा साझा की गई जानकारी के बाद लिया गया है।
दारेकर के अनुसार, फडणवीस और शिंदे के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने की साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा कि उनके पास ऑडियो क्लिप के रूप में सबूत हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि जब एमवीए सत्ता में थी, तब गृह विभाग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अधीन था। जुलाई की शुरुआत तक इस विभाग का नेतृत्व अनिल देशमुख कर रहे थे, उसके बाद दिलीप वाल्से पाटिल थे। जबकि देशमुख एनसीपी के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट के साथ हैं, वाल्से पाटिल अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह में शामिल हो गए, जिसने जुलाई 2023 में विद्रोह कर दिया।
एसआईटी में राज्य रिजर्व पुलिस बल के डीआईजी राजीव जैन, मुंबई पुलिस के डीसीपी नवनाथ धवले, मुंबई के एसीपी आदिकराव पोल और सत्यनारायण चौधरी शामिल हैं। एसआईटी को 30 दिनों के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
क्या है ‘पीएम धन धान्य’ योजना, जिसका वित्त मंत्री ने बजट में किया ऐलान
नई दिल्ली, 1 फरवरी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया। उन्होंने बजट में सबसे पहली घोषणा ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ के बारे में की।
वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य सरकारों की मदद से देशभर के उन 100 जिलों में उत्पादन बढ़ाने पर फोकस होगी जहां उत्पादकता कम है। इससे 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। इसके लिए किसानों को कृषि उपकरण, बीज, और उर्वरक के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। इसके अलावा, कृषि के क्षेत्र में तकनीक को भी बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। इस योजना के तहत भंडारण और सिंचाई की सुविधा विकसित की जाएगी। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा, कृषि की पैदावार बढ़ाने के लिए उर्वरक की आपूर्ति की जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके तहत ट्रैक्टर, पंप सेट आदि के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। योजना का लाभ मुख्य रूप से सीमांत किसानों को मिलेगा। महिला किसानों को कृषि के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में कमाई के अनेकों साधन विकसित किए जाएंगे, ताकि किसी भी किसान को आर्थिक समस्याओं का सामना ना करना पड़े। इस योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाकर पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह बजट समावेशी किसानों के लिए है। हम लोग देश को विकसित करने की दिशा में विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि हम सभी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, लेकिन कृषि हमारे लिए “फर्स्ट इंजन” की तरह है, जिसके विकास के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।
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