राष्ट्रीय समाचार
पद्म पुरस्कार : जानिए, किस राज्य के कितने लोगों को कौन सा पुरस्कार मिला
नई दिल्ली, 31 जनवरी। भारत सरकार ने 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया। इस बार कुल 7 व्यक्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्मश्री से नवाजा गया। यह पुरस्कार उन लोगों को दिए गए, जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण कार्य किए हैं और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें सबसे ज्यादा तमिलनाडु और महाराष्ट्र की 13/ 13 शख्सियतों को पद्म पुरस्कार मिले। इसके अलावा उत्तर प्रदेश 10 शख्सियतों को यह पुरस्कार मिले। साथ ही कर्नाटक और पश्चिम बंगाल की 9-9 शख्सियतों को यह पुरस्कार मिला है। आइए जानते हैं किस राज्य में कितने लोगों को यह पुरस्कार मिले।
आंध्र प्रदेश से कुल 5 नाम हैं:
नंदमुरी बालकृष्ण (कला) (पद्म भूषण), मदुगुला नागफानी शर्मा (कला) (पद्मश्री), मिरियाला अप्पाराव (मरणोपरांत) (कला) (पद्म श्री), वादिराज रघवेन्द्रचार्य पंचमुखी (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), के एल कृष्णा (साहित्य और शिक्षा) (पद्मश्री)।
अरुणाचल प्रदेश से 1 नाम है:
जुमदे योमगम गमलिन (सामाजिक कार्य) (पद्मश्री)।
असम से कुल 5 नाम हैं:
जतिन गोस्वामी (कला) (पद्म भूषण), अनिल कुमार बोरो (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), गीता उपाध्याय (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), जोनअचरण बथारी (कला) (पद्म श्री), रेबा कांत महंता (कला) (पद्म श्री)।
बिहार से कुल 7 नाम हैं:
शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) (कला) (पद्म विभूषण), सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत) (लोक-कार्य) (पद्म भूषण), भीम सिंह भावेश (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री), हेमंत कुमार (चिकित्सा) (पद्म श्री), किशोर कुनाल (मरणोपरांत) (सिविल सेवा), निर्मला देवी (कला) (पद्म श्री), विजय नित्यानंद सुरीश्वर जी महाराज (अन्य – आध्यात्मिकता) (पद्म श्री)।
चंडीगढ़ से 1 नाम है:
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर (लोक-कार्य) (पद्म विभूषण)।
छत्तीसगढ़ से 1 नाम है:
पांडी राम मंडावी (कला) (पद्म श्री)।
दिल्ली से कुल 8 नाम हैं:
3बिबेक देबरॉय (मरणोपरांत) (साहित्य एवं शिक्षा) (पद्म भूषण), कैलाश नाथ दीक्षित (पुरातत्व) (पद्म भूषण), बैरी गोडफ्रे जॉन (कला) (पद्म श्री), भारत गुप्त (कला) (पद्म श्री), सी एस वैद्यनाथन (सार्वजनिक मामले) (पद्म श्री), नीरजा भटला (चिकित्सा) (पद्म श्री), रामदराश मिश्रा (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), सुरेंद्र कुमार वसल (विज्ञान और इंजीनियरिंग) (पद्म श्री)।
गोआ से 1 नाम है:
लिबिया लोबो सरदेसाई (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री)।
गुजरात से कुल 7 नाम हैं:
कुमुदिनी रजनीकांत लखिया (कला) (पद्म विभूषण), चंद्रकांत सोमपुरा (अन्य – वास्तुकला) (पद्म श्री), चंद्रकांत शेठ (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), परमार लवजीभाई नागजीभाई (कला) (पद्म श्री), रतन कुमार परिमू (कला) (पद्म श्री), तुषार दुर्गेशभाई शुक्ला (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), सुरेश हरिलाल सोनी (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री)।
हरियाणा से 2 नाम हैं:
हरविंदर सिंह (खेल) (पद्म श्री), संत राम देसवाल (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री)। हिमाचल प्रदेश से 1 नाम है: हरिमन शर्मा (अन्य – कृषि) (पद्म श्री)।
जम्मू और कश्मीर से 2 नाम हैं:
फारूक अहमद मीर (कला), ललित कुमार मंगोत्रा (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री)। झारखंड से 1 नाम है: महाबीर नायक (कला) (पद्म श्री)।
कर्नाटक से कुल 9 नाम हैं:
लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला) (पद्म विभूषण), ए सूर्य प्रकाश (साहित्य एवं शिक्षा-पत्रकारिता) (पद्म भूषण), अनंत नाग (कला) (पद्म भूषण), भीमव्वा दोड्डबलप्पा शिल्लेक्याथारा (कला) (पद्म श्री), हसन रघु (कला) (पद्म श्री), रिकी ज्यान केज (कला) (पद्म श्री), वेन्कप्पा अंबाजी सुगतेकर (कला) (पद्म श्री), प्रशांत प्रकाश (व्यापार और उद्योग) (पद्म श्री), विजयलक्ष्मी देशमाने (चिकित्सा) (पद्म श्री)।
केरल से कुल 5 नाम हैं:
एम. टी. वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) (साहित्य और शिक्षा) (पद्म विभूषण), जोस चाको पेरियाप्पुरम (चिकित्सा) (पद्म भूषण), पी आर श्रीजेश (खेल) (पद्म भूषण), इनिवालप्पिल मनि विजयन (खेल) (पद्म श्री), के ओमनाकुट्टी अम्मा (कला) (पद्म श्री)।
मध्य प्रदेश से 6 नाम हैं:
बुधेंद्र कुमार जैन (चिकित्सा) (पद्म श्री), भैरू सिंह चौहान (कला) (पद्म श्री), हरचंदन सिंह भट्टी (कला) (पद्म श्री), जगदीश जोशीला (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), सल्ली होलकर (व्यापार और उद्योग) (पद्म श्री), सुभाष खेतुलाल शर्मा (अन्य – कृषि) (पद्म श्री)।
महाराष्ट्र से कुल 13 नाम हैं:
मनोहर जोशी (मरणोपरांत) (लोक-कार्य) (पद्म भूषण), शेखर कपूर (कला) (पद्म भूषण), पंकज उधास (मरणोपरांत) (कला) (पद्म भूषण), अच्युत रामचंद्र पालव (कला) (पद्म श्री), अशोक लक्ष्मण सराफ (कला) (पद्म श्री), अश्विनी भिड़े देशपांडे (कला) (पद्म श्री), अरुंधती भट्टाचार्य (व्यापार और उद्योग) (पद्म श्री), चैत्रम देवचंद पवार (सामाजिक कार्य) (पद्म श्री), जसपिंदर नरूला (कला) (पद्म श्री), मारुति भुजंगराव चितंपल्ली (साहित्य और शिक्षा) (पद्म श्री), रणेंद्र भानु मजूमदार (कला) (पद्म श्री), वसुदेव कामथ (कला) (पद्म श्री), विलास डांगरे (चिकित्सा) (पद्म श्री)।
मणिपुर से 1 नाम है:
थियाम सूर्यमुखी देवी (कला) (पद्म श्री)
मेघालय से 1 नाम है:
डेविड आर सिएमलीह (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)
मिजोरम से 1 नाम हैं:
रेंथलेई लालरवना (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)
नागालैंड से 1 नाम है:
एल हांगथिंग (अन्य – कृषि – पद्म श्री)
ओडिशा से 4 नाम हैं:
अद्वैत चरण गदनायक (कला – पद्म श्री), अशोक कुमार महापात्र (चिकित्सा – पद्म श्री), दुर्गा चरण रंबीर (कला – पद्म श्री), प्रतिभा सत्पथी (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)
पुड्डुचेरी से 1 नाम है:
पी डचनामूर्ति (कला – पद्म श्री)
पंजाब से 2 नाम हैं:
हरजिंदर सिंह नगरवाले (कला – पद्म श्री), ओंकार सिंह पहवा (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री)
राजस्थान से 3 नाम हैं:
बैजनाथ महाराज (अन्य – आध्यात्मिकता – पद्म श्री), बेगम बतूल (कला – पद्म श्री), शीन काफ निजाम (शिव किशन बिस्सा) (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)
सिक्किम से 1 नाम हैं:
नरेन गुरुंग (कला – पद्म श्री)
तमिलनाडु से 13 नाम हैं:
नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी (व्यापार और उद्योग – पद्म भूषण), एस अजित कुमार (कला – पद्म भूषण), शोभना चंद्रकुमार (कला – पद्म भूषण), के दामोदरन (अन्य – खान-पान – पद्म श्री), एम डी निवास (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री), लक्ष्मीपति रामासुब्बैयर (साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता – पद्म श्री), गुरुवायुर दोरई (कला – पद्म श्री), आर अश्विन (खेल – पद्म श्री), आर जी चंद्रमोगन (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री), राधाकृष्णन देवसेनापथी (कला – पद्म श्री), सीनी विश्वनाथन (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), वेलु आसान (कला – पद्म श्री), पुरिसाई कन्नप्पा संबंदन (कला – पद्म श्री)
तेलंगाना से 2 नाम हैं:
दुर्वुर नागेश्वर रेड्डी (चिकित्सा – पद्म विभूषण), मंडा कृष्ण मडिगा (सार्वजनिक मामले – पद्म श्री)
त्रिपुरा से 1 नाम है:
अरुणोदय साहा (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री)
उत्तर प्रदेश से 10 नाम हैं:
रामबहादुर राय (साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता – पद्म भूषण), साध्वी ऋतंभरा (सामाजिक कार्य – पद्म भूषण), अशुतोष शर्मा (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री), गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), हृदय नारायण दीक्षित (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), नारायण (भुलै भाई) (मरणोपरांत) (सार्वजनिक मामले – पद्म श्री), सत्यपाल सिंह (खेल), सैयद ऐनुल हसन (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), श्याम बिहारी अग्रवाल (कला – पद्म श्री), सोनिया नित्यानंद (चिकित्सा – पद्म श्री)।
उत्तराखंड से 2 नाम हैं:
ह्यू और कॉलीन गांटज़र (मरणोपरांत) (द्वय – साहित्य और शिक्षा – पत्रकारिता – पद्म श्री), राधा बहिन भट्ट (सामाजिक कार्य – पद्म श्री)।
पश्चिम बंगाल से 9 नाम हैं:
अरिजीत सिंह (कला – पद्म श्री), गोकुल चंद्र दास (कला – पद्म श्री), ममता शंकर (कला – पद्म श्री), पवन गोयनका (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री), सज्जन भजंका (व्यापार और उद्योग – पद्म श्री), स्वामी प्रदीप्तानंद (कार्तिक महाराज) (अन्य – आध्यात्मिकता – पद्म श्री), तेजेंद्र नारायण मजूमदार (कला – पद्म श्री), नागेंद्र नाथ रॉय (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री), विनायक लोहानी (सामाजिक कार्य – पद्म श्री)।
अंतरराष्ट्रीय श्रेणी में 10 नाम हैं:
ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत), (जापान) (व्यापार और उद्योग – पद्म विभूषण), विनोद धाम (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म भूषण) (संयुक्त राज्य अमेरिका), अजय वी भट्ट (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), अरविंद शर्मा (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री) (कनाडा), चेतन ई चितनिस (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री) (फ्रांस), नितिन नोहरिया (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), सेथुरामन पंचानाथन (विज्ञान और इंजीनियरिंग – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), स्टीफन नैप्प (साहित्य और शिक्षा – पद्म श्री) (संयुक्त राज्य अमेरिका), शेखा शैखा अली अल-जबर अल-सबाह (चिकित्सा – पद्म श्री) (कुवैत), जोनास मासेटी (अन्य – आध्यात्मिकता – पद्म श्री) (ब्राजील)।
राष्ट्रीय समाचार
सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कर रही फोकस, निजी सेक्टर को बढ़ानी होगी हिस्सेदारी: आर्थिक सर्वेक्षण
नई दिल्ली, 31 जनवरी। सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर (फिजिकल, डिजिटल और सोशल) पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है और अब इन प्रयासों को पूरी ताकत से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए देश में लागू करने की आवश्यकता है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में दी गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में कहा गया, “भारत की विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगले दशक में इन्फ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश की आवश्यकता है। हालांकि, आवश्यक व्यय के अनुमान पैमाने में भिन्न हैं, लेकिन आम सहमति है कि इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को बढ़ाने की आवश्यकता है।”
वित्त वर्ष 2024-25 में चुनावों के बाद पूंजीगत खर्च में वृद्धि हुई है। सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की गति को जारी रखने के महत्व और सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन प्रैक्टिस को बढ़ावा देने की बढ़ती आवश्यकता को पहचाना है।
सर्वेक्षण में कहा गया कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड के लिए केवल पब्लिक कैपिटल पर्याप्त नहीं है। यह दिखाता है कि निजी सेक्टर को भी इन्फ्रास्ट्रक्चर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की जरूरत है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत में विकास की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अगले दशक में इन्फ्रास्ट्रक्चर में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता है।
देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता को देखते केंद्र सरकार ने पूंजीगत खर्च को वित्त वर्ष 20 से लेकर वित्त वर्ष 24 में 38.8 प्रतिशत की दर से बढ़ाया है।
नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) को एक दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 20 से वित्त वर्ष 25 तक लगभग 111 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश को टारगेट करना है।
मौजूदा समय में इसमें 37 सब-सेक्टर्स के 9,766 प्रोजेक्ट्स हैं। इन प्रोजेक्ट्स को इंटीग्रेटेड इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड (एनआईपी- प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप) पोर्टल द्वारा ट्रैक और रिव्यू किया जाता है।
सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश आकर्षित इनोवेटिव फ्रेमवर्क को अपनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
जम्मू-कश्मीर : गुरेज घाटी में ताजा बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित, बांदीपोरा-गुरेज मार्ग बंद
बांदीपोरा, 31 जनवरी। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले की गुरेज घाटी में ताजा बर्फबारी के कारण क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गुरेज क्षेत्र के ऊंचे इलाकों जैसे डावर, कंजालवान, नीरू, बागतोर और तुलैल में लगभग चार इंच बर्फबारी हुई है, जिसके कारण आम जीवन में प्रभावित हुआ है।
राजदान दर्रे पर भारी बर्फबारी के कारण बांदीपोरा-गुरेज सड़क को असुरक्षित मानते हुए एहतियातन बंद कर दिया गया है। इस सड़क की लंबाई 85 किलोमीटर है और यह घाटी के प्रमुख संपर्क मार्गों में से एक है।
स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मार्ग को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
यात्रियों और वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी यात्रा शुरू करने से पहले स्थानीय नियंत्रण कक्षों से सड़क की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।
प्रशासन की टीम स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। जैसे ही मौसम में सुधार होगा, कनेक्टिविटी बहाल करने के प्रयास जारी रहेंगे।
इस बीच, गुरेज घाटी में सामान्य गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं और स्थानीय निवासियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
अपराध
गोड्डा में नाबालिग लड़की को घर से जबरन उठाया, रेप के बाद जहर खिलाकर की हत्या
गोड्डा, 31 जनवरी। झारखंड के गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की का घर से अपहरण कर उसके साथ रेप और इसके बाद जहरीली दवा खिलाकर हत्या की घटना सामने आई है। इसका आरोप उसी थाना क्षेत्र के अनवर अंसारी पर है। स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी विधि-व्यवस्था को लेकर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर हमला बोला है।
वारदात को लेकर जिले में गुस्से का उबाल है। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
मृतका की मां के बयान पर दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, अनवर अंसारी पीड़िता से शादी के लिए दबाव डाल रहा था। वह उसे जबरन अपने साथ ले गया और उसके साथ दुष्कर्म के बाद दवा खिलाकर उसकी जान ले ली। इसके बाद वह उसकी बेटी का शव उसके घर पर पहुंचाकर भाग गया।
घटना की सूचना मिलते ही सुंदरपहाड़ी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए गोड्डा भेज दिया है।
एसपी अनिमेष नैथानी ने बताया कि पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यह हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट की यह घटना है। गोड्डा मेरा भी जिला है। कांग्रेस की नीतियों के कारण पूरा संथाल परगना बांग्लादेशी घुसपैठियों से भर चुका है। आदिवासी लड़कियों के साथ जबरन शादी, बलात्कार, जमीन हथियाना आम बात है। आदिवासियों की संख्या 45 प्रतिशत से घटकर केवल 25 प्रतिशत रह गई है। जार्ज सोरोस, बांग्लादेश के प्रधानमंत्री यूनुस और कांग्रेस की तिकड़ी हमारा अस्तित्व समाप्त कर देगी।”
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी इसे लेकर राज्य की सरकार को घेरा है। उन्होंने एक्स पर सीएम हेमंत सोरेन को संबोधित करते हुए लिखा है, “झारखंड में आदिवासी बेटियों के बलात्कार और उनकी हत्या का सिलसिला कब रुकेगा? महिलाओं को 2,400 रुपये की सहायता की आड़ में आप आदिवासी बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार को नहीं छिपा सकते। यदि महिला सम्मान के नाम पर आपको वाहवाही लूटने का शौक है, तो आदिवासी बेटियों की हत्या की जिम्मेदारी भी आपके सिर ही मढ़ी जाएगी!”
मरांडी ने पहले घटी इसी तरह की घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा, “पहले दिलदार अंसारी और शाहरुख ने बेटियों की हत्या की… अब अनवर अंसारी ने बरहेट विधानसभा क्षेत्र की एक नाबालिग आदिवासी बेटी के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी। यूं तो आपको बिगड़ती कानून-व्यवस्था, बढ़ते अपराध से कोई लेना-देना नहीं रहता, लेकिन यह शर्मनाक मामला आपके विधानसभा क्षेत्र का है, इसलिए यह आपका नैतिक कर्तव्य है कि पीड़ित परिजनों के पास जाकर उन्हें न्याय दिलाने की हिम्मत जुटाएं।”
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