राष्ट्रीय समाचार
कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत का ट्रायल रन सफल, दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज से होकर गुजरी ट्रेन
जम्मू, 25 जनवरी। भारतीय रेलवे ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कटरा शहर से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन का सफल ट्रायल रन किया। इस ट्रायल के साथ उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) पर यात्री सेवा शुरू करने से पहले सभी तकनीकी जांच और परीक्षण पूरे हो गए हैं।
वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल रन श्री माता वैष्णो देवी कटरा स्टेशन से श्रीनगर स्टेशन तक दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल चिनाब ब्रिज पर किया गया। ट्रेन अंजी खाद ब्रिज से भी गुजरेगी। यह भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज है। ट्रेन को डिजाइन करते समय जलवायु अनुकूलनशीलता को भी ध्यान में रखा गया है, ताकि घाटी के ठंडे मौसम में यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव हो सके।
यह ट्रेन माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक के ठंडे तापमान में भी चल सकती है। चेयर-कार ट्रेन में पानी और बायो-टॉयलेट टैंकों को जमने से बचाने के लिए हीटिंग सिस्टम लगे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि कई अन्य देशों ने भारत से सेमी-हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनें प्राप्त करने में अपनी इच्छा जताई है।
वंदे भारत ट्रेनों को कई लोग ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता की कहानी के रूप में देख रहे हैं। ट्रेन में कवच टेक्नोलॉजी और अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे कि विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभ शौचालय और इंटीग्रेटेड ब्रेल साइनेज जैसी बेहतर सुरक्षा फीचर्स हैं।
पहली यात्री ट्रेन अब फरवरी में पटरी पर दौड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कटरा रेलवे स्टेशन से घाटी के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन करने की उम्मीद है।
कश्मीर तक ट्रेन का सपना लंबे समय से देखा जा रहा है। इससे पर्यटन, बागवानी, व्यापार, यात्रा और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। सभी मौसमों में आरामदायक रेल यात्रा से घाटी के लोगों को सर्दियों के महीनों में बाहर यात्रा करने में होने वाली सभी परेशानियों का समाधान हो जाएगा। हल्की बारिश या बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग कई दिनों के लिए बंद हो जाता है, ऐसे में ये रेल सेवा उस समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करेगी।
राजनीति
संविधान को कमजोर करना चाहती है भाजपा : कुमारी शैलजा
इंदौर, 27 जनवरी। संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू जिले में आज कांग्रेस ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली करेगी। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने रैली के एजेंडे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज की रैली का संदेश अहम होगा।
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमारा संदेश यही है कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा हमारे संविधान को कमजोर करने का है। बाबा साहेब का जो अपमान हुआ, उसके खिलाफ हमने पहले भी आवाज उठाई थी और आज भी रैली के माध्यम से अपनी आवाज उठाएंगे।”
उत्तराखंड में यूसीसी के लागू होने के सवाल पर उन्होंने कहा, “चुनाव का समय है और भाजपा का एजेंडा लोगों को आपस में डिवाइड करने का है। उसी एजेंडे के तहत वह इस तरह के काम कर रहे हैं।”
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के सवाल पर उन्होंने कहा, “भाजपा ने जो किया, उसे न तो भुलाया जा सकता है और न ही भुलाने दिया जा सकता है। हमारा यह आंदोलन जमीन पर जारी रहेगा। अभी बजट सत्र आने वाला है और भाजपा का पार्लियामेंट्री सिस्टम में विश्वास नहीं है। आप खुद ही देख सकते हैं कि वह किसी न किसी तरीके से ये कोशिश करते हैं कि संसद सत्र न चलें।”
डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू जिले में सोमवार को कांग्रेस ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली करेगी। इस रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी समेत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शामिल होंगे।
बता दें कि कांग्रेस ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली सोमवार दोपहर एक बजे महू के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में होगी। महू संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली है।
इसके बाद दोपहर तीन बजे संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
दुर्घटना
मेंढर में उप जिला अस्पताल में लगी आग, लाखों का नुकसान
पुंछ, 25 जनवरी। जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के मेंढर में सब डिवीजन में स्थित उप जिला अस्पताल के एक पुराने कॉम्प्लेक्स में शनिवार को आग लग गई। दो कमरे पूरी तरह से जलकर राख हो गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग कॉम्प्लेक्स में सुबह लगभग 8.45 बजे के लगी। आग की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन तुरंत सक्रिय हुआ और फायर सर्विस को बुलाया। पुलिस की एसओजी, सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। घटनास्थल पर पहुंचकर एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया।
ब्लॉक मेडिकल अधिकारी (मेंढर) डॉ. अशफाक अहमद ने बताया कि सुबह लगभग 8.45 बजे शॉर्ट सर्किट की आवाज आई। इसी दौरान फायर अलार्म सिस्टम बज गया। आवाज को सुनकर स्टाफ के सभी लोग देखने लगे क्या हुआ है, तब तक आग पुराने कॉम्प्लेक्स में काफी बढ़ चुकी थी। हमने तुरंत फायर सर्विस और पुलिस को आग लगने की जानकारी दी।
स्टाफ ने यूटिलिटी से कुछ महत्वपूर्ण सामान को निकाल लिया। हालांकि, आग की वजह से कमरों में रखा लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया। इसके अलावा, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी आग की चपेट में आ गए। सेना, सीआरपीएफ भी मौके पर पहुंची। पुलिस की एसओजी, सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया।
उन्होंने आगे बताया कि हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई। आग लगने की घटना के बाद प्रशासन द्वारा स्थिति का आकलन किया जा रहा है और मामले की जांच जारी है।
राष्ट्रीय समाचार
आरबीआई ने नए लिक्विडिटी कवरेज नियमों का प्रभाव जानने के लिए बैंकों से की बातचीत
मुंबई, 24 जनवरी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस हफ्ते नए लिक्विडिटी कवरेज नियमों के प्रभावों को समझने के लिए बैंकों से बातचीत की।
नए नियमों को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं कि इससे अर्थव्यवस्था में क्रेडिट फ्लो पर नकारात्मक असर हो सकता है।
एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों ने कुछ फीडबैक दिए हैं, नियमों को स्थगित करने और इन नियमों से संभावित नुकसान से निपटने के लिए वैकल्पिक तंत्र की मांग की थी।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब संजय मल्होत्रा ने हाल ही में आरबीआई के नए गवर्नर के रूप में पदभार संभाला है। उन्होंने शक्तिकांत दास का स्थान लिया है, जिन्होंने दिसंबर में केंद्रीय बैंक के प्रमुख के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया था।
बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी एक बड़ी समस्या बन गई है। गुरुवार को बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी की कमी 3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। इससे निपटने के लिए आरबीआई पिछले हफ्ते वेरिएबल रेपो रेट का ऑक्शन शुरू कर चुका है।
आरबीआई ने 25 जुलाई को एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया था, जिसके अनुसार बैंकों को इस वर्ष 1 अप्रैल से अपने जोखिमों को कवर करने के लिए अधिक धनराशि अलग रखनी होगी।
आरबीआई ने कहा कि हाल के वर्षों में बैंकिंग में तेजी से बदलाव आया है। टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग ने तत्काल बैंक हस्तांतरण और निकासी की क्षमता को सुगम बनाया है, लेकिन इससे जोखिम में भी वृद्धि हुई है, जिसके लिए सक्रिय प्रबंधन की आवश्यकता है। इस कारण बैंकों में मजबूती बढ़ाने के लिए लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (एलसीआर) फ्रेमवर्क की समीक्षा की गई है।
बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं (आईएमबी) से युक्त खुदरा जमाओं के लिए अतिरिक्त 5 प्रतिशत धनराशि को रन-ऑफ फैक्टर के रूप में आवंटित करें।
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