व्यापार
‘2025’ भारत में आईपीओ के लिए एक और रिकॉर्ड तोड़ने वाला साल हो सकता है साबित

नई दिल्ली, 11 जनवरी। एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत बुनियादी बातों और लचीली अर्थव्यवस्था की वजह से भारतीय इक्विटी बाजारों में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए एक और रिकॉर्ड तोड़ने वाला साल देखने को मिल सकता है।
देश में अब तक सभी क्षेत्रों में फंडराइजिंग एक्टिविटी व्यापक रही हैं।
कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की रिपोर्ट के अनुसार, भू-राजनीतिक जोखिमों और बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच घरेलू निवेश ने लचीलापन प्रदान किया।
निवेश बैंक के अनुसार, पिछले साल 500 मिलियन डॉलर के 30 से अधिक सौदों के साथ, अलग-अलग उत्पादों में सौदों का आकार लगातार बढ़ रहा है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसी) अपनी सहायक कंपनियों को भारतीय शेयर बाजारों में पहली बार लिस्ट कर भारत को लिस्टिंग डेस्टिनेशन के रूप में पसंद करती हैं।
पिछले साल कम से कम 91 कंपनियों ने सार्वजनिक रूप से लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये जुटाए।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल आईपीओ, फॉलो-ऑन ऑफर और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) सहित कुल मिलाकर, फर्मों ने इक्विटी बाजार से 3.73 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए।
पिछले साल हुंडई के मेगा 3.3 बिलियन डॉलर आईपीओ के बाद, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अब 1.3 बिलियन डॉलर आईपीओ की योजना के साथ भारत की बाजार क्षमता पर नज़र गड़ाए हुए है।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ चो जू-वान ने कहा है कि भारतीय बाजार में अपार व्यावसायिक संभावना के कारण ही कंपनी ने देश में आईपीओ लाने का फैसला किया है।
दक्षिण कोरियाई कंपनी ने दिसंबर की शुरुआत में अपनी भारतीय यूनिट एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड के आईपीओ के लिए भारतीय शेयर बाजार संचालक के पास एक ड्राफ्ट दाखिल किया।
अप्रैल या मई में प्रस्तावित इस पेशकश से 2 ट्रिलियन वॉन (1.3 बिलियन डॉलर) तक जुटाने की उम्मीद है।
पिछले साल भारतीय बाजार अस्थिर रहे, सितंबर में निफ्टी 26,250 और बीएसई सेंसेक्स 85,900 को पार कर गया और दोनों ही इंडेक्स ने कैलेंडर वर्ष 2024 के पहले नौ महीनों (जनवरी-सितंबर) में लगभग 21 प्रतिशत की बढ़त हासिल की।
रिपोर्ट के अनुसार, 90 से अधिक कंपनियों ने पहले ही बाजार नियामक सेबी के पास अपना ड्राफ्ट हेरिंग रेड प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर दिया है।
कोटक सिक्योरिटीज के अनुसार, भारत की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी हुई है, जिसमें सोलिड ग्रोथ, बीओपी (करेंसी) आउटलुक और मैनेज किए जाने वाला राजकोषीय और मुद्रास्फीति (हालिया उछाल को छोड़कर) आउटलुक शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “दूसरी ओर, बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन ( एनआईएम ) और क्रेडिट लागत ने सकारात्मक रूप से आश्चर्यचकित किया, जबकि आईटी सर्विस सेक्टर के राजस्व में अपेक्षा से बेहतर क्रमिक सुधार देखा गया।”
व्यापार
सेबी ने इक्विटी और डेरिवेटिव्स सेगमेंट के लिए सेटलमेंट की संशोधित तारीखें जारी कीं

मुंबई, 8 सितंबर। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को क्लियरिंग कॉरपोरेशनों द्वारा 5 और 8 सितंबर, 2025 को घोषित सेटलमेंट हॉलिडे के मद्देनजर इक्विटी और डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए संशोधित सेटलमेंट शेड्यूल की घोषणा की है।
पैगम्बर मुहम्मद के जन्म दिवस के अवसर पर मनाए जाने वाली ईद-ए-मिलाद के कारण 5 और 8 सितंबर को बाजार में सेटलमेंट हॉलिडे था।
हालांकि, इस दौरान शेयर बाजार खुला और दिन के दौरान हुए सभी लेनदेन का निपटान आने वाले वर्किंग-डे में किया जाएगा, क्योंकि सेटलमेंट हॉलिडे के कारण एनएसडीएल और सीडीएसएल बंद थे।
सेबी के अनुसार, 4 सितंबर (गुरुवार) और 5 सितंबर (शुक्रवार) के कारोबारी दिनों के लिए नकद और प्रतिभूति उधार एवं उधार प्रणाली (एसएलबीएम) सेगमेंट का निपटान 9 सितंबर (मंगलवार) को किया जाएगा।
8 सितंबर (सोमवार) और 9 सितंबर (मंगलवार) को होने वाले कारोबार का निपटान 10 सितंबर (बुधवार) को पूरा किया जाएगा।
डेरिवेटिव सेगमेंट के लिए, 4, 5 और 8 सितंबर को होने वाले सौदों का निपटान 9 सितंबर (मंगलवार) को किया जाएगा।
सेबी ने कहा कि इस स्पष्टीकरण का उद्देश्य त्योहारी अवकाश के दौरान सौदों की सुचारू प्रक्रिया सुनिश्चित करना और बाजार सहभागियों को समय पर सूचना प्रदान करना है।
भारतीय शेयर बाजार कारोबारी सत्र में हल्की बढ़त के साथ बंद हुए। दिन के अंत में सेंसेक्स 76.54 अंक या 0.09 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,787.30 और निफ्टी 32.15 अंक या 0.13 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,773.15 पर था।
बाजार में तेजी का नेतृत्व ऑटो इंडेक्स ने किया। निफ्टी ऑटो 3.30 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। निफ्टी पीएसयू बैंक (0.49 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.37 प्रतिशत), निफ्टी रियल्टी (0.46 प्रतिशत) और निफ्टी कंजप्शन (0.49 प्रतिशत) की तेजी के साथ बंद हुआ।
दूसरी तरफ निफ्टी आईटी (0.94 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.27 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.21 प्रतिशत) और निफ्टी सर्विसेज (0.16 प्रतिशत) की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए।
राजनीति
‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली, 8 सितंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को निर्यातकों से अपील करते हुए कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें। साथ ही, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय राजधानी में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्लेटिनम जयंती समारोह में संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,”प्राचीन काल में भारत ने अध्यात्म और व्यापार दोनों में विश्व का नेतृत्व किया था। भारत को एक बार फिर ज्ञान और व्यापार का अग्रणी केंद्र बनाना सभी नागरिकों का संकल्प होना चाहिए। आर्थिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते ईईपीसी को यह संकल्प दृढ़तापूर्वक लेना चाहिए।”
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि पिछले 10 वर्षों में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से भी अधिक हो गया है।
उन्होंने कहा कि निर्यात में यह वृद्धि तब और भी प्रभावशाली लगती है, जब हम यह देखते हैं कि पिछले दशक के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कई चुनौतियां रही हैं। उन्होंने इस उपलब्धि में योगदान के लिए ईईपीसी की सराहना की।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ईईपीसी अंतरराष्ट्रीय बाजार और भारतीय उत्पादकों के बीच एक सेतु का काम करता है। उन्होंने ईईपीसी से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत और भारतीय उद्यमियों की भूमिका का निरंतर विस्तार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था में हो रहे बदलावों के कारण इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
राष्ट्रपति के अनुसार, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है। पिछले सात दशकों में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात में बड़ा परिवर्तन आया है। ईईपीसी को परिवर्तन की इस प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करते रहना चाहिए।
व्यापार
वैश्विक अनिश्चितता के बीच पीयूष गोयल ने निर्यातकों से स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की

नई दिल्ली, 8 सितंबर। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को निर्यातकों से स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला और उत्पादों को प्राथमिकता देने और भारत की आर्थिक सुरक्षा मजबूत करने की अपील की।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्लेटिनम जुबली समारोह में बोलते हुए गोयल ने कहा, “हमने हाल ही में देखा है कि जब भी कोई देश निर्यात पर सीमाएं लगाता है या नियंत्रण लगाता है, तो इसका असर हमारे निर्यातकों और उद्योग पर पड़ता है। इस कारण आत्मनिर्भर भारत काफी महत्वपूर्ण है।”
केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब चीन की ओर से उर्वरक और दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण भारत के ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के उत्पादन पर असर हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने इंडस्ट्री से गुड्स और सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को ट्रांसफर करने की अपील भी की।
उन्होंने आगे कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के आसान होने और टैक्स की दर कम होने से घरेलू मांग में वृद्धि होगी और विकास दर भी तेज होगी।
इसी इवेंट में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारतीय निर्यातकों को भी नई टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल प्रैक्टिस को अपनाना चाहिए, और विश्वास व्यक्त किया कि व्यवसाय वर्तमान अनिश्चितताओं से निपटने में सक्षम होंगे।
सरकार की ओर से अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का ऐलान किया गया है, इसमें टैक्स स्लैब की संख्या को घटाकर दो – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले चार स्लैब- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत थी। इसके साथ बड़ी संख्या में चीजों को टैक्स में कटौती की गई है। ये नए सुधार 22 सितंबर से लागू हो रहे हैं।
बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों से भारत में उपभोग में तेज वृद्धि देखने को मिलेगी। इससे फुटवियर, एफएमसीजी, परिधान और क्विक सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) इंडस्ट्री को फायदा होगा।
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