राजनीति
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सिर्फ भ्रष्टाचार किया : वीरेंद्र सचदेवा

नई दिल्ली, 4 जनवरी। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला। सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पिछले दस वर्षों में सिर्फ भ्रष्टाचार किया है, जबकि केंद्र सरकार ने दिल्ली को विकास के नए मानक दिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली के गरीबों और आम नागरिकों को झूठे वादों के अलावा कुछ नहीं दिया।
सचदेवा ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि जहां एक ओर केंद्र सरकार ने दिल्ली को यशोभूमि, भारत मंडपम, ईको पार्क, बांसेरा पार्क, प्रगति मैदान टनल, रिंग रोड-3, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर, दिल्ली-मेरठ हाईवे, अलीपुर बाईपास जैसे अनेक अनेक विकास कार्य दिए हैं, वहीं केजरीवाल ने दिल्ली को सिर्फ घोटाले ही दिए हैं। केंद्र सरकार ने दिल्ली में लगभग पांच हजार से अधिक झुग्गीवासियों को बेहतर आवास प्रदान किए हैं, जबकि केजरीवाल ने दिल्ली के गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं से वंचित किया। केजरीवाल ने दिल्ली को शराब घोटाला, जासूसी घोटाला, पैनिक बटन घोटाला, राशन कार्ड घोटाला, अस्पताल निर्माण घोटाला, मोहल्ला क्लिनिक और दवा-जांच घोटाला जैसे घोटाले दिए हैं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल के भ्रष्टाचार की एक लंबी सूची है, जो खत्म नहीं होती।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में केजरीवाल के दावों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल शिक्षा की बात करते हैं, लेकिन उनके दस साल के कार्यकाल में दिल्ली में एक भी नया स्कूल या कॉलेज नहीं खोला गया। वहीं, केंद्र सरकार ने दिल्ली में सात नए केंद्रीय विद्यालय खोले, दिल्ली विश्वविद्यालय का पूर्वी दिल्ली परिसर स्थापित किया और दो नए कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों का शिलान्यास किया। उन्होंने सवाल किया कि केजरीवाल द्वारा घोषित खेल विश्वविद्यालय और सैनिक प्रशिक्षण स्कूल आखिर क्यों भ्रष्टाचार के फाइलों में फंस कर रह गए?
उन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली की टूटी सड़कों पर जवाब दें, दिल्ली में इस मानसून में 62 मौतों पर जवाब दें। उन्होंने पूछा कि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था क्यों चरमरा रही है और क्यों केजरीवाल ने डीटीसी के लिए एक भी नई बस नहीं खरीदी?
कोरोना काल के दौरान दिल्ली सरकार की विफलताओं पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार दिल्ली के लिए विशेष अस्पताल बना रही थी, तो केजरीवाल के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों ने जनता को क्यों धोखा दिया? उन्होंने यह भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन के नाम पर बड़ा घोटाला क्यों किया। अरविंद केजरीवाल को जवाब देना होगा कि उन्होंने दिल्ली के लोगों के लिए क्या किया है और क्यों उनकी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और विफलताएं बढ़ी हैं।
महाराष्ट्र
मराठा आरक्षण आंदोलन: सरकार ने जारी करने का दिया आश्वासन, आज़ाद मैदान में डटे रहे मनोज जरांगे पाटिल

मुंबई: मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर आज़ाद मैदान में चल रहे मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व वाले आंदोलन में आज अहम मोड़ आया। राज्य मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि सरकार हैदराबाद गजट लागू करने के लिए एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी करेगी। इसके तहत मराठवाड़ा के मराठाओं को कुंभी का दर्जा दिया जाएगा, जिससे उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह जीआर एक घंटे के भीतर जारी किया जाएगा। यह आश्वासन बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा आंदोलनकारियों को सरकार की उपसमिति से वार्ता करने के लिए मिली राहत के बाद आया है।
इस बीच, मराठा नेताओं ने आज़ाद मैदान में मौजूद प्रदर्शनकारियों से अपील की कि करीब 5,000 लोग वहीं बने रहें और बाकी लोग हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार नवी मुंबई के लिए रवाना हों।
इससे पहले, पाटिल ने ऐलान किया था कि वह पुलिस नोटिस के बावजूद आज़ाद मैदान खाली नहीं करेंगे, “चाहे जान चली जाए।” पुलिस ने नोटिस में अदालत के अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि आंदोलन निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने सीएसएमटी रेलवे स्टेशन पर जमा प्रदर्शनकारियों को हटाना शुरू किया। बड़ी संख्या में पुलिस बल बीएमसी मुख्यालय और किला कोर्ट इलाके में भी तैनात किया गया, जहां अधिकारियों ने लोगों से सड़कों और फुटपाथों को खाली करने की अपील की।
सरकार की ओर से आधिकारिक जीआर जारी होने का इंतजार है, वहीं प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने और मराठा समाज की मांगों के बीच संतुलन साधने में जुटा है।
महाराष्ट्र
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों को 3 बजे तक स्थल खाली करने का निर्देश दिया

मुंबई, 25 अक्टूबर 2023 — मराठा आरक्षण agitation से संबंधित एक महत्वपूर्ण विकास में, बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज निर्देश जारी किए, जिसमें प्रदर्शनकारियों को 3 बजे तक आंदोलन स्थल खाली करने के लिए कहा गया है। कोर्ट का यह निर्णय बढ़ती तनाव और प्रदर्शनों के कारण होने वाले व्यवधानों के बीच आया है, जो सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की बहाली की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शन कई हफ्ते पहले शुरू हुए थे, जब हजारों मराठा कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र भर में रैली निकालकर अपनी मांगें उठाईं। समुदाय का तर्क है कि आरक्षण की कमी ने सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी और शिक्षा के अवसरों तक उनकी पहुंच को बाधित किया है। मराठा समुदाय, जो राज्य में एक महत्वपूर्ण जनसंख्या का हिस्सा है, सामाजिक न्याय और सकारात्मक कार्रवाई पर राजनीतिक चर्चाओं के मोर्चे पर लंबे समय से है।
कार्यवाही के दौरान, बेंच ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने और अन्य नागरिकों के अधिकारों के उल्लंघन को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। उसने स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया, प्रदर्शनकारियों से उनके लगातार मौजूदगी के निहितार्थ पर विचार करने का आग्रह किया।
“जबकि हम आंदोलन की महत्ता को समझते हैं, यह अनिवार्य है कि दूसरों के अधिकारों के साथ प्रदर्शन के अधिकार का संतुलन बनाया जाए,” कोर्ट ने कहा। जजों ने यह बताया कि authorities सुगम संक्रमण और प्रदर्शक स्थल से सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रदान करेंगे।
कोर्ट के निर्णय के बाद, मराठा समुदाय के नेताओं ने निराशा व्यक्त की लेकिन अपने मुद्दे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता फिर से दोहराई। “हम न्यायपालिका का सम्मान करते हैं, लेकिन हम अपने अधिकारों और उस उचित आरक्षण के लिए लड़ते रहेंगे जो हमें प्राप्त है,” एक प्रमुख नेता ने कहा। भविष्य के प्रदर्शनों और रणनीतियों के लिए योजनाएं पहले से ही समुदाय के नेताओं के बीच चर्चा में हैं।
जैसे-जैसे समय सीमा निकट आती है, कानून प्रवर्तन एजेंसियां उच्च सतर्कता पर हैं, आवश्यकता पड़ने पर हस्तक्षेप करने के लिए तैयार। कई नागरिकों ने लंबे समय तक चलने वाले प्रदर्शनों के बारे में अपनी चिंताओं व्यक्त की है, उम्मीद करते हुए कि यह समाधान मराठा समुदाय और राज्य दोनों के लिए फायदेमंद हो।
मराठा आरक्षण मुद्दा एक विवादास्पद विषय बना हुआ है, और उम्मीद की जाती है कि आगामी दिनों में चर्चाएँ अदालतों और सार्वजनिक मंचों पर जारी रहेंगी। समुदाय के नेताओं ने पुष्टि की है कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी कानूनी तरीकों का अन्वेषण कर रहे हैं, जबकि कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए।
जैसे ही 3 बजे की समय सीमा नजदीक आ रही है, राज्य आशा भरी नजरों से देख रहा है, इस महत्वपूर्ण अध्याय के लिए एक सामंजस्यपूर्ण परिणाम की उम्मीद कर रहा है, जो महाराष्ट्र के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में है।
राष्ट्रीय समाचार
गुरुग्राम में भारी बारिश के बाद जलभराव, स्कूलों में ऑनलाइन क्लास और दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू

गुरुग्राम, 2 सितंबर: साइबर सिटी गुरुग्राम में सोमवार को हुई भारी बारिश के बाद मंगलवार को जलभराव की समस्या देखने को मिली। भारी बारिश के बाद शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया, जिस कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
गुरुग्राम के सेक्टर-10 इलाके की सड़कों पर मंगलवार सुबह जलभराव हो गया, जिसके कारण लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए। इतना ही नहीं, जलभराव के कारण सड़क से गुजर रही गाड़ियों को भी परेशानी उठानी पड़ी।
जिला प्रशासन ने गुरुग्राम में भारी बारिश के बाद की स्थिति के मद्देनजर स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज आयोजित करने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही, कॉरपोरेट कार्यालयों और निजी संस्थानों को अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सड़कों पर यातायात की भीड़ से बचा जा सके।
बताया जा रहा है कि शहर में जलभराव के कारण कई प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बनी हुई है। गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम की टीमें जल निकासी के लिए कार्य कर रही हैं, लेकिन अपर्याप्त ड्रेनेज सिस्टम और नालों की समय पर सफाई न होने के कारण समस्या बनी हुई है।
इस बीच, स्थानीय नागरिक सोशल मीडिया पर जलभराव की तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं।
बता दें कि सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट आई। गुरुग्राम में बारिश के चलते कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को गुरुग्राम में जलभराव और नाले की समस्याओं को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर निशाना साधा। उन्होंने जाम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “2 घंटे की बारिश- 20 किमी का गुरुग्राम जाम। मुख्यमंत्री नायब सैनी केवल ‘राज्य हेलीकॉप्टर’ में उड़ते हैं और सड़कों पर नहीं चलते, यह गुरुग्राम के हाइवे का ‘हेलीकॉप्टर शॉट’ है। बारिश की तैयारी और नालों, सीवेज और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए खर्च किए गए करोड़ों रुपए का यही हाल है। यह भाजपा का ‘ट्रिपल इंजन मॉडल’ है।”
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