अंतरराष्ट्रीय समाचार
26 दिसंबर 2004 : जब हिंद महासागर में आई सबसे भीषण सुनामी, कई देशों में मची तबाही, 2 लाख से ज्यादा लोगों की गई थी जान
नई दिल्ली, 26 दिसंबर। 26 दिसंबर 2004 का दिन दुनिया के लिए और विशेष तौर कभी न भूलने वाला जख्म देकर गया। इस दिन 9.2-9.3 मेगावॉट की तीव्रता वाला एक बड़ा भूकंप आया, जिसका केंद्र इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा में आचे के पश्चिमी तट पर था। समुद्र के अंदर आए भूकंप ने 30 मीटर (100 फीट) ऊंची लहरों वाली एक विशाल सुनामी पैदा की जिसने हिंद महासागर के आसपास के तटों पर तबाही मचा दी।
यह मानव इतिहास में ज्ञात सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक थी। 14 देशों में अनुमानतः 227,898 लोगों की मौत हुई। आचे (इंडोनेशिया) में सबसे ज्यादा, श्रीलंका, तमिलनाडु (भारत) और खाओ लाक (थाईलैंड) में गंभीर रूप से तबाही मची।
इसे 21वीं सदी की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा और इतिहास की सबसे घातक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है। इसी के साथ यह इतिहास की सबसे बड़ी सुनामी आपदा भी मानी जाती है।
9.2-9.3 मेगावॉट की तीव्रता वाला भूकंप, एशिया में अब तक का सबसे बड़ा और 21वीं सदी का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। 1900 में आधुनिक भूकंप विज्ञान की शुरुआत के बाद से दुनिया में दर्ज किया गया यह कम से कम तीसरा सबसे शक्तिशाली भूकंप था।
भारत में इस प्राकृतिक आपदा की वजह से 12, 205 लोगों की मौत हुई हालांकि अनुमानित आंकड़ा 16, 269 का माना जाता है। सबसे ज्यादा नुकसान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में हुआ।
भूकंप के करीब दो घंटे बाद सुनामी भारतीय मुख्य भूमि के दक्षिण-पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों तक पहुंच गई। उसी समय, इसने दक्षिण-पश्चिमी तट पर केरल राज्य को भी छू लिया। कुछ क्षेत्रों में स्थानीय उच्च ज्वार के साथ दो से पांच सुनामी आईं।
तमिलनाडु के तट के साथ, चेन्नई में 13 किमी (8.1 मील) मरीना बीच पर सुनामी ने कहर बरपाया। एक रिसॉर्ट बीच पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में नजर आया कि सुनामी पानी की एक बड़ी दीवार के रूप में तट के पास पहुंची और जैसे-जैसे यह अंदर की ओर बढ़ी, बाढ़ आती गई।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक हिंद महासागर आपदा के बाद के दो दशकों में सुनामी अनुसंधान, समुद्री सुरक्षा और पूर्व चेतावनी प्रणालियों के विकास में काफी प्रगति हुई है। फिर भी विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि 2004 में हुए विनाश स्मृति धुंधली होने के कारण हमें आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए।
2004 की प्राकृतिक हादसे के ठीक सात वर्ष बाद 11 मार्च 2011 को जापान सुनामी आपादा इस बात का सबूत है सुनामी को लेकर लगातार रिसर्च, सतर्कता और तैयारी जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन में राजमार्ग सेवा क्षेत्रों में कुल 33,000 चार्जिंग पाइल्स बनाए गए
बीजिंग, 27 दिसंबर। चीनी राज्य परिषद के न्यूज कार्यालय द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से मिली खबर के अनुसार, इस साल नवंबर के अंत तक, चीन में राजमार्ग सेवा क्षेत्रों में कुल 33,000 चार्जिंग पाइल्स और 49,000 चार्जिंग पार्किंग स्थान बनाए गए हैं, जो 2023 की तुलना में क्रमशः 12,000 और 17,000 की वृद्धि है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी परिवहन मंत्रालय के उप मंत्री ली यांग ने कहा कि देश भर में 6,000 से अधिक राजमार्ग सेवा क्षेत्रों के 5,800 से अधिक सेवा क्षेत्रों में 97% की कवरेज दर के साथ चार्जिंग पाइल्स स्थापित किए गए हैं।
ली के अनुसार, इस वर्ष अक्टूबर में, राष्ट्रीय दिवस की छुट्टियों के दौरान, नई ऊर्जा वाहन यात्रा का अनुपात 15.9% तक पहुंच गया है। अनुमान है कि अगले साल जनवरी के अंत से फरवरी की शुरुआत में चीनी पारंपरिक त्योहार वसंत महोत्सव के दौरान नई ऊर्जा वाहन यात्रा का अनुपात और ज्यादा होगा।
ली यांग ने यह भी कहा कि व्यस्ततम समय में, विशेषकर छुट्टियों के दौरान, चार्जिंग पाइल की आपूर्ति मांग से अधिक होने की स्थिति में सुधारने के लिए परिवहन मंत्रालय मांग का अनुमान लगाने, विभिन्न सुविधाएं जोड़ने और सूचना मार्गदर्शन को मजबूत करने जैसे आपातकालीन उपाय अपनाएगा।
अगले कदमों के बारे में बात करते हुए, ली यांग ने कहा कि परिवहन मंत्रालय मूल रूप से 2025 के अंत तक राजमार्ग पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क को साकार करने का प्रयास करेगा, ताकि यात्री अधिक आरामदेह से यात्रा कर सकें।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन में हाई-स्पीड रेल का परिचालन माइलेज 47 हज़ार किमी. तक पहुंचा
बीजिंग, 27 दिसंबर। चीनी राष्ट्रीय रेलवे प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, अब तक, चीन में रेलवे का परिचालन माइलेज लगभग 1,62,000 किलोमीटर है, जिसमें से लगभग 47,000 किलोमीटर हाई-स्पीड रेल मार्ग है।
चाइना एकेडमी ऑफ मैक्रोइकॉनॉमिक्स के अधीन भूमि और संसाधन संस्थान के शोधकर्ता लू वेई के अनुसार आर्थिक और सामाजिक विकास पर हाई-स्पीड रेल का प्रभाव निम्नलिखित पहलुओं में परिलक्षित होता है। सबसे पहले, हाई-स्पीड रेल के परिचालन माइलेज में वृद्धि से चीन को खपत को बढ़ावा देने और घरेलू मांग का विस्तार करने में मदद मिली है।
चीन के केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन ने प्रस्तावित किया कि अगले वर्ष आर्थिक कार्य का प्राथमिक कार्य खपत को सख्ती से बढ़ावा देना और घरेलू मांग को सर्वांगीण तरीके से विस्तारित करना है। इसी कारण यह वृद्धि प्राथमिक कार्य से मेल खाती है।
दूसरा, हाई-स्पीड रेल के परिचालन माइलेज में वृद्धि से चीन को निवेश को बढ़ावा देने और विकास को स्थिर करने में मदद मिली है। हाई-स्पीड रेल निर्माण परियोजनाओं में बड़े निवेश, लंबी औद्योगिक श्रृंखलाएं, व्यापक विकिरण कवरेज और मजबूत ड्राइविंग प्रभाव होते हैं।
तीसरा, हाई-स्पीड रेल के परिचालन माइलेज में वृद्धि ने नए क्षेत्रीय विकास ध्रुवों को विकसित करने में मदद की है, क्योंकि, परिवहन गलियारे और केंद्र आर्थिक विकास के ध्रुवों के क्षेत्रीय भौगोलिक वाहक हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
अंतरराष्ट्रीय समाचार
एनसीआर में येलो अलर्ट जारी, बारिश के बावजूद नहीं घटा प्रदूषण, 350 के पार एक्यूआई
नोएडा, 27 दिसंबर। एनसीआर में मौसम विभाग के येलो अलर्ट जारी करने के बाद से झमाझम बारिश हो रही है। इसके बावजूद प्रदूषण से लोगों को निजात मिलती नहीं दिख रही है। दिल्ली और नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 350 के पार पहुंच गया है। वहीं, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई की स्थिति 250 के आसपास बनी हुई है।
शुक्रवार को कमोबेश दिनभर हुई बारिश के चलते सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर लगाम लग गई। कई ऐसे इलाके रहे, जहां जाम की स्थिति बनी हुई थी।
बारिश के बावजूद प्रदूषण से राहत नहीं मिलती दिख रही है। दिल्ली में औसतन एक्यूआई 353 पर बना रहा। जबकि, दिल्ली के कई इलाके ऐसे रहे, जहां पर एक्यूआई 400 को भी पार कर गया।
आनंद विहार में एक्यूआई 391, नेहरू नगर में एक्यूआई 428, ओखला में एक्यूआई 423 और सिरी फोर्ट में एक्यूआई 401 पर बना रहा। वहीं, गाजियाबाद में औसतन एक्यूआई 262 और ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 260 बना हुआ रहा, जो कुछ बेहतर स्थिति में दिखाई दे रहा है।
इसके अलावा नोएडा में एक्यूआई की स्थिति 329 दर्ज की गई। नोएडा के सेक्टर एक में एक्यूआई 374 और नोएडा के सेक्टर 116 में एक्यूआई 374 दर्ज किया गया।
नोएडा सेक्टर 62 में एक्यूआई 302 दर्ज किया गया। एनसीआर में लगातार हो रही बारिश के चलते कई जगहों पर वाहन चालकों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा और उन्हें जाम की समस्या से भी जूझना पड़ा।
मौसम विभाग के मुताबिक 28 दिसंबर को भी येलो अलर्ट जारी रहेगा। उसके बाद एनसीआर के लोगों को भीषण सर्दी के लिए तैयार रहना होगा।
पश्चिमी विक्षोभ में हुई गड़बड़ी के चलते पहाड़ों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है और वहां का तापमान भी काफी कम हो गया है। जिसका असर सीधे तौर पर एनसीआर में देखने को मिल रहा है।
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