राष्ट्रीय समाचार
अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड एएए रेटिंग हासिल करने वाला भारत का पहला निजी बुनियादी ढांचा डेवलपर बना

अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) ने मंगलवार को केयर रेटिंग्स द्वारा अपनी क्रेडिट रेटिंग को बढ़ाकर एएए करने की घोषणा की।
कंपनी ने एक बयान में कहा, यह क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारत में किसी भी जारीकर्ता को दी गई उच्चतम संभावित रेटिंग है, जो एपीएसईजेड की साख के सबसे मजबूत स्तर और उसके सभी वित्तीय मार्गदर्शन को पूरा करने की क्षमता को दर्शाता है।
एपीएसईजेड के प्रबंध निदेशक, करण अदाणी ने कहा, “हम अपने वित्तीय अनुशासन और डिलीवरेजिंग, विविध परिसंपत्ति आधार के साथ-साथ ग्राहक आधार और इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर उच्चतम लाभप्रदता के प्रति प्रतिबद्धता की मान्यता को महत्व देते हैं।”
इस विकास के साथ एपीएसईजेड यह मान्यता पाने वाला पहला बड़े आकार का निजी बुनियादी ढांचा डेवलपर बन गया है।
रेटिंग एपीएसईजेड के मजबूत एकीकृत व्यवसाय मॉडल, प्रमुख उद्योग की स्थिति, स्वस्थ लाभप्रदता के साथ संचालन में मजबूत वृद्धि, उच्च तरलता और कम उत्तोलन के साथ मिलकर संचालित होती है। कंपनी ने कहा कि अधिग्रहण के बाद बंदरगाह परिसंपत्तियों में बदलाव के इसके सफल ट्रैक रिकॉर्ड और बंदरगाह गेट से ग्राहक गेट तक सेवाएं प्रदान करने वाली परिवहन उपयोगिता के रूप में इसके एकीकृत दृष्टिकोण के कारण वित्तवर्ष 2019-24 के लिए वॉल्यूम में सभी भारतीय बंदरगाहों के लिए 4 फीसदी सीएजीआर की तुलना में 15 फीसदी की वार्षिक वृद्धि हुई है।
वित्तवर्ष में एपीएसईजेड ने 419.95 एमएमटी का कार्गो वॉल्यूम किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 फीसदी ज्यादा है। एपीएसईजेड, विश्व स्तर पर विविधीकृत अदाणी समूह का एक हिस्सा, पश्चिमी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित सात बंदरगाहों और टर्मिनलों और पूर्वी तट पर सात बंदरगाहों और टर्मिनलों के साथ देश का सबसे बड़ा बंदरगाह डेवलपर और ऑपरेटर है, जो देश के कुल पोर्ट वॉल्यूम के 27 फीसदी का प्रतिनिधित्व करता है।
कंपनी का लक्ष्य अगले दशक में दुनिया के सबसे बड़े बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स प्लेटफार्मों में से एक बनना है।
राजनीति
पीएम मोदी ने मुद्रा योजना के लाभार्थियों से की बात, बोले- सपने हकीकत में बदल गए

नई दिल्ली, 8 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया और देश भर से मुद्रा लाभार्थियों को अपने आवास पर आमंत्रित किया।
एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लाभार्थियों ने उनके साथ कुछ रोचक जानकारियां साझा की कि किस प्रकार इस योजना ने उनके जीवन में बदलाव ला दिया है।
प्रधानमंत्री ने एक ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “मुद्रा के 10 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मैंने पूरे भारत से मुद्रा लाभार्थियों को अपने आवास पर आमंत्रित किया था। उन्होंने इस योजना से उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में रोचक जानकारी साझा की।”
बातचीत के दौरान केरल के एक उद्यमी, जो संयुक्त अरब अमीरात में काम कर रहे थे, ने बताया कि किस प्रकार मुद्रा योजना से उन्हें लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि इससे वे एक सफल उद्यमी बन गए हैं।
केरल के मूल निवासी ने यह भी माना कि इस योजना से उनके व्यवसाय को बढ़ावा मिला है, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इससे रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं।
योजना के एक अन्य लाभार्थी, मध्य प्रदेश के भोपाल के लवकुश मेहरा ने बताया कि पहले वह किसी के लिए काम करते थे, लेकिन बाद में मुद्रा ऋण की मदद से उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया।
उन्होंने यह भी बताया कि पहले साल उनका टर्नओवर 12 लाख रुपये था, जो अब बढ़कर 50 लाख रुपये से अधिक हो गया है।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, “देश की जनता को बिना किसी गारंटी के 33 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। आप अखबार में पढ़ते हैं कि यह अमीरों की सरकार है। अगर आप सभी अमीरों का जोड़ भी दें तो भी उन्हें 33 लाख रुपए नहीं मिले होंगे। मुद्रा योजना में सबसे अधिक संख्या में महिलाएं आगे आई हैं। महिलाओं ने सबसे अधिक ऋण के लिए आवेदन किया है, सबसे अधिक ऋण प्राप्त किए हैं और उन्हें चुकाने में भी सबसे तेज हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश के सामान्य लोगों को 33 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। आज भारत के युवा, उनके पास जो उद्यमशीलता का हुनर है, अगर उन्हें थोड़ी सी मदद मिल जाए तो बहुत बड़े नतीजे मिलते हैं। यह मुद्रा योजना किसी भी सरकार के लिए आंख खोलने वाली है। यह योजना मेरे देश के युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने का साहस देने के लिए है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या में महिलाएं आगे आई हैं।”
यूपी के रायबरेली के एक लाभार्थी ने कहा, “हम आपसे वादा करते हैं कि हम मिलकर भारत को एक विकसित भारत बनाएंगे। अब हमें सरकार से लाइसेंस लेने में कोई परेशानी नहीं है। मैं एक बेकरी चलाता हूं। मेरा मासिक टर्नओवर 2.5 से 3 लाख रुपये है और हमारे पास 7 से 8 लोगों का स्टाफ है।”
मध्य प्रदेश के भोपाल के एक लाभार्थी लवकुश मेहरा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने 2021 में अपना व्यवसाय शुरू किया और आज वे 50 लाख रुपये कमा रहे हैं। मेहरा ने कहा, “पहले मैं किसी के लिए काम करता था, लेकिन आपने मुद्रा लोन के जरिए हमारी गारंटी ली और आज हम खुद मालिक बन गए हैं। मैंने 2021 में अपना व्यवसाय शुरू किया और मैंने बैंक से संपर्क किया, उन्होंने मुझे 5 लाख रुपये की ऋण सीमा दी। मुझे डर था कि मैं पहली बार इतना बड़ा ऋण ले रहा हूं और मैं इसे चुका पाऊंगा या नहीं। आज मेरा मुद्रा ऋण 5 लाख रुपये से बढ़कर 9.5 लाख रुपये हो गया है। और मेरा पहले साल का टर्नओवर 12 लाख रुपये था, जो अब 50 लाख रुपये से अधिक हो गया है।”
भारत में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के दस साल पूरे होने पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि इस योजना ने अनगिनत लोगों को अपने उद्यमशीलता कौशल का प्रदर्शन करने और अपने सपनों को वास्तविकता में बदलने का अवसर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि मुद्रा लाभार्थियों में से आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों से हैं।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यह विशेष रूप से उत्साहजनक है कि मुद्रा लाभार्थियों में से आधे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों से हैं, और 70% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। प्रत्येक मुद्रा ऋण अपने साथ सम्मान, आत्म-सम्मान और अवसर लेकर आता है। वित्तीय समावेशन के अलावा, इस योजना ने सामाजिक समावेशन और आर्थिक स्वतंत्रता भी सुनिश्चित की है।”
योजना के दस वर्षों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई सपने हकीकत में बदल गए हैं।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आज, जब हम मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे कर रहे हैं, मैं उन सभी लोगों को बधाई देना चाहता हूं, जिनके जीवन में इस योजना की बदौलत बदलाव आया है। इस दशक में, मुद्रा योजना ने कई सपनों को हकीकत में बदला है, और उन लोगों को सशक्त बनाया है, जिन्हें पहले वित्तीय सहायता नहीं मिल पाई थी। यह दर्शाता है कि भारत के लोगों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।”
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने असंख्य लोगों को अपनी उद्यमशीलता कौशल दिखाने का अवसर दिया है।
पीएमएमवाई प्रधानमंत्री मोदी का प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य वित्तपोषित न हुए सूक्ष्म उद्यमों और छोटे व्यवसायों को वित्तपोषित करना है। मुद्रा के अंतर्गत पीएमएमवाई की स्थापना सूक्ष्म इकाइयों से संबंधित विकास एवं पुनर्वित्त गतिविधियों के लिए केंद्र द्वारा की गई थी।
अप्रैल 2015 में लॉन्च होने के बाद से, पीएमएमवाई ने 32.61 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से अधिक लोन स्वीकृत किए हैं, जिससे देश भर में उद्यमिता क्रांति को बढ़ावा मिला है। व्यापार वृद्धि अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गई है, यह छोटे शहरों और गांवों तक फैल रही है, जहां पहली बार उद्यमी अपने भाग्य की बागडोर संभाल रहे हैं।
राजनीति
गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को कश्मीर में करेंगे सुरक्षा समीक्षा बैठक

श्रीनगर, 8 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को सुरक्षा समीक्षा बैठक करेंगे।
श्रीनगर के राजभवन में रात भर रुकने के बाद वह सुबह करीब 11 बजे से अपने व्यस्त कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे और केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली विकास समीक्षा की बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल होंगे।
इसके बाद गृह मंत्री एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, आईबी निदेशक तपन डेका, जम्मू और कश्मीर मामलों से जुड़े गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जम्मू और कश्मीर पुलिस के प्रमुख, अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे। ये दोनों बैठक राजभवन में आयोजित होने वाली हैं।
सोमवार को जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचने के बाद अमित शाह ने श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित हुमहामा इलाके का दौरा किया था। यहां उन्होंने जम्मू और कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी शहीद हुमायूं भट के परिवार से मुलाकात की। गृह मंत्री ने परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। वह करीब 20 मिनट तक हुमायूं के पिता, सेवानिवृत्त आईजीपी गुलाम हसन भट के साथ रुके। उन्होंने शहीद पुलिस अधिकारी की पत्नी फातिमा को भी संवेदना दी और अधिकारी के 20 महीने के बच्चे को आशीर्वाद दिया। शहीद के परिवार से मिलने के दौरान गृह मंत्री के साथ एलजी मनोज सिन्हा और सीएम उमर अब्दुल्ला भी थे।
बता दें कि हुमायूं 13 सितंबर, 2003 को अनंतनाग जिले के कोकरनाग तहसील के जंगलों में आतंकवादियों के एक समूह से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। अपनी बहादुरी के लिए अधिकारी को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।
इसके बाद गृह मंत्री राज भवन गए, जहां उन्होंने कुछ व्यक्तियों और प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। जम्मू दौरे के दौरान अमित शाह ने कठुआ जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए चार पुलिसकर्मियों के परिवारों से भी मुलाकात की।
जम्मू में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ है, लेकिन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी। जम्मू विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा के जम्मू स्थित आवास पर उन्होंने भाजपा और आरएसएस के सदस्यों के साथ बंद कमरे में बैठक की।
सोमवार को कठुआ में बीएसएफ की सीमा चौकी के दौरे के दौरान गृह मंत्री ने बीएसएफ की देश के एक विशिष्ट सीमा प्रहरी बल के रूप में प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि सीमा की पूरी तरह तकनीक आधारित निगरानी के लिए बीएसएफ को अत्याधुनिक तकनीक मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने तैनात बीएसएफ जवानों से कहा कि देश सीमा की सुरक्षा और कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण बल का बहुत सम्मान करता है।
उन्होंने बीएसएफ अधिकारियों और जवानों से कहा कि आप साल भर, 24 घंटे अत्यधिक प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभाते हैं। बीएसएफ का एक गौरवशाली अतीत है और आप वास्तव में उस प्रतिष्ठा के हकदार हैं जो बीएसएफ ने देशवासियों के बीच अर्जित की है।
श्रीनगर में अपना कार्यक्रम पूरा करने के बाद अमित शाह दोपहर में दिल्ली लौट आएंगे।
राजनीति
हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं : राहुल गांधी

पटना, 7 अप्रैल। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि हिंदुस्तान की सच्चाई की रक्षक संविधान है। भगवान बुद्ध, गुरु नानक, कबीर ऐसे कई महापुरुष हैं, जिन्हें हिंदुस्तान मानता है। भीमराव अंबेडकर ने दलितों की लड़ाई लड़ी, लेकिन यह उन्हें दलितों ने ही सिखाया। उन्होंने उनके दर्द को समझा और उसके बाद उनकी लड़ाई लड़ी।
राहुल गांधी ने पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है कि जो गरीब लोग हैं, जो कमजोर लोग हैं, ईबीसी, ओबीसी, गरीब, दलित इन सबको जोड़कर, इज्जत देकर आगे बढ़े। कांग्रेस पार्टी को जिस गति और जिस मजबूती से बिहार में काम करना चाहिए था, वो नहीं किया।
उन्होंने कहा कि हम अपनी गलती से समझे हैं और अब हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के गरीब, कमजोर, ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित को लेकर हम एक साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने तेलंगाना के जातीय गणना को पारदर्शी बताते हुए कहा कि वहां जाति का पूरा का पूरा डेटा हमारे हाथ में है। बहुत सारे लोग बहुत तरह की बात करते हैं कि जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए, लेकिन हम लोग चाहते हैं कि देशभर में जातीय जनगणना हो।
उन्होंने आरक्षण को लेकर कहा कि आज तेलंगाना में देखेंगे तो वहां बड़ी कंपनियों के मालिक, उसके सीईओ, प्रबंधन में ओबीसी, ईबीसी, दलित और महादलित के लोग नहीं मिलेंगे, लेकिन मजदूर वर्ग की सूची में यही लोग मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं 50 फीसदी आरक्षण की इस दीवार को तोड़कर फेंक दूंगा। इस देश को दस-पंद्रह लोग चला रहे हैं। जातीय जनगणना एक क्रांतिकारी कदम है, इससे देश की सच्चाई पता चलेगी।
उन्होंने एक आईआईटी प्रोफेसर का उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही आप डॉक्टर, प्रोफेसर या कोई बड़े आदमी बन जाएं, मगर सिस्टम आपको आपका काम सही से नहीं करने देगा। अगर आप डॉक्टर हैं, दलित वर्ग से आते हैं और कोई अस्पताल खोलना चाहते हैं, तो आपको लोन नहीं मिलेगा। बैंक से लोन मिल भी जाएगा तो ब्यूरोक्रेट अड़ंगा लगा देंगे। उन्होंने इस सिस्टम में सुधार की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि हम बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो बिहार में हुआ है और जो आज बिहार में हो रहा है, जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है, उससे हम लड़ रहे हैं और उसे हम हराने जा रहे हैं।
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