मनोरंजन
‘2 स्टेट्स’ की रिलीजिंग को छोड़कर रानी मुखर्जी-आदित्य चोपड़ा की शादी में पहुंचे थे करण जौहर

लोकप्रिय स्ट्रीमिंग शो ‘कॉफी विद करण’ को होस्ट करने वाले निर्देशक-निर्माता करण जौहर ने याद किया कि कैसे वह ‘2 स्टेट्स’ की रिलीजिंग इवेंट को छोड़कर एक्ट्रेस रानी मुखर्जी और फिल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा की डेस्टिनेशन वेडिंग में शामिल होने में कामयाब रहे थे।
करण ने यह भी बताया कि आदि और रानी की शादी मैनचेस्टर में हुई थी।
शो के अपकमिंग एपिसोड में बॉलीवुड स्टार रानी मुखर्जी और काजोल शो की शोभा बढ़ाती नजर आएंगी।
दोनों एक्ट्रेस ने करण जौहर के निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ में स्क्रीन शेयर किया था और एपिसोड के दौरान शो होस्ट के साथ चर्चा करने के लिए उनके पास बहुत कुछ था।
एक्ट्रेसेस से बात करते हुए, करण को बताया कि कैसे वह रानी और आदित्य की शादी में शामिल हुए थे, जब उनकी खुद की प्रोडक्शन फिल्म ‘2 स्टेट्स’ रिलीज होने वाली थी, जिसमें आलिया भट्ट और अर्जुन कपूर मुख्य भूमिका में थे।
डेस्टिनेशन वेडिंग अब ट्रेंड में है, लेकिन करण ने उस ओजी कपल का खुलासा किया, जो बी-टाउन में ऐसा करने वाले पहले व्यक्ति थे।
इस बारे में बात करते हुए करण ने कहा, ”काजोल, आप आदित्य को रानी से भी पहले से जानती थीं। वह पूरी दुनिया में मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। हमें इस फैक्ट के बारे में बात करनी है कि रानी और आदित्य की शादी कब हुई थी।
यह एक डेस्टिनेशन वेडिंग थी, जब कोई उन्हें नहीं जानता था, तब उन्होंने फिल्मी स्टार्स की डेस्टिनेशन वेडिंग शुरू की। मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता, नहीं तो वह दशकों पहले की तरह मुझ पर गुस्सा होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, ”जैसे, उन्होंने मुझसे कहा, ‘मेरी शादी हो रही है, इसमें 18 लोग शामिल हो रहे हैं। अगर इस शादी के बारे में बात फैली तो उसके पीछे आप ही होंगे। एकमात्र व्यक्ति जो अपना मुंह खोलेगा, वह आप ही हैं, अगर मैं देखूं कि किसी भी प्रकाशन में इस शादी का उल्लेख है, उस समय अखबारों का बोलबाला था। मैं बहुत हाइपर और हिस्टेरिकल था।”
करण ने कहा, “मुझे अपनी मां से झूठ बोलना पड़ा, हमारी एक रिलीज थी, यह अप्रैल 2014 था, मैं इसे कभी नहीं भूलूंगा, ‘2 स्टेट्स’ रिलीज हो रही थी। किसी कारण से मुझे अपनी फिल्म की रिलीज को छोड़ना पड़ा, सभी को बताना पड़ा कि मेरा मैनचेस्टर में एक इवेंट है। लेकिन हर कोई कह रहा था, ‘रिलीज वीकेंड पर, आप मैनचेस्टर क्यों जा रहे हैं?’ मैंने कहा, ‘मुझे जाना है, मुझे जाना है।”’
‘कॉफी विद करण’ डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम होती है।
बॉलीवुड
‘मंडला मर्डर्स’ के सेट पर रो पड़े थे वैभव राज, ‘विक्रम सिंह’ की भूमिका को बताया शानदार

मुंबई, 30 जुलाई। अभिनेता वैभव राज गुप्ता की वेब सीरीज ‘मंडला मर्डर्स’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें उनके अभिनय की तारीफ हो रही है। सीरीज में पुलिस अधिकारी विक्रम सिंह की भूमिका निभाने वाले एक्टर ने बताया कि यह किरदार उनके लिए बेहद खास है। उन्होंने बताया कि वह शूटिंग के दौरान सेट पर रो पड़े थे।
उन्होंने बताया कि इस किरदार के लिए चुना जाना उनके लिए गर्व का पल था। वैभव ने अपनी इस सफर को याद करते हुए कहा कि यशराज फिल्म्स के दरवाजे उनके लिए खुलना और लुक टेस्ट का पहला दिन उनके लिए यादगार था।
वैभव ने बताया, “मैंने ‘मंडला मर्डर्स’ के पहले दिन से आखिरी दिन तक हर पल को रिकॉर्ड किया। यशराज फिल्म्स के साथ काम करने का मौका मिलना मेरे लिए बेहद खास है और इसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। लुक टेस्ट का पहला दिन भी एक बड़ा पड़ाव था। इस भूमिका के लिए चुना जाना मेरे लिए गर्व की बात है।”
उन्होंने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि निर्देशक गोपी पुथरन और मनन रावत ने महीनों तक उनके साथ वर्कशॉप किया। अभिनेता ने बताया, “विक्रम का किरदार मेरे व्यक्तित्व से बिल्कुल उलट है। वह एक गुस्सैल इंसान है। मैंने उसके रोल को निभाने के लिए गोपी के साथ मिलकर उसके खड़े होने, चलने, गुस्से को व्यक्त करने और आवाज के लहजे पर काम किया। यह किरदार धीरे-धीरे मेरे अंदर बस गया।”
वैभव ने किरदार की भावनात्मक गहराई के बारे में कहा, “विक्रम का किरदार आसान नहीं था। कई सीन के बाद मैं सेट पर रो पड़ा, क्योंकि यह किरदार बहुत कुछ झेलता है। मैं इसे वास्तविक और व्यक्तिगत बनाना चाहता था। मेरे निर्देशकों ने मुझे भावनात्मक गहराई लाने में बहुत मदद की।”
‘मंडला मर्डर्स’ उत्तर प्रदेश के काल्पनिक शहर चरणदासपुर की कहानी पर आधारित है। यह रहस्य, अलौकिक और मनोवैज्ञानिक थ्रिलर का मिश्रण है।
आठ एपिसोड वाली इस सीरीज में वैभव राज गुप्ता के साथ वाणी कपूर, सुरवीन चावला, रघुबीर यादव और श्रिया पिलगांवकर मुख्य भूमिकाओं में हैं।
मनोरंजन
गूगल और मेटा को पेशी के लिए ईडी ने फिर भेजा समन, 21 जुलाई को नहीं पहुंचे थे इनके प्रतिनिधि

नई दिल्ली, 28 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के मामले में टेक दिग्गज गूगल और मेटा को दोबारा 21 जुलाई को समन भेजा था। इन दोनों टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों को 28 जुलाई (सोमवार) को ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले इन दोनों टेक कंपनियों को 21 जुलाई को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो पाए थे।
ऐसे में ईडी ने दोनों कंपनियों को दोबारा समन भेज कर 28 जुलाई को पेश होने के लिए कहा। बता दें कि ईडी की जांच उन ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर केंद्रित है जो कथित तौर पर अवैध जुए और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इनमें महादेव बेटिंग ऐप और फेयरप्ले आईपीएल जैसे ऐप्स शामिल हैं।
ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के जरिए बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में मदद की। जांच में पाया गया कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके।
ईडी ने इन ऐप्स के विज्ञापनों को गूगल और मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर प्रमुखता से प्रदर्शित होने का आरोप लगाया है, जिससे इनके यूजर्स बढ़े।
10 जुलाई को ईडी ने इस मामले में 29 मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी और अनन्या नगेला शामिल थें। इसके अलावा, टीवी कलाकार, होस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स जैसे श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, वसंती कृष्णन, शोभा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, हर्षा साय और बय्या सनी यादव के नाम भी जांच में हैं।
इन पर जंगली रम्मी, ए23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे प्लेटफॉर्म्स के प्रचार का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। यह जांच पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हो रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की।
मार्च में, साइबराबाद पुलिस ने भी विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज सहित कई हस्तियों के खिलाफ अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार का मामला दर्ज किया था। हालांकि, इन हस्तियों ने सफाई दी कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे। ईडी अब इन सभी मामलों की गहन जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
मनोरंजन
‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म पर जमीयत चीफ अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में जताई आपत्ति

नई दिल्ली, 24 जुलाई। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। उन्होंने फिल्म पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह भारतीय मुसलमानों को आतंकवाद के समर्थक के रूप में दर्शाती है, जो सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दे सकती है।
मदनी ने दावा किया कि कथित तौर पर फिल्म में भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तान के आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखने वाला या उनके इशारे पर काम करने वाला दिखाया गया है। उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा बताया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से गठित स्क्रीनिंग कमेटी के आदेश पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय उनकी आपत्तियों का समाधान करने में विफल रहा और केवल कमेटी की रिपोर्ट पर भरोसा किया। कमेटी ने फिल्म में सिर्फ छह मामूली बदलावों का सुझाव दिया, जो उनके मुताबिक अपर्याप्त हैं। मदनी ने आरोप लगाया कि सरकार ने सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) के सदस्यों को ही स्क्रीनिंग कमेटी में शामिल किया, जबकि जमीयत ने सेंसर बोर्ड के सर्टिफिकेट को ही चुनौती दी थी। यह हितों के टकराव का मामला है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी कमेटी का गठन नहीं करना चाहिए था। जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि फिल्म के निर्माताओं को निर्देश दिया जाए कि वे एक निजी स्क्रीनिंग आयोजित करें, ताकि कोर्ट में सुनवाई कर रहे जज फिल्म की सामग्री और मंशा को समझ सकें।
मदनी का कहना है कि यह फिल्म न केवल भारत-पाकिस्तान के मुद्दे पर केंद्रित है, बल्कि यह भारतीय मुसलमानों को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
‘उदयपुर फाइल्स’ एक अपकमिंग हिंदी क्राइम थ्रिलर फिल्म है, जो 28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैया लाल साहू की निर्मम हत्या की वास्तविक घटना से प्रेरित है। भारत एस. श्रीनाथ और जयंत सिन्हा की ओर से निर्देशित इस फिल्म में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झांगियानी मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म दर्जी कन्हैया लाल की हत्या, इसके बाद की सामाजिक-राजनीतिक चुप्पी और न्याय की लड़ाई को दर्शाती है।
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