राष्ट्रीय समाचार
बाल पुरस्कार विजेता मंगलवार शाम पीएम मोदी से मिलेंगे

नई दिल्ली, 23 जनवरी : प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे। इससे पहले सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन बच्चों को पुरस्कार प्रदान करेंगी।
दिल्ली के विज्ञान भवन में शाम पांच बजे पुरस्कार वितरण समारोह में ये 11 असाधारण बच्चे सम्मान हासिल करेंगे। पुरस्कार पाने वाले इन बच्चों में 11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 6 लड़के और 5 लड़कियां शामिल हैं। इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी और राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई भी उपस्थित रहेंगे और बच्चों के साथ बातचीत करेंगे।
वहीं मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 4 बजे अपने आवास 7 एलकेएम में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करेंगे।
भारत सरकार छह श्रेणियों नामत: नवोन्मेष, समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला एवं संस्कृति और वीरता में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान करती रही है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। 1 लाख और प्रमाण पत्र। इस वर्ष बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर से 11 बच्चों को पीएमआरबीपी-2023 के लिए चुना गया है। पुरस्कार पाने वालों में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 6 लड़के और 5 लड़कियां शामिल हैं।
राष्ट्रीय समाचार
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंच बढ़ाया जवानों का हौसला

जालंधर, 13 मई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर पहुंचकर एयरफोर्स अधिकारियों और बहादुर जवानों के साथ मुलाकात और बातचीत की। पीएम मोदी मंगलवार सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे।
पीएम मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें और जानकारी अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर भी शेयर की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “आज सुबह मैं एएफएस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक लोगों के साथ रहना एक बहुत ही खास अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, क्योंकि वे हमारे देश के लिए सब कुछ करते हैं।”
पीएम मोदी की वायुसेना के जवानों से बातचीत की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं। फोटो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी सेना के जवानों का हौसला अफजाई करते हुए दिख रहे हैं। खास बात यह है कि एक फोटो में पीएम मोदी के पीछे भारतीय लड़ाकू विमान की तस्वीर भी नजर आ रही है, इसके ऊपर लिखा है- “क्यों दुश्मनों के पायलट ठीक से सो नहीं पाते?”
इससे पहले, पीएम मोदी ने सोमवार को रात 8 बजे ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार देश को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के सख्त रुख को स्पष्ट किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ में इस बात पर जोर दिया कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने एक नई लकीर खींची है। उन्होंने कहा कि आतंक की लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहला पैमाना यह है कि भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्रवाई करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं।
दूसरा पैमाना यह है कि कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकवादी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा तीसरा पैमाना यह है कि हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान दुनिया ने पाकिस्तान का वह घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। सरकार प्रायोजित आतंकवाद का यह बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के मैदान में हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में ‘मेड इन इंडिया’ डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में सभी 22 आरटीओ सीमा चौकियों को बंद करने जा रही है; जानिए क्यों

महाराष्ट्र सरकार राज्य भर में सभी 22 क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) सीमा चौकियों को बंद करने जा रही है। यह निर्णय केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप है और देश भर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) के लागू होने के कारण लिया गया है, जिसके कारण कई पारंपरिक चौकियाँ अप्रचलित हो गई हैं।
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी आवश्यक प्रशासनिक कार्य पूरे कर लिए गए हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक अनुकूल रिपोर्ट भेज दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा अंतिम मंजूरी दिए जाने के बाद, चेकपोस्टों को हटाने का काम शुरू हो जाएगा।
सरनाईक ने जोर देकर कहा कि जीएसटी प्रणाली अब मजबूती से लागू हो गई है और डिजिटल ट्रैकिंग तकनीक में सुधार हुआ है, इसलिए मैनुअल बॉर्डर चेकिंग की जरूरत काफी कम हो गई है। इन चेकपोस्टों के बंद होने से यातायात की भीड़ कम होने, सड़क सुरक्षा में सुधार, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और महाराष्ट्र के भीतर व्यापार संचालन को सरल बनाने से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को लाभ मिलने की उम्मीद है।
मूल रूप से 1966 में स्थापित, इन चेकपोस्टों का उद्देश्य वाहनों की आवाजाही पर नज़र रखना, कानूनी अनुपालन लागू करना और सड़क कर एकत्र करना था। हालाँकि, वास्तविक समय की ट्रैकिंग, इलेक्ट्रॉनिक कर संग्रह और डिजिटल प्रवर्तन में प्रगति ने इन भौतिक संरचनाओं को निरर्थक बना दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम फडणवीस दोनों ने पहले पुरानी प्रणाली को समाप्त करने की वकालत की थी।
इस बदलाव में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) परियोजना को चलाने के लिए जिम्मेदार अडानी रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड को 505 करोड़ रुपये का मुआवजा देना शामिल है। इस भुगतान के बाद, सभी चेकपोस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सिस्टम परिवहन विभाग को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार , परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार की अध्यक्षता वाली समीक्षा समिति ने इन मैनुअल चेकपोस्ट को हटाने के परिणामों का मूल्यांकन किया। समिति के निष्कर्षों ने सुझाव दिया कि डिजिटल विकल्प मालवाहक वाहनों की जांच को सहजता से संभाल सकते हैं, साथ ही देरी को कम कर सकते हैं, दक्षता बढ़ा सकते हैं और कदाचार की गुंजाइश को कम कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से विनियामक प्रवर्तन में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।
एक बार लागू होने के बाद, महाराष्ट्र उन 18 अन्य भारतीय राज्यों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने पहले ही प्रौद्योगिकी-संचालित, कागज़ रहित ढाँचों का उपयोग करके अपने परिवहन विनियमन प्रणालियों का आधुनिकीकरण कर लिया है। यह राज्य के भीतर शासन और रसद में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। अंतिम मंज़ूरी अब मुख्यमंत्री फडणवीस के पास है, जिनकी मंज़ूरी के साथ ही आधिकारिक तौर पर राज्य के सीमा चेकपोस्ट युग का अंत हो जाएगा।
अपराध
अमृतसर में 14 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत, मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह गिरफ्तार

अमृतसर, 13 मई। पंजाब के अमृतसर के मजीठा में कम से कम 14 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई। इस मामले में पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है।
मजीठा में नकली शराब मामले के मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा, कुलबीर सिंह उर्फ जग्गू (मुख्य आरोपी प्रभजीत का भाई), साहिब सिंह उर्फ सराय, निवासी मारड़ी कलां, गुर्जंत सिंह और निंदर कौर पत्नी जीता, निवासी थीरेंवाल को गिरफ्तार किया गया है। अमृतसर ग्रामीण के एसएसपी ने इन गिरफ्तारियों की पुष्टि की है।
अवैध शराब मामले पर एसएसपी मनिंदर सिंह ने कहा कि सोमवार देर रात सूचना मिली थी कि कई गांवों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ के बाद पता चला कि मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह शराब को सप्लाई करने का काम करता है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने मुख्य सप्लायर प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार किया। हमने उससे पूछताछ की और किंगपिन सप्लायर साहब सिंह के बारे में पता लगाया। हमने उसे भी हिरासत में ले लिया है। हम इस बारे में जांच कर रहे हैं कि उसने किन-किन कंपनियों से यह शराब खरीदी है। हमें पंजाब सरकार की तरफ से सख्त निर्देश दिए गए हैं कि नकली शराब के सप्लायरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और इसके चलते छापेमारी जारी है।
साथ ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 105 और 61ए एक्साइज एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही पुलिस पूरे नकली शराब नेटवर्क की जांच कर रही है।
इस बीच, पंजाब सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। पंजाब सरकार ने पुलिस को आदेश दिया है कि शराब माफियाओं का बख्शा नहीं जाए।
बता दें कि डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने अमृतसर के उन गांवों का दौरा किया है, जहां जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं और प्रभावित परिवारों को चिकित्सा सहायता सुनिश्चित कर रहे हैं।
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