अपराध
एसीबी की छापेमारी के बाद 3 अलग-अलग एफआईआर दर्ज

दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में कुछ कथित अनियमितताओं की जांच के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान से जुड़े चार ठिकानों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने छापेमारी के बाद दिल्ली पुलिस ने तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं।
आर्म्स एक्ट मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के अलावा जामिया नगर निवासी आप विधायक के करीबी हामिद अली (54) को भी गिरफ्तार किया है।
विशेष रूप से, खान को भी शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) ईशा पांडे ने कहा, हामिद अली के घर से एक अवैध हथियार और कुछ जिंदा कारतूस बरामद किए गए। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया।
दूसरी एफआईआर जोगाबाई एक्सटेंशन निवासी कौशर इमाम सिद्दीकी उर्फ लड्डन के खिलाफ भी आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज की गई है।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, उसके ठिकानों से एक देसी पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। वह गिरफ्तारी से बच रहा है।
तीसरी एफआईआर एसीबी के छापेमारी कार्रवाई में रुकावट डालने के आरोप में दर्ज की गयी। पुलिस ने कहा कि बाधा डालने वालों की पहचान की जा रही है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) मधुर वर्मा ने कहा कि यह मामला दिल्ली वक्फ बोर्ड के कामकाज में वित्तीय हेराफेरी और अन्य अनियमितताओं से संबंधित है।
आरोप कि अध्यक्ष के रूप में, खान ने भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों के साथ दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध रूप से किराए पर दिया था।
एसीपी वर्मा ने कहा, उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड के फंड का दुरुपयोग किया है जिसमें दिल्ली सरकार से सहायता अनुदान शामिल है।
चार स्थानों पर एसीबी की छापेमारी के दौरान 24 लाख रुपये नकद, साथ ही दो अवैध व बिना लाइसेंस के हथियार समेत कारतूस और गोला बारूद बरामद किया गया है।
अपराध
दिल्ली: मोती नगर में मालिक के 18.25 लाख रुपए लेकर भागा कर्मचारी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: दिल्ली के मोती नगर थाना क्षेत्र में मालिक के 18.25 लाख रुपए लेकर फरार हुए कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से 17.65 लाख कैश बरामद कर लिया है।
घटना 6 अक्टूबर को गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1 निवासी अजय सतीजा ने मोती नगर थाने में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि वे रामा रोड औद्योगिक क्षेत्र, मोती नगर में केमिकल सेंटर नामक कार्यालय चलाते हैं। उन्होंने 3 अक्टूबर को अपने कर्मचारी संदीप कुमार सिंह को 18.25 लाख रुपए देकर भाई के अशोक विहार स्थित घर भेजा था, लेकिन संदीप न तो वहां पहुंचा और न ही लौटा। साथ ही उसका मोबाइल भी बंद मिला।
संदीप पिछले 15 साल से उनके साथ काम कर रहा था और कैश जमा और संभालने का काम करता था। शिकायत के आधार पर मोती नगर थाने में मामला दर्ज हुआ और एएसआई दीपक सैनी ने जांच शुरू की।
इंस्पेक्टर वरुण दलाल के नेतृत्व में और एसीपी शिवम के पर्यवेक्षण में एएसआई दीपक सैनी, एएसआई राजेंद्र, एचसी पवन और एचसी राजेंद्र की एक टीम बनाई गई।
टीम ने संदीप (38) के गृहनगर फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) और फिर दिल्ली के हर्ष विहार में स्थानीय पते के बारे में खुफिया जानकारी जुटाई। सूचना मिलते ही पुलिस ने गगन सिनेमा, हर्ष विहार के पास से संदीप को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में संदीप ने बताया कि उसने चोरी की रकम को घर पर काले बैग में छिपाया था। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने उसके घर से 17,65,500 कैश बरामद कर लिया।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जो सक्रियता दिखाई, उसकी वजह से केस जल्द सॉल्व हो गया।
पुलिस की त्वरित और पेशेवर कार्रवाई से न सिर्फ आरोपी पकड़ा गया, बल्कि चोरी की रकम का ज्यादातर हिस्सा भी वापस मिल गया। इस उपलब्धि के लिए पुलिस उपायुक्त पश्चिम जिला, दिल्ली शरद भास्कर ने टीम की तारीफ की है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने दायर की जीशान सिद्दीकी और क्रिकेटर रिंकू सिंह को धमकी देने वाले आरोपी के खिलाफ चार्जशीट

मुंबई, 10 अक्टूबर: मुंबई क्राइम ब्रांच ने दिवंगत एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और क्रिकेटर रिंकू सिंह को धमकी देने वाले मामले में बड़ा खुलासा किया है।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में आरोपी मोहम्मद दिलशाद नौशाद को जुलाई में त्रिनिदाद और टोबैगो से प्रत्यर्पित किया गया है। नौशाद ने अंडरवर्ल्ड के नाम पर धमकी भरे ईमेल भेजे थे। क्राइम ब्रांच की एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने इस मामले में 90 पन्नों की चार्जशीट दायर की है, जिसमें 8 गवाहों के बयान शामिल हैं।
मुंबई क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी के ईमेल की जांच के दौरान पता चला कि उसने ज़ीशान सिद्दीकी और रिंकू सिंह के अलावा एक बड़े विदेशी व्यापारी को भी धमकी दी थी। जांच में सामने आया कि नौशाद ने फरवरी 2025 में रिंकू सिंह को ईमेल भेजकर पहले आर्थिक मदद मांगी थी। जवाब न मिलने पर उसने अंडरवर्ल्ड के नाम का इस्तेमाल कर धमकी भरे ईमेल भेजे और करोड़ों रुपये की उगाही की मांग की।
रिंकू सिंह के दो इवेंट मैनेजरों के बयान अगस्त में दर्ज किए गए। एक मैनेजर ने बताया कि रिंकू के नाम पर कई ईमेल आते हैं, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण नहीं होते। नौशाद का धमकी भरा ईमेल तब सामने आया जब पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
वहीं, ज़ीशान सिद्दीकी ने अप्रैल में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें 19 से 21 अप्रैल के बीच धमकी भरे ईमेल मिले। इनमें डी-कंपनी का नाम इस्तेमाल कर 10 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। ईमेल में लिखा था कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो उनका अंजाम उनके पिता बाबा सिद्दीकी जैसा होगा। आरोपी ने यह भी दावा किया कि बाबा सिद्दीकी की हत्या से लॉरेंस बिश्नोई का कोई संबंध नहीं है, जिससे पुलिस जांच को गुमराह करने की कोशिश की गई।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इंटरपोल के जरिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया और आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि नौशाद ने कई लोगों को निशाना बनाया था। क्राइम ब्रांच अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि अन्य संभावित पीड़ितों का पता लगाया जा सके।
अपराध
ईडी की बड़ी कार्रवाई, मुंबई में दाऊद इब्राहिम के करीबी सलीम डोला के ड्रग नेटवर्क पर छापा

मुंबई, 8 अक्टूबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सलीम डोला से जुड़े ड्रग सिंडिकेट पर शिकंजा कसा है। मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत ईडी ने बुधवार को मुंबई में 8 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
यह छापेमारी फैसल जावेद शेख और अल्फिया फैसल शेख की ओर से संचालित एक ड्रग तस्करी नेटवर्क से जुड़ी अवैध कमाई का पता लगाने के लिए की गई है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि फैसल शेख, कुख्यात ड्रग तस्कर सलीम डोला के जरिए एमडी जैसे ड्रग्स की खरीद-फरोख्त कर रहा था।
सलीम डोला लंबे समय से कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगरानी में है। उस पर न सिर्फ मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप हैं, बल्कि उसके खिलाफ अवैध नेटवर्क को फंडिंग करने के भी गंभीर आरोप हैं।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, सलीम डोला दाऊद इब्राहिम के उस विश्वसनीय सर्कल का हिस्सा है, जो भारत में ड्रग्स तस्करी का नेटवर्क संभालता है। सलीम डोला का नाम ड्रग्स केस में पहले भी आया था, जब मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स सेल ने 100 किलो फेंटानिल ड्रग्स जब्त की थी। अवैध कारोबार में सलीम का बेटा ताहिर और भांजा मुस्तफा भी मदद करते थे। इसी कारण उन्हें आरोपी बनाकर इसी साल जुलाई में गिरफ्तार किया गया।
जून में सलीम डोला के बेटे ताहिर को अबू धाबी से भारत लाया गया। जांच में पता चला कि ताहिर सलीम डोला विदेश से इस गैरकानूनी ड्रग कारोबार को चला रहा था। मुंबई पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने 25 नवंबर 2024 को इंटरपोल के जरिए रेड नोटिस जारी कराया। सीबीआई ने इंटरपोल की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) के साथ मिलकर डोला का यूएई में पता लगाया, जहां उसे 27 जनवरी को गिरफ्तार किया गया। बाद में प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत लाया गया।
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