अपराध
उम्रकैद को चुनौती देने वाली गैंगस्टर अबू सलेम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर अबू सलेम की उस याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें दावा किया गया था कि भारत और पुर्तगाल के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार, उसकी जेल की अवधि 25 साल से अधिक नहीं हो सकती।
अबू सलेम का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि भारत सरकार द्वारा पुर्तगाल सरकार को आश्वासन दिया गया था कि अबू सलेम को मृत्युदंड नहीं दिया जाएगा और उन्हें 25 साल से अधिक की सजा भी नहीं दी जाएगी, लेकिन, उन्हें मुंबई सीरियल बम धमाकों में दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश भी शामिल थे, ने नोट किया कि अदालतें सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन से बाध्य नहीं हैं, हालांकि सरकार अपनी कार्यकारी शक्ति का अभ्यास कर सकती है।
मल्होत्रा ने प्रस्तुत किया कि अबू सलेम 2002 से पुर्तगाल में हिरासत में था और उसे ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया 2003 में शुरू हुई और लगभग 2 साल तक चली और 2005 में सलेम को भारत को सौंप दिया गया।
इस पर पीठ ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अबू सलेम की नजरबंदी का शुरुआती बिंदु (स्टार्टिग प्वाइंट) क्या होगा?
केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने किया। मामले में विस्तृत दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने सलेम की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
इससे पहले 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर अबू सलेम के प्रत्यर्पण के दौरान पुर्तगाल को दिए गए आश्वासनों का सम्मान करने से जुड़े एक हलफनामे में केंद्रीय गृह सचिव द्वारा दिए गए कुछ बयानों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि न्यायपालिका को मामले में अधिकारी के व्याख्यान (लेक्च र) की आवश्यकता नहीं है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से कहा, ऐसा लगता है कि गृह सचिव हमें बता रहे हैं, हमें अपील का फैसला करना चाहिए। वह हमें न बताएं कि हमें क्या करना है।
न्यायमूर्ति कौल ने कहा, “हलफनामे के कुछ हिस्से मेरी समझ से बाहर हैं। हमें क्या करना है, वह हम करेंगे. हलफनामा दायर करने के दो अवसरों के बाद उन्हें हमें नहीं बताना चाहिए।”
उन्होंने नटराज से इस मामले में सरकार के रुख पर स्पष्ट होने को कहा, क्या वह पुर्तगाल को दिए गए आश्वासन का सम्मान करेगी?
गैंगस्टर अबू सलेम जेल से कब छूटेगा या नहीं छूटेगा, इस पर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए उसके रवैए पर नाराजगी जताई। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस बात का जवाब मांगा था कि गैंगस्टर अबू सलेम को कब जेल से छोड़ा जाएगा। पुर्तगाल और भारत सरकार के बीच हुई संधि के मुताबिक अबू सलेम को 25 साल से ज्यादा दिन तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
गृह सचिव ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि सरकार पुर्तगाल को दिए गए आश्वासन के लिए बाध्य है और उचित समय पर इसका पालन किया जाएगा।
नटराज ने प्रस्तुत किया कि सरकार आश्वासन से बाध्य है और अदालत से आग्रह किया कि पहले यह तय करें कि संबंधित 25 साल की अवधि कब से चलेगी और फिर उसके आधार पर अन्य मुद्दों पर फैसला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संप्रभु प्रतिबद्धता दोनों देशों को बांधती है और आरोपी अधिकार के मामले में इसके लाभ का दावा नहीं कर सकते।
इस पर जस्टिस कौल ने पूछा, आप स्टैंड नहीं लेना चाहते हैं?
पीठ ने कहा कि सरकार ने अदालती प्रक्रिया के जरिए आश्वासन देकर उसे भारत लाने का फैसला किया। शीर्ष अदालत ने कहा, इस अदालत को इस तथ्य से अवगत होना चाहिए कि आपने अपने विवेक से एक आश्वासन दिया है। मुझे समझ में नहीं आता कि अन्य उपचार क्षेत्र क्या हैं।
दरअसल केंद्र सरकार ने तर्क दिया था कि आश्वासन का पालन न करने के बारे में सलेम का तर्क समय से पहले और काल्पनिक अनुमानों पर आधारित है और वर्तमान कार्यवाही में इसे कभी नहीं उठाया जा सकता है।
अबू सलेम का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा ने प्रस्तुत किया था कि न्यायपालिका भी संप्रभु आश्वासन से बाध्य है। उन्होंने तर्क दिया था कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार कारावास की अवधि 25 साल से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती है।
सीबीआई ने अपने हलफनामे में शीर्ष अदालत को बताया था कि 2002 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री एल. के. आडवाणी की ओर से गैंगस्टर अबू सलेम को भारत प्रत्यर्पित करने के बाद 25 साल से अधिक की कैद नहीं होने देने के आश्वसान को लेकर एक भारतीय अदालत बाध्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि वह मामले में सीबीआई के जवाब से खुश नहीं है और इसने मामले में गृह सचिव से जवाब मांगा था।
अपराध
चारकोप गोलीबारी मामला: रियल एस्टेट एजेंट फ्रेडी डी’लीमा पर हमले के प्रयास में चार और गिरफ्तार; कुल आरोपी अब पाँच

मुंबई: चारकोप गोलीबारी मामले में, जिसमें 42 वर्षीय रियल एस्टेट एजेंट और सामाजिक कार्यकर्ता फ्रेडी डी’लीमा को निशाना बनाया गया था, मुंबई अपराध शाखा ने शुक्रवार को चार और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार लोगों की पहचान कांदिवली निवासी राजेश चौहान (42), विरार निवासी सुभाष मोहिते (44), पुणे निवासी मंगेश चौधरी (40) और ठाणे निवासी कृष्णा सिंह (25) के रूप में हुई है।
इन गिरफ्तारियों के साथ, मामले में आरोपियों की कुल संख्या पाँच हो गई है। गुरुवार को, चारकोप पुलिस ने हमले की योजना बनाने में कथित संलिप्तता के आरोप में 35 वर्षीय मुन्ना शेख उर्फ गुड्डू नामक बार और रेस्टोरेंट मैनेजर को गिरफ्तार किया था।
जाँच के दौरान, पुलिस को पता चला कि गुड्डू का डी’लीमा के साथ आर्थिक विवाद था। अधिकारियों को शक है कि गुड्डू ने डी’लीमा को खत्म करने के लिए शूटरों को किराए पर लिया होगा।
एक अधिकारी ने खुलासा किया कि गुड्डू और डी’लीमा दोनों एक ही हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं, लेकिन अलग-अलग बिल्डरों के साथ पुनर्विकास सौदों में शामिल थे। इस परियोजना का मूल्य कथित तौर पर लगभग ₹4 करोड़ आंका गया था, जिसके कारण दोनों के बीच लंबे समय तक तनाव रहा होगा।
आशंका है कि इसी विवाद के चलते गुड्डू ने गोलीबारी की योजना बनाई होगी, हालाँकि पुलिस ने आधिकारिक तौर पर इस मकसद की पुष्टि नहीं की है। गुड्डू को 27 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। चारकोप पुलिस मामले की जाँच जारी रखे हुए है।
अपराध
दिल्ली : ज्योति नगर इलाके में चाकूबाजी की घटना में एक नाबालिग की मौत, जांच में जुटी पुलिस

CRIME
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली के ज्योति नगर पुलिस क्षेत्र में शुक्रवार रात चाकूबाजी की घटना हुई है। इसमें एक नाबालिग की मौत हो गई। पुलिस टीम पूरे मामले की जांच कर रही है।
पूरी घटना शुक्रवार रात की है। ज्योति नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत चाकूबाजी की घटना हुई। हमले का शिकार हुए नाबालिग को पहले जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान कर्दमपुरी इलाके के रहने वाले 15 साल के लड़के के रूप में हुई।
पूछताछ में पता चला कि आरोपियों और लड़के के बीच झगड़ा हुआ था, जिस दौरान आरोपियों ने मृतक को चाकू मार दिया। इस जुर्म में एक नाबालिग समेत दो संदिग्धों के शामिल होने के सुराग और सबूत मिले हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने यह जुर्म किया है।
मामले को लेकर ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए हैं। आगे की जांच जारी है।
घटना के बाद इलाके के लोग स्तब्ध हैं। एक स्थानीय नागरिक ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “16 वर्षीय अल्फाज की हत्या हुई है। वो रात को खाना खाने के लिए बैठा था। इस दौरान उसका एक दोस्त आया, जो उसे लेकर बाहर गया। उन्होंने घर से जाते वक्त दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया था। यह घटना रात करीब 11 बजे की है। पुलिस घटना के काफी देर बाद आई है।”
उन्होंने इलाके में हो रही आपराधिक घटनाओं पर चिंता जताई और पुलिस से निवेदन किया कि आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाए और लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखे। उन्होंने बताया कि कुछ लड़के गली में खड़े होते हैं, जो किसी महिला के जाने पर छेड़ते हैं। इस पर भी रोक लगे।
अपराध
सीएम रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी दिल्ली पुलिस, 15 दिसंबर को होगी सुनवाई

RAKHA GUPTA
नई दिल्ली, 22 नवंबर: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के मामले में तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को होने वाली सुनवाई 15 दिसंबर तक के लिए टल गई है। इस मामले में दिल्ली पुलिस आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करेगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमले मामले को लेकर पिछली सुनवाई में निचली अदालत ने राजेश भाई खीमजी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट को सेशन कोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में आरोपियों राजेश भाई खीमजी और सैयद तसहीन रजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
दरअसल, यह मामला 20 अगस्त का है, जब सीएम रेखा गुप्ता अपने आधिकारिक निवास पर जनसुनवाई कर रही थीं। इसी दौरान गुजरात निवासी राजेश खीमजी ने अचानक उन पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया।
हमले की घटना के बाद सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई। प्रारंभिक पूछताछ में राजेश खीमजी ने बताया था कि वह आवारा कुत्तों के मुद्दे को लेकर नाराज था और इसी वजह से उसने हमला किया।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस हमले में राजेश खीमजी का साथी सैयद तसहीन रजा शामिल था। पुलिस के मुताबिक, सैयद ने हमले की साजिश में राजेश की मदद की थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सभी जरूरी सबूत जुटा लिए हैं और मामले की पूरी जांच लगभग पूरी कर ली गई है। अब आगे की कानूनी प्रक्रिया सेशन कोर्ट में पूरी की जाएगी, जहां दोनों आरोपियों को पेश किया जाएगा।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने चार्जशीट को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। चार्जशीट में आरोपियों पर हमला करने, सुरक्षाबलों के सामने कार्रवाई में बाधा डालने और साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार9 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
