राष्ट्रीय समाचार
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में 100 छात्रों को यूपीएससी परीक्षा की निशुल्क तैयारी

अनुसूचित जाति के होनहार युवाओं को प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) मदद करेगा। यह कार्य केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में इस उद्देश्य से डॉ. अम्बेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीएसीई) की शुरूआत हुई है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल माननीय आनंदीबेन पटेल व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार की उपस्थिति में यह समझौता किया गया है।
विश्वविद्यालय में शुरू होने जा रहे इस सेंटर के संदर्भ में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि हरियाणा राज्य में यह केंद्र केवल हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में खुल रहा है। इसके माध्यम से प्रति वर्ष सौ विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा हेतु तैयारी करवाई जाएगी। कुलपति ने बताया कि इस सेंटर के अंतर्गत प्रति छात्र 75000 रुपए का अनुदान प्राप्त होगा। जिसके माध्यम से प्रतियोगियों को निशुल्क कोचिंग प्रदान की जाएगी।
विश्वविद्यालय कुलपति ने बताया कि इस सेंटर के अंतर्गत 33 प्रतिशत महिला प्रतियोगियों को शामिल किया जाएगा। जिससे कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।
अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रशासनिक सेवाओं के लिए तैयार करने का काम किया जाएगा। इसके लिए इन छात्रों को निशुल्क कोचिंग में रहेगी। छात्रों के लिए विशेष कोचिंग की यह व्यवस्था देश भर के 31 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में की जा रही है। निशुल्क कोचिंग के लिए प्रवेश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। देश के जाने माने एजुकेटर तथा सुपर 30 शिक्षा समूह के संस्थापक आनंद कुमार ने भी इस कोचिंग योजना पर अपने सकारात्मक विचार दिए हैं।
केंद्र सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय डॉ. अंबेडकर प्रतिष्ठान के माध्यम से देश भर में डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना कर रहा है। इनमें अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग दी जाएगी।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोग्राम कॉर्डिनेटर डॉ. अंतरेश कुमार ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य प्रमुख रूप से अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को यूपीएससी व अन्य महžवपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु उत्तम श्रेणी की सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 31 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इस तरह के इस तरह के सेंटर खोले गए हैं। जिनमें हरियाणा राज्य के संदर्भ में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय का केंद्र शामिल है।
अपराध
मुंबई : बिना पहचान के सिम बेचने का खेल हुआ खत्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई , 21 मई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेज के सिम कार्ड देने वाला युवक गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 75 सिम कार्ड्स और 2 मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम समीर मेहबूब खान है, जिसकी उम्र महज 23 साल है।
पहलगाम हमले के बाद, मुंबई शहर को हाई अलर्ट पर रखने के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को ऐसे गिरोह की जानकारी मिली जो मोटी रकम लेकर बिना दस्तावेज में सिम कार्ड मुहैया करवाता है। मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स वीआई, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकृत सिम कार्ड वितरक के रूप में काम करता है।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ग्राहकों की आंखों की स्कैनिंग और अंगूठे के निशान को बार-बार लेकर अवैध रूप से सिम कार्ड जारी कर रहा है। अधिकारी ने आगे बताया कि वह बिना वैध केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए सिम कार्ड अधिक कीमत पर बेच रहा था।
इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एक जाल बुना। एक नकली ग्राहक को तैयार कर समीर के पास भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने उस ग्राहक से बिना किसी वैध दस्तावेज के अधिक पैसे लेकर सिम कार्ड बेच दिया। इसके बाद तुरंत ही आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके पास से सिम कार्ड्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दौरान देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की तलाश की जा रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है।
अपराध
झारखंड के शराब घोटाले में आईएएस विनय चौबे से एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू की पूछताछ

रांची, 20 मई। झारखंड में शराब घोटाले में पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईएएस और तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे से पूछताछ शुरू की है।
मंगलवार को एसीबी की टीम उनके आवास पर पहुंची और इसके बाद उन्हें अपने साथ कार्यालय लेकर पहुंची है।
सूत्रों के अनुसार, उनसे उनके कार्यकाल में झारखंड में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई एक्साइज पॉलिसी की कथित गड़बड़ियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
दरअसल, इस मामले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आई है।
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की थी। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू की।
ईडी को इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि जिस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया, उसी ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति लागू करवाई और यहां भी उसी तर्ज पर घोटाला दोहराया गया।
इसी आधार पर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।
पूछताछ के दौरान चौबे ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की सहमति से लागू की गई थी। बाद में झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया।
इसके बाद ईडी ने इसमें ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और अक्टूबर 2024 में आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य सरकार की अनुमति के बाद पीई दर्ज कर जांच शुरू की है।
राजनीति
नाना पटोले ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखा पत्र, प्रोटोकॉल न मानने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली, 20 मई। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। पत्र में मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई के दौरे को लेकर प्रोटोकॉल का पालन न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है।
नाना पटोले ने लिखा, “आपको यह पत्र लिखते समय अत्यंत पीड़ा हो रही है। बहुजन समाज के गौरव, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का महाराष्ट्र सरकार एवं राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अपमान किया गया है। एक महाराष्ट्र पुत्र के रूप में उनका मुंबई में सत्कार करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस आयुक्त की उपस्थिति अपेक्षित थी, परंतु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। अंततः मुख्य न्यायाधीश ने अपने भाषण में यह टिप्पणी की कि मेरे इस कार्यक्रम में इन अधिकारियों को आने की योग्यता नहीं लगती, तो यह विचार उन्हें स्वयं करना चाहिए। यह वक्तव्य अत्यंत दुखदायक है और यह स्पष्ट संकेत देता है कि महाराष्ट्र सरकार अपने ही सुपुत्र का सम्मान करने में विफल रही है।”
उन्होंने आगे लिखा, “न्यायमूर्ति भूषण गवई डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों के अनुयायी हैं, इस कारण उनके साथ यह व्यवहार जानबूझकर किया गया ऐसा संदेह संपूर्ण महाराष्ट्र में व्यक्त किया जा रहा है। संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के सम्मान के लिए एक निर्धारित प्रोटोकॉल होता है। ऐसा प्रतीत होता है कि महाराष्ट्र सरकार ने इस प्रोटोकॉल की अवहेलना की है।”
पटोले ने अंत में विनम्र अपील की। कहा- यह अपमान केवल भूषण गवई का नहीं, बल्कि महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहू महाराज और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का भी है। इस अपमान के लिए राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए, ऐसी आपसे विनम्र प्रार्थना करता हूं। आपकी कार्रवाई से भविष्य में कोई भी सरकार और अधिकारी किसी संवैधानिक पद पर बैठे शख्स का अपमान करने का साहस नहीं करेंगे, ऐसी अपेक्षा करता हूं।
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