अपराध
फार्मा कंपनियों की ‘अनैतिक’ मार्केटिंग के खिलाफ याचिका पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ अपनी डीलिंग के तहत अनैतिक विपणन प्रथाओं (मार्केटिंग प्रैक्टिस) का आरोप लगाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप ‘अत्यधिक या तर्कहीन दवाएं’ लिखी जाती हैं। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने याचिकाकर्ताओं – फेडरेशन ऑफ मेडिकल, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता संजय पारिख की दलीलें सुनने के बाद केंद्र को नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ताओं ने याचिका में फार्मास्युटिकल विभाग, कानून और न्याय मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को प्रतिवादी के रूप में नामित किया है।
अधिवक्ता अपर्णा भट के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, “याचिकाकर्ता फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा अनैतिक विपणन प्रथाओं के लगातार बढ़ते उदाहरणों के मद्देनजर भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार में निहित स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार को लागू करने की मांग करते हैं।”
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ अपने व्यवहार में फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा अनैतिक विपणन प्रथाओं के परिणामस्वरूप अत्यधिक मात्रा के साथ ही तर्कहीन दवाओं को सुझाया जाता है। इसमें कहा गया है विशेष ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए सुझाई गई ये दवाएं महंगी तो होती हैं, साथ ही इनसे नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी सीधे तौर पर प्रभाव पड़ सकता है। इससे संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन होता है।
याचिका में तर्क दिया गया है कि यह उचित समय है कि स्वास्थ्य के अधिकार को सुनिश्चित करने में कमी को तत्काल एक उपयुक्त कानून द्वारा भरा जाए। याचिका में कहा गया है कि ऐसे प्रचुर उदाहरण हैं, जो दिखाते हैं कि कैसे फार्मास्युटिकल क्षेत्र में भ्रष्टाचार सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों को खतरे में डालता है और मरीजों के स्वास्थ्य को खतरे में डालता है।
इसमें आगे कहा गया है कि चूंकि इस तरह के उल्लंघन लगातार होने वाला एक घटनाक्रम बन चुके हैं, इसलिए याचिकाकर्ता प्रार्थना करते हैं कि भारत के लोगों के स्वास्थ्य के लिए और उनके मौलिक अधिकारों के लिए ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए दंडात्मक परिणामों के साथ दवा उद्योग के लिए नैतिक विपणन की एक वैधानिक संहिता स्थापित की जाए।
दलील में तर्क दिया गया कि मौजूदा कोड की स्वैच्छिक प्रकृति के कारण, अनैतिक प्रथाएं बढ़ती जा रही हैं और कोविड-19 के दौरान भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।
याचिका के अनुसार, “इसके विपरीत, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, इटली, यूके, वेनेजुएला, अर्जेंटीना, रूस, चीन, हांगकांग, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, मलेशिया और ताइवान सहित दुनिया भर के कई देशों ने दवा क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कानून लागू किए हैं।”
इससे पहले 22 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने दवा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों के नुस्खे में हेरफेर करने और उनके द्वारा लिखी जाने वाली दवाओं की सिफारिश करने के लिए दिए जाने वाले कथित मुफ्त उपहारों पर चिंता व्यक्त की थी, जिसमें सोने के सिक्के, फ्रिज, एलसीडी टीवी, विदेशों में छुट्टियां मनाने के लिए बड़े पैकेज और अन्य वित्तीय सहायता शामिल हैं।
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, शीर्ष अदालत ने माना कि कंपनियां प्रोत्साहन देने में किए गए खर्च पर कर छूट का दावा करने की हकदार नहीं हैं, बल्कि इसे उनकी आय का हिस्सा माना जाएगा।
अपराध
दिल्ली के मालवीय नगर में दो युवकों पर चाकू से हमला, एक की मौत

CRIME
नई दिल्ली, 30 अगस्त। दिल्ली के मालवीय नगर थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक सनसनीखेज वारदात हुई। खिड़की एक्सटेंशन के जे ब्लॉक में दो युवकों पर चाकू से हमला किया गया। इस हमले में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हत्या, हत्या की कोशिश समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए प्रयास जारी हैं।
पुलिस को सूचना मिली थी कि खिड़की एक्सटेंशन के जे ब्लॉक में दो युवकों पर हमला हुआ है और दोनों सड़क पर खून से लथपथ पड़े हैं। इसके बाद मदन मोहन मालवीय अस्पताल से खबर आई कि अस्पताल में लाए गए एक घायल शख्स की मौत हो गई है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
इस हमले में मारे गए युवक की पहचान खिड़की एक्सटेंशन निवासी विवेक (11) के रूप में हुई। मूल रूप से आगरा (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला विवेक एक रेस्टोरेंट में काम करता था। उसका शव ट्रॉमा सेंटर भेजा गया।
वहीं दूसरे युवक की पहचान गुप्ता कॉलोनी, खिड़की एक्सटेंशन निवासी अमन (21) हुई। अमन डीएलएफ में काम करता था। उसका इलाज ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।
पुलिस के मुताबिक सुबह एक और कॉल आई, जिसमें बताया गया कि चार लड़कों के हाथ खून से सने थे और चाकू लिए हुए थे और लूटपाट के बाद भागे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि इन्हीं चारों ने विवेक और अमन पर हमला किया था। पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और अपराधियों को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
जांच में पता चला कि यह हमला सुनियोजित हो सकता है। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा। इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इलाके में रहने वाले लोगों को शांतिपूर्ण माहौल मिले और उन्हें दहशत के साए जीने के लिए विवश न होना पड़े।
अपराध
विरार इमारत हादसा: मामले में 5 लोग गिरफ्तार; जांच अपराध शाखा को सौंपी गई

CRIME
पालघर: विरार में रमाबाई इमारत के ढहने की घटना की जांच, जिसमें इस सप्ताह की शुरुआत में 17 लोगों की जान चली गई थी, अपराध शाखा इकाई 3 को सौंप दी गई है।
शुरुआत में, बिल्डर नित्तल गोपीनाथ साने (48) को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। आगे की पूछताछ के बाद, पुलिस ने दिवंगत ज़मींदार परशुराम दलवी की बेटियों और दामाद शुभांगी भोईर (38), संध्या पाटिल (35), सुरेंद्र भोईर (46) और मंगेश पाटिल (35) को भी हिरासत में ले लिया है। सभी पाँचों आरोपियों को शनिवार को वसई सत्र न्यायालय में पेश किया जाएगा।
जांचकर्ताओं के अनुसार, दलवी ने 2008 और 2011 के बीच डेवलपर साने के साथ इमारत के निर्माण के लिए एक समझौता किया था। 2020 में, नगर निगम ने मरम्मत की आवश्यकता का हवाला देते हुए एक नोटिस जारी किया था। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह संरचना अवैध थी।
मंगलवार को एक इमारत ढहने से त्रासदी हुई, जिसमें 17 निवासियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। जाँच लापरवाही, भूस्वामियों की जवाबदेही और अनधिकृत निर्माण में डेवलपर की भूमिका पर केंद्रित है।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने ड्रग पैडलर को किया गिरफ्तार, 30.595 किलो गांजा बरामद

नई दिल्ली, 30 अगस्त। पूर्वी जिले की पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ड्रग पैडलर को 30.595 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने गुरुवार को आईएसबीटी आनंद विहार के पास चेकिंग के दौरान यह सफलता हासिल की। आरोपी की पहचान विवेक कुमार उर्फ किट्टू (19), निवासी जिला पटना, बिहार के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, एचसी अजय कुमार और कांस्टेबल रवि क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को चार बैग लिए हुए संदिग्ध अवस्था में देखा। पुलिस टीम को देखकर वह घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे तुरंत पकड़ लिया गया। जब बैगों की जांच की गई तो उनमें पैक किया गया गांजा मिला।
पकड़े गए आरोपी विवेक ने पूछताछ में बताया कि यह गांजा उसे उसके गांव के ही सुरंजन कुमार यादव ने दिया था, जिसे दिल्ली के मोती नगर और रघुवीर नगर में सप्लाई करना था। आरोपी पिछले एक साल से गांजा सप्लाई के धंधे में शामिल था। उसने अब तक 9–10 बार बिहार से दिल्ली तक खेप पहुंचाई। डिलीवरी की पूरी प्लानिंग व्हाट्सएप कॉल्स और लोकेशन शेयरिंग के जरिए की जाती थी। हर खेप लाने पर उसे 10 से 20 हजार रुपए मिलते थे। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आरोपी ने बताया कि अक्सर उसके साथ उसका नाबालिग साथी शिव शंकर भी रहता था, ताकि संदेह कम हो। घटना के दिन भी वह साथ था, लेकिन विवेक की गिरफ्तारी से पहले ही फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
विवेक कुमार उर्फ किट्टू, 19 वर्षीय युवक, बिहार के पटना जिले के बाढ़ थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरा धनवान का निवासी है। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है, जहां उसके पिता किसान हैं। परिवार में मां, चार बहनें और एक भाई हैं। विवेक की शिक्षा केवल छठी कक्षा तक सीमित रही, जिसके बाद उसने मजदूरी शुरू की। हालांकि, बाद में वह नशा तस्करी के गैरकानूनी धंधे में शामिल हो गया। पुलिस ने उसके कब्जे से कुल 30.595 किलोग्राम गांजा बरामद किया है।
पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी विवेक के जरिए पूरे सप्लाई नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। सप्लायर सुरंजन यादव और दिल्ली में गांजा रिसीव करने वाले लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने साफ किया कि नशा तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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