राजनीति
गठबंधन प्रत्याशी ओमप्रकाश राजभर ने किया नामांकन

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी ओमप्रकाश राजभर ने गाजीपुर के जहूराबाद विधानसभा सीट से शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान दो समर्थक सुरेंद्र राजभर और जयनाथ राजभर बतौर प्रस्तावक मौजूद रहे। सुभासपा प्रमुख का उत्साहवर्धन करने के लिए पार्टी के काफी समर्थक भी उनके साथ मौजूद रहे। हालांकि, सुरक्षा बलों की मौजूदगी के बीच नियमानुसार सुभासपा प्रमुख अपने प्रस्तावकों के साथ नामांकन के लिए नामांकन कक्ष में गए और अपना नामांकन चुनाव अधिकारी को सौंपा। वहीं पूर्व में सुभासपा प्रमुख के वाराणसी के शिवपुर से भाजपा प्रत्याशी अनिल राजभर के सामने उतरने की चर्चा थी। लेकिन, बाद में सुभासपा की ओर से अरविंद राजभर को सुभासपा की ओर से टिकट दिया गया है।
ओम प्रकाश राजभर ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन करके लड़ रहे हैं। बीते साल वह असदुद्दीन ओवैसी के साथ चुनाव प्रचार शुरू करने के बाद सुभासपा प्रमुख ने साल के अंत तक सपा के साथ यूपी चुनाव में सीटें साझा करने के लिए समझौता किया था। इसके बाद सीटों पर समझौता होने के बाद सपा- सुभासपा की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा की गई। इसी कड़ी में स्वयं सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पुरानी परंपरागत सीट गाजीपुर की जहूराबाद से चुनावी मैदान में हैं। 2017 के चुनाव में वह भाजपा के साथ चुनावी मैदान में थे।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की ओर से इस बार मऊ सदर से मुख्तार अंसारी को टिकट देने का प्रकरण इन दिनों खूब चर्चा में है। मुख्तार इस बार मऊ सदर से सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की संभावना है। इस बाबत बांदा जेल से सभी आवश्यक दस्तावेज मुख्तार अंसारी द्वारा भरा जाना है। वहीं पूर्व में ही सुभासपा प्रमुख द्वारा मुख्तार को समर्थन की बात कहने के बाद से ही सुभासपा चर्चा में है।
अपराध
महाराष्ट्र : सपा नेता फहद आजमी पर मारपीट का आरोप, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

FIR
महाराष्ट्र, 15 अक्टूबर: मुंबई के गोवंडी इलाके में बैगनवाड़ी डंपिंग ग्राउंड पर बने एक ओपन जिम के उद्घाटन समारोह में उस समय तनाव पैदा हो गया, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता फहद आजमी पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। उस वक्त पार्टी विधायक तथा महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी भी मौके पर मौजूद थे।
मामला तब शुरू हुआ जब अब्दुल करीम बादशाह खान नामक एक युवक विधायक अबू आजमी के साथ फोटो खिंचवाने गया था। उसी समय वहां पर मौजूद करीम ने आरोप लगाया कि सपा नेता फहद आजमी और उनके साथियों ने उसे धक्का दिया और हमला कर भी किया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। फिर देखते ही देखते यह घटना दो समूहों के बीच हिंसक झड़प में बदल गई।
इस मामले में मुंबई की शिवाजीनगर पुलिस ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं और जांच शुरू कर दी है।
पहली एफआईआर करीम की शिकायत पर दर्ज की गई है, जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता फहद आजमी और दो अज्ञात लोगों पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है।
करीम ने तहरीर में बताया कि 13 अक्टूबर की शाम जब वह अबू आजमी के साथ फोटो खिंचवाने आगे बढ़ा, तो फहद आजमी ने उसे धक्का दिया और कान पर थप्पड़ जड़ा था। इसके बाद फहद के साथ मौजूद दो अज्ञात व्यक्तियों ने भी उसकी पिटाई कर दी।
वहीं, दूसरी एफआईआर सपा कार्यकर्ता की शिकायत पर दर्ज कराई गई है, जिसमें करीम और उसके तीन साथियों पर मारपीट और डकैती का आरोप लगाया गया है। शेख ने बताया कि उद्घाटन समारोह के बाद, बुर्का पहने एक महिला ने विधायक को इलाके में हो रही बदमाशी की शिकायत की थी।
पुलिस ने दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना विधायक की पुलिस सुरक्षा में चूक को लेकर भी गंभीर चिंताएं पैदा करती है, क्योंकि हिंसा उनके काफिले के ठीक बीच में भड़की थी।
अपराध
मुंबई : 48 साल से फरार हत्या के प्रयास का आरोपी गिरफ्तार, 1977 में दर्ज हुआ था मामला

मुंबई, 15 अक्टूबर: मुंबई पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 48 सालों से फरार था। कोलाबा पुलिस ने 71 वर्षीय चंद्रशेखर मधुकर कालेकर को लालबाग से गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ 1977 में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस के अनुसार, 1977 में, जब वह 23 वर्ष का था, कालेकर को अपनी प्रेमिका पर धोखा देने का शक हुआ और उसने कथित तौर पर कोलाबा में उसे चाकू मार दिया। उस समय उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई।
हालांकि, जमानत पर रिहा होने के बाद वह किसी भी अदालती तारीख पर हाजिर नहीं हुआ। इसके चलते अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था और पुलिस कई सालों से उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन चॉल के पुनर्विकास के कारण वह कई बार ठिकाना बदल चुका था, जिससे पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली।
छह महीने पहले कोलाबा पुलिस ने इस पुराने मामले को फिर से खोला। टीम ने लालबाग स्थित उसके पुराने घर का दौरा किया, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। पुलिस ने मुंबई के कई इलाकों में उसकी खोज की, मतदाता सूची की जांच की, लेकिन उसका नाम कहीं नहीं मिला।
जांच के दौरान, पुलिस ने आरटीओ और अदालती मामलों की जानकारी के लिए आवेदनों की जांच की, जिसमें रत्नागिरी जिले के दापोली पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज 2015 के एक आपराधिक मामले का रिकॉर्ड मिला, जिसमें गाड़ी चलाते समय एक व्यक्ति को घायल करने के आरोप में उसकी गिरफ्तारी हुई थी।
दापोली पुलिस स्टेशन से मिली जानकारी के आधार पर, कोलाबा पुलिस की एक टीम उसके घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। 48 साल बाद पुलिस को अपने दरवाजे पर देखकर 71 वर्षीय कालेकर हैरान रह गया और लगभग उस मामले को भूल चुका था।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, पुरानी तस्वीरों से उसे पहचानना मुश्किल था, लेकिन पूछताछ करने पर उसने अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में शर्तों के सुप्रीम कोर्ट ने दी ‘ग्रीन पटाखों’ को मंजूरी

suprim court
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली से पहले दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों को बेचने और जलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन इसके साथ कई सख्त शर्तें भी लगाई हैं।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन की पीठ ने यह अहम आदेश सुनाया। कोर्ट ने कहा कि परंपरागत पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए सीमित और नियंत्रित उपयोग की अनुमति दी जा सकती है।
सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि अदालत ने इस मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल और एमिकस क्यूरी के सुझावों पर विचार किया है। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि उद्योग जगत की भी चिंताएं हैं। पारंपरिक पटाखों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, जिससे प्रदूषण और ज्यादा बढ़ता है। इसलिए हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा।”
हरियाणा के 22 जिलों में से 14 जिले एनसीआर क्षेत्र में आते हैं। उन्होंने कहा कि जब पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया था, तो कोविड काल को छोड़कर वायु गुणवत्ता में बहुत बड़ा सुधार देखने को नहीं मिला। वहीं, पिछले छह वर्षों में ग्रीन पटाखों के आने से प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 18 अक्टूबर से 21 अक्टूबर 2025 तक दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की जा सकती है। हालांकि, यह बिक्री केवल क्यूआर कोड वाले ग्रीन पटाखों की ही होगी।
ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल के लिए भी सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा तय की है। ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल केवल सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक ही किया जा सकेगा।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधिकारी गश्ती दल बनाएंगे, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजार में केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखे ही बिकें। अगर कोई नियम तोड़ेगा, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी और नोटिस जारी किया जाएगा।
इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों जैसे अमेजन या फ्लिपकार्ट आदि पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
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