अंतरराष्ट्रीय
भारत बनाम न्यूजीलैंड : मैन ऑफ द मैच ‘मयंक अग्रवाल’ और मैन ऑफ द सीरीज ‘रविचंद्रन अश्विन’ बने

यहां वानखेड़े स्टेडियम में तीन दिसंबर से शुरू हुए भारत और न्यूजीलैंड के दूसरे और आखिरी टेस्ट मैच के पहले दिन बारिश के कारण दोपहर 12 बजे से मैच शुरू हुआ था, जिसमें भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों ने दस विकेट लेकर न्यूजीलैंड टीम को 167 रन पर रोक दिया और सीरीज पर कब्जा जमा लिया। मैच के मैन ऑफ द मैच ‘मयंक अग्रवाल’ रहे और मैन ऑफ द सीरीज ‘रविचंद्रन अश्विन’ रहे। पहली पारी में न्यूजीलैंड के स्पीनर एजाज पटेल ने दस विकेट लेकर भारतीय टीम को 325 रनों पर रोक दिया था। भारतीय टीम ने 109.5 ओवर में दस विकेट खोकर 325 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने शानदार पारी खेलते हुए शतक जड़ा। उन्होंने 311 गेंदों का सामना कर 4 छक्के और 17 चौकों की मदद से 150 रन बनाए। वहीं, अक्षर पटेल ने 52 रन की पारी खेलते हुए अर्धशतक लगाया।
न्यूजीलैंड के स्पीनर गेंदबाज एजाज पटेल ने अकेले दम पर 47.5 ओवर में 119 रन देकर भारतीय टीम के 10 बल्लेबाजों को वापस पवेलियन भेज दिया, जिसमें शुभमन गिल 44 रन बनाकर एजाज पटेल की गेंद में रॉस टेलर को कैच थमा बैठे, चतेश्वर पुजारा 0 रन बनाकर आउट हुए। विराट कोहली और रिद्धिमान साहा भी एजाज पटेल की गेंद पर एलबीडब्लयू आउट हो गए, श्रेयस अय्यर को पटेल ने कैच आउट कराया और आर अश्विन को बोल्ड कर दिया। वहीं, मयंक अग्रवाल को 150 पर, अक्षर पटेल 52, जयंत यादव 12 और मोहम्मद सिराज को 4 रन पर आउट करके वापस पवेलियन भेज दिया। जिसमें पटेल ने तीन बल्लेबाजों को एलबीडब्लयू, दो को क्लीन बोल्ड और पांच बल्लेबाजों को कैच आउट कराया।
भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के सामने 325 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था, लेकिन जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम को भारतीय गेंदबाजों ने 62 रनों में समेट दिया था। जिसमें आर अश्विन ने 4 विकेट, मोहम्मद सिराज ने 3 विकेट, अक्षर पटेल ने 2 विकेट और जयंत यादव ने 1 विकेट लेकर न्यूजीलैंड को बैकफुट पर ला दिया।
तीसरे दिन बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने फिर 70 ओवर में सात विकेट खोकर 276 रन बनाकर दूसरी पारी को समाप्त किया। न्यूजीलैंड के स्पिनर गेंदबाज ने एक बार फिर 26 ओवर में 106 रन देकर भारतीय टीम के चार विकेट लिए और रचिन रविंद्र ने 13 ओवर में 56 रन देकर तीन विकेट प्राप्त किए। न्यूजीलैंड को जीत के लिए अब 540 रनों की जरूरत थी। लक्ष्य का पीठा करने उतरी न्यूजीलैंड टीम दस विकेट खोकर 167 रन ही बना पाई।
भारत ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर पांच साल बाद इतने बड़े लक्ष्य के साथ टेस्ट में 372 रनों से न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत हासिल की है। इससे पहले 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 321 रन, 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 337 रन और 2008 में ऑस्ट्रलिया के खिलाफ 320 रन से जीत हासिल की थी।
वहीं, सबसे ज्यादा विकेट लेने में भारतीय गेंदबाज आर अश्विन (300) ने कपिल देव (219) और हरभजन सिंह (265) का रिकॉर्ड तोड़ते हुए अनिल कुंबले (350) के बाद दूसरे नंबर पर नाम दर्ज किया है।
न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल ने सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं और वे तीसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एक पारी में दस विकेट लेकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया हैं। इससे पहले सन् 1999 में भारत के पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले और 1956 में इंग्लैंड के पूर्व गेंदबाज जिम लेकर ने यह कारनामा कर दिखाया था।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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