राजनीति
लोकतंत्र में जनता मालिक, जनता ने अपना फैसला सुना दिया- नीतीश कुमार

बिहार विधानसभा उपचुनाव में राज्य की दो विधानसभा सीटों पर मंगलवार को हुई मतगणना में दोनों सीटों पर सत्ताधारी गठबंधन राजग ने अपना कब्जा फिर से जमा लिया। इस जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक है और जनता ने अपना फैसला सुना दिया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की जनता को बधाई भी दी है। राज्य में दो विधानसभा सीटों कुशेश्वरस्थान और तारापुर में हुए उपचुनाव में मतदान के नतीजे घोषित कर दिए गए। दोनों ही सीटों पर जदयू ने फिर से कब्जा जमाया है।
मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट पर राजद और जदयू के प्रत्याशी में कांटे के मुकाबले में जदयू ने बाजी मार ली। जदयू के प्रत्याशी राजीव कुमार सिंह ने राजद के अरूण कुमार को 3800 से ज्यादा वोटों से पराजित किया। मतगणना के प्रारंभ से ही राजद के प्रत्याशी आगे चल रहे थे, लेकिन 19 वें राउंड की मतगणना के बाद जदयू के प्रत्याशी आगे निकल गए और अंत तक आगे ही रहे।
इधर, कुशेश्वरस्थान सीट पर जदयू के प्रत्याशी अमन भूषण हजारी ने राजद के गणेश भारती को 12600 से ज्यादा मतों से पराजित कर दिया।
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान एवं तारापुर से जदयू और राजग के उम्मीदवार क्रमश: अमन भूषण हजारी और राजीव कुमार सिंह को जीत दिलाने के लिये क्षेत्र की जनता को बधाई दी है।
मुख्यमंत्री ने बिहार की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा, लोकतंत्र में जनता मालिक है और जनता ने अपना फैसला सुना दिया है।
इधर, उपचुनाव में जीत से राजग के नेताओं में उत्साह है। जदयू प्रत्याशी की जीत के बाद कार्यालय में मिठाइयां बांटी गई। इस बीच, भाजपा और जदयू के नेताओं की तरफ से राजद नेताओं पर जमकर निशाना साधा गया।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली : द्वारका के मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल में बम की धमकी, मौके पर पुलिस और बम निरोधक दस्ता

नई दिल्ली, 18 अगस्त। देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका सेक्टर-4 स्थित मॉडर्न कॉन्वेंट स्कूल में सोमवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब स्कूल को बम धमाके की धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ। यह घटना 18 अगस्त की सुबह करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच की बताई जा रही है।
जैसे ही स्कूल प्रबंधन को धमकी भरा ईमेल मिला, तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पुलिस और बम निरोधक दस्ता पहुंचा और पूरे स्कूल परिसर की गहन तलाशी ली। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर बच्चों और अभिभावकों को स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
करीब 8:15 बजे तक बम निरोधक दस्ता और पुलिस ने पूरी जांच पूरी की। राहत की बात यह रही कि तलाशी के दौरान स्कूल परिसर से कोई भी संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक सामग्री बरामद नहीं हुई। हालांकि, एहतियात के तौर पर एक छोटी पुलिस टीम को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए वहीं तैनात किया गया।
यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को इस तरह की बम धमकी के ईमेल मिले हों। पिछले कुछ महीनों में कई स्कूलों को इस तरह के ईमेल भेजकर दहशत फैलाने की कोशिश की गई है।
इससे पहले, 18 जुलाई को दिल्ली के कई स्कूलों को एक साथ बम की धमकियां मिलने से हड़कंप मच गया था। धमकी भरे ईमेल मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और प्रोटोकॉल के तहत डॉग स्क्वाड, बम स्क्वाड और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर जांच की। इस दौरान भी किसी स्कूल में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी।
इससे पहले, 16 जुलाई को दक्षिणी दिल्ली के वसंत वैली स्कूल और द्वारका के सेंट थॉमस स्कूल को ईमेल के जरिए धमकी भरे संदेश मिले थे। वहीं, 14 जुलाई को दिल्ली के तीन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। चाणक्यपुरी के नेवी स्कूल, द्वारका के सीआरपीएफ स्कूल और रोहिणी के एक स्कूल को ई-मेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। हालांकि, जांच के दौरान ये खबर झूठी निकली।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध को ‘लगभग तुरंत’ खत्म कर सकते हैं : ट्रंप

TRUMP
वाशिंगटन, 18 अगस्त। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध को लगभग तुरंत खत्म करने का विकल्प चुन सकते हैं। हालांकि, रूस के कब्जे वाले क्रीमिया को वापस लेना या नाटो में शामिल होना उनके लिए संभव नहीं है।
ट्रंप ने रविवार को अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की यदि चाहें तो रूस के साथ युद्ध को लगभग तुरंत समाप्त कर सकते हैं, या फिर वे लड़ाई जारी रख सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब ओबामा के समय (12 साल पहले) की तरह क्रीमिया वापस नहीं मिलेगा, और यूक्रेन नाटो में शामिल नहीं होगा।
जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ बेहद महत्वपूर्ण वार्ता की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए जेलेंस्की को रूस की कुछ शर्तों पर सहमत होना होगा।
इन शर्तों में दो मुख्य बातें हैं: यूक्रेन क्रीमिया रूस को दे दे (जिसे रूस ने 2014 में अपने साथ मिला लिया था) और कभी नाटो में शामिल न हो। ये वही शर्तें हैं जो रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध खत्म करने के लिए रखी हैं।
यूरोपीय नेता, जो सोमवार को जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस जा रहे हैं, वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि ट्रंप इस मुलाकात में जेलेंस्की पर दबाव डाल सकते हैं ताकि वे पुतिन की अलास्का शिखर सम्मेलन में रखी शर्तों को मान लें।
वे ट्रंप से यह जानना चाहते हैं कि शांति समझौते में रूस क्या छोड़ सकता है और भविष्य में अमेरिका यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी में क्या भूमिका निभाएगा।
ट्रंप ने जेलेंस्की को भेजे अपने संदेश के बाद लिखा, “कल व्हाइट हाउस में बड़ा दिन है। इतने सारे यूरोपीय नेता एक साथ कभी नहीं आए। उनकी मेजबानी करना मेरे लिए सम्मान की बात है!!!”
यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब और नाटो महासचिव मार्क रुटे सोमवार को जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस की यात्रा में शामिल होंगे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत ने ट्रंप-पुतिन की बैठक का किया स्वागत, कहा- संवाद और कूटनीति से ही शांति की राह संभव

नई दिल्ली, 16 अगस्त। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक पर भारत की पहली प्रतिक्रिया आई। भारत ने कहा कि संवाद और कूटनीति से ही शांति की राह बनेगी।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन का स्वागत करता है। शांति की दिशा में उनका नेतृत्व अत्यंत सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है। आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से ही निकल सकता है। दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है।
अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच करीब तीन घंटे तक बैठक चली। इसके बाद यूएस राष्ट्रपति वाशिंगटन लौट गए। इससे पहले ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि वह नाटो नेताओं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अन्य संबंधित अधिकारियों को बैठक में हुई चर्चाओं के बारे में जानकारी देने की योजना बना रहे हैं।
वहीं, अलास्का के एंकोरेज से मास्को रवाना होने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फोर्ट रिचर्डसन मेमोरियल कब्रिस्तान का दौरा किया, जहां उन्होंने सोवियत संघ के सैनिकों की कब्रों पर फूल चढ़ाए। ये कब्रें उन सोवियत पायलटों और नाविकों को श्रद्धांजलि हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे।
ट्रंप के साथ हुई बैठक को लेकर पुतिन ने कहा कि हमारी बातचीत रचनात्मक और परस्पर सम्मान के माहौल में हुई। उन्होंने एक पड़ोसी के रूप में ट्रंप का स्वागत किया और उनके साथ बहुत अच्छे सीधे संपर्क स्थापित किए। साथ ही उन्होंने ट्रंप को साथ मिलकर काम करने और बातचीत में एक दोस्ताना और भरोसेमंद माहौल बनाए रखने के लिए धन्यवाद दिया। खास बात यह है कि दोनों पक्ष परिणाम हासिल करने के लिए दृढ़ थे। हमारी बातचीत सकारात्मक रही।
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