राजनीति
कोरोना: दूसरी लहर में 776 डॉक्टरों को गवानी पड़ी जान, अकेले बिहार में 115 मौतें

देश भर में कोरोना की दूसरी लहर के मामले भले ही धीमे पड़ गए हों, लेकिन डॉक्टरों को कोरोना संक्रमण से अभी भी जान गवानी पड़ रही है। इंडीयन मेडिकल एसोसिएशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब तक 776 डॉक्टरों की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण से मौत हुई है। वहीं दूसरी लहर में सबसे अधिक बिहार में 115 डॉक्टरों की जान गई है। आईएमए के मुताबिक इस तरह से कोरोना संक्रमण की दोनों लहरों में कुल 1524 डॉक्टरों की मृत्यु हुई है। यदि पिछले लहर की बात करें तो 748 डॉक्टरों की जान गई थी।
बिहार के बाद दिल्ली ऐसा राज्य है जहां अधिक डॉक्टरों की मौतें दर्ज की गई हैं। यदि आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली में 109, उत्तरप्रदेश में 79, राजस्थान 44, झारखंड 39 और आंध्रप्रदेश में 40 डॉक्टरों की जान गई है।
हालांकि कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां डॉक्टरों की जान न के बराबर गई है, जिनमें पुडुचेरी 1, त्रिपुरा 2, उत्तराखंड 2, गोआ 2 वहीं जम्मू कश्मीर और पंजाब में 3 डॉक्टरों की दूसरी लहर में संक्रमण के कारण मृत्यु हुई है।
आईएमए द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कोरोना की दूसरी लहर में अधिकतर 30 से 55 वर्ष के डॉक्टरों की जान गई है, इनमें रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्नशिप करते डॉक्टर भी शामिल हैं। इसके अलावा कुछ गर्भवती महिला डॉकटरों की भी जान गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 51,667 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
नए मामलों के साथ देश में अब तक कुल मरीजों की संख्या 3,01,34,445 पहुंच गई है। आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में कोरोना के चलते 1,329 मरीजों ने जान गंवाई है। देश में अब कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 3,93,310 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.31 प्रतिशत है।
कोरोना के सक्रिय मामले अब 8 लाख से नीचे आ गए हैं। देश में वर्तमान में 6,12,868 सक्रिय मामले हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई ट्रेन बम विस्फोट में 58 दिनों तक अवैध हिरासत में रखा गया: मुहम्मद अली का गंभीर आरोप

मुंबई: मुंबई 7/11 ट्रेन बम विस्फोटों के मामले में बरी हुए मुहम्मद अली शेख ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अन्याय और नशे के खिलाफ आंदोलन चला रहा था, इसीलिए पुलिस ने उस पर नज़र रखी और उसे बम विस्फोट मामले में फंसाकर 58 दिनों तक अवैध रूप से हिरासत में रखा। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर ने परिवार को परेशान किया और परिवार को बार-बार कहा गया कि उसे रिहा कर दिया जाएगा। मुहम्मद अली ने कहा कि ट्रेन बम विस्फोट के आरोप में गिरफ्तारी से उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो गई। उसे बिना किए पापों के लिए 19 साल जेल की यातनाएँ सहनी पड़ीं। उसने कहा कि एटीएस ने उस पर एक ही घर में 7 प्रेशर कुकर में बम रखने का आरोप लगाया था, इतना ही नहीं, उसे प्रताड़ित करके उसका कबूलनामा दर्ज किया गया।
उसने कहा कि 100 दिनों के बाद गवाह ने गवाही दी और जो पैनल शामिल था, वह पेशेवर था। हाईकोर्ट ने सही फैसला सुनाया है और हमें निर्दोष करार दिया है, जबकि हम पहले दिन से ही कह रहे थे कि हम निर्दोष हैं। मुहम्मद अली ने कहा कि एटीएस अदालत में हमारे संपर्क और टेलीफोन रिकॉर्ड पेश करने में भी विफल रही। एटीएस ने आरोप लगाया था कि बम विस्फोटों के अपराधी एक-दूसरे के संपर्क में थे, जबकि हम एक-दूसरे को जानते तक नहीं थे और हमारी मुलाकात जेल में हुई थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हाईकोर्ट ने हमें निर्दोष मानते हुए आदेश जारी किया है, हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट भी हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखेगा। मुहम्मद अली ने कहा कि पुलिस ने मुझे इस बम विस्फोट में सुनियोजित तरीके से फंसाया था, यह अदालत में साबित हो चुका है।
राष्ट्रीय समाचार
किसान सम्मान निधि की अगली किस्त 2 अगस्त को जारी करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

PM MODI
नई दिल्ली, 30 जुलाई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की अगली किस्त 2 अगस्त को जारी की जाएगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2 अगस्त को वाराणसी में होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान सम्मान निधि की राशि जारी करेंगे।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 अगस्त को ठीक 11 बजे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि किसानों के खाते में डालने वाले हैं। इस अवसर पर वह किसानों से जुड़कर बात भी करेंगे। इसलिए किसानों से प्रार्थना है कि 2 अगस्त को ठीक 11 बजे आप प्रधानमंत्री के किसी न किसी कार्यक्रम से जरूर जुड़िए।”
उन्होंने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीआर के संस्थान, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज, मंडियां और पैक्स के मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे। शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप अपने निकटतम कार्यक्रम में जरूर जुड़ें और प्रधानमंत्री को सुनें।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया कि इसका (योजना) लाभ अधिकतम किसानों तक पहुंचे। बैठक में देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, और कृषि विश्वविद्यालयों के निदेशक, कुलपति और प्रमुख वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ग्राम स्तर पर किसानों को इस कार्यक्रम से जोड़ने के निर्देश दिए और इस कार्यक्रम को एक राष्ट्रव्यापी अभियान के रूप में आयोजित करने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कृषक सखी, ड्रोन दीदी, बैंक सखी, पशु सखी, बीमा सखी और ग्राम पंचायत सरपंच जैसे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के माध्यम से कार्यक्रम की जानकारी व्यापक रूप से पहुंचाई जाए। इसके साथ ही खरीफ फसलों पर किसानों से बातचीत कर उनके जुड़ाव को और भी मजबूत किया जाए।
राष्ट्रीय समाचार
कान खोलकर सुन लें, 22 अप्रैल से 16 जून तक पीएम मोदी-ट्रंप में कोई बातचीत नहीं हुई : जयशंकर की विपक्ष को दो टूक

नई दिल्ली, 30 जुलाई। राज्यसभा में बुधवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की विदेश और रक्षा नीति पर विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया। जयशंकर ने कहा कि भारत ने निर्धारित लक्ष्यों पर सटीक कार्रवाई की और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दुनिया के किसी भी नेता ने भारत पर दबाव नहीं डाला।
इसी दौरान विदेश मंत्री जब संसद में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जवाब दे रहे थे, तभी विपक्षी नेता हंगामा करने लगे। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को टोकते हुए कहा, ”मैं उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से 16 जून तक, एक बार भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत नहीं हुई थी।”
उन्होंने कहा कि अमेरिका, सऊदी अरब और अन्य देशों से जो भी संवाद हुआ, वह पूरी तरह पारदर्शी और रिकॉर्ड में है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि भारत ने स्पष्ट कर दिया कि पाकिस्तान यदि संघर्ष विराम चाहता है, तो उसे हमारे डीजीएमओ चैनल से संवाद करना होगा।
चीन और पाकिस्तान को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत की कूटनीतिक सफलता इस बात से साबित होती है कि यूएनएससी में भारत भले ही स्थायी सदस्य न हो, लेकिन सुरक्षा परिषद प्रमुख का बयान भारत के पक्ष में आया। रूस सहित कई देशों ने भारत का समर्थन किया।
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ”जो लोग मुंबई हमलों पर चुप रहे थे, आज वे हमें ज्ञान दे रहे हैं।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारतीय सेना को किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है और उसने आतंकियों के ठिकानों पर खुद ही सफलतापूर्वक कार्रवाई की है। उन्होंने नूर खान एयरबेस सहित कई आतंकवादी और सैन्य ठिकानों पर की गई तबाही का जिक्र करते हुए कहा कि सेना का श्रेय किसी और को देना उसका अपमान होगा।
‘न्यू नॉर्मल’ और ‘कांग्रेस नॉर्मल’ की तुलना करते हुए जयशंकर ने पांच बिंदुओं पर आधारित भारत की नई रणनीति राज्यसभा में प्रस्तुत की। चीन-पाकिस्तान संबंधों पर बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसा और कहा कि कुछ नेता ‘ओलंपिक की क्लासरूम’ में जाकर चीन का ज्ञान लेकर आए हैं और चीनी राजदूत से ‘ट्यूशन’ लेते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2006 में कांग्रेस सरकार ने हू जिंताओ की यात्रा के दौरान चीनी कंपनियों को 3जी और 4जी जैसे क्षेत्रों में आमंत्रित कर देश की सुरक्षा से समझौता किया।
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