राजनीति
जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम की मुलाकात क्या रंग लाएगी?
Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर में विभिन्न दलों के राजनेताओं के बीच आगे की राह पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण सर्वदलीय बैठक यहां राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हो गई है।
हालांकि अपराह्न् 3 बजे पीएम के 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर शुरू हुई बैठक का कोई खास एजेंडा नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस तरह की पहली बैठक में भाग लेने वाले नेताओं ने पहले कहा, “राज्य का दर्जा बहाल करने के बारे में एजेंडा बहुत स्पष्ट है।”
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके कैबिनेट सहयोगी जितेंद्र सिंह भी मौजूद हैं।
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर बैठक में भाग लेने वाले 14 नेताओं में जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। उनमें से तीन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती हैं , जिन्हें 5 अगस्त, 2019 को परिवर्तन लागू करने के बाद छह महीने से एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया था।
ऐसी खबरें हैं कि बैठक विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों की परिसीमन पर केंद्रित हो सकती है।
फारूक अब्दुल्ला सहित नेशनल कांफ्रेंस के तीन सांसदों, जिन्होंने परिसीमन आयोग की बैठकों का बहिष्कार किया था, ने संकेत दिया है कि अगर आयोग के अध्यक्ष उनकी चिंताओं को दूर करते हैं तो वे कार्यवाही में शामिल होंगे क्योंकि एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
नेशनल कांफ्रेंस और अन्य पार्टियों ने 5 अगस्त के फैसले और परिसीमन की कवायद को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
जम्मू में कुछ समूह परिसीमन प्रक्रिया का कड़ा विरोध कर रहे हैं क्योंकि 2011 की जनगणना केवल कश्मीर घाटी के पक्ष में होगी।
राजनीतिक दलों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक से पहले, परिसीमन आयोग ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश के सभी 20 उपायुक्तों के साथ उनके जिलों से संबंधित भौतिक, जनसांख्यिकीय और प्रशासनिक मुद्दों पर आभासी चर्चा की। डेटा का उपयोग विधानसभा क्षेत्रों को फिर से तैयार करने के लिए किया जाना है।
जम्मू-कश्मीर में नई विधायिका में 90 सीटें होंगी, जो पिछली विधानसभा की तुलना में सात अधिक हैं।
सर्वदलीय बैठक उन खबरों के साथ हो रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से किसी तीसरे देश में मुलाकात की।
पिछले 22 महीनों में, कश्मीर दुनिया की सबसे लंबी इंटरनेट नाकाबंदी, महीनों के लिए सख्त कर्फ्यू और एक अभूतपूर्व बंद से गुजरा है जिसमें हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया था ताकि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ किसी भी विरोध को रोका जा सके।
ऐतिहासिक परिवर्तनों से पहले, जम्मू और कश्मीर भारत का एकमात्र राज्य था जिसका अपना अलग संविधान और ध्वज था।
भाजपा और केंद्र सरकार ने निर्णयों का बचाव करते हुए कहा था वे नए कश्मीर में समृद्धि और विकास लाएंगे।
कश्मीरी नेताओं ने कहा है कि वे विशेष दर्जे की बहाली पर अपने रुख पर कायम रहेंगे।
जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह ने यहां पहुंचने के बाद कहा, “मैं यहां हूं क्योंकि मुझे (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के लिए) आमंत्रित किया गया है। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। “
बैठक में भाग लेने वाले अन्य जम्मू-कश्मीर के नेताओं में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, सजाद लोन, कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष भीम सिंह और भाजपा के तीन नेता- रविंदर रैना, निर्मल सिंह और कविंदर गुप्ता हैं।
बैठक में जम्मू-कश्मीर में पांच दलों का समूह पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) भी मौजूद है।
राजनीति
भारत का घरेलू एयर ट्रैफिक नवंबर में 7 प्रतिशत बढ़ा, इंडिगो का मार्केट शेयर गिरा

नई दिल्ली, 30 दिसंबर: भारत का घरेलू एयर ट्रैफिक नवंबर 2025 में सालाना आधार पर 7 प्रतिशत बढ़कर 15.2 मिलियन तक पहुंच गया है। इसमें बढ़ोतरी की वजह फेस्टिव सीजन की मांग होना है। यह जानकारी मंगलवार को एक रिपोर्ट में दी गई।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया कि इंडिगो की उड़ानों में आई परेशानी के बाद दिसंबर 2025 के मध्य में ऑपरेशन सामान्य हो गए थे। हालांकि, मौसमी कारणों ने ऑन-टाइम परफॉरमेंश (ओटीपी) और कैंसिलेशन पर दबाव बनाया है।
हालांकि, दिसंबर 2025 तक के डेली ट्रेंड से पता चलता है कि साल-दर-साल आधार पर वृद्धि दर सपाट रही है, इसकी मुख्य वजह महीने के पहले 15 दिन में इंडिगो के ऑपरेशन में लगातार परेशानियां बने रहना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिगो को मौसम, सॉफ्टवेयर की समस्याओं और फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों को लागू करने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिससे नवंबर-25 में उसका मार्केट शेयर महीने-दर-महीने आधार पर 200 आधार अंक गिरकर 63.6 प्रतिशत हो गया।
इस दौरान स्पाइसजेट का मार्केट शेयर 110 आधार अंक बढ़कर 3.7 प्रतिशत हो गया है। इसकी वजह अतिरिक्त स्लॉट, फ्लीट का विस्तार होना और विंटर शेड्यूल में अधिक सीट किलोमीटर उपलब्ध होना है।
एयर इंडिया का भी मार्केट शेयर 100 आधार अंक बढ़कर 26.7 प्रतिशत हो गया है।
नवंबर-25 में प्रमुख एयरलाइंस में पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) में सुधार देखा गया, जिसमें एयर इंडिया ग्रुप 10.2 प्रतिशत की सबसे अधिक मासिक बढ़ोतरी के साथ सबसे आगे रहा।
इंडिगो और स्पाइसजेट का पीएलएफ क्रमशः 88.7 प्रतिशत और 87.7 प्रतिशत रहा और अकासा ने 93.8 प्रतिशत का पीएलएफ दर्ज किया।
महीने के दौरान कैंसलेशन में मिला-जुला ट्रेंड दिखा, जिसमें इंडिगो ने 1.57 प्रतिशत (पिछले महीने के 0.48 प्रतिशत से अधिक) के साथ सबसे अधिक कैंसलेशन रेट दर्ज किया।
मौसम की गड़बड़ी के कारण ऑन-टाइम परफॉर्मेंस (ओटीपी) कमजोर हुआ, इंडिगो का ओटीपी 84.1 प्रतिशत से घटकर 69 प्रतिशत हो गया, एयर इंडिया ग्रुप का 79.3 प्रतिशत से घटकर 69.1 प्रतिशत हो गया, जबकि स्पाइसजेट का सबसे कम 48.4 प्रतिशत रहा।
महाराष्ट्र
अंदरूनी कलह पड़ी भारी, 211 वार्ड में समाजवादी पार्टी के साथ सियासी खेल

ABU AZMI & RAIS SHAIKH
मुंबई: समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी और पार्टी के अपने ही विधायक रईस शेख के बीच पिछले कई महीनों से चल रही खींचतान अब एक नए और गंभीर मोड़ पर पहुंच गई है। इस राजनीतिक टकराव का खामियाजा आगामी महानगरपालिका चुनावों में समाजवादी पार्टी को मुंबई और भिवंडी में भारी नुकसान के रूप में भुगतना पड़ सकता है। जैसे-जैसे मुंबई और महाराष्ट्र में नगर निगम चुनावों का बिगुल बज चुका है, पार्टी की अंदरूनी जंग खुलकर सामने आने लगी है।
सूत्रों के अनुसार, अबू आसिम आज़मी और विधायक रईस शेख के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण रिश्ते बने हुए थे। पार्टी नेतृत्व ने रईस शेख को धीरे-धीरे हाशिये पर डालने का फैसला किया और उनकी जगह कांग्रेस छोड़कर आए यूसुफ अबरानी को संगठन की अहम जिम्मेदारियां सौंप दीं। इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई थी कि रईस शेख समाजवादी पार्टी छोड़कर अजीत पवार गुट या कांग्रेस का रुख कर सकते हैं, क्योंकि पार्टी में उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा था।
नगरपालिका चुनावों की तैयारियों के बीच यह अंदरूनी विवाद और गहरा हो गया। रईस शेख ने अपने कुछ करीबी लोगों को नगरसेवक चुनाव के लिए टिकट देने की अपील पार्टी नेतृत्व से की थी, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उनके किसी भी समर्थक को टिकट देने से इनकार कर दिया। अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती देख रईस शेख ने अपने कई समर्थकों को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया।
इतना ही नहीं, रईस शेख ने अपने निजी सहायक वकार खान को कांग्रेस से टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वकार खान को 211 नंबर वार्ड से कांग्रेस का टिकट मिला है, जो पहले समाजवादी पार्टी की मजबूत सीट मानी जा रही थी। ऐसे में अब इस वार्ड में समाजवादी पार्टी को अपनी पक्की मानी जा रही सीट से हाथ धोना पड़ सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रईस शेख की अनदेखी का खामियाजा समाजवादी पार्टी को गोवंडी ही नहीं, बल्कि भिवंडी में भी कई सीटों पर भुगतना पड़ सकता है। वहीं, रईस शेख के विकल्प के तौर पर आगे लाए गए यूसुफ अबरानी ने अपनी बहू को अरुण गवली की बेटी गीता गवली के खिलाफ मैदान में उतारा है, जहां भी समाजवादी पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, पार्टी के भीतर बढ़ती गुटबाजी समाजवादी पार्टी के लिए विपक्ष से ज्यादा घातक साबित होती नजर आ रही है। आने वाले महानगरपालिका चुनाव यह तय करेंगे कि पार्टी नेतृत्व इस नुकसान की भरपाई कर पाता है या अंदरूनी कलह पार्टी को और कमजोर कर देती है।
अपराध
दिल्ली के आउटर इलाकों से 9 जुआरी पकड़े गए, हजारों रुपए कैश बरामद

CRIME
नई दिल्ली, 30 दिसंबर: दिल्ली के आउटर जिला पुलिस ने संगठित अपराध और अवैध जुए के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए अलग-अलग इलाकों से 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में हजारों रुपए नकद और जुए से जुड़ा सामान बरामद किया गया। पुलिस ने दिल्ली पब्लिक गैंबलिंग एक्ट के तहत कुल 5 मामले दर्ज किए हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आउटर जिला के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के निर्देश पर सभी थाना क्षेत्रों में तैनात फील्ड स्टाफ को सतर्क और सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए थे। खास तौर पर संगठित अपराध, अवैध सट्टा और जुआ गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया था। इसी सतर्कता का नतीजा यह कार्रवाई है।
इसी कड़ी में 28 दिसंबर को राज पार्क थाने के हेड कॉन्स्टेबल प्रेम और हेड कॉन्स्टेबल योगेश रात में गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मंगोलपुरी के नवरिया पार्क में अवैध जुए की सूचना मिली। पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर आरोपी भागने लगे, लेकिन तत्परता दिखाते हुए दो लोगों को मौके पर ही दबोच लिया गया। तलाशी के दौरान हजारों रुपए नकद और जुए से जुड़ा सामान बरामद हुआ। इस मामले में एफआईआर संख्या 699/2025 के तहत केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उसी दिन दूसरे ऑपरेशन में हेड कॉन्स्टेबल प्रमोद और कॉन्स्टेबल राजेंद्र गश्त के दौरान एफ-ब्लॉक पार्क, मस्जिद के पास पहुंचे, जहां कुछ लोग जुए में लिप्त थे। पुलिस को देखते ही आरोपी भागने लगे, लेकिन दो आरोपियों को पकड़ लिया गया। मौके से नकद राशि और जुए का सामान मिला। एफआईआर संख्या 911/2025 दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया।
28 दिसंबर को ही हेड कॉन्स्टेबल सुभाष और कॉन्स्टेबल मनजीत ने एक्स-ब्लॉक, मंगोलपुरी में एक मकान के पास जुए की गतिविधि देखी। पुलिस की कार्रवाई में दो आरोपी पकड़े गए। हजारों रुपये नकद और जुए से जुड़ी सामग्री जब्त की गई। इस मामले में एफआईआर संख्या 910/2025 दर्ज की गई।
इसी दिन, हेड कॉन्स्टेबल रवि राठी और हेड कॉन्स्टेबल दीपक चंदर विहार इलाके में गश्त कर रहे थे। वीर बाजार चौक के पास कुछ लोग जुआ खेलते मिले। पुलिस को देखकर वे भागने लगे, लेकिन दो आरोपियों को पकड़ लिया गया। मौके से नकद राशि और जुए का सामान बरामद हुआ। एफआईआर संख्या 975/2025 के तहत केस दर्ज किया गया।
25 अक्टूबर को हेड कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल रविंदर विकास नगर के बालाजी रोड पर गश्त कर रहे थे। वहां एक व्यक्ति जुए में शामिल पाया गया। पुलिस ने एक आरोपी को मौके पर गिरफ्तार किया। इस संबंध में एफआईआर संख्या 834/2025 दर्ज की गई।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चांद मोहम्मद, किशन, संजीत, पूरन, राकेश, अभिषेक, धर्मेंद्र, कमल किशोर और बॉबी सिंह शामिल हैं। सभी आरोपी दिल्ली के मंगोलपुरी, विकास नगर और निहाल विहार इलाके के निवासी हैं।
पुलिस ने जुए में लगाए गए हजारों रुपए नकद, सट्टा पर्चियां, बेटिंग टोकन और रिकॉर्ड बुक्स जब्त की हैं।
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